कांग्रेस नेता राहुल गांधी की लोकसभा की सदस्यता रद्द

कांग्रेस नेता राहुल गांधी की लोकसभा की सदस्यता रद्द कर दी गई है. लोकसभा सचिवालय ने एक अधिसूचना जारी कर यह जानकारी 24 मार्च को दी थी। अधिसूचना में बताया गया है कि केरल की वायनाड लोकसभा सीट के सांसद राहुल गांधी को सज़ा सुनाए जाने के दिन यानी 23 मार्च, 2023 से अयोग्य करार दिया जाता है.

मुख्य बिन्दु

  • राहुल गांधी की सदस्यता सूरत की एक कोर्ट से दो साल की सज़ा मिलने के कारण रद्द की गई है. ऐसा भारतीय संविधान के अनुच्छेद 102 (1) और जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत किया गया है.
  • राहुल गांधी को सूरत की एक अदालत ने चार साल पुराने आपराधिक मानहानि के मामले में दो साल की सज़ा सुनाई थी. कोर्ट ने, इस सज़ा के ख़िलाफ़ ऊपरी अदालत में अपील करने के लिए 30 दिन का समय दिया है.
  • राहुल गांधी के ख़िलाफ़ पूर्णेश मोदी ने मानहानि का मुक़दमा दर्ज कराया था. पूर्णेश मोदी सूरत पश्चिमी से बीजेपी विधायक हैं और पेशे से वकील हैं.
  • राहुल गांधी के ख़िलाफ़ भारतीय दंड संहिता की धारा 499 और 500 के तहत केस दर्ज किया गया था. भारतीय दंड विधान की धारा 499 में आपराधिक मानहानि के मामलों में अधिकतम दो साल की सज़ा का प्रावधान है.

संवैधानिक तथ्य

  • अनुच्छेद 102(1) और 191(1) के अनुसार अगर संसद या विधानसभा का कोई सदस्य, दिमाग़ी रूप से अस्वस्थ है, दिवालिया है या फिर वैध भारतीय नागरिक नहीं है तो उसकी सदस्यता रद्द हो जाएगी. संविधान की दसवीं अनुसूची में दल-बदल के आधार पर सदस्यों को अयोग्य ठहराए जाने के प्रावधान है.
  • लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत किसी सांसद या विधायक की सदस्यता जा सकती है. इस क़ानून के ज़रिए आपराधिक मामलों में सज़ा पाने वाले सांसद या विधायक की सदस्यता को रद्द करने का प्रावधान है.
  • लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा धारा धारा 8 (3) के तहत किसी अगर किसी व्यक्ति को दो साल या उससे अधिक की सज़ा मिलती है तो वह सदन के सदस्य बने के योग्य नहीं रह जाएगा. अंतिम निर्णय सदन के स्पीकर का होगा.
  • सूरत की कोर्ट ने राहुल गांधी को आपराधिक मानहानि के इस मामले में दो साल की सज़ा सुनाई है और धारा 8(3) के तहत उनकी सदस्यता रद्द की गई है.
  • प्रावधान के मुताबिक़, वह सांसद या विधायक दोषी ठहराए जाने की तारीख से ही अयोग्य घोषित माना जाएगा और उसकी रिहाई के छह साल तक वह अयोग्य बना रहेगा.