संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष की रिपोर्ट: आबादी में भारत पूरी दुनिया में सबसे आगे

संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (यूएनएफपीए) ने 16 अप्रैल 2024 को विश्व जनसंख्या स्थिति रिपोर्ट (State of the World’s Population report) 2024 जारी की थी.

यूएनएफपीए विश्व जनसंख्या स्थिति-2024 रिपोर्ट: मुख्य बिन्दु

  • यूएनएफपीए रिपोर्ट में भारत की आबादी के 144 करोड़ पहुंच जाने का अनुमान जताया गया है. रिपोर्ट से पता चला कि भारत की जनसंख्या 77 वर्षों में दोगुनी होने का अनुमान है.
  • आबादी के मामले में भारत पूरी दुनिया में सबसे आगे है. इसके बाद चीन 142.5 करोड़ के साथ दूसरे स्थान पर है.
  • 2011 में हुई पिछली जनगणना के दौरान भारत की जनसंख्या 121 करोड़ दर्ज की गई थी.
  • भारत की अनुमानित 24 प्रतिशत आबादी 0-14 वर्ष की है, जबकि 17 प्रतिशत आबादी 10-19 आयु सीमा के भीतर है. 10-24 आयु वर्ग 26 प्रतिशत है, जबकि 15-64 आयु वर्ग 68 प्रतिशत है.
  • भारत की 7 प्रतिशत आबादी 65 वर्ष और उससे अधिक आयु की है, जिसमें पुरुषों की जीवन प्रत्याशा (लाइफ एक्सपेक्टेंसी) 71 वर्ष और महिलाओं की 74 वर्ष है.

डिजिटल सर्विस सेक्टर में भारत दुनिया का चौथा सबसे बड़ा निर्यातक देश बना

विश्व व्यापार संगठन (WTO) ने 10 अप्रैल को नवीनतम वैश्विक व्यापार आउटलुक और सांख्यिकी (Global Trade Outlook and Statistics) रिपोर्ट पेश की थी.

WTO रिपोर्ट के मुख्य बिन्दु

  • इस रिपोर्ट के अनुसार भारत के डिजिटल सेवाओं (डिजिटल सर्विस) के निर्यात में 17 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है और यह अब 257 बिलियन डॉलर हो गया है. भारत दुनिया का चौथा सबसे बड़ा निर्यातक बन गया है.
  • इस वृद्धि ने भारत को रैंकिंग में जर्मनी से आगे निकलने में मदद की है, लेकिन यह अभी भी संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम और आयरलैंड से पीछे है.
  • डिजिटल रूप से वितरित सेवाओं, जिसमें शिक्षा, गेमिंग और स्ट्रीमिंग संगीत और वीडियो में पेशेवर सेवाएँ शामिल हैं, में पिछले दो दशकों में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है.
  • 2023 में डिजिटल सेवाओं का वैश्विक निर्यात बढ़कर 4.25 ट्रिलियन डॉलर हो गया. यह साल-दर-साल 9 फीसदी अधिक है.
  • 2023 में वैश्विक स्तर पर वस्तुओं के व्यापार के सभी सेक्टर में गिरावट आई, वहीं, डिजिटल सर्विस का निर्यात बढ़ता रहा.
  • रिपोर्ट के मुताबिक यूरोप और एशिया में (जो क्रमशः 52.4 प्रतिशत और 23.8 प्रतिशत की वैश्विक हिस्सेदारी रखते हैं) निर्यात में क्रमशः 11 प्रतिशत और 9 प्रतिशत की वृद्धि हुई.

विश्व व्यापार संगठन (WTO)

  • विश्व व्यापार संगठन (WTO) एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है. यह राष्ट्रों के बीच वैश्विक व्यापार को नियंत्रित और सुगम बनाता है. इसका मुख्यालय जिनेवा, स्विट्ज़रलैंड में है.
  • इसकी स्थापना 1995 में हुई थी. यह द्वितीय विश्व युद्ध के बाद स्थापित टैरिफ़ और व्यापार पर सामान्य समझौते (GATT) का स्थान लिया था.
  • WTO में यूरोपीय संघ सहित 164 सदस्य देश शामिल हैं. ईरान, इराक, भूटान, लीबिया जैसे 23 देशों को पर्यवेक्षक का दर्जा मिला हुआ है. भारत इसका संस्थापक सदस्य है.
  • WTO का उद्देश्य मुक्त व्यापार को बढ़ावा देना, बाधाओं को कम करना और आर्थिक वृद्धि और विकास को बढ़ावा देना है.

अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन ने भारत रोजगार रिपोर्ट 2024 जारी की

अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO)  ने मानव विकास संस्थान द्वारा (IHD) के साथ मिलकर भारत रोजगार रिपोर्ट (India Employment Report) 2024 जारी की है.

भारत रोजगार रिपोर्ट 2024: मुख्य बिन्दु

  • ILO की रिपोर्ट के मुताबिक देश के कुल बेरोजगार युवाओं में पढ़े-लिखे बेरोजगारों की संख्या भी 2000 के मुकाबले दोगुनी हुई है.
  • 2000 में पढ़े-लिखे युवा बेरोजगारों की संख्या कुल युवा बेरोजगारों में 35.2% थी. 2022 में ये बढ़कर 65.7% हो गई है. इसमें उन्हें पढ़े-लिखे युवाओं को शामिल किया गया है, जिन्होंने कम से कम 10वीं तक की पढ़ाई पूरी की है.
  • रिपोर्ट के अनुसार देश में लोगों का वेतन ज्यादातर एक जैसा रहा है, या ये घटा है. रिपोर्ट में भारत के युवाओं में बुनियादी डिजिटल लिटरेसी की कमी के बारे में बताया गया है. इस वजह से उनकी रोजगार की क्षमता में रुकावट आ रही है.
  • भारत की महिला श्रमबल भागीदारी दर 2022 में 32.8% के साथ दुनिया में सबसे कम बनी हुई है, जो पुरुषों की तुलना में 2.3 गुना कम है

खाद्य अपशिष्ट सूचकांक रिपोर्ट: 1 बिलियन टन भोजन हर दिन नष्ट

संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) की खाद्य अपशिष्ट सूचकांक रिपोर्ट (Food Waste Index Report) 2024, 27 मार्च को जारी की गई थी. इस रिपोर्ट के अनुसार दुनियाभर में लगभग 1 अरब (1 बिलियन) टन भोजन हर दिन नष्ट हो जाता है. भारत में हर वर्ष 8 करोड टन भोजन बर्बाद हो रहा है.

खाद्य अपशिष्ट सूचकांक रिपोर्ट 2024: मुख्य बिन्दु

  • रिपोर्ट के अनुसार 2022 में दुनियाभर के सभी परिवारों ने प्रतिदिन 1.05 अरब टन भोजन की बर्बादी की, जो प्रति व्यक्ति 132 किलोग्राम और उपभोक्ताओं के लिए उपलब्ध कुल भोजन का लगभग पांचवां हिस्सा था.
  • भोजन की यह बर्बादी तब हुई जबकि 78.3 करोड़ लोग दुनियाभर में भूख से जूझ रहे थे और एक तिहाई मनुष्य खाद्य असुरक्षा का सामना कर रहे थे.
  • वर्ष 2022 में खाने की हुई कुल बर्बादी में से 60 प्रतिशत घरेलू स्तर पर हुआ, जबकि 28 प्रतिशत के लिए फूड सर्विसेज और 12 प्रतिशत के लिए रिटेल जिम्मेदार था.
  • खाने की बर्बादी केवल धनी देशों की समस्या नहीं है. उच्च, उच्च मध्यम और निम्न मध्यम आय वाले देशों के बीच घरेलू स्तर पर खाने की बर्बादी के औसत स्तर में प्रति व्यक्ति केवल सात किलोग्राम का अंतर है.
  • शहरी क्षेत्रों की तुलना में ग्रामीण क्षेत्र में भोजन की बर्बादी कम होती है. इसका कारण यह हो सकता है कि गांवों में बचा हुआ भोजन मवेशियों को खिला दिया जाता है और उर्वरक के रूप में भी इसका उपयोग किया जाता है.
  • हालिया आंकड़ों के अनुसार, भोजन का कचरा वार्षिक वैश्विक ग्रीनहाउस गैस (जीएचजी) उत्सर्जन में आठ से दस प्रतिशत का योगदान देता है- जो विमानन क्षेत्र का लगभग पांच गुना है.
  • इतना ही नहीं, दुनिया की लगभग एक तिहाई कृषि भूमि के बराबर की भूमि खाद्य अपशिष्ट से पट गयी है, जिस कारण महत्वपूर्ण जैव विविधता का नुकसान हुआ है.
  • 2022 में भोजन की बर्बादी और उसके अपशिष्ट के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था को लगभग एक ट्रिलियन डॉलर का नुकसान हुआ है.

भारत टीबी रिपोर्ट जारी: टीबी के मामलों में 16% की गिरावट

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 27 मार्च 2024 को ‘भारत टीबी रिपोर्ट’ (India TB Report) 2023 जारी की थी. इस रिपोर्ट के अनुसार भारत में टीबी मरीजों की संख्या दिन पर दिन कम होती जा रही है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय प्रत्येक वर्ष भारत टीबी रिपोर्ट प्रकाशित करता है.

टीबी रिपोर्ट: मुख्य बिन्दु

  • रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 2015 से 2022 तक टीबी (तपेदिक) के मामलों में 16% की गिरावट देखी गई, जो वैश्विक गिरावट 9% से अधिक है.
  • 2015 में 100,000 जनसंख्या में टीवी के मामलों की संख्या 237 थी. जो 2022 में 199 हो गई थी. वहीं मृत्यु दर 2015 के मुकाबले में 2022 में प्रति लाख 23 हो गई थी.
  • टीबी की गिरावट में सबसे ज्यादा उछाल उत्तर प्रदेश और बिहार राज्य में देखा गया है. 2023 में अधिसूचित कुल टीबी मामलों में से 60.7% पुरुष, 39.2% महिलाएं और 0.04% ट्रांसजेंडर थे.

भारत में टीबी उन्मूलन का लक्ष्य

केंद्र सरकार ने वर्ष 2025 तक भारत से टीबी उन्मूलन का लक्ष्य रखा है. टीबी उन्मूलन को लेकर राष्ट्रीय रणनीतिक योजना (एनएसपी) 2017-25 में तेजी से टीबी की बीमारी को कम करने की दिशा में काम करने का निर्णय लिया था.

तपेदिक (टीबी): एक दृष्टि

  • क्षय रोग या तपेदिक (टीबी) माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस नामक बैक्टीरिया के कारण होने वाला एक संक्रामक रोग है. यह मुख्य रूप से फेफड़ों को प्रभावित करता है, लेकिन शरीर के अन्य भागों को भी प्रभावित कर सकता है.
  • टीबी हवा के माध्यम से फैलता है जब कोई संक्रमित व्यक्ति खांसता, छींकता या बोलता है. इसके सामान्य लक्षणों में लगातार खांसी, बुखार, रात में पसीना आना और वजन कम होना शामिल हैं.

विश्व मौसम विज्ञान संगठन वैश्विक जलवायु रिपोर्ट 2023 जारी की

विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) ने 19 मार्च को अपनी वैश्विक जलवायु रिपोर्ट 2023 जारी की थी. इस रिपोर्ट में वर्ष 2023 को अब तक का सबसे गर्म वर्ष बताया गया है.

WMO रिपोर्ट 2023: मुख्य बिन्दु

  • रिपोर्ट में विभिन्न जलवायु संकेतकों में खतरनाक रुझानों पर प्रकाश डाला गया है, जिसमें रिकॉर्ड तोड़ ग्रीनहाउस गैस स्तर, सतह का तापमान, महासागर की गर्मी और अम्लता, समुद्र का जल स्तर बढ़ना, अंटार्कटिक समुद्री बर्फ का आवरण और ग्लेशियर का पीछे हटना शामिल है.
  • लू, बाढ़, सूखा, जंगल की आग और तीव्र उष्णकटिबंधीय चक्रवातों ने लाखों लोगों के रोजमर्रा के जीवन में गंभीर व्यवधान पैदा किया और इसके परिणामस्वरूप अरबों डॉलर का आर्थिक नुकसान हुआ.
  • वर्ष 2023 अब तक का सबसे गर्म वर्ष रहा. 2023 के अंत तक, 90% से अधिक महासागर ने वर्ष के दौरान किसी समय लू की स्थिति का अनुभव किया था.
  • प्रारंभिक आंकड़ों से पता चला है कि दुनिया भर के ग्लेशियरों में 1950 के बाद से बर्फ की सबसे बड़ी क्षति हुई है, मुख्य रूप से पश्चिमी उत्तरी अमेरिका और यूरोप में गंभीर पिघलाव के कारण.
  • 2022 में, तीन मुख्य ग्रीनहाउस गैसों – कार्बन डाइऑक्साइड, मीथेन और नाइट्रस ऑक्साइड – का स्तर नई ऊंचाइयों पर पहुंच गया. यह प्रवृत्ति 2023 में भी जारी रही.
  • 2023 में, पृथ्वी की सतह पर औसत तापमान औद्योगीकरण से पहले 1850 से 1900 के औसत तापमान से 1.45 ± 0.12 डिग्री सेल्सियस अधिक था. यह 2023 को पिछले 174 वर्षों में दर्ज किया गया सबसे गर्म वर्ष बनाता है. 2014 से 2023 तक, औसत वैश्विक तापमान 1850 से 1900 के औसत तापमान से 1.20±0.12°C अधिक था.

विश्व प्रसन्नता रिपोर्ट 2024: भारत 126वें स्थान पर, फिनलैंड शीर्ष पर

विश्व प्रसन्नता रिपोर्ट 2024 (World Happiness Report 2024)  20 मार्च को जारी की गयी थी. रिपोर्ट में विभिन्न पैमानों के आधार पर 143 देशों को रैंकिंग दी गई है. भारत इस रैंकिंग में26वें स्थान पर है. प्रति वर्ष 20 मार्च को मनाए जाने वाले अंतराष्ट्रीय खुशहाली दिवस के मौके पर इस रिपोर्ट को प्रकाशित किया जाता है.

मुख्य बिंदु

  • पिछले वर्ष की तरह ही नॉर्डिक देश इस साल भी खुशहाली सूची में शीर्ष पर बने हुए हैं. नॉर्डिक देशों में स्वीडन, नॉर्वे, फिनलैंड, डेनमार्क और आइसलैंड आदि शामिल हैं.
  • फिनलैंड ने लगातार सातवीं बार पहला स्थान हासिल किया है. डेनमार्क और आइसलैंड ने पिछले साल की तरह ही सूची में क्रमश: दूसरा और तीसरा स्थान हासिल किया है. स्वीडन चौथे नंबर पर है.
  • अफगानिस्तान इस साल भी सूची में सबसे निचले स्थान पर है.  इससे ऊपर लेबनान, लेसोथो, सियेरा लियोन और कोंगो जैसे देशों का नंबर हैं.
  • सूची में शीर्ष पांच देश यूरोप से हैं. इस सूची में अमरीका 16वें स्थान पर है. लक्जमबर्ग, नॉर्वे, इस्राइल और न्यूजीलैंड शीर्ष 10 देशों में शामिल हैं.
  • भारत के पड़ोसी देशों में चीन जहां इस सूची में 60वें नंबर पर है, वहीं नेपाल 93वें स्थान पर है. पाकिस्तान का नंबर 108वां है तो म्यांमार का 118वां. पड़ोसियों में श्रीलंका 128 और बांग्लादेश 129 रैंकिंग के साथ ही भारत से पिछड़े हैं.
  • विश्व खुशहाली रिपोर्ट में सामाजिक सहयोग, आय, स्वास्थ्य, स्वतंत्रता, उदारता और भ्रष्टाचार मुक्त वातावरण जैसे कारकों के आधार पर विश्व भर के 140 से अधिक दशों का आकलन कर रैंकिंग तैयार की जाती है.

संयुक्त राष्ट्र मानव विकास सूचकांक: भारत 134वें, नॉर्वे शीर्ष स्थान पर

वर्ष 2022 के लिए संयुक्त राष्ट्र मानव विकास सूचकांक (HDI) 14 मार्च 2024 को जारी की गई थी. इस सूचकांक में भारत की रैंकिंग में पिछले साल के मुकाबले 1 पायदान का सुधार आया है. भारत 193 देशों की सूची में 134वें पायदान पर रहा है.

HDI रिपोर्ट 2022: मुख्य बिन्दु

  • वर्ष 2021 के HDI में कुल 193 देशों में भारत की स्थिति 135 थी जो अब वर्ष 2022 के HDI में 134 हो गई है. 2022 के HDI में नॉर्वे, आयरलैंड, और स्विट्ज़रलैंड शीर्ष पर रहे.
  • 2022 की रैंकिंग में, भारत के सभी HDI संकेतकों में सुधार देखा गया है. जीवन प्रत्याशा 67.2 से बढ़कर 67.7 वर्ष हो गई.
  • 2022 की रैंकिंग में, स्कूली शिक्षा के अपेक्षित वर्ष 12.6 तक पहुंच गए, जबकि स्कूली शिक्षा के औसत वर्ष बढ़कर 6.57 हो गए.
  • प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय 6,542 अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 6,951 अमेरिकी डॉलर हो गई. भारतीय करेंसी में यह राशि लगभग 5.75 लाख रुपये होती है.
  • भारत लैंगिक असमानता सूचकांक (GII) 2022 में 0.437 मान के साथ 108वें स्थान पर रहा. यह वैश्विक और दक्षिण एशियाई औसत से बेहतर है. GII-2021 में 0.490 मान के साथ 191 देशों में इसकी रैंक 122 थी.
  • देश की श्रम बल भागीदारी दर में सबसे बड़ा लैंगिक अंतर भी सामने आया है. महिलाओं (28.3 प्रतिशत) और पुरुषों (76.1 प्रतिशत) के बीच 47.8 प्रतिशत का बड़ा अंतर देखा गया.

मानव विकास सूचकांक (HDI): एक दृष्टि

  • मानव विकास सूचकांक (HDI) रिपोर्ट संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) द्वारा प्रकाशित की जाती है. इस सूचकांक का उपयोग देशों को मानव विकास के आधार पर आंकने के लिए किया जाता है. यह जीवन प्रत्याशा, शिक्षा(स्कूली शिक्षा के पूरे वर्ष और स्कूली शिक्षा के अपेक्षित वर्ष), और प्रति व्यक्ति आय संकेतकों का एक समग्र आंकड़ा है.
  • कोई देश उच्च स्तर का HDI स्कोर करता है जब जीवनकाल, शिक्षा का स्तर, और प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय अधिक होती है.
  • पहला मानव विकास सूचकांक 1990 में भारतीय नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन और पाकिस्तानी अर्थशास्त्री महबूब उल हक के सहयोग से जारी किया गया था. तब से प्रत्येक वर्ष संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) द्वारा इसे जारी किया जाता है.

SIPRI 2024 रिपोर्ट: भारत दुनिया का सबसे बड़ा हथियार आयातक देश

स्वीडन की स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI)  ने वैश्विक हथियारों की खरीद से संबंधित एक रिपोर्ट 11 मार्च 2024 को जारी किए थे. इस रिपोर्ट के अनुसार, भारत पिछले 5 वर्षों (2019-2023) में दुनिया का सबसे बड़ा हथियार आयातक देश रहा है.

SIPRI रिपोर्ट 2024: मुख्य बिन्दु

  • यूरोप का हथियार आयात 2014-2018 की तुलना में 2019-2023 में दोगुना हो गया. इसका सबसे बड़ा कारण रूस और यूक्रेन की जंग को माना जा रहा है.
  • 2019-2023 की अवधि में अमेरिका का हथियारों का निर्यात भी 17 फीसदी बढ़ गया है. हालांकि रूस जो कि हथियारों के निर्यात में परंपरागत रूप से बड़ा देश माना जाता रहा है, उसके निर्यात में बड़ी गिरावट हुई है. रूस हथियार बेचने के मामले में अमेरिका और फ्रांस के बाद तीसरे स्थान पर पहुंच गया है.
  • फ्रांस का हथियार निर्यात 2014-18 और 2019-23 के बीच 47 फीसदी बढ़ा है. फ्रांस के हथियार का सबसे बड़ा खरीदार भारत रहा है, जो फ्रांस के कुल निर्यात का करीब 30 फीसदी रहा.
  • रूस जब से यूक्रेन के साथ जंग में उलझा, तभी से हथियारों का निर्यात कम हो गया. रूस का हथियार निर्यात 2014-18 और 2019-23 के बीच 53 फीसदी तक गिर गया है. रूस के हथियारों में 34 फीसदी भारत ने खरीदे.
  • भारत दुनिया का सबसे बड़ा हथियार आयातक है. 2014-18 और 2019-23 के बीच भारत का हथियार आयात 4.7 फीसदी बढ़ा. 2019-2023 की अवधि के दौरान कुल वैश्विक हथियार आयात में भारत की हिस्सेदारी 9.8 प्रतिशत थी.
  • दुनिया का शीर्ष हथियार आयातक बने रहने के बावजूद, 2013-17 और 2018-22 के बीच भारत के आयात में 11 प्रतिशत की गिरावट आई है. इस गिरावट का मुख्य कारण स्थानीय डिजाइनों से बदलने के प्रयासों को माना गया.
  • भारत ने सबसे ज्यादा हथियार रूस से खरीदे. भारत के कुल हथियार आयात का यह 36 फीसदी रहा. 1960-64 के सोवियत समय के बाद यह पहली बार है जब भारत के हथियार आयात में रूस की हिस्सेदारी 50 फीसदी से कम है.
  • रिपोर्टके अनुसार पाकिस्तान के हथियार खरीदने में 43 फीसदी की बढ़ोतरी हुई. 2019-23 में पाकिस्तान दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा हथियार आयातक रहा. सबसे ज्यादा 82 फीसदी हथियार पाकिस्तान ने चीन से खरीदे.
  • दुनिया में हथियारों के सबसे बड़े खरीदार: भारत (9.8%), सऊदी अरब (8.4%), कतर (7.6%), यूक्रेन (4.9%), पाकिस्तान (4.3%), जापान (4.1%), मिस्र (4.0 %), ऑस्ट्रेलिया (3.7%), दक्षिण कोरिया (3.1%) और चीन (2.9%).

हेनले पासपोर्ट इंडेक्‍स 2023: भारत 80वें स्थान पर, सिंगापुर शीर्ष स्थान पर

हेनले पासपोर्ट इंडेक्‍स (Henley Passport Index) 2023 रिपोर्ट हाल ही में जारी की गयी थी. 199 देशों की इस पासपोर्ट रैंकिंग रिपोर्ट में भारत 80वें स्थान पर है. भारत की रैंकिंग में पिछले रैंकिंग रिपोर्ट से 3 स्थान का सूधार हुआ है. इस सूचकांक में सिंगापुर शीर्ष स्थान पर है.

दूसरे स्थान पर संयुक्त रूप से जर्मनी, इटली और स्पेन है. जापान, साउथ कोरिया, ऑस्ट्रिया, फिनलैंड, फ्रांस, लक्समबर्ग और स्वीडन ने संयुक्त रूप से तीसरे स्थान पर रहे.

हेनले पासपोर्ट रैंकिंग क्या है?

  • हेनले पासपोर्ट रैंकिंग को इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (IATA) के आंकड़ों के आधार पर हेनले एंड पार्टनर्स द्वारा जारी किया जाता है.
  • यह रैंकिंग देशों के पासपोर्ट की ताकत पर निर्भर करती है. इस रैंकिंग में स्कोर का मतलब है कि कितने देशों में उस पासपोर्ट के जरिए वीजा मुक्त या वीजा आन-अराइवल प्रवेश मिल सकता है.
  • जिस देश के पासपोर्ट के जरिए बगैर वीजा या वीजा ऑन अराइवल सबसे अधिक देशों में आने-जाने की छूट होती है, उसकी रैंकिंग सबसे अच्छी होती है.

भारत के पासपोर्ट पर 62 देशों में बिना वीजा यात्रा

रैंकिंग में भारत 80वें स्थान पर है. भारतीय पासपोर्ट धारक भूटान, कंबोडिया, इंडोनेशिया, मकाऊ, मालदीव, म्यांमार, नेपाल, श्रीलंका, थाईलैंड, केन्या, मॉरिशस, सेशेल्स, जिम्बॉब्वे, यूगांडा, ईरान और कतर सहित 62 देशों में बिना वीजा के यात्रा कर सकते हैं.

हेनले पासपोर्ट इंडेक्‍स 2023: एक दृष्टि

  • हेनले पासपोर्ट इंडेक्‍स में सिंगापुर शीर्ष स्थान पर  हैं. इस देश के नागरिक वीजा के बिना ही 192 देशों की यात्रा कर सकते हैं.
  • इस रैंकिंग में दूसरे स्थान पर संयुक्त रूप से जर्मनी, इटली और स्पेन हैं. इन देशों के पासपोर्टधारक 190 देशों में वीजा के बिना यात्रा कर सकते हैं.
  • अमेरिका इस रैंकिंग में 8वें स्थान पर है. अमेरिका के पासपोर्टधारक को 184 देशों की यात्रा बिना वीजा के कर सकते है.
  • पड़ोसी देश चीन के पासपोर्ट का रैंकिंग में 63वां स्थान है. चीन के पासपोर्ट का 80 देशों में वीजा फ्री एक्सेस है और पाकिस्तान का पासपोर्ट जो 100वें स्थान पर है, उसका 33 देशों में वीजा फ्री एक्सेस है.
  • इस रैंकिंग में अफगानिस्तान, इराक और सीरिया सबसे खराब पासपोर्ट वाले देश बने हुए. अफगानिस्तान अंतिम 103वें स्थान पर है.

भारत ने वैश्विक नवाचार सूचकांक 2023 में 40वां स्‍थान बरकरार रखा

विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (WIPO) ने हाल ही में वैश्विक नवाचार सूचकांक (GII) 2023 प्रकाशित किया था. इस सूचकांक में भारत 132 देशों में 40वें स्थान पर है. भारत वर्ष 2022 के सूचकांक में भी 40वें स्थान पर था.

भारत, वैश्विक नवाचार सूचकांक 2015 में 81वें स्थान पर था. पिछले सात वर्षों में भारत की रैंकिंग में 41 स्थान का सुधार हुआ है.

वैश्विक नवाचार सूचकांक 2023: मुख्य बिन्दु

  • इस सूचकांक में स्विट्जरलैंड लगातार 13वें वर्ष पहले स्थान पर कायम है. इसके बाद स्वीडन, संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम और सिंगापुर का स्थान है.
  • WIPO (World Intellectual Property Organization) सेवाओं, नीति, सूचना और सहयोग के लिये वैश्विक मंच है. यह संयुक्त राष्ट्र की एक स्व-वित्तपोषित एजेंसी है, जिसके 193 सदस्य देश हैं.
  • इसका उद्देश्य एक संतुलित और प्रभावी अंतर्राष्ट्रीय IP प्रणाली के विकास का नेतृत्व करना है जो सभी के लाभ के लिये नवाचार एवं रचनात्मकता को सक्षम बनाता है.

वैश्विक नवाचार सूचकांक (GII): एक दृष्टि

  • वैश्विक नवाचार सूचकांक (Global Innovation Index) प्रति वर्ष की जाने वाली एक रैंकिंग है जो विश्व के विभिन्न देशों में नवाचार (Innovation) की क्षमता को इंगित करती है.
  • सूचकांक की गणना के मानकों में संस्थान, मानव पूंजी और अनुसंधान, आधारभूत ढाँचे, बाज़ार संरचना, व्यापार संरचना, ज्ञान तथा प्रौद्योगिकी आउटपुट शामिल हैं.

मोर्गन स्टेनली ने भारतीय बाजार को ओवरवेट श्रेणी में रखा

विश्व की दो दिग्गज आर्थिक शोध व बाजार पर नजर रखने वाली एजेंसियां स्टैंडर्ड एंड पुअर्स (S&P) और मोर्गन स्टेनली ने 3 अगस्त को भारत के सकारात्मक आर्थिक क्षमताओं पर एक रिपोर्ट जारी की थी.

मुख्य बिन्दु

  • मोर्गन स्टेनली की तरफ से जारी रिपोर्ट में भारतीय पूंजी बाजार को ‘ओवरवेट’ की श्रेणी में रखा गया है जिसका मतलब यह हुआ कि भारत की इकोनॉमी अपनी श्रेणी के दूसरे देशों से बेहतर करेगी. इसी रिपोर्ट में चीन का दर्जा घटा दिया गया है.
  • उक्त दोनों रिपोर्टों के पहले विश्व बैंक, एडीबी और कई दूसरी निजी वैश्विक एजेंसियों की रिपोर्टों में इस बात का जिक्र किया गया है कि भारत वर्ष 2023-24 और इसके बाद दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती हुई इकोनॉमी बना रहेगा.
  • आरबीआई की तरफ से हाल ही में जारी एक रिपोर्ट कहती है कि अगर भारत अगले 25 वर्षों तक सात फीसद की आर्थिक विकास दर लगातार हासिल करे तो वह वर्ष 2047 तक विकसित राष्ट्रों की श्रेणी में शामिल हो सकता है.
  • मोर्गन स्टेनली की रिपोर्ट के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष भारत की आर्थिक विकास दर 6.2 फीसद रहेगी.

S&P की नई ‘लुक फारवर्ड: इंडियाज मूवमेंट’ रिपोर्ट

  • S&P की नई ‘लुक फारवर्ड: इंडियाज मूवमेंट’ रिपोर्ट में के मुताबिक, भारत ने कोविड महामारी के काल से काफी बेहतर तरीके से बाहर निकलने का हुनर दिखाया है.
  • वर्ष 2024 से वर्ष 2031 के बीच भारत की औसत आर्थिक विकास दर 6.7 फीसद रहेगी और इसकी वजह से भारत वर्ष मौजूदा 3.4 अरब डॉलर से बढ़कर 6.7 अरब डॉलर की इकोनॉमी बन जाएगी. साथ ही प्रति व्यक्ति आय भी 4500 डॉलर प्रति व्यक्ति हो जाएगी.
  • ऊर्जा के बारे में बताया गया है कि वर्ष 2050 तक भारत की ऊर्जा मांग दो गुनी बढ़ जाएगी. इसके लिए भारत को अपने पारंपरिक और गैर-पारंपरिक ऊर्जा क्षेत्रों के बीच बेहतर तालेमल करना होगा.