रेचेप तैय्यप एर्दोगन लगातार 11वीं बार तुर्किए के राष्ट्रपति निर्वाचित हुए

तुर्किए में, रेचेप तैय्यप एर्दोगन ने राष्ट्रपति पद का चुनाव जीत लिया है. दो दशक से सत्ता पर काबिज़ राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दोगन ने विपक्षी नेता कमाल कलचदारलू को हराया.

मुख्य बिन्दु

  • तुर्किए की शीर्ष चुनाव परिषद द्वारा घोषित आधिकारिक परिणामों के अनुसार जस्टिस एंड डेवलपमेंट पार्टी के एर्दोगन ने कुल 97 प्रतिशत वोट में से 52.14 प्रतिशत और विपक्षी नेता कमाल कलचदारलू ने 47.86 प्रतिशत मत हासिल किए.
  • दरअसल, राष्ट्रपति चुनाव के लिए पहले चरण का मतदान 14 मई को हुआ था. इस राउंड में एर्दोगन को 49.4 प्रतिशत वोट मिले थे. वहीं उनके प्रतिद्वंद्वी कलचदारलू को 45 प्रतिशत वोट मिले थे. दोनों ही नेताओं को बहुमत नहीं मिल सका था, जिसके चलते रविवार को दूसरे राउंड का चुनाव कराया गया.
  • एर्दोगन साल 2003 से ही देश का नेतृत्व कर रहे हैं और अपने नेतृत्व में उन्होंने तुर्की को एक रुढ़िवादी देश बनाने की कोशिश की है जो इस्लाम की नीतियों पर चलता है.
  • कलचदारलू तुर्की के छह विपक्षी पार्टियों से मिलकर बने रिपब्लिकन पीपुल्स पार्टी नेशन अलायंस के उम्मीदवार हैं. गांधीवादी कलचदारलू जिन्हें तुर्की में ‘कमाल गांधी’ भी कहा जाता है, ने लोगों से वादा किया था कि अगर वो सत्ता में आते तो तुर्की एर्दोगन की तरह रुढ़िवादी नहीं बल्कि उदारवादी नीति अपनाएगा.
  • एर्दोगन के पिछले राष्ट्रपति चुनाव जीतने के एक महीने बाद जुलाई 2018 में तुर्की में संसदीय व्यवस्था के बजाय राष्ट्रपति शासन प्रणाली लागू कर दी गई. 2017 में जनमत संग्रह के जरिए राष्ट्रपति की शक्तियों में भारी इजाफा कर दिया गया था. इसके जरिए एर्दोगन ने प्रधानमंत्री का पद समाप्त कर दिया और प्रधानमंत्री की कार्यकारी शक्तियां अपने हाथ में ले ली थी. तुर्की में राष्ट्रपति ही सरकार का मुखिया बन गया.