फिनलैंड NATO में शामिल हुआ, जानिए क्या है NATO

फिनलैंड आधिकारिक तौर पर 4 अप्रैल को उत्तर अटलांटिक संधि संगठन ‘नाटो’ (NATO) का 31वां सदस्य बन गया. वहीं, फिनलैंड के पड़ोसी देश स्वीडन ने भी नाटो की सदस्यता के लिए आवेदन किया है, लेकिन तुर्की और हंगरी की आपत्तियों ने प्रक्रिया में देरी की है.

मुख्य बिन्दु

  • फिनलैंड के इस कदम को रूस के लिए एक रणनीतिक और राजनीतिक झटके के तौर पर देखा जा रहा है. रूसी राष्ट्रपति पुतिन लंबे समय से रूस की ओर नाटो के विस्तार का विरोध करता रहा है.
  • रूस ने फिनलैंड द्वारा नाटो की सदस्यता ग्रहण करने को लेकर कहा है कि उसने रूस को ‘प्रतिशोधी उपाय’ करने के लिए मजबूर किया है.
  • स्वीडन पिछले करीब 200 से अधिक सालों से नाटो सैन्य संगठन से परहेज करता रहा है.

उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (NATO) क्या है?

नाटो या NATO, North Atlantic Treaty Organization (उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन) का संक्षिप्त रूप है. यह 30 यूरोपीय और उत्तरी अमरीकी देशों का एक सैन्य गठबन्धन है जो रूसी आक्रमण के खिलाफ दूसरे विश्वयुद्ध के बाद 1949 में बनाया गया था. इसका मुख्यालय ब्रुसेल्स (बेल्जियम) में है. नाटो सदस्य देशों ने सामूहिक सुरक्षा की व्यवस्था बनाई है, जिसके तहत बाहरी हमले की स्थिति में सदस्य देश सहयोग करते हैं.

नाटो के सदस्य देश

मूल रूप से नाटो में 12 सदस्य (फ्रांस, बेल्जियम, लक्जमर्ग, ब्रिटेन, नीदरलैंड, कनाडा, डेनमार्क, आइसलैण्ड, इटली, नार्वे, पुर्तगाल और संयुक्त राज्य अमेरिका) थे जो अब बढ़कर 30 हो गए हैं. सबसे हालिया सदस्य उत्तर मैसेडोनिया है जिसे 2020 में संगठन में जोड़ा गया था.

नाटो के अन्य सदस्य देश: ग्रीस, तुर्की, जर्मनी, स्पेन, चेक गणराज्य, हंगरी, पोलैंड, बुल्गारिया, एस्टोनिया, लातविया, लिथुआनिया, रोमानिया, स्लोवाकिया और स्लोवेनिया, अल्बानिया और क्रोएशिया, मोंटेनेग्रो और उत्तर मैसेडोनिया.