तीनों सेनाओं का पहला सम्मेलन ‘परिवर्तन चिंतन’ (Parivartan Chintan) 8 अप्रैल को नई दिल्ली में आयोजित किया गया था. इस सम्मेलन का आयोजन केंद्रीय रक्षा मंत्रालय द्वारा किया गया था. सम्मेलन की अध्यक्षता रक्षा प्रमुख (CDS) जनरल अनिल चौहान ने की थी.
मुख्य बिन्दु
भारतीय सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे, भारतीय वायु सेना प्रमुख एयर मार्शल विवेक राम चौधरी और भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल आर. हरि कुमार ने हिस्सा लिया.
सम्मेलन का उद्देश्य सशस्त्र बलों के बीच संयुक्तता और एकीकरण प्रयासों को आगे बढ़ाने के लिए नए विचार, पहल और सुधार की दिशा में काम करना था. सम्मेलन का उद्देश्य सशस्त्र बलों में परिवर्तनकारी परिवर्तनों को आगे बढ़ाना, भविष्य के युद्धों के लिए तैयार रहने की उनकी तत्परता को मजबूत करना और त्रि-सेवा, बहु-डोमेन संचालन को सक्षम करना है.
सम्मेलन में सेना के तीन अंगों के बीच तालमेल बढाने और एकीकरण से संबंधित सुधार, पहल और नए विचारों पर विचार-विमर्श हुआ.
सम्मेलन का उद्देश्य सशस्त्र बलों के बीच संयुक्तता और एकीकरण प्रयासों को आगे बढ़ाने के लिए नए विचार, पहल और सुधार की दिशा में काम करना था.
देश में सशस्त्र बलों के तीनों सेनाओं को मिलाकर एक एकीकृत थिएटर कमांड (Integrated Theatre Commands) स्थापित करने पर चर्चा हुई.
भारत में, तीनों सेनाओं के लिए कुल 17 कमांड बनाए गए हैं. इनमें से 7-7 कमांड थल सेना और वायु सेना के हैं, जबकि 3 नौसेना के कमांड हैं. अंडमान और निकोबार कमांड (एएनसी) और स्ट्रैटेजिक फोर्सेज कमांड (एसएफसी), भारत में मौजूद दो एकीकृत कमांड हैं.
एकीकृत थिएटर कमांड लागू होने के बाद, हर कमांड में तीनों सेनाओं के लिए एक ही कमांडर होगा. यह कमांडर, सभी संसाधनों के लिए निर्णय लेने में सक्षम होगा.
भारत में एक एकीकृत त्रि-सेवा कमांड स्थापित करने की सिफारिश की थीडीबी शेकतकर समिति ने की थी. लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) डीबी शेकतकर समिति का गठन 2015 में केंद्रीय रक्षा मंत्रालय द्वारा की गई थी.
दुनिया के कई देशों, जैसे संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन आदि में थिएटर कमान हैं. अमेरिका थिएटर कमांड सिस्टम के साथ आने वाला पहला देश था. वर्तमान में उसके पास छह भौगोलिक और चार कार्यात्मक कमांड हैं.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2024-04-09 09:56:292024-04-09 09:56:29तीनों सेनाओं का पहला सम्मेलन ‘परिवर्तन चिंतन’ दिल्ली में आयोजित किया गया
विश्व व्यापार संगठन (WTO) का 13वां मंत्रिस्तरीय सम्मेलन 26 फरवरी से 1 मार्च तक अबू धाबी, संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में आयोजित किया गया था. सम्मेलन की अध्यक्षता UAE के विदेश व्यापार राज्य मंत्री डॉ. थानी बिन अहमद अल ज़ायद ने की थी.
मुख्य बिन्दु
भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल ने किया था.
विकासशील देशों का गठबंधन जी-33, जिसमें भारत एक प्रमुख सदस्य है, ने विकासशील देशों के सामने आने वाली खाद्य सुरक्षा चुनौतियों के बारे में चिंता व्यक्त की.
जी-33 ने खाद्य और कृषि संगठन के वर्ष 2030 तक लगभग 600 मिलियन लोगों के दीर्घकालिक भूख का सामना करने के अनुमान का हवाला देते हुए कार्यवाही की तात्कालिकता पर जोर दिया.
जी-33 समूह ने विकासशील देशों के लिए आयात वृद्धि और कीमतों में गिरावट से खुद को बचाने के लिए विशेष सुरक्षा तंत्र के महत्व पर भी जोर दिया.
WTO के इस सम्मेलन में कोमोरास और तिमोर-लेस्ते को संगठन का सदस्य बनाया गया. कोमोरोस और तिमोर-लेस्ते, 2016 के बाद से WTO में शामिल होने वाले पहले देश हैं.
सम्मेलन में WTO के भविष्य को लेकर चर्चा हुई सतत विकास और औद्योगिकीकरण के लिए नीतिगत मामलों पर बल दिया गया.
भारत ने बहुमुखी व्यापार व्यवस्था को गुटों में नहीं बांटने की सलाह दी ताकि WTO व्यापारिक विषयों पर ध्यान केंद्रित कर सके.
भारत ने WTO के समझौतों में लचीलेपन पर बल दिया है, जिससे विकासशील देशों की आवश्यकताओं तथा समस्याओं पर भी ध्यान केंद्रित किया जा सके. भारत ने WTO में चीन के नेतृत्व वाले निवेश सुविधा प्रस्ताव का विरोध किया.
ब्राजील ने WTO से विकासशील देशों को आवश्यक प्रौद्योगिकी हस्तांतरण की सुविधा प्रदान करने की तत्काल आवश्यकता पर बल दिया.
भारत और अन्य विकासशील देशों की मांग को दोहराते हुए ब्राजील के विदेश मंत्री माउरो विएरा ने सतत विकास लक्ष्यों को पूरा करने और असमानता, गरीबी और भुखमरी जैसी गंभीर वैश्विक चुनौतियों के समाधान के महत्व को रेखांकित किया.
वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने नियम-आधारित वैश्विक व्यापार व्यवस्था बनाए रखने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम के तौर पर अपीलीय निकाय की बहाली पर ज़ोर दिया जो दिसंबर 2019 से निष्क्रिय है.
न्यूजीलैंड के व्यापार मंत्री टॉड मैक्कले ने सार्वजनिक भंडारण पर भारत के रुख का पुरजोर समर्थन किया. श्री मैक्कले इस 13वें मंत्रिस्तरीय सम्मेलन के उपाध्यक्ष भी हैं. उन्होंने कहा कि भारत और अन्य विकासशील देशों की सार्वजनिक भंडारण संबंधी चिंताएं दूर करना महत्वपूर्ण है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2024-03-02 10:09:422024-03-05 17:41:43WTO का 13वां मंत्रिस्तरीय सम्मेलन अबू धाबी में आयोजित किया गया
नई दिल्ली के भारत मंडपम में 26-29 फ़रवरी तक ‘भारत टेक्स (Bharat Tex) 2024’ का आयोजन किया गया था. इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था.
मुख्य बिन्दु
यह कार्यक्रम कपड़ा क्षेत्र में देश का अब तक का सबसे बड़ा वैश्विक आयोजन था जिसमें एक सौ से अधिक देशों ने हिस्सा लिया.
भारत टेक्स 2024 में विचार-विमर्श के 65 सत्र आयोजित हुए जिनमें कपड़ा क्षेत्र की विभिन्न चुनौतियों पर विचार-विमर्श किया गया.
प्रमुख नीति निर्माता, वैश्विक मुख्य कार्यकारी अधिकारी, वस्त्र प्रदर्शनी आयोजक और तीन हजार से अधिक खरीदारों बुनकरों, कारीगरों और कपड़ा क्षेत्र से जुड़े कामगारों के अलावा 40 हजार से अधिक व्यापारियों के भाग लिया.
इस आयोजन से कपड़ा क्षेत्र में भारत की क्षमता पूरे विश्व के समक्ष दर्शायी गई.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2024-02-29 09:54:582024-03-04 09:56:58नई दिल्ली में भारत टेक्स 2024 का आयोजन किया गया
साल 2024 का म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन, 16 से 18 फ़रवरी तक म्यूनिख के होटल बेयरिशर हॉफ़ में आयोजित किया गया था. इस सम्मेलन में, यूक्रेन संकट और फिलिस्तीन-इज़रायल संघर्ष जैसी कई वैश्विक सुरक्षा चुनौतियों पर चर्चा की गई.
विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर की जर्मनी यात्रा
60वें म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन में भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने भी हिस्सा लिया था. इस दौरान उन्होंने कई देशों के अपने विदेशी समकक्षों से मुलाकात की और द्विपक्षीय वार्ता की.
उन्होंने रूस-यूक्रेन युद्ध, इज़रायल-हमास युद्ध जैसे मुद्दों पर दुनिया के सामने अपना पक्ष रखा. ‘ग्रोइंग द पाई: सीजिंग शेयर्ड अपॉर्चुनिटीज’ विषय पर एक पैनल चर्चा को भी संबोधित किया.
जयशंकर ने सम्मेलन से इतर सऊदी अरब के अपने समकक्ष फ़ैसल बिन फ़रह़ान अल-सऊद और कनाडाई समकक्ष मेलानी जोली से भी बातचीत की.
उन्होंने इज़रायल-फ़िलिस्तीन संघर्ष को लेकर एक बार फिर से द्वि-राष्ट्र समाधान की पैरवी की. उन्होंने फलस्तीनी विदेश मंत्री रियाद अल मलिकी से भी मुलाकात की और युद्धग्रस्त गाज़ा की मौजूदा स्थिति पर चर्चा की.
विदेश मंत्री जयशंकर ने अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से मुलाकात की. उनकी बातचीत पश्चिम एशिया, यूक्रेन और हिन्द-प्रशांत की स्थिति पर केंद्रित थी.
म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन (MSC): एक दृष्टि
म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन (Munich Security Conference) एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन है. यह 1963 से प्रत्येक वर्ष म्यूनिख, बवेरिया, जर्मनी में आयोजित किया जाता है.
इसका आदर्श वाक्य है: संवाद के माध्यम से शांति. यह अपनी तरह की दुनिया की सबसे बड़ी सभा है.
इस सम्मेलन का उद्देश्य अहम सुरक्षा और विदेशी मामलों पर चर्चा करना और उनके समाधान ढूंढना है.
इसमें राजनीतिक नेता, नीति निर्माता, सैन्य अधिकारी, विशेषज्ञ, और नागरिक समाज के प्रतिनिधि शामिल होते हैं.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2024-02-19 18:24:262024-02-23 18:30:11जर्मनी में 60वां म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन आयोजित किया गया
7वां हिंद महासागर सम्मेलन (7th Indian Ocean Conference) 9-10 फ़रवरी, 2024 को ऑस्ट्रेलिया के पर्थ में आयोजित किया गया था. सम्मेलन का विषय था- स्थाई और सतत हिंद महासागर की ओर.
मुख्य बिन्दु
इस सम्मेलन में विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर, श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे, ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री पेनी वोंग, और सिंगापुर के विदेश मामलों के मंत्री डॉ. विवियन बालाकृष्णन ने हिस्सा लिया.
विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर 9 फ़रवरी को 7वें IOC सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया था. अपने संबोधन में उन्होंने समुद्री यातायात, समुद्री डकैती और आतंकवाद पर मुख्य रूप से जोर दिया.
हिंद महासागर सम्मेलन, हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) के देशों के लिए विचार-विमर्श का मुख्य मंच है. इसका मुख्य उद्देश्य क्षेत्रीय सहयोग की संभावनाओं पर विचार-विमर्श करना है.
IOR वैश्विक आबादी का 64% और वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का 60% हिस्सा साझा करता है.
सम्मेलन का पहला संस्करण 2016 में सिंगापुर में आयोजित किया गया था. IOC का छठा संस्करण 2023 में ढाका, बांग्लादेश में आयोजित किया गया था.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2024-02-12 19:31:212024-02-19 20:00:13सातवां हिंद महासागर सम्मेलन ऑस्ट्रेलिया में आयोजित किया गया
2 फ़रवरी को विश्व आर्द्र भूमि दिवस (World Wetlands Day) के दिन इंदौर में अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया था. इसका आयोजन इंदौर की रामसर साइट सिरपुर तालाब पर किया गया था.
इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और रामसर कन्वेंशन की महासचिव डॉक्टर मसुन्डा मुम्बा ने भी हिस्सा लिया.
मुख्य बिन्दु
इस कार्यक्रम का आयोजन केन्द्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, मध्यप्रदेश राज्य वेटलैण्ड प्राधिकरण और नगर पालिक निगम, इन्दौर के संयुक्त सहयोग से किया गया था.
कार्यक्रम में देश के सभी राज्यों के अधिकारी, वैज्ञानिक तथा देश की 80 रामसर साइट्स के प्रबंधक सहित 200 से अधिक विशेषज्ञ ने भाग लिया.
मध्यप्रदेश में तालाबों की संख्या लगभग 15 हजार से अधिक है. राज्य शासन द्वारा किये जा रहे संरक्षण के प्रयासों से दो वर्षों में ही रामसर साइट्स की संख्या एक से बढ़कर चार हो गयी है.
आर्द्रभूमि क्या होता है?
आर्द्रभूमि (wetland) ऐसा भूभाग होता है जिसका बड़ा हिस्सा किसी जल से संतृप्त हो या उसमें डूबा रहे. आर्द्रभूमि के कई लाभ हैं. यह जल को प्रदूषण से मुक्त बनाती है. भारत में आर्द्रभूमि ठंडे और शुष्क इलाकों से लेकर मध्य भारत के कटिबंधीय मानसूनी इलाकों और दक्षिण के नमी वाले इलाकों तक फैली हुई है.
आर्द्रभूमि कार्बन के भंडारण और जलवायु परिवर्तन से जुड़े चरम मौसम की घटनाओं के प्रभाव को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं. वे बाढ़ को कम करती हैं, पीने के पानी की भरपाई करती हैं, कचरे को छानती हैं, शहरी हरे स्थान प्रदान करते हैं और आजीविका का स्रोत हैं.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2024-02-03 20:15:582024-02-14 20:30:55इंदौर में विश्व आर्द्र भूमि पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया
नई दिल्ली में 3 फ़रवरी को राष्ट्रमण्डल विधिक शिक्षा संघ से जुड़े महान्यायवादी और सॉलिसिटर जनरल सम्मेलन का आयोजन किया गया था. सम्मेलन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया था. सम्मेलन का विषय था- सीमापार न्याय उपलब्धता की चुनौतियां.
मुख्य बिन्दु
सम्मेलन में एशिया-प्रशांत, अफ्रीका, कैरेबियाई देशों के महान्यायवादी, सॉलिसिटर जनरल और अंतरराष्ट्रीय शिष्टमंडल ने भाग लिया.
इस सम्मेलन में न्यायिक प्रक्रिया में बदलाव, वकालत के नैतिक पहलू, कार्यपालिका की जवाबदेही और वर्तमान में विधिक शिक्षा की स्थिति पर चर्चा हुई.
सम्मेलन में विधिक शिक्षा की चुनौतियों से निपटने सीमा-पार न्याय की उपलब्धता के लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने पर एक विशेष सत्र रखा गया था.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2024-02-03 20:15:572024-02-14 20:47:08नई दिल्ली में राष्ट्रमण्डल विधिक शिक्षा संघ से जुड़े महान्यायवादी और सॉलिसिटर जनरल सम्मेलन
एशिया में अब तक के सबसे बडे उड्डयन प्रदर्शनी ‘विंग्स इंडिया-2024’ (WINGS INDIA 2024) का आयोजन 18 से 21 जनवरी तक का हैदराबाद के बेगमपेट हवाई अड्डे पर किया गया था. इसका शुभारंभ केंद्रीय नागरिक विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने किया था. विंग्स इंडिया-2024 की थीम था- अमृतकाल में भारत को विश्व के साथ जोडना.
इस द्विवार्षिक कार्यक्रम का आयोजन भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण ने नागरिक उड्डयन मंत्रालय और भारतीय उद्योग मंडल परिसंघ (फिक्की) के साथ किया था.
विंग्स इंडिया के दौरान नई पीढी के विमानों का प्रदर्शन के साथ-साथ सहयोगी उड़ान सेवाएं, सहायक उद्योग और पर्यटन क्षेत्र में की गई प्रगति दर्शायी गई.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2024-01-22 06:44:302024-02-09 07:32:48एशिया में सबसे बडे उड्डयन प्रदर्शनी विंग्स इंडिया-2024 का हैदराबाद में आयोजन
गुटनिरपेक्ष आंदोलन के सदस्य देशों का 19वां शिखर सम्मेलन (19th Summit of the Non-Aligned Movement) 19-20 जनवरी को युगांडा की राजधानी कंपाला में आयोजित किया गया था.
19वां गुट-निरपेक्ष शिखर सम्मेलन: मुख्य बिन्दु
इस सम्मेलन में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व विदेश मंत्री डॉ. सुब्रह्मणयम जयशंकर ने किया था. कंपाला पहुंचने पर डॉ. जयशंकर ने अंगोला के विदेश मंत्री एम्ब टेटे एंटोनियो से मुलाकात कर भारत और अंगोला के बीच तथा भारत-अफ्रीका सहयोग बढाने पर चर्चा की.
विदेश मंत्री डॉ. सुब्रह्मण्यम जयशंकर ने सम्मेलन में भारत का दृष्टिकोण रखते हुए अधिक क्षेत्रीय उत्पादन के साथ आर्थिक विकेंद्रीकरण पर जोर दिया.
श्री जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र में सुधार पर जोर देते हुए का बहुध्रुवीय विश्व का आह्वान किया.
सम्मेलन से पहले डॉ. जयशंकर ने मालदीव के विदेश मंत्री मूसा जमीर से भी मिले और भारतीय सैन्यकर्मियों को मालदीव से वापस बुलाये जाने पर चल रही उच्च स्तरीय वार्ता पर विचार-विमर्श किया.
उन्होंने मालदीव में जारी विकास परियोजनाओं को जल्द पूरा करने तथा सार्क और गुटनिरपेक्ष आंदोलन में परस्पर सहयोग पर भी बात की.
विदेश मंत्री ने कहा कि भारत ने जी-20 की अध्यक्षता के दौरान अफ्रीकी संघ को इस समूह की सदस्यता दिलाकर यह साबित किया कि परिवर्तन संभव है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2024-01-21 17:20:082024-02-06 17:34:11गुटनिरपेक्ष आंदोलन के सदस्य देशों का 19वां शिखर सम्मेलन कंपाला में आयोजित किया गया
विश्व आर्थिक मंच की वार्षिक बैठक (World Economic Forum Annual Meeting) 2024 स्विट्जरलैंड के दावोस में 15-19 जनवरी के बीच हुई थी.
मुख्य बिन्दु
इस बैठक में, 60 से ज़्यादा राष्ट्राध्यक्षों और सरकार के प्रमुखों समेत 300 से ज़्यादा सार्वजनिक हस्तियों ने हिस्सा लिया. इस बैठक का विषय था, “विश्वास का पुनर्निर्माण”.
इस बैठक में जलवायु परिवर्तन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डीप-फेक से जुडे खतरे, आर्थिक मुद्दे, वर्तमान वैश्विक राजनीति में सहयोग तथा अन्य समस्याओं पर चर्चा की गई. यूक्रेन युद्ध और इस्राइल-हमास युद्ध जैसे संघर्ष भी एजेंडा में शामिल थे.
केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, अश्विनी वैष्णव तथा हरदीप सिंह पुरी ने इस सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व किया.
अमरीका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने भारत की असाधारण सफलताओं की सराहना की है. बैठक को संबोधित करते हुए श्री ब्लिंकन ने भारत की जनता पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नीतियों और कार्यक्रमों के सकारात्मक प्रभावों का उल्लेख किया.
भारत ने इस बैठक में विश्व कल्याण और स्त्री-पुरूष समानता के लिए वैश्विक गठबंधन की घोषणा की. यह गठबंधन अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बडे पैमाने पर लाभ के लिए जी-20 नेताओं की प्रतिबद्धताओं को आगे बढ़ाएगा. इनमें बिजनेस-20, महिला-20 जैसे विभिन्न समूहों की प्रतिबद्धताएं शामिल होंगी.
विश्व आर्थिक मंच (WEF)
विश्व आर्थिक मंच (WEF) की वार्षिक बैठक, जनवरी के अंत में स्विट्जरलैंड के दावोस में आयोजित की जाती है. यह एक आमंत्रण-आधारित बैठक है. इसमें, इस मंच की 1,000 सदस्य कंपनियों के सीईओ, चुनिंदा राजनेता, शिक्षा जगत, गैर-सरकारी संगठन, और धार्मिक प्रतिनिधि शामिल होते हैं.
WEF एक स्वतंत्र और निष्पक्ष संगठन है. यह सार्वजनिक-निजी सहयोग के लिए काम करता है. इसके संस्थापक और कार्यकारी अध्यक्ष क्लॉस शवाब हैं.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2024-01-20 17:20:112024-02-06 17:31:46विश्व आर्थिक मंच की वार्षिक बैठक दावोस में आयोजित की गई
पुलिस महानिदेशकों और महानिरीक्षकों का अखिल भारतीय सम्मेलन (All India Conference of Directors General & Inspectors General of Police) 2024 जयपुर 5 से 7 जनवरी तक आयोजित किया गया था. सम्मेलन का आयोजन राजस्थान इटंरनेशनल सेंटर में किया गया था.
मुख्य बिन्दु
सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, गृह राज्य मंत्री, कैबिनेट सचिव और भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया था.
सम्मेलन में कुल आठ सत्रों का आयोजन हुआ था जिसमें साइबर अपराध, पुलिसिंग में प्रौद्योगिकी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, आतंकवाद रोधी चुनौतियां, वामपंथी उग्रवाद और जेल सुधार जैसे विभिन्न मुद्दों पर गहन चर्चा हुई.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2024-01-08 11:11:502024-01-23 11:17:44पुलिस महानिदेशकों का अखिल भारतीय सम्मेलन 2024 जयपुर में आयोजित किया गया
आठवीं हिन्द महासागर नौसेना संगोष्ठी (8th Indian Ocean Dialogue) 22 दिसम्बर को थाइलैंड के बैंकाक में सम्पन्न हुई थी. इसमें 27 सदस्य देशों और पर्यवेक्षकों देशों के नौसेना प्रमुखों तथा वरिष्ठ प्रतिनिधियों ने भाग लिया था.
मुख्य बिन्दु
इस सम्मेलन का आयोजन थाइलैंड की रॉयल थाई नेवी ने किया था. इसमें भारत के नौसेना प्रमुख एडमिरल आर. हरिकुमार ने तीन सदस्यीय नौसेना शिष्ट मंडल के साथ भाग लिया.
नौसेना प्रमुखों के सम्मेलन के दौरान थाइलैंड ने हिन्द महासागर नौसेना संगोष्ठी का प्रभार संभाला तथा अगले दो वर्ष के लिए कार्य योजना तय की.
इस दौरान भारत द्वारा डिजाइन किए गए ध्वज को हिन्द महासागर नौसेना संगोष्ठी का ध्वज चुना गया.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2023-12-23 18:13:122023-12-28 18:33:16आठवीं हिन्द महासागर नौसेना संगोष्ठी बैंकाक में सम्पन्न हुई