केन्द्र सरकार ने राष्ट्रीय क्‍वांटम मिशन को मंजूरी दी

केन्द्र सरकार ने राष्ट्रीय क्‍वांटम मिशन (National Quantum Mission) को मंजूरी दी है. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 19 अप्रैल को नई दिल्ली में एक बैठक में इस संबंध में निर्णय लिया.

मुख्य बिन्दु

  • इस मिशन का उद्देश्य क्वांटम टेक्नोलॉजी पर आधारित आर्थिक उन्नति को बढ़ावा देना है. साथ ही, भारत को क्वांटम तकनीक और एप्लीकेशन की उपयोगिता के क्षेत्र में सबसे अग्रणी राष्ट्र बनाने का लक्ष्य रखा गया है.
  • इस मिशन को 2023-24 से सात वर्ष की अवधि के लिए छह हजार करोड रुपये से अधिक की राशि स्वीकृत की गई है.
  • क्वांटम आधारित नेशनल मिशन को मंजूरी मिलने के बाद भारत सातवां ऐसा देश बन गया है जिसने क्वांटम कंप्यूटिंग के लिए एक डेडिकेटेड मिशन शुरू किया है.
  • अमेरिका, चीन, फ्रांस, कनाडा, फिनलैंड और ऑस्ट्रिया पहले से ही क्वांटम तकनीक के क्षेत्र व इससे जुड़े अन्य क्षेत्रों में काम कर रहे हैं.

क्या है राष्ट्रीय क्वांटम मिशन

  • इस मिशन के तहत आगामी आठ वर्षों में भारत का लक्ष्य इंटरमीडिएट स्केल क्वांटम कंप्यूटर को विकसित करना है. जिनकी फिजिकल क्षमता 50-1000 क्यूबिट्स की होगी और इनकी उपयोगिता बहुत सारे प्लेटफॉर्म पर की जाएगी. खास करके सुपरकंडक्टिंग और फोटोनीक टेक्नॉलजी के लिए.
  • भारत में पृथ्वी के स्टेशन से 2000 किलोमीटर के रेंज तक सैटेलाइट बेस्ड सेक्योर क्वांटम आधारित संचार किये जा सकेंगे. इसके अलावा लंबी दूरी के लिए दूसरे अन्य देशों के साथ भी संचार स्थापित किए जा सकेंगे.
  • इसके अलावा राष्ट्रीय क्वांटम कार्यक्रम के तहत संचार और नेविगेशन के लिए स्वदेशी मैग्नेटोमीटर, परमाणु घड़ियों, सिंगल फोटॉन आदि के विकास को भी बढ़ावा मिलेगा.
  • राष्ट्रीय क्वांटम मिशन का संचार, स्वास्थ्य, वित्त, ऊर्जा, दवा डिजाइन और अंतरिक्ष अनुप्रयोगों सहित कई उद्योगों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा.

क्या है क्वांटम टेक्नोलॉजी?

क्वांटम प्रौद्योगिकी क्वांटम सिद्धांत पर आधारित होता है, जो परमाणु और उप-परमाणु स्तर पर ऊर्जा और पदार्थ की प्रकृति की व्याख्या करती है. इसकी सहायता से डेटा और इंफॉर्मेशन को कम-से-कम समय में प्रोसेस किया जा सकता है. यह महत्त्वपूर्ण क्षमता क्वांटम कंप्यूटरों को पारंपरिक कंप्यूटरों की तुलना में बेहद शक्तिशाली बनाती है.