FATF बैठक: पाकिस्तान ग्रे-लिस्ट से बाहर, म्यांमार काली सूची में शामिल

वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (FATF) की बैठक 20-21 अक्तूबर को पेरिस में आयोजित की गई थी. यह बैठक सिंगापुर की अध्यक्षता में आयोजित की गई थी, जिसमें 200 से अधिक सदस्य देशों ने भाग लिया.

FATF बैठक, अक्तूबर 22: मुख्य बिन्दु

  • FATF ने पाकिस्तान को अपनी ग्रे-लिस्ट से बाहर कर दिया है. आतंकी वित्त पोषण की वजह से पाकिस्तान को 2018 में इस सूची में शामिल किया गया था.
  • इस लिस्ट से हटने के बाद अब पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष, विश्व बैंक, एशियाई विकास बैंक और यूरोपीय यूनियन जैसी संस्थाओं से वित्तीय मदद पाने में आसानी होगी.
  • FATF ने पहली बार म्यांमार को ‘कार्रवाई के लिए उच्च जोखिम वाले क्षेत्राधिकारों’ में रखा है. इसे FATF की काली सूची भी कहा जाता है.
  • आतंकवाद और आतंकवादियों के लिए वित्‍त पोषण पर निपटने में असफल रहने वाले देशों को काली-सूची में रखा जाता है. उत्तर कोरिया और ईरान के बाद म्‍यामां इस सूची में शामिल होने वाला तीसरा देश है.
  • FATF ने रूस को अपनी भविष्य की परियोजनाओं में भाग लेने से प्रतिबंधित कर दिया है. यह कदम यूक्रेन पर रूस के आक्रमण की वजह से उठाया गया है.

फाइनेंशियल ऐक्शन टास्क फोर्स (FATF): एक दृष्टि

  • FATF पैरिस स्थित अंतर-सरकारी संस्था है. इसका काम गैर-कानून आर्थिक मदद (आतंकी फाइनैंसिंग) को रोकने के लिए नियम बनाना है. इसका गठन 1989 में किया गया था.
  • वर्तमान में FATF की पूर्ण सदस्‍यता वाले देशों की संख्या 39 है. सउदी अरब FATF की पूर्ण सदस्‍यता पाने वाला 39वां देश बना है.
  • FATF की ग्रे-लिस्ट या ब्लैक-लिस्ट में डाले जाने पर देश को अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाओं से कर्ज मिलने में काफी कठिनाई आती है.
  • भारतीय मूल के सिंगापुर के टी राजा कुमार FATF के वर्तमान अध्यक्ष हैं.

FATF की पूर्ण सदस्‍यता वाले देश

अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, ब्राजील, कनाडा, चीन, डेनमार्क, यूरोपीय आयोग, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, ग्रीस, गल्फ को-ऑपरेशन काउंसिल, हांगकांग, चीन, आइसलैंड, भारत, आयरलैंड, इजरायल, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, लक्समबर्ग, मलेशिया, मैक्सिको, नीदरलैंड, न्यूजीलैंड, नॉर्वे, पुर्तगाल, रूसी संघ, सिंगापुर, दक्षिण अफ्रीका, स्पेन, स्वीडन, स्विट्जरलैंड, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका और सऊदी अरब.

FATF का पर्यवेक्षक देश

इंडोनेशिया