इंडियन रेलवे ने अपने रेलवे सुरक्षा बल (RPF) का नाम बदलकर भारतीय रेलवे सुरक्षा बल सेवा (Indian Railway Protection Force Service- IRPSF) कर दिया है. 30 दिसम्बर को जारी एक आदेश के मुताबिक, मंत्रालय ने RPF को संगठित ‘ग्रुप A’ (OGAS) का दर्जा दिया है और इसका नाम बदल दिया है.
RPF केंद्रीय सैन्य सुरक्षा बल है. इसका गठन रेल यात्रियों की सुरक्षा, भारतीय रेलवे की सम्पत्तियों की रक्षा तथा किन्हीं देश विरोधी गतिविधियों में रेलवे सुविधाओं के इस्तेमाल की निगरानी के लिए किया गया है. यह सुरक्षा बल भारतीय रेल मंत्रालय केअधीन होता है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2020-01-01 23:52:242020-01-02 00:09:53रेलवे ने ‘रेलवे सुरक्षा बल’ का नाम बदलकर ‘भारतीय रेलवे सुरक्षा बल सेवा’ किया
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शहरी सहकारी बैंकों द्वारा दिए जाने वाले कर्ज की अधिकतम सीमा तय कर दी है. इससे संबंधित दिशा-निर्देश 30 दिसम्बर को जारी किये गये. इसका उद्देश्य किसी एक समूह को भारी कर्ज दिए जाने से हुए पंजाब और महाराष्ट्र सहकारी (PMC) बैंक जैसे घोटालों पर रोक लगाना है.
RBI द्वारा दिशा-निर्देशों के अनुसार ओपरेटिव बैंक शहरों में काम करने वाले को किसी भी ग्राहक को 25 लाख रुपए से ज्यादा का कर्ज नहीं दे सकता. ऐसे बैंकों के लिए प्राइयोरिटी सेक्टर लेंडिंग की सीमा भी कुल शुद्ध कर्जे का 40 फीसदी से बढ़ाकर 75 फीसदी कर दी गई है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2019-12-31 23:37:552020-01-01 16:00:51RBI ने शहरी सहकारी बैंकों द्वारा दिए जाने वाले कर्ज की अधिकतम सीमा तय की
नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार ने 30 दिसम्बर को भारत के सतत विकास लक्ष्य सूचकांक (Sustainable Development Goals Index- SDG) का दूसरा संस्करण (2019-20) जारी किया. इस सूचकांक में देश के समग्र रैंक में सुधार हुआ है और यह 57 से 60 हो गया है. यह उपलब्धि जल, स्वच्छता, ऊर्जा और उद्योग क्षेत्रों में बेहतर काम के कारण हासिल की है.
सूचकांक की राज्यों की सूची में केरल, हिमाचल प्रदेश, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और तेलंगाना सबसे ऊपर हैं. इस वर्ष किसी भी राज्य को 100 अंकों में से 50 से कम नहीं मिले हैं. कुपोषण और स्त्री-पुरूष असमानता देश के लिए समस्या बनी हुई है जिस पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है. स्वच्छ भारत अभियान, उज्जवला योजना सहित तमाम जनकल्याणकारी कार्यक्रमों के चलते भी भारत का प्रदर्शन बेहतर हुआ है.
इस बार के सूचकांक के मुताबिक लैंगिक समानता और पोषण जैसे विषयों पर अभी राज्यों को और ज्यादा मेहनत की जरुरत है तो बिहार और झारखंड जैसे राज्यों को अन्य राज्यों की तरह तमाम पैमानों पर और काम करना होगा. उत्तर प्रदेश और असम जैसे राज्यों में स्वास्थ्य, शिक्षा, गरीबी, भूख जैसे तमाम मानकों पर पिछले साल अच्छा काम हुआ है, जिससे इन राज्यों की रैंकिंग और ज्यादा सुधरी है.
सतत विकास लक्ष्य सूचकांक: एक दृष्टि
सतत विकास लक्ष्य सूचकांक में संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित वर्ष 2030 के सतत विकास के लक्ष्य प्राप्त करने की दिशा में देश के राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में हुई प्रगति का लेखा जोखा होता है.
इस सूचकांक में 100 मानकों के आधार पर राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों की प्रगति का आंकलन किया गया है.
ये सूचकांक बताते हैं कि देश और राज्य तथा केन्द्र शासित प्रदेश सतत विकास के लक्ष्यों को पाने के दिशा में क्या कर रहे हैं और इसे पाने के लिए कितना और समय लगेगा.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2019-12-30 23:53:192019-12-31 00:10:42नीति आयोग ने भारत के सतत विकास लक्ष्य सूचकांक 2019-20 जारी किया
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 27 दिसम्बर को 20वीं वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट (Financial Stability Report) जारी की. रिपोर्ट के अनुसार वैश्विक अर्थव्यवस्था अनिश्चितताओं के दौर से गुजर रही है, जिसके कारण वृद्धि दर काफी धीमी रही है. रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष (2019-20) की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितम्बर) में घरेलू अर्थव्यवस्था में सकल मांग कम रही, जिससे वृद्धि दर और धीमी हो गई.
20वीं वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट: मुख्य तथ्य
RBI की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार द्वारा सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के पुनर्पूंजीकरण के बाद बैंकिंग क्षेत्र में लचीलेपन में सुधार हुआ है.
वैश्विक या घरेलू आर्थिक अनिश्चितताओं और भू-राजनीतिक घटनाक्रमों से उत्पन्न होने वाले जोखिम बने रहे.
यह रिपोर्ट वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद की उप-समिति द्वारा वित्तीय स्थिरता के जोखिम के साथ-साथ वित्तीय प्रणाली की लचीलेपन के सामूहिक मूल्यांकन को दर्शाती है.
रिपोर्ट में वित्तीय क्षेत्र के विकास और विनियमन से संबंधित मुद्दों पर भी चर्चा की गई है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2019-12-28 23:29:272019-12-29 00:25:36रिजर्व बैंक ने 20वीं वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट जारी की, पुनर्पूंजीकरण के बाद बैंकिंग क्षेत्र में सुधार
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सहकारी बैंकों से पांच करोड़ रुपए या इससे अधिक के सभी लेन-देन की जानकारी CRILC (बड़े ऋणों से संबंधित सूचना की केंद्रीय संग्रह प्रणाली) को देने के निर्देश दिए हैं. वित्तीय संकट को जल्द पहचानने के लिए यह एक बेहद जरूरी कदम होगा.
इससे पहले RBI ने द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में पांच सौ करोड़ रुपये और उससे अधिक निधि वाली शहरी, सहकारी बैंकों को CRILC के दायरे में लाने की घोषणा की थी.
CRILC क्या है?
CRILC, Central Repository of Information on Large Credits का संक्षिप्त रूप है. रिजर्व बैंक ने वाणिज्यिक बैंकों, अखिल भारतीय वित्तीय संस्थानों और कुछ गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के साथ मिलकर CRILC बनाया है. इसमें वित्तीय लेन-देन पर्यवेक्षण को दूर करना और वित्तीय संकट की जल्द पहचान शामिल हैं.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2019-12-28 23:19:272019-12-29 00:21:51RBI ने सहकारी बैंकों से पांच करोड़ रुपए से अधिक के लेन-देन की जानकारी CRILC को देने के निर्देश दिए
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भूजल के स्थायी प्रबंधन के लिए ‘अटल भूजल योजना’ का 25 दिसम्बर को शुभारंभ किया. केन्द्र सरकार की इस योजना के तहत लोगों की भागीदारी से भूजल प्रबंधन और व्यवहार परिवर्तन को बढ़ावा दिया जाएगा. यह योजना पंचायतों के नेतृत्व में भूमि जल प्रबंधन को बढ़ावा देगी.
केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में छह हज़ार करोड़ रुपये की इस योजना को मंज़ूरी दी गयी थी. इसमें तीन हजार करोड़ रुपये वर्ल्ड बैंक से मिलेंगे. तीन हजार करोड़ भारत सरकार देगी.
इसमें सात प्रदेशों के 8350 गांव चिन्हित
यह योजना देश के प्रत्येक परिवार को नल से जल की आपूर्ति की दिशा में महत्त्वपूर्ण कदम हैं. योजना के तहत गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के आठ हजार तीन सौ पचास गांव चिन्हित किये गये हैं. चिन्हित क्षेत्रों में अगले पांच वर्ष के दौरान लागू की जाएगी.
‘जल जीवन मिशन’ के तहत सभी घरों में पानी पहुंचाने का लक्ष्य
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार ने ‘जल जीवन मिशन के तहत’ वर्ष 2024 तक सभी ग्रामीण घरों में पाइप के जरिए नल का पानी पहुंचाने का लक्ष्य रखा है. देश में अभी तक 18 करोड़ ग्रामीण घरों में से सिर्फ 3 करोड़ घरों में ही नल से पानी पहुँचता है. सरकार ने अगले 5 सालों में ग्रामीण क्षेत्रों में 15 करोड़ घरों में पाइप के जरिए नल का पानी पहुंचाना है. इसके लिए अगले 5 सालों में केंद्र और राज्य सरकारें 3.5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च करने वाले हैं.
जल जीवन मिशन और अटल जल योजना में अंतर
इस प्रकार ‘जल जीवन मिशन’ हर घर तक जल पहुंचाने का काम करेगा और ‘अटल जल योजना’ उन क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देगी जहां ग्राउंड वॉटर बहुत नीचे गई है या तेजी से नीचे जा रही है.
किसानों की आमदनी बढ़ेगी
देश के कुल सिंचित भूमि में भू-जल का योगदान लगभग 65 प्रतिशत है. जबकि ग्रामीण पेयजल आपूर्ति में इसका योगदान 85 प्रतिशत है. बढ़ती जनसंख्या, शहरीकरण और ऑद्योगीकरण की वजह से देश के सीमित भू-जल संसाधन खतरे में है.
अटल भू-जल योजना के दो प्रमुख घटक हैं- पहला राज्यों में स्थायी भू-जल प्रबंधन के लिए संस्थागत प्रबंधनों को मजबूत बनाने के साथ-साथ क्षमता निर्माण को भी मजबूत बनाना है. वहीं दूसरे घटक में भू-जल प्रबंधन उपायों को और बेहतर बनाने के लिए राज्यों को प्रोत्साहन देना है.
अटल भू-जल योजना के जरिये उपलब्ध भू-जल संसाधनों का उचित उपयोग करने पर भी जोर दिया जायेगा. इससे किसानों की आय दोगुनी करने में मदद मिलेगी.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2019-12-25 23:55:592019-12-26 00:16:40प्रधानमंत्री ने भूजल के स्थायी प्रबंधन के लिए ‘अटल भूजल योजना’ का शुभारंभ किया
केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने रेलवे बोर्ड के संगठनात्मक पुनर्गठन को मंजूरी दी है. रेल मंत्री पीयूष गोयल ने 24 दिसम्बर को इसकी जानकारी दी. श्री गोयल ने कहा कि यह एक बहुत बड़ा सुधार कार्यक्रम है जिससे विभिन्न विभागों के कार्य में दोहरापन समाप्त होगा.
इंडियन रेलवे मैनेजमेंट सर्विस का गठन
पुनर्गठन के तहत रेलवे बोर्ड में 8 की जगह अब सिर्फ 5 सदस्य होंगे. ये सदस्य ऑपरेशन, बिजनेस डिवेलपमेंट, ह्यूमेन रिसोर्सेज, इन्फ्रास्ट्रक्चर और फाइनैंस से होंगे. अलग-अलग 8 काडरों को मिलाकर एक काडर बनाया जाएगा, जिसका नाम ‘इंडियन रेलवे मैनेजमेंट सर्विस’ होगा. नए बोर्ड के पांच सदस्य में चेयरमैन भी शामिल होंगे. चेयरमैन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी भी होंगे. बोर्ड में चार सदस्य तथा कुछ स्वतंत्र सदस्य होंगे.
रेलवे मैनेजमेंट सर्विस के तहत एकीकृत सिस्टम काम करेगा. हाल ही में सरकार की ओर से गठित एक कमिटी ने रेलवे बोर्ड में अहम बदलाव का प्रस्ताव दिया था. सरकार का मानना है कि बोर्ड की अलग-अलग शाखा रहने से आपस में बेहतर तालमेल नहीं हो पाता था, जिससे रेलवे में योजनाओं के क्रियान्वयन में हमेशा बाधाएं आती रहीं.
रेलवे मैनेजमेंट में सुधारों पर गठित समिति
सरकार समय-समय पर रेलवे मैनेजमेंट में सुधारों के लिए कई समितियों का गठन किया है. इस समितियों में प्रकाश टंडन कमिटी (1994), राकेश मोहन कमिटी (2001), सैम पित्रोदा कमिटी (2012) और बिबेक देबरॉय कमिटी (2012) ने भी सर्वेसेज के एकीकरण की सिफारिश की थी.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2019-12-25 23:54:012019-12-26 00:17:42रेलवे बोर्ड के संगठनात्मक पुनर्गठन को मंजूरी दी गयी, इंडियन रेलवे मैनेजमेंट सर्विस का गठन
केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्रालय देश में पहली लंबी दूरी की CNG बस सेवा की शुरुआत की है. पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने 24 दिसम्बर को इस बस सर्विस की शुरुआत की. यह CNG बस दिल्ली और देहरादून के बीच चलेगी. उत्तराखंड ने इस बस सर्विस के लिए IGL के साथ करार किया है.
आईजीएल ने अभी देहरादून के लिये 5 बसों की सेवा शुरू की है, जो आने वाले दिनों में अन्य शहरों तक भी अपनी पहुंच बनायेगा. लंबी दूरी की बस सेवा में CNG गैस की प्रचुरता होगी, जो एक बार में 800 से 1000 किलोमीटर की यात्रा कर सकेंगे.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2019-12-25 23:53:022019-12-26 00:17:54लंबी दूरी के लिए देश की पहली CNG बस सेवा की शुरुआत, दिल्ली और देहरादून के बीच चलेगी
नैशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्राइब्यूनल (NCLAT) ने साइरस मिस्त्री को टाटा सन्स के एग्जिक्युटिव चेयरमैन के पद पर बहाल करने का 18 दिसम्बर को आदेश दिया. साथ ही NCLAT ने मौजूदा एग्जिक्युटिव चेयरमैन एन चंद्रशेखरन के इस पद पर नियुक्ति को गैरकानूनी बताया. NCLAT ने टाटा संस को अपील करने के लिए चार सप्ताह का समय दिया गया है. NCLAT में यह याचिका मिस्त्री और दो इन्वेस्टमेंट फर्म की तरफ से दाखिल की गई थी.
साइरस मिस्त्री: एक दृष्टि
साइरस मिस्त्री टाटा सन्स के छठे चेयरमैन थे. रतन टाटा के बाद उन्होंने 2012 में चेयरमैन का पदभार ग्रहण किया था. टाटा संस के निदेशक मंडल ने उन्हें इस पद से अक्टूबर 2016 में बर्खास्त कर दिया था.
समूह के 150 साल के इतिहास में मिस्त्री चेयरमैन बनने वाले टाटा परिवार से बाहर के दूसरे व्यक्ति थे. उनके पहले 1934-38 के दौरान टाटा समूह से बाहर के नवरोजी सकलतवाला समूह के चेयरमैन थे.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2019-12-18 23:17:262019-12-19 00:19:35NCLAT ने साइरस मिस्त्री को टाटा संस के चेयरमैन पद पर बहाल करने का आदेश दिया
सरकार ने 17 दिसम्बर को राष्ट्रीय ब्रॉडबैंड मिशन (NBM) की शुरुआत की. इसका उद्देश्य वर्ष 2022 तक सभी गांवों को ब्रॉडबैंड इन्टरनेट उपलब्ध कराना है. केंद्रीय संचार मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने इस मिशन का शुभारंभ किया. इसके तहत मोबाइल और इंटरनेट की सेवाओं की गुणवत्ता सुधारने का भी लक्ष्य है.
इस मिशन के तहत देशभर, विशेषरूप से ग्रामीण और दूर-दराज के क्षेत्रों में सार्वभौमिक और समानता के आधार पर ब्रॉडबैंड पहुंच उपलब्ध कराई जाएगी. इसके तहत 30 लाख किलोमीटर का अतिरिक्त आप्टिकल फाइबर केबल मार्ग बिछाया जाएगा. साथ ही 2024 तक देश में टावरों की संख्या मौजूदा 5.65 लाख से बढ़कर 10 लाख हो जाएगी और टावर का घनत्व 0.42 से बढ़ाकर 1.0 टावर प्रति हजार आबादी किया जाएगा. इस मिशन के तहत टावरों का ‘फाइबराइजेशन’ बढ़कर 70 प्रतिशत तक हो जाएगा, जो अभी 30 प्रतिशत है.
इस मिशन के जरिये शिक्षा, स्वास्थ्य, उद्यमिता और विकास के क्षेत्र में प्रौद्योगिकी ढांचे को मजबूत किया जा सकेगा. इस मिशन के तहत संबद्ध पक्ष आगामी वर्षों में 100 अरब डॉलर (सात लाख करोड़ रुपये) का निवेश करेंगे. इसमें 70,000 करोड़ रुपये यूनिवर्सल सर्विस आब्लिगेशन फंड (ISOF) से उपलब्ध कराया जाएगा.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2019-12-17 23:51:402019-12-18 00:07:18सरकार ने राष्ट्रीय ब्रॉडबैंड मिशन की शुरुआत की, 2022 तक सभी गांवों को ब्रॉडबैंड इन्टरनेट का लक्ष्य
वाहनों से पथकर वसूलने के लिए स्वचालित भुगतान व्यवस्था ‘फास्टैग’ (FASTag) 15 दिसम्बर से लागू हो गई. यह सभी वाहनों के लिए अनिवार्य है. ‘फास्टैग’ के माध्यम से टोल प्लाज़ा पर भुगतान करने के लिए लोगों को अब अपने वाहन रोकने की आवश्यकता नहीं होगी. इससे समय तथा ईंधन की बचत, प्रदूषण में कमी और यातायात का निर्बाध आवागमन सुनिश्चित होगा.
निर्बाध आवागमन के लिए फास्टैग के माध्यम से पथकर वसूलने की राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक पथकर संग्रह प्रणाली लागू की गई है. फास्टैग में रेडियो तरंगों के जरिये वाहन की पहचान होती है और चलते वाहन से सीधे पथकर का भुगतान हो जाता है. यदि कोई चालक फास्टैग के बिना इलेक्ट्रॉनिक पथकर लेन में चला जाता है तो उसे दोगुने शुल्क का भुगतान करना होगा.
क्या है फास्टैग?
फास्टैग प्री-पैड री-चार्जेबल टैग है, जो रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन टेक्नोलॉजी पर आधारित है. टोल प्लाजा पर लगी डिवाइस इस टैग को रीड कर टोल का गेट खोल देती है.
फास्टैग चेक 100 रुपये से 1 लाख रुपये तक की राशि से रीचार्ज कराया जा सकता है. टोल प्लाजा पर फास्टैग का इस्तेमाल होते ही राशि कट जाती है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2019-12-15 23:00:272019-12-15 23:00:27वाहनों से पथकर वसूलने के लिए स्वचालित भुगतान व्यवस्था ‘फास्टैग’ लागू हुआ
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक 5 दिसम्बर को मुंबई में हुई. यह चालू वित्त वर्ष (2019-20) की पांचवी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक थी. बैठक में मौद्रिक नीति समिति ने प्रमुख नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं किया है.
प्रमुख नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं
इस बैठक में RBI ने रेपो दर में कोई बदलाव नहीं करते हुए इसे 5.15% पर अपरिवर्तित रखी गई है. रिवर्स रेपो दर 4.90% और बैंक दर 5.40% बनी रहेगी. यह फैसला उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आधार पर मुद्रास्फीति की चार प्रतिशत दर के मध्यम अवधि लक्ष्य के मद्देनजर किया गया है.
अक्टूबर में घोषित चौथी द्विमासिक मौद्रिक नीति में RBI ने 5वीं बार रेपो-दर में कटौती कर 5 दशमलव 5.15% प्रतिशत कर दिया था, वहीं, रिजर्व रेपो-दर घटकर 4.90% प्रतिशत और सीमांत स्थायी सुविधा दर और बैंक दर 5.40 प्रतिशत किये गये थे.
रेपो रेट कम होने से कैसे लोगों को होता है फायदा?
रेपो रेट के कम होने से बैंकों को RBI से कम व्याज पर कर्ज मिलता है. इस सस्ती लागत का लाभ कर्ज लेने वाले ग्राहकों को मिलता है. इससे बैंकों को घर, दुकान, पर्सनल और कार के लिये लोन कम दरों पर देने का मौका मिलता है. ग्राहकों के चल रहे लोन पर EMI का भी कम होता है.
जीडीपी वृद्धि का पूर्वानुमान
रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिये GDP वृद्धि का पूर्वानुमान 6.9% से घटाकर 5% कर दिया है. वर्ष 2020-21 के लिए यह अनुमान 7.2% रखा गया है.
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI): एक दृष्टि
भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) भारत का केन्द्रीय बैंक है. यह भारत के सभी बैंकों का संचालक है.
RBI की स्थापना 1 अप्रैल 1935 को RBI ऐक्ट 1934 के अनुसार हुई. प्रारम्भ में इसका केन्द्रीय कार्यालय कोलकाता में था जो सन 1937 में मुम्बई आ गया.
पहले यह एक निजी बैंक था किन्तु सन 1949 से यह भारत सरकार का उपक्रम बन गया है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2019-12-05 23:32:062019-12-05 23:32:06चालू वित्त वर्ष 2019-20 की पांचवी द्विमासिक मौद्रिक नीति की समीक्षा