डेली कर्रेंट अफेयर्स
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जापान, पापुआ न्यू गिनी और ऑस्ट्रेलिया की यात्रा
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 19 मई से 24 मई तक तीन देशों – जापान, पापुआ न्यू गिनी और ऑस्ट्रेलिया की यात्रा पर थे.
मुख्य बिन्दु
- प्रधानमंत्री ने इस यात्रा के पहले चरण में 19 से 21 मई तक जापान में थे. श्री मोदी जापान के प्रधानमंत्री किशिदा फुमियो के निमंत्रण पर हिरोशिमा में आयोजित जी-7 शिखर बैठक में हिस्सा लेंगे जापान गए थे.
- तीसरा क्वॉड शिखर (Quadrilateral Security Dialogue) सम्मेलन 19 मई को आयोजित किया गया था. यह सम्मेलन जापान के शहर हिरोशिमा में G-7 सम्मेलन (G-7 Summit) के मौके पर आयोजित किया गया था.
- हिरोशिमा शिखर सम्मेलन में भारत की भागीदारी तीन औपचारिक सत्रों में थी. पहले सत्र में खाद्य, स्वास्थ्य, विकास और स्त्री-पुरुष समानता के बारे में चर्चा हुई. दूसरा सत्र जलवायु, ऊर्जा और पर्यावरण पर था. तीसरे सत्र का विषय था- ‘शांति, स्थिर और समृद्ध विश्व की ओर’.
- प्रधानमंत्री मोदी ने शिखर वार्ता से इतर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डि सिल्वा, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैंक्रों, जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज और दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक योएल के साथ द्विपक्षीय वार्ताएं कीं.
- इस यात्रा के दूसरे चरण में प्रधानमंत्री 21 मई को पापुआ न्यू गिनी गए थे. वहाँ वे पापुआ न्यू गिनी के प्रधानमंत्री जेम्स मार्के के साथ हिंद-प्रशांत द्वीप सहयोग मंच (IPIC) की मेजबानी की थी.
- इस यात्रा के तीसरे और अंतिम चरण में श्री मोदी 22 मई को आस्ट्रेलिया में सिडनी गए थे. यहाँ उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी एलबनीज और गवर्नर जनरल डेविड हरले के साथ बैठक की थी.
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच हरित हाइड्रोजन कार्यबल से संबंधित समझौतों पर हस्ताक्षर
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 23 मई को प्रवासन, गतिशीलता भागीदारी और हरित हाइड्रोजन कार्यबल से संबंधित समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए थे.
मुख्य बिन्दु
- ऑस्ट्रेलिया की यात्रा पर गए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज के बीच सिडनी में हुई द्विपक्षीय बैठक के बाद इन सहमति-पत्रों का आदान-प्रदान हुआ.
- दोनों नेताओ के बीच सामरिक सहयोग मजबूत करने पर सकारात्मक बातचीत की. श्री मोदी ने कहा कि बातचीत में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच व्यापक नीतिगत भागीदारी को नई उंचाइयों पर ले जाने पर विचार-विमर्श हुआ.
22 मई को ‘अन्तर्राष्ट्रीय जैव-विविधता दिवस’ मनाया गया
प्रत्येक वर्ष 22 मई को ‘अन्तर्राष्ट्रीय जैव-विविधता दिवस’ (International Day for Biological Diversity) के रूप में मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य प्राकृतिक एवं पर्यावरण संतुलन बनाए रखने में जैव-विविधता के महत्व के प्रति जागरुकता बढाना है.
- इस वर्ष यानी 2023 के अन्तर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस का मुख्य विषय (Theme) ‘From Agreement to Action: Build Back Biodiversity’ है.
- जैव-विविधता (Biological Diversity) पृथ्वी पर मौजूद जीव-जंतुओं की प्रजातियों में पाई जाने वाली विभिन्न प्रकार की विभिन्नताएं या विशेषताएं ही जैव-विविधता कहलाती है.
- संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 20 दिसंबर 2000 को एक प्रस्ताव पारित करके 22 मई को अन्तर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस के रूप में मनाये जाने का संकल्प लिया था. संयुक्त राष्ट्र ने सन् 2010 को जैव-विविधता का अन्तर्राष्ट्रीय वर्ष घोषित किया था.
देश-दुनिया: एक संक्षिप्त दृष्टि
सामयिक घटनाचक्र का डेलीडोज
जी-20 व्यापार और निवेश कार्यसमूह की दूसरी बैठक बेंगलुरु में शुरू
जी-20 व्यापार और निवेश कार्यसमूह की दूसरी बैठक 23-25 मई को बेंगलुरु में आयोजित हो रही है. बैठक में जी-20 सदस्य देशों, निमंत्रित देशों और क्षेत्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के 75 प्रतिनिधि भाग लेंगे. बैठक में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और निवेश के मुद्दों से जुड़े समाधानों के सिलसिले में आगे चर्चा होगी.
जी-20 के पर्यावरण और जलवायु स्थायित्व कार्यकारी समूह की तीसरी बैठक
जी-20 के पर्यावरण और जलवायु स्थायित्व कार्यकारी समूह की तीसरी बैठक मुंबई में आयोजित की गई. बैठक में जलवायु परिवर्तन, जैवविविधता, समुद्री पारिस्थितिकी और बेहतर अर्थव्यवस्था के लिए भारत की प्रतिबद्धता पर बल दिया गया.
तीसरे खेलो इंडिया विश्वविद्यालय खेलों की शुरूआत
तीसरे खेलो इंडिया विश्वविद्यालय खेलों की शुरूआत 23 मई को उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर जिले में कबड्डी के साथ हुई. कई विश्वविद्यालयों की 15 टीमों ने इस स्पर्धा में भाग लिया. ये स्पर्धाएं गौतमबुद्ध नगर जिले के शहीद विजय सिंह पथिक स्टेडियम में आयोजित की गई.
जापान ने भारत की यूपीआई भुगतान प्रणाली में शामिल होने की इच्छा व्यक्त की
जापान ने भारत की एकीकृत भुगतान प्रणाली यूपीआई में शामिल होने की इच्छा व्यक्त की है. जापान के डिजिटल मंत्री कोनो तारो ने कहा कि इस पहल का उद्देश्य दोनों देशों के ई-आईडी को परस्पर मान्यता देना और डिजिटल लेन-देन का विस्तार करना है.