RBI की द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा: नया रेपो दर 6.25%, बैंक दर 6.50%

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समि‍ति (MPC) की बैठक 5-7 दिसम्बर को मुंबई में हुई थी. बैठक की अध्यक्षता बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने की थी. यह चालू वित्त वर्ष (2022-23) की पाँचवी द्विमासिक मौद्रिक नीति (Bi-Monthly Monetary Policy) समीक्षा बैठक थी.

MPC की बैठक, जून 2022: मुख्य बिंदु

  • इस बैठक में RBI ने नीतिगत रेपो दर को 0.35 प्रतिशत बढ़ाकर 6.25 प्रतिशत कर दिया. इससे पहले, सितम्बर में RBI ने रेपो दर में 0.5 प्रतिशत की वृद्धि की थी.
  • रेपो दर में इस वृद्धि दर के साथ स्थायी जमा सुविधा (SDF) दर समायोजित होकर 6 प्रतिशत और सीमांत स्थायी सुविधा (MSF) दर तथा बैंक दर 6.50 प्रतिशत हो गयी है.
  • RBI मुख्य रूप से मुद्रास्फीति को काबू में लाने के लिये इस साल मई से लेकर अब तक पांच बार में रेपो दर में 2.25 प्रतिशत की वृद्धि कर चुका है.
  • RBI ने चालू वित्त वर्ष 2022-23 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर के अनुमान को सात प्रतिशत से घटाकर 6.8 प्रतिशत कर दिया है.
  • चालू वित्त वर्ष के लिये मुद्रास्फीति अनुमान को 6.7 प्रतिशत पर बरकरार रखा है. साथ 2022-23 की चौथी तिमाही में इसके 6 प्रतिशत की उच्च सीमा से नीचे आने का अनुमान जताया है.

मौद्रिक नीति समि‍ति (MPC): एक दृष्टि

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति में वर्तमान में 6 सदस्यों की समिति है. इसमें तीन सदस्य RBI से होते हैं और तीन अन्य स्वतंत्र सदस्य भारत सरकार द्वारा नियुक्त किए जाते हैं. समिति की अध्यक्षता आरबीआई गवर्नर करता है. इस समिति का गठन उर्जित पटेल कमिटी की सिफारिश के आधार किया गया था.

रेपो दर में परिवर्तन का प्रभाव

रिजर्व बैंक जिस रेट पर बैंकों को कर्ज (लोन) देता है, उसे रेपो रेट कहते हैं. रेपो रेट के कम या अधिक होने का प्रभाव कर्ज पर पड़ता है. रेपो दर में वृद्धि से बैंकों को RBI से अधिक व्याज पर कर्ज मिलता है. यानी RBI के इस कदम से कर्ज महंगा होगा.

RBI बढ़ते मुद्रास्फीति (महंगाई दर) पर नियंत्रण के लिए नीतिगत रेपो दर में वृद्धि करता है, जबकि बाजार में मांग को बढाने के लिए रेपो दर में कमी करता है.

रेपो दर में वृद्धि से लोग अपने बचत को खर्च करने के बजाय बैंक में जमा करने को प्रोत्साहित होते हैं, जिससे  मांग घटेगी और महंगाई कम होगी.

वर्तमान दरें: एक दृष्टि

नीति रिपो दर625%
रिवर्स रेपो दर3.35%
सीमांत स्‍थायी सुविधा दर (MSF)6.50%
बैंक दर6.50%
नकद आरक्षित अनुपात (CRR)4.50%
वैधानिक तरलता अनुपात (SLR)18%

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI): एक दृष्टि

  • भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) भारत का केन्द्रीय बैंक है. यह भारत के सभी बैंकों का संचालक है.
  • RBI की स्थापना 1 अप्रैल 1935 को RBI ऐक्ट 1934 के अनुसार हुई. प्रारम्भ में इसका केन्द्रीय कार्यालय कोलकाता में था जो सन 1937 में मुम्बई आ गया.
  • पहले यह एक निजी बैंक था किन्तु सन 1949 से यह भारत सरकार का उपक्रम बन गया है.
  • भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) को भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 के तहत अनिवार्य रूप से मौद्रिक नीति के संचालन की जिम्मेदारी सौपीं गई है.

क्या होता है रेपो रेट, रिवर्स रेपो रेट, सीआरआर और एसएलआर?