डेली कर्रेंट अफेयर्स
नागपुर में 108वीं भारतीय विज्ञान कांग्रेस आयोजित की गई
108वीं भारतीय विज्ञान कांग्रेस (108th Indian Science Congress) का आयोजन 3 से 7 जनवरी तक नागपुर में किया गया था. इसका उद्घाटन विडियो कांफ्रेंस के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया था. कार्यक्रम की मेजबानी राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय (RTMNU) ने किया था.
108वीं भारतीय विज्ञान कांग्रेस: मुख्य बिन्दु
- इसका विषय था- महिला सशक्तिकरण के साथ सतत विकास के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी (सांइस एंड टेक्नोलॉजी फॉर सस्टेनेबल डेवलप्मेंट विद विमेन एमपावरमेंट).
- सम्मेलन में विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित में महिलाओं के लिए शिक्षा और अनुसंधान के अवसर प्रदान करने के लिए विचारों पर मंथन हुआ.
- पूर्ण सत्रों में नोबल पुरस्कार विजेताओं, भारत व विदेश के नामी गिरामी अनुसंधानकर्ताओं, विशेषज्ञों और विभिन्न क्षेत्रों के टेकनोक्रेटों पर सामग्री शामिल की गई थी. इसमें अंतरिक्ष, रक्षा, सूचना प्रौद्योगिकी और चिकित्सा अनुसंधानों को रखा गया था.
- कार्यक्रम का प्रमुख आकर्षण ‘मेगा एक्सपो प्राइड ऑफ इंडिया’ (भारत का गौरव) था. प्रदर्शनी में भारतीय विज्ञान व प्रौद्योगिकी द्वारा समाज के प्रति किये गये उन प्रमुख योगदानों, उनकी प्रमुख उपलब्धियों और प्रमुख विकासों को दिखाया गया, जिनकी बदौलत पूरे वैज्ञानिक संसार के लिये सैकड़ों नये विचारों, नवोन्मेषों और उत्पादों को आकार मिला.
असम सरकार ने राज्य के तीन सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार की घोषणा की
असम सरकार ने हाल ही में वर्ष 2022-23 के लिए राज्य के तीन प्रतिष्ठित सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार की घोषणा की थी. ये पुरस्कार उन व्यक्तियों को सम्मानित करने के लिए दिए जाते हैं, जिन्होंने राज्य और वहाँ के लोगों के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया हो.
- पहला पुरस्कार – असोम बैभव: असम सरकार द्वारा दिया असोम बैभव पुरस्कार सरकार द्वारा दिया जाने वाला सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार है और इस वर्ष के प्राप्तकर्ता डॉ. तपन सैकिया हैं.
- दूसरा सम्मान – असोम सौरव: इस वर्ष के यह सम्मान कृष्णा रॉय, गिल्बर्ट संगमा, डॉ. बिनॉय कुमार सैकिया और डॉ. शशिधर फुकन को मिला है.
- तीसरा सम्मान – असोम गौरव: इस वर्ष के यह पुरस्कार प्राप्त करने वाले देबजीत बर्मन, रुस्तम बासुमतारी, मंजे ला, बिनंदा हतिबरुआ, अतुल बरुआ, शिला गोवाला, डॉ. जोगेश देउरी, डॉ. पंकज लाल गोगोई, सरबेश्वर बासुमतारी, मन्थंग हमार, दयाल गोस्वामी, डॉ. सैयद इफ्तिखार अहमद, डॉ. ध्रुबज्योति शर्मा हैं.
राज्यों के मंत्रियों का पहला अखिल भारतीय वार्षिक जल सम्मेलन भोपाल में
राज्यों के मंत्रियों का पहला अखिल भारतीय वार्षिक जल सम्मेलन (All India Annual State Ministers Conference on Water) 5-6 जनवरी को भोपाल में आयोजित किया गया था. सम्मेलन का विषय था ‘वर्ष 2047 के लिए जल दृष्टिकोण’. सम्मेलन का आयोजन जलशक्ति मंत्रालय ने किया था.
मुख्य बिन्दु
- जल सम्मेलन का प्राथमिक उद्देश्य राज्यों के विभिन्न जल हितधारकों से 2047 के भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 5P (political will, public financing, partnerships, public participation and persuasion) दृष्टिकोण पर विचार-विमर्श करना था.
- यह सम्मेलन न केवल राज्यों के परस्पर जल संबंधों और साझेदारी में सुधार करेगा बल्कि जल शक्ति मंत्रालय की पहल और योजनाओं को साझा करने का मंच भी बनेगा.
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस सम्मेलन को संबोधित किया था. अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि 2047 के लिए देश का जल दृष्टिकोण अमृतकाल के दौरान एक बड़ा योगदान होगा. उन्होंने कहा कि प्रत्येक जिले में 75 अमृत सरोवर बनाए जा रहे हैं.
राज्यों के मुख्य सचिवों का राष्ट्रीय सम्मेलन नई दिल्ली में आयोजित किया गया
राज्यों के मुख्य सचिवों का दूसरा राष्ट्रीय सम्मेलन 5-7 जनवरी को नई दिल्ली में आयोजित किया गया था. सम्मेलन की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी.
मुख्य बिन्दु
- यह सम्मेलन राज्यों के साथ मिलकर तेजी से सतत आर्थिक विकास हासिल करने पर केंद्रित था. इसमें केंद्र सरकार के प्रतिनिधि, सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेश के मुख्य सचिव, क्षेत्र विशेषज्ञ और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया.
- सम्मेलन में छह विषयों पर विचार-विमर्श हुआ. इनमें सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, बुनियादी ढांचा और निवेश पर ज़ोर, न्यूनतम स्वीकृति, महिला सशक्तिकरण, पोषण तथा कौशल विकास शामिल थे.
- इस सम्मेलन का आयोजन सहकारी संघवाद की भावना से किया गया था. सम्मेलन की अवधारणा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तैयार की थी. मुख्य सचिवों का पहला सम्मेलन जून 2021 में धर्मशाला में आयोजित हुआ था.
देश-दुनिया: एक संक्षिप्त दृष्टि
सामयिक घटनाचक्र का डेलीडोज
प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन का इंदौर में आयोजन
प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन 8-10 जनवरी तक से इंदौर में आयोजित किया जा रहा है. यह सम्मेलन मध्यप्रदेश सरकार के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है. सम्मेलन का विषय है ‘प्रवासी-भारतीय अमृतकाल में भारत के विश्वसनीय भागीदार’.
कोलकाता में G-20 वैश्विक वित्तीय समावेशन भागीदारी कार्यसमूह की बैठक
भारत की अध्यक्षता में G-20 वैश्विक वित्तीय समावेशन भागीदारी कार्यसमूह की पहली बैठक 9 जनवरी से कोलकाता में होगी. दो दिवसीय बैठक में कार्यसमूह के सदस्य देश, अतिथि देश और अंतर्राष्ट्रीय संगठन वित्तीय समावेशन योजना पर चर्चा करेंगे.
उत्तराखंड के जोशीमठ क्षेत्र में भूमि धंसने की घटना
उत्तराखंड के जोशीमठ क्षेत्र में भूमि धंसने और उसके प्रभाव के शीघ्र अध्ययन के लिए एक समिति गठित की जा रही है. समिति में पर्यावरण मंत्रालय, केंद्रीय जल आयोग, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण और राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के प्रतिनिधि शामिल होंगे.
अहमदाबाद में अंतर्राष्ट्रीय पतंग महोत्सव आयोजित किया जा रहा है
गुजरात के अहमदाबाद में 8 से 14 जनवरी तक अंतर्राष्ट्रीय पतंग महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है. इसका आयोजन गुजरात पर्यटन विभाग, जी-20 की विषय-वस्तु ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ के अनुरूप कर रहा है.