अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक अशोक माइकल पिंटो को अंतरराष्ट्रीय पुनर्निर्माण और विकास बैंक (IBRD) के प्रतिनिधि के रूप में नामित किया है. उनका कार्यकाल 2 वर्ष का होगा. वह इस पद पर एरिक बेथल का स्थान लेंगे. माइकल पिंटो अमेरिका के पूर्व-राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश के विशेष सहायक रह चुके हैं.
अंतरराष्ट्रीय पुनर्निर्माण और विकास बैंक: एक दृष्टि
IBRD, विश्व बैंक समूह की एक ऋण प्रदान कराने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था है. इसकी स्थापना वर्ष 1944 में हुई थी. इसका मुख्यालय वाशिंगटन डीसी में है. वर्तमान में इसके 189 सदस्य देश हैं. IBRD गरीबी उन्मूलन एवं विकास कार्य हेतु मध्यम आय वाले विकासशील देशों को ऋण प्रदान करता है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2020-05-06 23:18:372020-05-06 23:18:37अमेरिका ने अशोक माइकल पिंटो को IBRD के प्रतिनिधि के रूप में नामित किया
सरकार ने टीएस तिरुमूर्ति को संयुक्त राष्ट्र (United Nations) में भारत का स्थायी प्रतिनिधि नियुक्त किया है. वह भारतीय विदेश सेवा के 1985 बैच के अधिकारी है और फिलहाल विदेश मंत्रालय में सचिव पद पर कार्यरत हैं. तिरुमूर्ति इससे पहले जेनेवा में भारत के परमानेंट मिशन का हिस्सा रहे हैं. इसके अलावा उन्होंने फॉरेन सेक्रटरी के ऑफिस में डायरेक्टर और जॉइंट सेक्रटरी (UN, इकनॉमिक एंड सोशल) का जिम्मा भी संभाला है.
सैयद अकबरुद्दीन सेवानिवृत
टीएस तिरुमूर्ति ने न्यूयॉर्क में सैयद अकबरुद्दीन की जगह ली है. अकबरुद्दीन 30 अप्रैल को सेवानिवृत हो गये. वह 2016 से इस पद पर थे. उन्होंने इस वैश्विक मंच पर तमाम मुद्दों पर देश का रुख सफलतापूर्वक रखा है. आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को UN की ओर से ग्लोबल आतंकी घोषित करवाने में अकबरुद्दीन ने अहम भूमिका निभाई थी.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2020-04-30 22:18:422020-04-30 22:18:42टीएस तिरुमूर्ति संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि नियुक्त किये गये
सुरेश एन पटेल ने केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) में सतर्कता आयुक्त के रूप में 29 अप्रैल को शपथ ग्रहण की. केंद्रीय सतर्कता आयुक्त संजय कोठारी ने पटेल को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से पद की शपथ दिलाई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली उच्चाधिकार प्राप्त समिति ने फरवरी 2020 में इस पद के लिये पटेल के नाम की सिफारिश की थी.
सुरेश एन पटेल के पास बैंकिंग क्षेत्र में तीन दशक का अनुभव है. पटेल CVC के बैंकिंग एवं वित्तीय धोखाधड़ी मामलों के सलाहकार बोर्ड के सदस्य थे.
केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC)
केन्द्रीय सतर्कता आयोग (Central Vigilance Commission) भारत सरकार के विभिन्न विभागों के अधिकारियों/कर्मचारियों से सम्बन्धित भ्रष्टाचार नियंत्रण की सर्वोच्च संस्था है. यह सांविधिक दर्जा (statutory status) प्राप्त एक बहु-सदस्यीय संस्था है.
CVC में सुरेश एन पटेल का कार्यकाल दो साल से अधिक होगा और यह दिसंबर 2022 तक होगा. सतर्कता आयुक्त का कार्यकाल चार साल का या 65 साल की आयु पूरी करने तक होता है.
टी एम भसीन के अपना कार्यकाल पूरा करने के बाद सतर्कता आयुक्त का पद जून 2019 से रिक्त था. पटेल की नियुक्ति के साथ CVC में अब सतर्कता आयुक्तों का कोई पद रिक्त नहीं रह गया है.
CVC में एक केंद्रीय सतर्कता आयुक्त (संजय कोठारी) और दो सतर्कता आयुक्त हो सकते हैं. शरद कुमार एक अन्य सतर्कता आयुक्त हैं.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2020-04-30 22:09:222020-04-30 22:09:22सुरेश एन पटेल ने CVC में सतर्कता आयुक्त के रूप में शपथ ग्रहण की
संजय कोठारी ने 25 अप्रैल को मुख्य सतर्कता आयुक्त (CVC) के रूप में शपथ ली. राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने राष्ट्रपति भवन में उन्हें पद की शपथ दिलाई. कोठारी का कार्यकाल जून 2021 तक होगा. CVC का पद जून 2019 में केवी चौधरी के सेवानिवृति के बाद से खाली था. कोठारी के नाम की सिफारिश प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता वाली चयन समिति ने की थी.
संजय कोठारी हरियाणा कैडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के वरिष्ठ अधिकारी थे. 2016 में वे डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग के सचिव पद से सेवानिवृत हुए थे. जुलाई 2017 में उन्हें राष्ट्रपति का सचिव बनाया गया था.
केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC)
केन्द्रीय सतर्कता आयोग (Central Vigilance Commission) भारत सरकार के विभिन्न विभागों के अधिकारियों/कर्मचारियों से सम्बन्धित भ्रष्टाचार नियंत्रण की सर्वोच्च संस्था है. यह सांविधिक दर्जा (statutory status) प्राप्त एक बहु-सदस्यीय संस्था है.
इस आयोग की स्थापना सन् 1964 में की गयी थी. इसका गठन संथानम समिति की सिफारिश पर की गयी थी, जिसे भ्रष्टाचार रोकने से सम्बन्धित सुझाव देने के लिए गठित किया गया था.
संसद ने 2003 में केन्द्रीय सतर्कता आयोग विधेयक पारित किया था. इस विधेयक में आयोग को वैधानिक दर्जा देने वाला कानून (सतर्कता आयोग अधिनियम) बनाया गया था. इस अधिनियम में आयोग के अधिकार एवं कार्य का विस्तार से उल्लेख किया गया है.
केंद्रीय सतर्कता आयोग के आयुक्त
केंद्रीय सतर्कता आयोग में एक केन्द्रीय सतर्कता आयुक्त (Chief Vigilance Commissioner- CVC) जो कि अध्यक्ष होता है तथा दो अन्य सतर्कता आयुक्त होते हैं.
इनकी नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा एक तीन सदस्यीय समिति की सिफारिश पर होती है. इस समिति में प्रधानमंत्री, लोकसभा में विपक्ष के नेता व केन्द्रीय गृहमंत्री होते हैं.
इनका कार्यकाल 4 वर्ष अथवा 65 वर्ष की आयु तक (जो भी पहले हो), तक होता है. अवकाश प्राप्ति के बाद आयोग के ये पदाधिकारी केन्द्र अथवा राज्य सरकार के किसी भी पद के योग्य नहीं होते हैं.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2020-04-25 22:38:382020-04-25 22:38:38संजय कोठारी ने मुख्य सतर्कता आयुक्त के रूप में शपथ ली
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने बॉम्बे, मेघालय और उड़ीसा उच्च न्यायालयों में नए मुख्य न्यायाधीशों के नियुक्ति की सिफारिश की है.
कॉलेजियम ने वर्तमान में कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता को बॉम्बे उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त करने का प्रस्ताव दिया है.
इसके अलावा न्यायमूर्ति बिस्वनाथ सोमादर जो वर्तमान में इलाहाबाद उच्च न्यायालय में न्यायाधीश हैं, को मेघालय उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त करने की सिफारिश की है.
कॉलेजियम ने मेघालय उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति मोहम्मद रफीक को उड़ीसा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में स्थानांतरित करने की सिफारिश की है.
कॉलेजियम प्रणाली (Collegium System of Supreme Court): एक दृष्टि
देश की न्यायालयों में न्यायाधीशों की नियुक्ति की प्रणाली को कॉलेजियम प्रणाली कहा जाता है.
1990 में सुप्रीम कोर्ट के दो फैसलों के बाद कॉलेजियम प्रणाली बनाई गई थी.
कॉलेजियम प्रणाली के अंतर्गत सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के नेतृत्व में बनी वरिष्ठ न्यायाधीशों की समिति न्यायाधीशों के नाम तथा नियुक्ति का फैसला करती है.
सुप्रीम कोर्ट तथा हाईकोर्ट में न्यायाधीशों की नियुक्ति तथा तबादलों का फैसला भी कॉलेजियम ही करता है.
हाईकोर्ट के कौन से जज पदोन्नत होकर सुप्रीम कोर्ट जाएंगे यह फैसला भी कॉलेजियम ही करता है.
कॉलेजियम प्रणाली का उल्लेखन न तो मूल संविधान में है और न ही उसके किसी संशोधन में.
हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की नियुक्ति: मुख्य तथ्य
संविधान के अनुच्छेद 214 से 237 तक में राज्य की न्यापालिका का उल्लेख है. संविधान का अनुच्छेद 214 यह बतलाता है कि प्रत्येक राज्य में एक न्यायालय होगा.
संविधान के अनुच्छेद 216 के अनुसार राष्ट्रपति आवश्यकतानुसार प्रत्येक उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की संख्या निर्धारित करता है.
अनुच्छेद 217 उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति से सम्बंधित है. राष्ट्रपति सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश तथा सम्बंधित राज्य के राज्यपाल के परामर्श से उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति करता है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2020-04-21 22:34:572020-05-10 20:22:31बॉम्बे, मेघालय और उड़ीसा उच्च न्यायालयों में नए मुख्य न्यायाधीशों की सिफारिश
कपिलदेव त्रिपाठी को 20 अप्रैल को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का सचिव नियुक्त किया गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने कपिलदेव त्रिपाठी की अनुबंध के आधार पर नियुक्ति को मंजूरी दी गयी. उनका कार्यकाल राष्ट्रपति कोविंद के कार्यकाल तक होगा.
कपिलदेव त्रिपाठी, संजय कोठारी का स्थान लेंगे, जिन्हें केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) का प्रमुख बनाया गया है. संजय कोठारी की राष्ट्रपति के सचिव के रूप में नियुक्ति जुलाई 2017 में हुई थी.
62 वर्षीय कपिलदेव त्रिपाठी केंद्र सरकार में विभिन्न पदों पर सेवाएं दे चुके हैं. वह जून 2018 में पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के सचिव पद से सेवानिवृत्त हुए थे. वह केंद्रीय सतर्कता आयोग में सचिव तथा भारी उद्योग व सार्वजनिक उद्यम मंत्रालय में संयुक्त सचिव रह चुके हैं.
मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति
मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति (Appointments Committee of the Cabinet ACC) की अध्यक्षता प्रधानमंत्री करते हैं. गृहमंत्री इस समिति के सदस्य होते हैं. कैबिनेट सचिवालय, सार्वजनिक उपक्रमों, बैंकों और वित्तीय संस्थानों के सभी उच्च स्तर की नियुक्तियों और सेवा विस्तार का फैसला मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ही करती है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2020-04-21 22:27:232020-04-21 22:30:01कपिलदेव त्रिपाठी राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के नये सचिव नियुक्त किये गये
उच्चतम न्यायालय के पूर्व प्रधान न्यायाधीश (CJI) रंजन गोगोई ने 19 मार्च को राज्यसभा के मनोनीत सदस्य के रूप में शपथ ली. राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडु ने उन्हें शपथ दिलाई. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गोगोई को राज्यसभा के लिए मनोनित किया था. उन्होंने 3 अक्तूबर 2018 से 15 नवंबर 2019 तक देश के 46वें प्रधान न्यायाधीश के रूप में सेवा दी थी.
ऐसा पहली बार हुआ है जब राष्ट्रपति ने किसी पूर्व प्रधान न्यायाधीश को राज्यसभा के लिए मनोनित किया हो. इससे पहले पूर्व प्रधान न्यायाधीश मोहम्मद हिदायतुल्लाह और रंगनाथ मिश्रा भी राज्यसभा के सदस्य रह चुके हैं, लेकिन ये राज्यसभा चुनाव द्वारा चुने गये थे.
केंद्र सरकार ने गोगोई को राज्यसभा के लिए नामित किया था और गृह मंत्रालय ने इस आशय की अधिसूचना जारी की थी. जारी अधिसूचना के मुताबिक, ‘संविधान के अनुच्छेद 80 के खंड (1) के उपखंड (a) और इसी अनुच्छेद के खंड (3) के तहत राष्ट्रपति ने गोगोई को राज्यसभा के लिए मनोनित किया था. राष्ट्रपति ने राज्यसभा के मनोनीत सदस्यों में से एक के कार्यकाल पूरा होने की वजह से रिक्त हुई सीट पर रंजन गोगोई का मनोयन किया है. यह सीट केटीएस तुलसी के कार्यकाल पूरा होने की वजह से रिक्त हुई थी.
राज्यसभा: एक दृष्टि
राज्यसभा भारतीय संसद का उच्च सदन जबकि लोकसभा निम्न सदन है. राज्य सभा के सदस्यों की वर्तमान संख्या 245 है. जिनमें 12 सदस्य भारत के राष्ट्रपति के द्वारा मनोनीत किए जाते हैं. अन्य सदस्यों का चुनाव होता है.
राज्यसभा के सदस्य 6 साल के लिए चुने जाते हैं, जिनमें एक-तिहाई सदस्य हर 2 साल में सेवा-निवृत होते हैं. भारत के उप-राष्ट्रपति (वर्तमान में वैकेया नायडू) राज्यसभा के सभापति होते हैं. राज्यसभा का पहला सत्र 13 मई 1952 को हुआ था.
संविधान के अनुच्छेद 80 में राज्यसभा के सदस्यों की अधिकतम संख्या 250 निर्धारित की गई है. जिनमें 12 सदस्य भारत के राष्ट्रपति के द्वारा मनोनीत किए जाते हैं और 238 सदस्य राज्यों के और संघ राज्य क्षेत्रों के प्रतिनिधि होते हैं. राज्यसभा के सदस्यों की वर्तमान संख्या 245 है.
राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत किए जाने वाले सदस्य ऐसे व्यक्ति होते हैं जिन्हें साहित्य, विज्ञान, कला और समाज सेवा जैसे विषयों के संबंध में विशेष ज्ञान या व्यावहारिक अनुभव है.
संविधान के अनुच्छेद 84 के अनुसार राज्यसभा का सदस्य चुने जाने वाले उम्मीदवार को भारत का नागरिक होना चाहिए और उसे कम से कम 30 वर्ष की आयु का होना चाहिए.
रंजन गोगोई: मुख्य बिंदु
रंजन गोगोई पूर्वोत्तर (असम) के पहले व्यक्ति बने जिन्हें भारत का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया. उनके पिता केशब चंद्र गोगोई असम के मुख्यमंत्री रहे.
गोगोई सुप्रीम कोर्ट की उस पांच सदस्यीय पीठ के अध्यक्ष थे जिसने नौ नंवबर 2019 को संवेदनशील अयोध्या विवाद पर फैसला सुनाया था. यह इतिहास में दूसरी सबसे लंबी सुनवाई रही थी.
उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की उन पीठों की भी अध्यक्षता की थी जिन्होंने सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश और राफेल लड़ाकू विमान सौदे जैसे मसलों पर फैसले सुनाए थे.
गोगोई सुप्रीम कोर्ट के 25 न्यायाधीशों में से उन 11 न्यायाधीशों में शामिल रहे जिन्होंने अदालत की वेबसाइट पर अपनी संपत्ति का विवरण दिया था.
जस्टिस गोगोई का 16 दिसंबर 2015 को दिया गया एक आदेश उन्हें इतिहास में खास मुकाम पर दर्ज कराता है.
देश में पहली बार सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश के जरिए किसी राज्य का लोकायुक्त नियुक्त किया था.
जस्टिस गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने सेवानिवृत न्यायाधीश जस्टिस वीरेन्द्र सिंह को उत्तर प्रदेश का लोकायुक्त नियुक्त करने का आदेश जारी किया था.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2020-03-19 23:23:362020-03-20 21:19:46पूर्व प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने राज्यसभा के मनोनीत सदस्य के रूप में शपथ ली
माइक्रोसॉफ्ट कंपनी के सह-संस्थापक बिल गेट्स ने 14 मार्च को कंपनी के बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर्स से इस्तीफा दे दिया. गेट्स के इस्तीफा के बाद अब कंपनी में केवल 12 बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर्स होंगे. उन्होंने कंपनी के लिए मौजूदा CEO सत्या नडेला और अन्य अधिकारी के सलाहकार के रूप में काम करते रहने की बात कही है.
बिल गेट्स ने अपना इस्तीफा सामाजिक कार्यों की तरफ़ अधिक ध्यान के उद्देश्य से दिया है. गेट्स का कहना है कि वो वैश्विक स्वास्थ्य, शिक्षा और जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों पर अधिक काम करना चाहते हैं.
संक्षिप्त घटनाक्रम
गेट्स ने साल 2000 में अपनी पत्नी के साथ मिल कर ‘बिल एंड मिलिंडा गेट्स’ फाउंडेशन बनाया था. 2008 में उन्होंने कंपनी के CEO को पद से इस्तीफ़ा दे दिया और ख़ुद को कंपनी के रोज़ाना के काम से दूर कर लिया था. हालांकि वो 2014 तक कंपनी के बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर्स के चैयरमैन बने रहे.
बिल गेट्स: एक दृष्टि
1955 में जन्मे बिल गेट्स ने सिएटल के एक स्कूल में पढ़ाई की थी. 1973 में गेट्स हार्वड युनिवर्सिटी पहुंचे लेकिन वो अपनी पढ़ाई पूरी नहीं कर सके.
1977 में अपने दोस्त पॉल एलन के साथ मिल कर उन्होंने माइक्रोसॉफ्ट कंपनी बनाई. 2018 में पॉल एलन की मौत हो गई थी.
1995 में 39 साल की उम्र में 12.9 अरब डॉलर की संपत्ति के साथ बिल गेट्स दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति बने थे.
2020 की फ़ोर्ब्स की अरबपतियों की लिस्ट के अनुसार 103 अरब डॉलर की संपत्ति के साथ बिल गेट्स दुनिया के दूसरे सबसे धनी व्यक्ति हैं. इस लिस्ट में पहले नंबर पर हैं अमेज़न कंपनी के CEO जेफ़ बेज़ोस हैं. इनकी संपत्ति 110 अरब डॉलर से भी अधिक है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2020-03-14 23:51:232020-03-15 00:18:43बिल गेट्स ने माइक्रोसॉफ्ट के बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर्स से इस्तीफा दिया
बिमल जुल्का ने 6 मार्च को केन्द्रीय सूचना आयोग (Central Information Commission) में 10वें मुख्य सूचना आयुक्त (Chief Information Commissioner- CIC) के रूप में शपथ ली. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह उन्हें पद की शपथ दिलाई. सुधीर भार्गव के 11 जनवरी को सेवानिवृत्त होने के बाद आयोग के प्रमुख का पद रिक्त था.
बिमल जुल्का मध्यप्रदेश कैडर के 1979 बैच के सेवानिवृत आईएएस अधिकारी हैं. वह सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में सचिव पद पर तैनात रहे हैं. बिमल जुल्का 10वें CIC हैं.
केन्द्रीय सूचना आयोग: एक दृष्टि
भारत सरकार ने देश के नागरिकों को सरकारी क्रियाकलापों की जानकारी देने और उस जानकारी का अधिक प्रभावी उपयोग सुनिश्चित करने के लिये 2005 में केन्द्रीय सूचना आयोग का गठन किया था.
केंद्रीय सूचना आयोग का गठन सूचना का अधिकार (Right To Information- RTI) अधिनयम, 2005 के तहत 12 अक्टूबर 2005 को किया गया था. वजाहत हबीबुल्लाह देश के पहले मुख्य सूचना आयुक्त बनाए गए थे.
केन्द्रीय सूचना आयोग में CIC समेत सूचना आयुक्तों के 11 स्वीकृत पद हैं. अभी छह सूचना आयुक्त हैं. जुल्का के CIC के रूप में नियुक्त होने के बाद पांच और सूचना आयुक्तों के पद रिक्त हैं.
यदि कोई आवेदक किसी सरकारी विभाग या मंत्रालय से मांगी गई सूचनाओं से संतुष्ट नहीं है या उसे सूचनाएं नहीं दी गईं हैं तो अब वह सीधे CIC में ऑनलाइन द्वितीय अपील या शिकायत कर सकता है.
केन्द्रीय सूचना आयोग की शक्तियां और कार्य सूचना अधिकार अधिनियम की धाराओं, 18, 19, 20 और 25 में उल्लिखित हैं.
केन्द्रीय सूचना आयोग के अधिकार क्षेत्र में सभी केंद्रीय सार्वजनिक प्राधिकरण आते हैं.
RTI अधिनियम में यह व्यवस्था की गई है कि नागरिक किस प्रकार की सूचना सरकार से मांग सकेंगे और किस प्रकार सरकार जवाबदेह होगी.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2020-03-07 23:55:322020-03-08 00:01:27बिमल जुल्का ने 10वें मुख्य सूचना आयुक्त के रूप में शपथ ली
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के डिप्टी गवर्नर एनएस विश्वनाथन ने 5 मार्च को अपने पद से इस्तीफा दे दिया. विश्वनाथन ने स्वास्थ्य कारणों से अपनी सेवानिवृत्ति से तीन महीने पहले ही पद छोड़ने का फैसला किया है. RBI ने विश्वनाथन से 31 मार्च तक पद पर बने रहने का अनुरोध किया है.
RBI में 29 साल से सेवारत डिप्टी गवर्नर 31 मार्च को कार्यमुक्त हो जाएंगे. बैंकिंग नियमन, सहकारी बैंकों, आर्थिक स्थिरता को देखने वाले विश्वनाथन को जून 2019 में एक साल का सेवा विस्तार दिया गया था. विश्वनाथन ने तीन गवर्नरों रघुराम राजन, उर्जित पटेल और शक्तिकांत दास के अधीन काम किया है.
विश्वनाथन के इस्तीके से पहले RBI ने जनवरी 2020 में माइकल पात्रा को नया डिप्टी गवर्नर नियुक्त किया था. माइकल की नियुक्ति तीन साल के लिए दी गई. बता दें कि डिप्टी गवर्नर के साथ ही माइकल पात्रा RBI के कार्यकारी निदेशक और मौद्रिक नीति समिति (MPC) के सदस्य भी हैं.
माइकल पात्रा RBI के चार डिप्टी गवर्नर में से एक थे. पात्रा के अलावा तीन डिप्टी गवर्नर थे – एनएस विश्वनाथन, बीपी कनुनगो और एमके जैन. इनमें से विश्वनाथन ने इस्तीफा दिया है. वहीं शक्तिकांत दास RBI के गवर्नर हैं.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2020-03-06 22:40:032020-03-13 18:11:25RBI के डिप्टी गवर्नर एनएस विश्वनाथन ने अपने पद से इस्तीफा दिया
भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के वरिष्ठ अधिकारी अजय भूषण पाण्डेय को देश का नया वित्त सचिव नियुक्त किया गया है. उन्होंने राजीव कुमार का स्थान लिया है, जो हाल ही में सेवानिवृत्त हुए थे. कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने 4 मार्च को पाण्डेय की नियुक्ति को मंजूरी दी थी.
अजय भूषण पाण्डेय इससे पहले राजस्व सचिव की जिम्मेदारी संभाल रहे थे. वे आधार नंबर जारी करने वाले यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) के CEO के रूप में नौ साल तक अपनी सेवाएं दे चुके हैं. वित्त मंत्रालय के सभी सचिवों में सबसे वरिष्ठ अधिकारी को वित्त सचिव बनाया जाता है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2020-03-05 23:46:502020-03-05 23:46:50अजय भूषण पाण्डेय देश के नए वित्त सचिव नियुक्त किये गये
मेजर जनरल माधुरी कानिटकर को लेफ्टिनेंट जनरल की अगली रैंक के लिए मंजूरी दी गई है. रक्षा क्षेत्र में वह यह कीर्तिमान स्थापित करने वाली देश की तीसरी महिला हैं. लेफ्टिनेंट जनरल कानिटकर ने नई दिल्ली में डिप्टी चीफ, इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ (DCIDS), मेडिकल (चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के तहत) का कार्यभार संभाला. इसके साथ ही वह सशस्त्र बलों की पहली बाल चिकित्सक हैं, जो यह पद संभालेंगी.
माधुरी के पति राजीव कानिटकर भी लेफ्टिनेंट जनरल के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं. भारत के इतिहास में यह पहला मौका है, जब पति और पत्नी दोनों ही सेना में लेफ्टिनेंट जनरल रहे हों.
पहली महिला नौसेना की वाइस एडमिरल डॉ. पुनीता अरोड़ा थीं यह उपलब्धि हासिल करने वाली पहली महिला, नौसेना की वाइस एडमिरल डॉ पुनीता अरोड़ा थीं. वायुसेना की महिला एयर मार्शल पद्मावती बंदोपाध्याय इस पद पर पदोन्नत होने वाली दूसरी महिला थी.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2020-03-01 22:07:352020-03-01 22:07:35मेजर जनरल माधुरी कनिटकर भारत की तीसरी महिला लेफ्टिनेंट जनरल होंगी