भारत की मेजबानी में 12-13 जनवरी को ‘वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट’ (Voice of the Global South Summit) का आयोजन किया गया था. इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल माध्यम से किया था. सम्मेलन में 120 से अधिक देशों ने हिस्सा लिया था.
मुख्य बिन्दु
शिखर सम्मेलन का विषय – यूनिटी ऑफ वायस, यूनिटी ऑफ परपज यानि एक स्वर में साझा उद्देश्य की अभिव्यक्ति था.
सम्मेलन का उद्देश्य विकासशील देशों को एक साथ आने और अपने मुद्दों के दृष्टिकोण और प्राथमिकताओं को एक मंच पर साझा करने का अवसर देना था.
यह पहल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास तथा भारत के वसुधैव कुटुम्बकम के सिद्धांत से प्रेरित था.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि भारत जी 20 के अध्यक्ष के रूप में ग्लोबल साउथ यानी विकासशील देशों से जुड़े मुद्दों को उठाने का प्रयास करेगा.
श्री मोदी ने कहा कि भारत ग्लोबल साउथ उत्कृष्टता केन्द्र की स्थापना करेगा. यह केन्द्र विकासशील देशों के विकास समाधानों या सर्वोत्तम प्रथाओं पर शोध करेगा.
उन्होंने कहा कि भारत अन्य विकासशील देशों के साथ विशेषज्ञता साझा करने के लिए ग्लोबल साउथ विज्ञान और प्रौद्योगिकी पहल शुरू करेगा.
श्री मोदी ने एक नई आरोग्य मैत्री परियोजना की घोषणा की. इसमें भारत प्राकृतिक आपदाओं या मानवीय संकट से प्रभावित किसी भी विकासशील देश को आवश्यक चिकित्सा आपूर्ति करेगा.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2023-01-13 10:04:492023-01-16 19:38:02भारत की मेजबानी में ‘वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट’