NTPC ने पर्यावरण अनुकूल हाइड्रोजन ईंधन आधारित बसों के परिचालन की योजना बनाई

सार्वजनिक क्षेत्र की बिजली कंपनी NTPC ने हाइड्रोजन ईंधन सेल से चलने वाली 10 इलेक्ट्रिक बसें और 10 कार खरीदने के लिए वैश्विक स्तर पर रुचि पत्र मंगाया है. कंपनी की योजना इन बसों और कारों का परिचालन दिल्ली और लेह के बीच करने की है. नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के सहयोग से इस पहल को पायलट परियोजना के आधार पर दिल्ली और लेह में लागू किया जाएगा.

हाइड्रोजन ईंधन आधारित सेल क्या है?

पर्यावरण अनुकूल इन बसों में हाइड्रोजन ईंधन आधारित सेल होता है. इसमें एक ईंधन सेल में से हाइड्रोजन को प्रवाहित किया जाता है. सेल के भीतर हाइड्रोजन इलेक्ट्रॉन और प्रोटॉन में टूट जाता है. वहीं अलग हुए इलेक्ट्रॉन को एक सर्किट में भेजा जाता है, जो विद्युत धारा और ऊष्मा का उत्पादन करता है. यह ईंधन कार्बन उत्सर्जन को कम करने में मदद करता है. कंपनी इसके लिए हाइड्रोजन के उत्पादन और भंडारण के साथ-साथ वितरण की भी व्यवस्था करेगी.

FDI पर भारत के नए प्रावधान, जानिए क्या है मामला?

सरकार ने प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश (FDI) नीति की 18 अप्रैल को समीक्षा की. इस समीक्षा में देश के वर्तमान FDI नीति में कई नए प्रावधान किये गये हैं. नीति के नए प्रावधानों का उद्देश्‍य कोविड-19 महामारी के बीच अनुकूल मौका देखते हुए भारतीय कंपनियों के विलय और अधिग्रहण की संभावनाओं को रोकना है.

FDI नीति के कई नए प्रावधान

  • नई नीति में यह स्‍पष्‍ट किया गया है कि भारत के साथ जमीनी सीमा साझा करने वाले देशों से आने वाली FDI के कारण भारतीय कंपनियों के स्‍वामित्‍व के हस्तांतरण और किसी परिवर्तन के लिए भी सरकार का अनुमोदन आवश्‍यक होगा. यह नीति उन कंपनियों पर भी लागू होगी जिनके मालिक इन देशों के नागरिक हैं या ये कंपनियां इन देशों में स्थित हैं.
  • दरअसल, अभी तक रक्षा, अंतरिक्ष, परमाणु ऊर्जा, मीडिया, फार्मास्युटिकल्स और इंश्योरेंस सेक्टर को छोड़ कर अन्य क्षेत्रों में विदेशी निवेश (FDI) के लिए सरकार की मंजूरी लेने की जरूरत नहीं होती थी. अब सरकार ने नियम बनाया है कि भारत से जमीनी सीमाएं साक्षा करने वाले देशों से भारत में निवेश बिना सरकार की मंजूरी के नहीं होगा, चाहे वह किसी भी सेक्टर में हो.
  • पाकिस्तान के निवेशकों पर इस तरह की शर्त पहले से लागू है. पाकिस्तान का कोई नागरिक अथवा पाकिस्तान में बनी कोई भी कंपनी केवल सरकारी मंजूरी के जरिये ही प्रतिबंधित क्षेत्रों को छोड़कर अन्य क्षेत्रों में निवेश कर सकते हैं. रक्षा, अंतरिक्ष, परमाणु ऊर्जा, ऊर्जा और कुछ अन्य क्षेत्रों में विदेशी निवेश प्रतिबंधित है.

FDI के नए प्रावधानों से प्रभावित देश

भारत के साथ जमीनी सीमाएं साझा करने वाले देशों में चीन, बांग्लादेश, पाकिस्तान, भूटान, नेपाल, म्यांमा और अफगानिस्तान शामिल हैं. सरकार के इस निर्णय से इन देशों से आने वाले विदेशी निवेश पर प्रभाव पड़ सकता है.

चीन की प्रतिक्रिया

FDI नीति में भारत द्वारा जोड़े गये नए प्रावधानों को चीनी दूतावास ने विश्व व्यापार संगठन (WTO) के गैर-भेदभाव वाले सिद्धान्त का उल्लंघन और मुक्त व्यापार के खिलाफ बताया है. चीनी ने कहा कि नई नीति G-20 समूह में निवेश के लिए एक स्वतंत्र, निष्पक्ष, गैर-भेदभावपूर्ण और पारदर्शी वातावरण के लिए बनी आम सहमति के भी खिलाफ है.

क्या है मामला?

चीन के केंद्रीय बैंक ‘पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना’ ने हाल ही में हाउसिंग लोन देने वाली भारतीय कंपनी HDFC लिमिटेड के 1.75 करोड़ शेयर खरीदे थे. ये शेयर तब ख़रीदे गये जब COVID-19 महामारी के कारण HDFC लिमिटेड के शेयरों में 32.29 फीसदी की गिरावट आई थी. इन निवेश के बाद अब HDFC लिमिटेड में चीनी केंद्रीय बैंक की हिस्सेदारी 1.01 प्रतिशत हो गई. चीन के इसी कदम के बाद भारत सतर्क हुआ है.

अर्थव्यवस्था में मजबूती के लिए RBI ने कई नियामक उपायों की घोषणा की

लॉकडाउन के कारण अर्थव्यवस्था पर बढ़े वित्तीय दबाव को कम करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने कई नियामक उपायों की घोषणा की है. यह घोषणा RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ने 17 अप्रैल को की. इन उपायों से बाजार नकदी का प्रवाह बनाये रखने में मदद मिलेगी, बैंक ऋण सुविधा बढ़ेगी. वित्‍तीय दबाव कम होगा और बाजारों का औपचारिक संचालन हो सकेगा.

RBI के नियामक उपायों के मुख्य बिंदु

  • रिवर्स रैपो रेट को 4 प्रतिशत से घटाकर 3.75 प्रतिशत करने की घोषणा की. रैपोरेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है.
  • लघु और मध्‍यम उद्योगों के लिए पचास हजार करोड़ रुपये के पैकेज की भी घोषणा की.
  • बैंकों के फंसे कर्जों के लिए समाधान योजना की अवधि 90 दिन तक बढ़ा दी जायेगी.
  • गैर-बैंकिंग वित्‍तीय कंपनियों द्वारा रियल एस्‍टेट कंपनियों को दिये गये ऋणों पर अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों द्वारा दिये जाने वाले लाभ के समान लाभ दिया जायेगा.
  • नाबार्ड, नेशनल हाउसिंग बैंक और सिडबी जैसे वित्तीय संस्थानों के पुन: वित्त पोषणा के लिए 50,000 करोड़ रुपये की सहायता देने की भी घोषणा की.

वर्तमान दरें: एक दृष्टि

नीति रिपो दर4.40%
प्रत्‍यावर्तनीय रिपो दर3.75%
सीमांत स्‍थायी सुविधा दर4.65%
बैंक दर4.65%
CRR3%
SLR18.25%

क्या होता है रेपो रेट, रिवर्स रेपो रेट, सीआरआर और एसएलआर?

RBI के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन को IMF की प्रमुख के बाहरी सलाहकार नियुक्त किया गया

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन को अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) की प्रमुख क्रिस्टालिना जॉर्जीवा के बाहरी सलाहकार समूह (External Advisory Group) का सदस्य बनाया गया है. राजन सहित 11 अन्य अर्थशास्त्रियों को बाहरी सलाहकार समूह का सदस्य बनाया गया है. ये सलाहकार कोरोना वायरस महामारी के कारण उत्पन्न संकट को लेकर उठाए जाने वाले कदमों समेत दुनियाभर में हो रहे बदलाव तथा नीतिगत मुद्दों पर अपनी राय IMF प्रमुख को देंगे.

राजन सितंबर 2016 तक तीन साल तक RBI के गवर्नर रह चुके हैं. वह अभी शिकागो विश्वविद्यालय में प्रोफेसर हैं. इस समूह में शामिल किए गए अन्य सदस्यों में सिंगापुर के वरिष्ठ मंत्री व सिंगापुर के मौद्रिक प्राधिकरण के चेयरमैन तारमण षणमुगरत्नम, मैसचुएट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी की प्रोफेसर क्रिस्टीन फोर्ब्स, आस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री केविन रुड, संयुक्त राष्ट्र के पूर्व डिप्टी महासचिव लॉर्ड मार्क मलोक ब्राउन भी शामिल हैं.

जानिए क्या है हेलिकॉप्टर मनी और क्वांटिटेटिव ईजिंग, क्यों है चर्चा में

कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए जारी लॉकडाउन के कारण आर्थिक गतिविधि ठप हो गयी है. इस कारण देश को भारी नुकसान हो रहा है जिसके लिए हर सेक्टर से वित्तीय पैकेज की मांग की जा रही है. इस बीच पूरे विश्व में इन दिनों ‘हेलिकॉप्टर मनी’ (Helicopter Money) की चर्चा हो रही है. ऐसे में जानते हैं आखिर क्या होता है हेलिकॉप्टर मनी.

क्या है हेलिकॉप्टर मनी?

जब किसी देश की अर्थव्यवस्था खराब हो जाती है तो उस देश का केन्द्रीय बैंक (भारत में भारतीय रिजर्व बैंक-RBI) बड़े पैमाने पर नोटों की छपाई कर सरकार को देता है. सरकार को यह राशि सेंट्रल बैंक को लौटना नहीं करना पड़ता है. इस राशि की मदद से मनी सप्लाई बढ़ जाती है जिससे मांग और महंगाई में तेजी आ जाती है. अमेरिकन इकनॉमिस्ट मिल्टन फ्राइडमेन ने इस प्रक्रिया को हेलिकॉप्टर मनी का नाम दिया था.

क्वांटिटेटिव ईजिंग क्या है?

तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने हाल ही में क्वांटिटेटिव ईजिंग की बात कही है. उन्होंने केंद्र सरकार को केन्द्रीय अर्थव्यवस्था में फिस्कल डेफिसिट का टार्गेट GDP के 3 प्रतिशत के मुकाबले 5 प्रतिशत रखने का सुझाव दिया है.

इसके अलावा चंद्रशेखर राव ने ‘क्वांटिटेटिव ईजिंग’ (Quantitative Easing) के माध्यम से GDP का 5 प्रतिशत जारी करने को कहा है. भारत की GDP करीब 3 लाख करोड़ डॉलर है. इसका 5 प्रतिशत 15 हजार करोड़ डॉलर (करीब 11 लाख करोड़ रुपये) होता है.

हेलिकॉप्टर मनी की तरह क्वांटिटेटिव ईजिंग में भी केन्द्रीय बैंक नोटों की छपाई करता है लेकिन वह इस राशि से सरकारी बॉन्ड खरीदकर सरकार को पैसे देता है. सरकार को बाद में यह राशि केन्द्रीय बैंक को लौटना होता है.

सरकार ने HCQ के निर्यात पर लगा प्रतिबंध हटाया, जानिए क्यों HCQ है चर्चा में

भारत सरकार ने Hydroxychloroquine (HCQ) सहित कई दवाओं के निर्यात पर लगा प्रतिबंध 7 अप्रैल को हटा लिया. जिन दवाओं से प्रतिबंध हटाया गया है उनमें विटामिन B1, विटामिन B12, टिनिडाजोल, मेट्रानिडाजोल, एसिक्लोविर, विटामिन B6, क्लोरमफेनिकॉल जैसी 14 दवाएं शामिल हैं.

इसमें से Hydroxychloroquine से आंशिक प्रतिबंध हटाया गया है. सरकार ने मानवीय आधार पर अमेरिका सहित कुछ चुनिंदा देशों को इसकी आर्पूति करने के आदेश दिए हैं. ये दवाएं उन देशों को भेजी जाएंगी जिन्हें भारत से मदद की आस है. हालांकि घरेलू जरुरतें पूरी होने के बाद स्टॉक की उपलब्धता के आधार पर निर्यात किया जाएगा.

Hydroxychloroquine की मांग क्यों

वैसे कोरोना वायरस सक्रमण को रोकने के लिए कोई दावा या वैक्सीन अभी तक उपलब्ध नहीं है. लेकिन फिर भी कुछ दवाएं ऐसी है जो इसके प्रभाव को कम करने में मददगार साबित हुई हैं. Hydroxychloroquine उन दवाओं में से एक है, जिसे विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी पुष्टि की है. इस कारण पूरी दुनिया में Hydroxychloroquine की मांग बढ़ गई है.

अमेरिका सहित कई देशों ने भारत से मांग की थी

कोरोना वायरस के इलाज में प्रभावी Hydroxychloroquine की मांग दुनियाभर में तेजी से बढ़ रही है. भारत सरकार ने भविष्य में पड़ने वाले घरेलू जरूरतों को देखते हुए Hydroxychloroquine सहित कई दवाओं के निर्यात पर प्रतिवंध लगा दिया था. इस कारण अमेरिका सहित कई देशों ने भारत से इस दवा के निर्यात से प्रतिबंध को हटाने मांग की थी.

भारत में Hydroxychloroquine का इस्तेमाल

भारत में Hydroxychloroquine का इस्तेमाल मलेरिया, आर्थेराइटिस (गठिया) और ल्यूपस (LUPUS) नाम की बीमारी के उपचार में किया जाता है. हाल के दिनों में इस दावा को कोरोना वायरस संक्रमण के इलाज में इस्तेमाल किया जा रहा है.

भारत Hydroxychloroquine का सबसे बड़ा उत्पादक

Hydroxychloroquine एक ऐंटी मलेरिया टैबलेट है. भारत में मलेरिया के मामले हर साल बड़ी संख्या में आते हैं और यही वजह है कि भारत इसका सबसे बड़ा उत्पादक है. इंडियन फार्मास्‍यूटिकल अलायंस (IPA) के अनुसार, दुनिया को hydroxychloroquine की 70 फीसदी सप्‍लाई भारत करता है.

देश के पास इस दवा को बनाने की कैपासिटी इतनी है कि वह 30 दिन में 40 टन hydroxychloroquine का उत्पादन कर सकता है. यानी इससे 20 मिलीग्राम की 20 करोड़ टैबलेट्स बनाई जा सकती हैं. भारत में इस दवा को बनाने वाली कंपनी में Ipca Laboratories, Zydus Cadila औार Wallace Pharmaceuticals का नाम शामिल है.

Hydroxychloroquine बनाने के लिए API

Hydroxychloroquine बनाने के लिए जिन एक्टिव फार्मास्‍यूटिकल्‍स इंग्रीडिएंट्स (API) की जरूरत पड़ती है उसका 70 प्रतिशत सप्‍लाई चीन करता है.

भारत में 1 अप्रैल से BS-6 उत्सर्जन मानक लागू, क्या है BS-4 और BS-6 में अंतर

भारत में 1 अप्रैल 2020 से BS-6 (Bharat Stage VI) उत्सर्जन मानक (Emission Norm) लागू हो गया. अभी तक देश में BS-4 (Bharat Stage IV) उत्सर्जन मानक लागू था. सरकार ने BS-5 को छोड़कर सीधे BS-6 उत्सर्जन को लागू करने का निर्णय लिया था. इसे लागू करने का उद्देश्य वाहनों से निकलने वाले प्रदूषक तत्व को कम करना है.

भारत में 2000 उत्सर्जन मानक लागू किया गया था

प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए भारत में चलने वाले वाहनों के लिए उत्सर्जन मानक ‘BS-1’ 2000 में लागू किया गया था. BS-1 (Bharat Stage) को यूरोपियन कार्बन उत्सर्जन मानक ‘euro-1’ की तर्ज पर लागू किया गया था. इसके बाद क्रमशः BS-2, BS-3 और BS-4 को लागू किया गया.

BS-3, BS-4 और BS-6 में अंतर

हर एक उत्सर्जन मानक में पेट्रोल और डीजल गाड़ियों से निकलने वाले धुएं के साथ सल्फर की मात्रा को कम किया जाता है. BS-3 मानक के पेट्रोल गाड़ियां 150 mg/kg (मिलीग्राम प्रति किलोग्राम) सल्फर उत्सर्जित कर सकती थी जो BS-6 में घटकर 10 mg/kg हो गया है. इसी तरह BS-3 मानक के डीजल गाड़ियां 350 mg/kg सल्फर उत्सर्जित कर सकती थी, जिसकी मात्रा BS-6 में 10 mg/kg हो गई है.

सल्फर उत्सर्जन (अधिकतम)

पेट्रोल: BS-3 150 mg/kg, BS-4 50 mg/kg, BS-6 10 mg/kg
डीजल: BS-3 350 mg/kg, BS-4 50 mg/kg, BS-6 10 mg/kg

ईंधन ग्रेड क्या है?

BS के बिभिन्न उत्सर्जन मानकों के तहत वाहन के इंजन को इस हिसाब से डिजाइन किया जाता है कि उससे निकलने वाले धुएं से सल्फर की मात्रा भारत सरकार के तय पैमाने के आधार पर निकले. इसके लिए कम सल्फर वाले ईंधन का भी इस्तेमाल किया जाता है और सरकार की तरफ से ईंधन का ग्रेड तय किया जाता है. BS-6 ईंधन देशभर में 1 अप्रैल 2020 से मिलना शुरू हो गया है.

10 सरकारी बैंकों का 4 बैंकों में विलय 1 अप्रैल 2020 से प्रभावी हुआ

सार्वजनिक क्षेत्र के 10 बैंकों का विलय करके 4 बड़े बैंक बनाये जाने का प्रस्ताव 1 अप्रैल 2020 से प्रभावी हो गया. सरकार ने 30 अगस्त 2019 में इन बैंकों के विलय की घोषणा की थी.

विलय योजना के मुताबिक, यूनाइडेट बैंक ऑफ इंडिया (UBI) तथा ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स (OBC) का पंजाब नैशनल बैंक (PNB) में विलय होगा, जिससे यह दूसरा सबसे बड़ा सरकारी बैंक बन जाएगा. वहीं, सिंडिकेट बैंक में केनरा बैंक, इलाहाबाद बैंक तथा इंडियन बैंक का विलय किया जाएगा. इसी तरह, आंध्रा बैंक तथा कॉर्पोरेशन बैंक का यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (UBI) में विलय किया जाएगा.
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अर्थव्‍यवस्‍था को शीघ्र पटरी पर लाने के उपाय सुझाने के लिए 11 समूह गठित किए गये

सरकार ने 21 दिन की पूर्ण-बंदी की अवधि के बाद अर्थव्‍यवस्‍था को शीघ्र पटरी पर लाने और लोगों की मुश्किलें कम करने के उपाय सुझाने के लिए 11 समूह गठित किए हैं. इन समूहों को आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत स्थापित किया गया है.

ये समूह योजनाएं बनाएंगे और समयबद्ध ढंग से उन्‍हें लागू करने के आवश्‍यक उपाय करेंगे. इस पहल को ‘कोविड-19’ महामारी की विभिन्‍न चुनौतियां से निपटने के लिए सरकार का एक प्रभावी कदम माना जा रहा है.

प्रत्‍येक ग्रुप में प्रधानमंत्री कार्यालय और कैबिनेट सचिवालय से एक वरिष्‍ठ प्रतिनिधि शामिल होंगे. चिकित्‍सा आपात और प्रबंधन योजना पर अधिकार प्राप्‍त समूह की अध्‍यक्षता नीति आयोग के सदस्‍य डॉक्‍टर वी पॉल करेंगे. नीति आयोग के मुख्‍य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत निजी क्षेत्र के साथ समन्‍वय के लिए बनाए गए समूह के अध्‍यक्ष होंगे. आर्थिक और कल्‍याणकारी उपायों से संबंधित समूह की अध्‍यक्षता आर्थिक कार्य सचिव अतानु चक्रवर्ती करेंगे.

वैज्ञानिकों ने गेहूं की उच्च प्रोटीन एवं स्थिर उपज वाली किस्म ‘मैक्स 4028’ विकसित की

पुणे के अगहरकर रिसर्च इंस्टीट्यूट (ARI) के वैज्ञानिकों ने हाल ही में गेहूं की बायोफोर्टीफाइड किस्म ‘MACS 4028’ विकसित की है, जिसमें उच्च प्रोटीन है. ARI भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के अंतर्गत एक स्वायत्तशासी संस्थान है. MACS 4028 के विकसित किये जाने की जानकारी ‘इंडियन जर्नल ऑफ जेनेटिक्स एंड प्लांट ब्रीडिंग’ में प्रकाशित की गई थी.

MACS 4028 की विशेषताएं

  • MACS 4028 एक अर्ध-बौनी (सेमी ड्वार्फ) किस्म है, जो 102 दिनों में तैयार होती है और जिसमें प्रति हेक्टेयर 19.3 क्विंटल की श्रेष्ठ और स्थिर उपज क्षमता है. यह डंठल, पत्‍तों पर लगने वाली फंगस, पत्‍तों पर लगने वाले कीड़ों, जड़ों में लगने वाले कीड़ों और ब्राउन गेहूं के घुन की प्रतिरोधी है.
  • इस गेहूं की किस्‍म में लगभग 14.7% उच्च प्रोटीन, बेहतर पोषण गुणवत्ता के साथ जस्ता (जिंक) 40.3 PPM, और 46.1 PPM लौह सामग्री है.
  • MACS 4028 को फसल मानकों पर केन्‍द्रीय उप-समिति द्वारा अधिसूचित किया गया है. भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) ने भी वर्ष 2019 के दौरान बायोफोर्टीफाइड श्रेणी के तहत इस किस्म को टैग किया है.

आपातकाल में जन-भागीदारी के लिए ‘PM CARES’ ट्रस्ट बनाने की घोषणा

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने ‘प्रधानमंत्री नागरिक सहायता और राहत कोष’ (PM CARES) नामक ट्रस्ट बनाने की घोषणा की है. PM-CARES का पूर्ण रूप ‘Prime Minister Citizen Assistance and Relief in Emergency Situations’ है. इस विशेष राष्‍ट्रीय कोष का प्राथमिक उद्देश्‍य ‘कोविड-19’ महामारी जैसी किसी भी आपात या संकट की स्थिति से निपटना है.

प्रधानमंत्री इस न्‍यास के अध्‍यक्ष होंगे. इसके सदस्‍यों में रक्षा-मंत्री, गृह-मंत्री और वित्‍त-मंत्री शामिल हैं. इस कोष में वेबसाइट-pmindia.gov.in का इस्‍तेमाल कर PM CARES Fund में दान किया जा सकता है. इस कोष में छोटी राशि भी दान दी जा सकेगी जिससे बड़ी संख्‍या में लोग योगदान कर सकेंगे. इसमें दी गई राशि धारा 80-G के तहत आयकर से मुक्‍त होगी.

नागरिक और संगठन वेबसाइट-pmindia.gov.in पर जा सकते हैं और निम्नलिखित विवरणों का उपयोग करके PM CARES में दान किया जा सकता है:

  • खाते का नाम: PM CARES
  • खाता संख्या: 2121PM20202
  • IFSC कोड: SBIN0000691
  • स्विफ्ट कोड: SBININBB104
  • बैंक और शाखा का नाम: भारतीय स्टेट बैंक, नई दिल्ली मुख्य शाखा
  • UPI-ID: pmcares@sbi

भुगतान के उपलब्ध माध्‍यम हैं:

डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड, इंटरनेट बैंकिंग, यूपीआई (भीम, फोनपे, अमेजन पे, गूगल पे, पेटीएम, मोबिकविक, इत्‍यादि), RTGS, NEFT

RBI मौद्रिक नीति समिति की बैठक: रेपो दर घटाकर 4.4 प्रतिशत किया गया

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक 27 मार्च को मुंबई में हुई. RBI ने इस बैठक में COVID-19 (कोरोना वायरस) से देश की अर्थव्‍यवस्‍था पर पड़ने वाले प्रभाव से बचाने के लिए महत्त्वपूर्ण घोषणाएं की.

इस बैठक में RBI ने बेंचमार्क ब्याज दरों में कमी किए जाने और सभी सावधि ऋण और पूंजीगत ऋण के मासिक भुगतान पर तीन महीने तक की राहत देने की घोषणा की.

इस बैठक में RBI ने नीतिगत ब्याज दर यानी रेपो रेट में 0.75 प्रतिशत की कमी करके उसे 4.4 प्रतिशत कर दिया है. रिवर्स रेपो दर में भी 90 आधार अंकों की कमी करके उसे 4 प्रतिशत किया गया है. इसी तरह नकद आरक्षी अनुपात (Cash Reserve Ratio) भी 4 प्रतिशत से घटाकर 3 प्रतिशत किया गया है.

RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि इन उपायों से अर्थव्यवस्था में तीन लाख चौहत्तर हजार करोड़ रुपये अतिरिक्त उपलब्ध होंगे. इन घोषणाओं से नगदी के प्रवाह में सुधार होगा तथा मध्‍यम वर्ग और व्‍यापार जगत को राहत मिलेगी और कर्ज की दरों में कमी होगी.

रेपो रेट कम होने से कैसे लोगों को होता है फायदा?

रेपो रेट के कम होने से बैंकों को RBI से कम व्याज पर कर्ज मिलता है. इस सस्ती लागत का लाभ कर्ज लेने वाले ग्राहकों को मिलता है. इससे बैंकों को घर, दुकान, पर्सनल और कार के लिये लोन कम दरों पर देने का मौका मिलता है. ग्राहकों के चल रहे लोन पर EMI का भी कम होता है.

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI): एक दृष्टि

  • भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) भारत का केन्द्रीय बैंक है. यह भारत के सभी बैंकों का संचालक है.
  • RBI की स्थापना 1 अप्रैल 1935 को RBI ऐक्ट 1934 के अनुसार हुई. प्रारम्भ में इसका केन्द्रीय कार्यालय कोलकाता में था जो सन 1937 में मुम्बई आ गया.
  • पहले यह एक निजी बैंक था किन्तु सन 1949 से यह भारत सरकार का उपक्रम बन गया है.
  • भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) को भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 के तहत अनिवार्य रूप से मौद्रिक नीति के संचालन की जिम्मेदारी सौपीं गई है.

वर्तमान दरें: एक दृष्टि

नीति रिपो दर4.40%
प्रत्‍यावर्तनीय रिपो दर4%
सीमांत स्‍थायी सुविधा दर4.65%
बैंक दर4.65%
CRR3%
SLR18.25%

क्या होता है रेपो रेट, रिवर्स रेपो रेट, सीआरआर और एसएलआर?