अहोम सेनापति लचित बारफुकन की 400वीं जयंती मनाई गई
असम के प्रसिद्ध युद्ध नायक अहोम सेनापति लचित बारफुकन की 400वीं जयंती हाल ही में मनाई गई थी. इस अवसर पर 23 से 25 नवंबर तक एक समारोह नई दिल्ली आयोजित किया गया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समापन समारोह में भाग लिए थे.
लचित बारफुकन ने सरायघाट के प्रसिद्ध युद्ध में मुगलों को पराजित किया था. देश की राजधानी में 400वीं जयंती समारोह आयोजित करने का प्रधान उद्देश्य लचित बारफुकन के शौर्य और युद्ध कौशल के बारे में देश की जनता को बताना था.
लचित बारफुकन कौन थे?
- लचित बारफुकन, अहोम सेना के प्रसिद्ध सेनापति थे, जिन्होंने मुगलों को पराजित किया और औरंगजेब की बढ़ती महत्वाकांक्षाओं को रोक दिया था.
- लाचित बरफुकन मोमाई तमुली बोरबरुआ के सातवें और सबसे छोटे बेटे थे. उनके पिता अहोम साम्राज्य के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और मुख्य न्यायाधीश थे.
अहोम साम्राज्य
- अहोम साम्राज्य की स्थापना 1228 में स्वर्गदेव सुकफा ने की थी. मुग़ल-अहोम संघर्ष पहली बार 1615 में शुरू हुआ था.
- लाचित बरफुकन के सेनाध्यक्ष के रूप में नियुक्ति के समय तक मुग़लों ने गुवाहाटी पर क़ब्ज़ा कर लिया था. उसके बाद अहोम सगारू ने गुवाहाटी को फिर से हासिल करने का संकल्प लिया और उसके बाद लाचित बरफुकन ने अपनी सेना खड़ी की.
- उनकी सेना ने गुवाहाटी पर फिर से क़ब्ज़ा किया और उसके बाद औरंगज़ेब ने राम सिंह को गुवाहाटी फिर से हासिल करने के लिए तैनात कर दिया.
- 1671 में प्रसिद्ध सरायघाट का युद्ध लड़ा गया. बीमारी के बावजूद लाचित ने अपनी सेना को ब्रह्मपुत्र नदी पर मुग़लों को हराने के लिए प्रेरित किया था.