उच्चतम न्यायालय ने वर्ष 2016 में 500 और 1000 रुपये के विमुद्रीकरण (Demonetisation) के निर्णय को सही ठहराया है. पांच न्याधीशों की संविधान पीठ ने 4:1 बहुमत से केन्द्र सरकार के नोटबंदी के फैसले को चुनौती देने वाली 58 याचिकाओं को खारिज कर दिया.
मुख्य बिन्दु
न्यायमूर्ति एसए नज़ीर की अध्यक्षता में, बीआर गवई, एएस बोपन्ना, वीपी राम सुब्रह्मण्यम और बीवी नागरत्न की पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ केन्द्र के फैसलों को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं की सुनवाई कर रही थी.
इस फैसले पर न्यायमूर्ति एस अब्दुल नज़ीर, एएस बोपन्ना, बीआर गवई और वी रामासुब्रमण्यम ने केन्द्र सरकार के निर्णय को सही ठहराया. न्यायमूर्ति नागरत्न ने फैसले पर असहमति व्यक्त की. इसमें उन्होंने माना कि RBI एक्ट की धारा 26(2) का पूरी तरह पालन किए बिना नोटबंदी लागू की गई. हालांकि, अल्पमत के इस फैसले का कोई व्यवहारिक असर नहीं होगा.
सरकार ने शपथपत्र में न्यायालय को बताया था कि नोटबंदी का उद्देश्य नकली नोट, काले धन, कर चोरी और आतंकी गतिविधियों के लिए धन मुहैया कराने पर रोक लगाना था.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2023-01-03 23:33:572023-01-05 23:38:05उच्चतम न्यायालय ने विमुद्रीकरण के निर्णय को सही ठहराया