डेली कर्रेंट अफेयर्स
देश का पहला प्राइवेट रॉकेट विक्रम-एस से तीन उपग्रहों का प्रक्षेपण
भारत के पहले प्राइवेट रॉकेट विक्रम-एस (Rocket Vikram-S) ने 19 नवंबर को सफलता के साथ उड़ान भरी और तीन उपग्रहों (सैटलाइट्स) को उनकी कक्षा में स्थापित किया. यह प्रक्षेपण श्री हरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र से किया गया.
इसके साथ ही देश के अंतरिक्ष कार्यक्रमों में निजी क्षेत्र के प्रवेश का प्रारंभ हुआ. यही कारण है, इस मिशन का नाम ‘प्रारंभ’ रखा गया है.
रॉकेट ‘विक्रम एस’: मुख्य बिन्दु
- इसरो के संस्थापक डॉ. विक्रम साराभाई की याद में पहले प्राइवेट रॉकेट का नाम ‘विक्रम एस’ दिया गया है. इसे हैदराबाद के स्टार्टअप ‘स्काईरूट एयरोस्पेस’ ने बनाया है.
- 550 किलोग्राम वजनी यह रॉकेट कार्बन फाइबर से बना है. इसमें 3-D प्रिंटेड इंजन लगे हैं. यह रॉकेट 83 किलो के पेलोड (सैटलाइट) को 100 किमी. ऊंचाई तक ले जाने में सक्षम है. यह आवाज की 5 गुना अधिकतम रफ्तार से उड़ान भर सकता है.
- रॉकेट ‘विक्रम एस’ के पहले उड़ान से तीन सैटलाइट्स भेजे गए. इनमें दो भारतीय और एक विदेशी कंपनी का था. भारतीय सैटलाइट – चेन्नै बेस्ड स्टार्टअप ‘स्पेसकिड्ज़’ और आंध्र के एन-स्पेसटेक के थे. स्पेसकिड्ज़ के ‘फन-सैट’ को भारत, अमेरिका, सिंगापुर और इंडोनेशिया के स्टूडेंट्स ने तैयार किया है. वहीं, विदेशी सैटलाइट अर्मेनियन बाजूम-Q स्पेस रिसर्च लैब से जुड़ा था.
- आम रॉकेट ईंधन के बजाय इसमें LNG (लिक्विड नेचरल गैस) और LoX (लिक्विड ऑक्सीजन) की मदद ली गई है, जो किफायती और प्रदूषण मुक्त होता है.
- यह लॉन्च सब-ऑर्बिटल था यानी रॉकेट आउटर स्पेस में नहीं गया और काम पूरा कर समंदर में गिर गया.
- भारत इस लॉन्च के बाद अमेरिका, रूस, ईयू, जापान, चीन और फ्रांस जैसे देशों के क्लब में शामिल हो गया, जहां प्राइवेट रॉकेट छोड़े जा रहे हैं.
जापान और अमेरिका ने ‘कीन सोर्ड’ संयुक्त सैन्य अभ्यास आयोजित किया
जापान और अमेरिका ने 10 से 19 नवंबर तक ‘कीन सोर्ड’ (Keen Sword) नाम से एक संयुक्त सैन्य अभ्यास आयोजित किया था. इसका आयोजन दक्षिणी जापान में एक जापानी हवाई अड्डे और उसके आसपास कई अन्य स्थानों पर किया गया था.
मुख्य बिन्दु
- इस अभ्यास में जापानी जमीनी, समुद्री और वायु आत्मरक्षा बलों के लगभग 26,000 कर्मी शामिल हुए थे. साथ ही लगभग 10,000 अमेरिकी सैनिक, जिनमें कुलीन ‘अंतरिक्ष बल’ के सैनिक भी शामिल थे.
- अभ्यास में बैलिस्टिक मिसाइलों के खतरे का जवाब देना और रक्षा के नए क्षेत्रों जैसे बाहरी अंतरिक्ष और साइबर स्पेस में संचालन शामिल था.
- कीन सोर्ड अभ्यास अमेरिका और जापान के बीच प्रत्येक दो वर्ष में आयोजित किया जाता है. यह अभ्यास 1986 से आयोजित किया जा रहा है.
- यह अभ्यास क्षेत्र में बढ़ती चीनी आक्रामकता के बीच विश्वसनीय प्रतिरोध का निर्माण करना है. चीन ने सैन्य प्रतिष्ठानों और हवाई क्षेत्रों से लैस कृत्रिम द्वीपों का निर्माण करके लगभग पूरे दक्षिण चीन सागर पर अपने दावों को मजबूत किया है.
- चीन, पूर्वी चीन सागर में जापान द्वारा नियंत्रित द्वीपों की एक श्रृंखला पर अपना दावा करता है. इसके अलावा ताइवान पर सैन्य उत्पीड़न को तेज कर दिया है.
- संयुक्त अभ्यास उत्तर कोरिया द्वारा मिसाइल फायरिंग का जवाब देने की तैयारी भी माना जा रहा है. उत्तर कोरिया हाल ही में 30 से अधिक मिसाइल परीक्षण कर चुका है जिसमें एक कोरियाई प्रायद्वीप और जापान के बीच समुद्र में गिरा था.
भारत में ‘नो मनी फॉर टेरर’ सम्मेलन आयोजित किया गया
आतंकियों के धन आपूर्ति पर रोकथाम संबंधी अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन ‘नो मनी फॉर टेरर’ (No Money for Terror) नई दिल्ली में 18-19 नवंबर को आयोजित किया गया था. इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ रणनीति तैयार करना था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया था.
मुख्य बिन्दु
- इस मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में 70 से अधिक देशों ने भाग लिया. इंटरपोल सहित पंद्रह बहुपक्षीय अंतर्राष्ट्रीय संगठन, और वित्तीय कार्रवाई बल (FATF) के प्रतिनिधिमंडल भी शामिल हुए.
- इस सम्मेलन में विचार-विमर्श चार सत्रों में किया गया था. इन सत्रों में आतंकवाद और आतंकवादी वित्तपोषण के वैश्विक रुझानों, आतंकवाद के लिए धन मुहैया कराने के औपचारिक और अनौपचारिक रास्तों, नई तकनीकों और आतंकवादियों को धन की आपूर्ति और इसका मुकाबला करने में आ रही चुनौतियों से निपटने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग पर ध्यान केंद्रित किया गया.
- एक साल में आतंकवाद विरोधी 2 वैश्विक सम्मेलन का आयोजन भारत में किया जा चुका है. भारत में हाल ही में इंटरपोल और संयुक्त राष्ट्र की आतंकवाद निरोधी समिति की बैठक आयोजित की गई थी.
- यह तीसरा मंत्रिस्तरीय ‘नो मनी फॉर टेरर’ सम्मेलन थे. इससका आयोजन भारत सरकार का गृह मंत्रालय द्वारा दिल्ली में किया गया. इस सम्मेलन का प्रथम संस्करण 2018 में पेरिस में और दूसरा संस्करण 2019 में मेलबर्न में हुआ था.
नवंबर का तीसरा गुरुवार: विश्व फिलॉस्पी दिवस से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी
प्रत्येक वर्ष नवंबर के तीसरे गुरुवार को विश्व फिलॉस्पी दिवस (World Philosophy Day) के रूप में मनाया जाता है. इस वर्ष यानी 2022 में यह 17 नवम्बर को मनाया गया. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य दर्शन के मूल्य को सामने लाना और मानव विचारों का विकास करना है.
विश्व फिलॉस्पी दिवस 2022 ‘आने वाला मानव’ (The Human to Come) थीम पर मनाया गया.
यूनेस्को ने इस दिवस को मनाने की घोषणा 2001 में की थी. पहला विश्व फिलॉस्पी दिवस साल 2002 में मनाया गया था.
19 नवंबर: विश्व शौचालय दिवस
प्रत्येक वर्ष 19 नवंबर को विश्व शौचालय दिवस (World Toilet Day) के रूप में मनाया जाता है. इस दिवस को मानाने का उद्देश्य शौचालय को लेकर लोगों में जागरूकता फैलाना और स्वच्छता को वैश्विक विकास की प्राथमिकता बनाना है.
इस वर्ष यानी 2022 में विश्व शौचालय दिवस का मुख्य विषय (थीम) “अदृश्य को दृश्य बनाना” (Making the Invisible Visible) है.
देश-दुनिया: एक संक्षिप्त दृष्टि
सामयिक घटनाचक्र का डेलीडोज
53वां अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव गोवा में आयोजित किया जा रहा है
भारत का 53वां अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव 20 नवंबर से गोवा में आयोजित किया जा रहा है. महोत्सव में 79 देशों की 280 फिल्में दिखाई जाएंगी. महोत्सव का आरंभ डाइटर बर्नर द्वारा निर्देशित ऑस्ट्रियन फिल्म अल्मा एंड ऑस्कर से होगी. भारतीय पैनोरमा खंड में भारत की 25 फीचर फिल्में और 19 गैर-फीचर फिल्में दिखाई जाएंगी, जबकि 183 फिल्में अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम का हिस्सा होंगी.
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ कतर दौरे पर
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ 20-21 नवंबर को दो दिन के कतर दौरे पर रहेंगे. वे फीफा विश्वकप के उद्घाटन समारोह में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे. भारत और कतर के बीच घनिष्ठ और मैत्रीपूर्ण संबंध हैं और दोनों देश व्यापार, सुरक्षा, रक्षा, स्वास्थ्य और शिक्षा सहित कई क्षेत्रों में साझेदार हैं. पिछले वित्त वर्ष में भारत और कतर का द्विपक्षीय व्यापार 15 अरब अमरीकी डॉलर से अधिक रहा.