सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण का गठन किया

केंद्र सरकार ने दिल्ली में अफसरों के तबादले-नियुक्ति के लिए राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण (National Capital Civil Service Authority) का गठन किया है.

मुख्य बिन्दु

  • मुख्यमंत्री प्राधिकरण के पदेन अध्यक्ष होंगे, जबकि दिल्ली के प्रधान गृह सचिव पदेन सदस्य-सचिव होंगे. मुख्य सचिव भी इसके सदस्य होंगे.
  • यही प्राधिकरण सर्वसम्मति या बहुमत के आधार पर तबादले की सिफारिश करेगा, पर आखिरी फैसला दिल्ली के उपराज्यपाल का होगा. मुख्यमंत्री तबादले का फैसला अकेले नहीं कर सकेंगे. समूह-ए अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए भी यही प्राधिकरण अधिकृत होगा.
  • केंद्र सरकार ने अध्यादेश के जरिये 11 मई के सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले को पलट दिया है, जिसमें तबादले-नियुक्ति का अधिकार राज्य सरकार को दिया गया था.
  • सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा था, उपराज्यपाल राज्य कैबिनेट के फैसले को मानने के लिए बाध्य हैं. वे कैबिनेट के फैसले में बदलाव नहीं कर सकते.
  • केंद्र सरकार ने इस प्राधिकरण का गठन एक अध्यादेश के माध्यम किया है. अध्यादेश में इस फैसले की वजह बताई है. इसमें कहा गया है कि दिल्ली में कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संस्थान और प्राधिकारी जैसे राष्ट्रपति, संसद, सुप्रीम कोर्ट मौजूद हैं. विदेशी राजनयिकों का आगमन होता रहता है. इसलिए यहां प्रशासन में उच्च गुणवत्ता का होना राष्ट्रीय हित में है.
  • केंद्र सरकार को संसद के मानसून सत्र में इस अध्यादेश पर लोकसभा व राज्यसभा की मंजूरी लेनी होगी. राज्यसभा में सरकार का बहुमत नहीं है. वहां विपक्षी पार्टियां इसे लेकर एकजुट हो सकती हैं.