प्रतिवर्ष 11 दिसम्बर को अंतर्राष्ट्रीय पर्वत दिवस (International Mountain Day) के रूप में मनाया जाता है. इसका उद्देश्य पर्वत के संरक्षण के लिए प्रेरित करना तथा पर्वतों के महत्व को बताना है.
इस वर्ष यानी 2022 में अन्तर्राष्ट्रीय पर्वत दिवस का मुख्य विषय (थीम) ‘Women move mountains’ है.
इस दिवस की शुरुआत संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 2003 में प्रस्ताव पारित करके की थी. इस दिवस के लिए संयुक्त राष्ट्र खाद्य व कृषि संगठन द्वारा समन्वय किया जाता है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2022-12-11 15:14:172022-12-12 19:59:3411 दिसम्बर: अन्तर्राष्ट्रीय पर्वत दिवस
प्रत्येक वर्ष 10 दिसंबर को विश्व मानवाधिकार दिवस (Human Rights Day) मनाया जाता है. इस दिन को मनाने का उद्देश्य विश्वभर के युवाओं को मानवाधिकारों के प्रति कार्रवाई के लिए जागरूक करना है.
इस वर्ष यानी 2022 के विश्व मानवाधिकार दिवस का मुख्य विषय (थीम) ‘गरिमा, स्वतंत्रता और सभी के लिए न्याय’ (Dignity, Freedom, and Justice for All) है.
संयुक्त राष्ट्र ने 10 दिसंबर को मानवाधिकार दिवस के रूप में मनाने की घोषणा 1948 में की थी.
1993 में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का गठन
भारत में 28 सितंबर 1993 को मानवाधिकार कानून बनाया गया था. इसके बाद भारत सरकार ने 12 अक्टूबर 1993 को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का गठन किया था.
क्या है मानवाधिकार?
मानवाधिकार वे मूलभूत नैसर्गिक अधिकार हैं जिनसे मनुष्य को नस्ल, जाति, राष्ट्रीयता, धर्म, लिंग आदि के आधार पर वंचित या प्रताड़ित नहीं किया जा सकता. इसके अनुसार सभी को स्वतंत्रता और समानता का अधिकार जन्मजात ही प्राप्त है और उसे छीनना या बाधा पहुंचाना मानवाधिकारों का हनन होता है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2022-12-10 15:25:552022-12-10 10:34:1910 दिसंबर: विश्व मानवाधिकार दिवस
8 दिसम्बर 2022 को दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) का 38वां घोषणा-पत्र दिवस (38th SAARC Founding Day) मनाया गया. इसी दिन सार्क समूह के घोषणा-पत्र पर हस्ताक्षर किये गए थे.
पिछला सार्क शिखर सम्मेलन वर्ष 2014 में काठमांडू में हुआ था. 2016 का शिखर सम्मेलन पाकिस्तान के इस्लामाबाद में होना था लेकिन उरी आतंकी हमले के बाद भारत ने इसमें शामिल होने से इंकार कर दिया था. बंगलादेश, भूटान और अफगानिस्तान के भी इंकार के बाद सम्मेलन रद्द कर दिया गया था.
सार्क (SAARC): एक दृष्टि
SAARC, South Asian Association for Regional Cooperation (दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन- दक्षेस) का संक्षिप रूप है.
इसकी स्थापना 8 दिसम्बर 1985 को भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, नेपाल, मालदीव और भूटान द्वारा मिलकर की गई थी. भारत के प्रयास से अप्रैल 2007 में सार्क के 14वें शिखर सम्मेलन में अफ़ग़ानिस्तान इसका आठवा सदस्य बना था.
सार्क दक्षिण एशिया के आठ देशों का आर्थिक और राजनीतिक संगठन है. संगठन के सदस्य देशों में दुनिया की कुल जनसंख्या का 20 फीसदी (लगभग 1.7 अरब) निवास करता है.
सार्क का मुख्यालय नेपाल की राजधानी काठमांडू में है. इसका राजभाषा अंग्रेजी है.
संगठन का संचालन सदस्य देशों के मंत्रिपरिषद द्वारा नियुक्त महासचिव करते हैं, जिसकी नियुक्ति तीन साल के लिए सदस्य देशों के वर्णमाला क्रम के अनुसार की जाती है.
सार्क के प्रथम महासचिव बांग्लादेश के अब्दुल अहसान और वर्तमान महासचिव पाकिस्तान के अमजद हुसैन बी सियाल हैं.
वर्तमान सदस्य देश
भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, नेपाल, मालदीव, भूटान और अफ़ग़ानिस्तान
वर्तमान पर्यवेक्षक देश
अमेरिका, दक्षिण कोरिया, यूरोपीय संघ, ईरान, चीन, ऑस्ट्रेलिया. म्यान्मार, मॉरिशस और जापान
सार्क चार्टर में परिभाषित किए गए संगठन के उद्देश्य:
दक्षिण एशिया के लोगों के कल्याण को बढ़ावा देने के लिए जीवन की उनकी गुणवत्ता में सुधार लाना.
क्षेत्र में आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक विकास में तेजी लाना.
दक्षिण एशिया के देशों के बीच सामूहिक आत्म-निर्भरता को बढ़ावा देना और मजबूती प्रदान करना.
आपसी विश्वास, एक दूसरे समस्याओं के प्रति समझ बढ़ाना.
आर्थिक, सांस्कृतिक, तकनीकी, सामाजिक और वैज्ञानिक क्षेत्रों में आपसी सहयोग को बढ़ावा देना.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2022-12-09 19:48:122022-12-10 12:53:198 दिसम्बर: दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन का घोषणा-पत्र दिवस
प्रत्येक वर्ष 9 दिसम्बर को अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार निरोधक दिवस (International Anti-corruption Day) के रूप में मनाया जाता है. इसका उद्देश्य भ्रष्टाचार एवं इसके उन्मूलन हेतु कारगर उपायों के प्रति जागरूकता फैलाना है.
इस वर्ष यानी 2022 के अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार निरोधक दिवस का मुख्य विषय (थीम) ‘UNCAC at 20: भ्रष्टाचार के खिलाफ दुनिया को एकजुट करना’ (UNCAC at 20: Uniting the World Against Corruption) है.
31 अक्टूबर, 2003 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इसे एक दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी. इसके तहत, 9 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार निरोधक दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया गया था.
संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि प्रति वर्ष भ्रष्टाचार के जरिए खरबों डॉलर की चोरी होती है अथवा यह राशि रिश्वत के रूप में दी जाती है. यह राशि नियंत्रण जीडीपी के पांच प्रतिशत से अधिक है.
प्रत्येक वर्ष 7 दिसम्बर को सशस्त्र सेना झंडा दिवस (Armed Forces Flag Day) मनाया जाता है. झंडा दिवस का उद्देश्य देश वासियों द्वारा सेना के प्रति सम्मान प्रकट करना है. 1949 से ही हर साल सात दिसम्बर को देश की रक्षा के लिए शहीद होने वाले जवानों को सम्मान देने के लिए यह दिवस मनाया जाता है.
इस दिन सशस्त्र बल कर्मियों के कल्याण के लिए लोगों से धन जुटाया जाता है. इस दिन झंडे की खरीद से इकट्ठा हुए धन को शहीद सैनिकों के आश्रितों के कल्याण में खर्च किया जाता है. इस धन के लिए भारत सरकार द्वारा सशस्त्र सेना झंडा दिवस कोष (Armed forces Flag Day Fund) बनाया गया है. रक्षा मंत्रालय के तहत संचालित केंद्रीय सैनिक बोर्ड धन एकत्र करता है.
1949 में बलदेव सिंह समिति ने झंडा दिवस कोष की स्थापना की थी. 1993 में, भारत के रक्षा मंत्रालय ने संबंधित कल्याण कोष को सशस्त्र सेना झंडा दिवस कोष में समेकित किया.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2022-12-07 15:34:292022-12-07 20:43:407 दिसम्बर: सशस्त्र सेना झंडा दिवस
प्रत्येक वर्ष 7 दिसंबर को अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन दिवस (International Civil Aviation Day) के रूप में मनाया जाता है. इस दिवस का उद्देश्य राज्यों के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए अन्तर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन के महत्व के बारे में दुनिया भर में जागरूकता पैदा करना है.
इस वर्ष यानी 2022 में नागरिक विमानन दिवस का मुख्य विषय (थीम) ‘वैश्विक उड्डयन विकास के लिए नवाचार को आगे बढ़ाना’ (Advancing Innovation for Global Aviation Development) है. वर्ष 2019 से यह दिवस इसी थीम पर मनाया जा रहा है. यह थीम 2023 तक रहेगा.
ICAO (The International Civil Aviation Organization) ने 1994 में इस दिवस को मनाने की पहल की थी. संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 1996 में, 7 दिसंबर को संयुक्त राष्ट्र प्रणाली में अन्तर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन दिवस के रूप में आधिकारिक तौर पर मान्यता दी.
विमानन से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण तथ्य
दुनिया की सबसे पुरानी एयरलाइन KLM (Koninklijke Luchtvaart Maatschappij) है. इसकी स्थापना 1919 में हुई थी और इसकी पहली उड़ान एम्स्टर्डम और लंदन के बीच 17 मई, 1920 को हुई थी.
भारत की सबसे पुरानी एयरलाइन ‘टाटा एयरलाइंस’ है जिसे 1932 में जेआरडी टाटा द्वारा स्थापित किया गया था. 1946 में यह एयर इंडिया (Air India) बन गई.
एयरलाइन की उड़ान के दौरान पायलट और सह-पायलट एक ही भोजन नहीं करते हैं क्योंकि अगर एक भोजन विषाक्तता से ग्रस्त है, तो दूसरा विमान को उड़ा सकता है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2022-12-07 15:24:412022-12-07 20:28:137 दिसंबर: अन्तर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन दिवस
6 दिसम्बर 2022 को भारतीय संविधान के निर्माता और भारत रत्न डॉ भीमराव अम्बेडकर की 66वीं पुण्यतिथि थी. वर्ष 1956 में इसी दिन डॉ अम्बेडकर का निधन हुआ था.
उनकी पुण्यतिथि को प्रतिवर्ष ‘महापरिनिर्वाण दिवस’ (Mahaparinirvan Diwas) के रुप में मनाया जाता है और बाबा साहब को श्रद्धांजलि दी जाती है. 1990 में बाबा साहेब आम्बेडकर को मरणोपरांत ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया गया था.
डॉक्टर आम्बेडकर न्यायवादी, अर्थशास्त्री, राजनेता और समाज सुधारक थे. उन्होंने दलितों, महिलाओं और श्रमिकों के प्रति सामाजिक भेदभाव के खिलाफ अभियान चलाया. भारत के स्वतंत्र होने के बाद नई सरकार में वह कानून एवं न्याय मंत्री बनाये गये थे. उन्हें संविधान मसौदा समिति का अध्यक्ष भी नियुक्त किया गया था.
प्रत्येक वर्ष 5 दिसम्बर को विश्व मृदा दिवस (World Soil Day) मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य किसानों और आम लोगों को मिट्टी की महत्ता के बारे में जागरूक करना है.
इस वर्ष यानी 2022 के विश्व मृदा दिवस का मुख्य विषय (Theme) ‘मिट्टी, जहां भोजन शुरू होता है’ (Soils, where food begins) है.
संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) ने प्रति वर्ष 5 दिसंबर को ‘विश्व मिट्टी दिवस’ के रूप में मनाने का फैसला 20 दिसंबर 2013 को किया था. संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 2015 को ‘अन्तर्राष्ट्रीय मृदा वर्ष’ के रूप में मनाने की घोषणा की थी.
थाइलैंड के राजा भूमिबोल अदुल्यादेज के जन्मदिन पर मनाया जाता है
थाइलैंड के राजा भूमिबोल अदुल्यादेज (Bhumibol Adulyadej) के जन्मदिन को विश्व मृदा दिवस के रूप में मनाया जाता है. भूमिबोल 70 सालों तक थाइलैंड के राजा रहे थे. इस दौरान वह अपने क्षेत्र के हर गरीब से लेकर हर किसान की जिंदगी को सुझारने और खेती को नए आयाम देने के लिए 4 हजार प्रॉजेक्ट्स की शुरुआत की थी. इन सभी योजनाओं का मुख्य केंद्र मिट्टी ही थी. उन्होंने मिट्टी की समस्या पर ‘Sufficiency Economy Philosphy’ नाम की किताब भी लिखी थी.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2022-12-05 15:25:232022-12-06 17:31:275 दिसंबर: विश्व मृदा दिवस, थाइलैंड के राजा भूमिबोल अदुल्यादेज का जन्मदिन
प्रत्येक वर्ष 5 दिसंबर को अन्तर्राष्ट्रीय स्वयंसेवक दिवस (International Volunteer Day) मनाया जाता है. यह दिवस स्थानीय, राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय सभी स्तरों पर परिवर्तन करने में लोगों की भागीदारी के सम्मान के रूप में मनाया जाता है.
इस दिवस को मनाने का उद्देश्य सामुदायिक स्तर पर स्वयंसेवकों की बढ़ती भागीदारी को रेखांकित करना है. ऐसे में दुनिया के सभी देशों को स्वयंसेवकों के योगदान के बारे में याद दिलाया जाता है.
इस वर्ष यानी 2022 के अन्तर्राष्ट्रीय स्वयंसेवक दिवस का मुख्य विषय (थीम) ‘स्वेच्छा से एकजुटता’ (solidarity through volunteering) है.
संयुक्त राष्ट्र महासभा में 5 दिसंबर को अन्तर्राष्ट्रीय स्वयंसेवक दिवस के रूप में मनाये जाने का फैसला 17 दिसंबर 1985 को किया था.
प्रत्येक वर्ष 4 दिसंबर को भारतीय नौसेना दिवस (Indian Navy Day) के रूप में मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य भारतीय नौसेना की उपलब्धियों और महत्त्वपूर्ण भूमिका की ओर ध्यान आकर्षित करना है.
इस वर्ष यानी 2022 के भारतीय नौसेना दिवस का मुख्य विषय (थीम) ‘Going out to the Neighbors of the Maritime’ है.
भारत की विजय का जश्न मनाने के लिए यह दिवस मनाया जाता है भारत-पाकिस्तान के बीच 1971 में हुए युद्ध में भारत की विजय का जश्न मनाने के लिए यह दिवस मनाया जाता है. पाकिस्तानी सेना ने 3 दिसंबर को हमारे हवाई क्षेत्र और सीमावर्ती क्षेत्र में हमला किया था. इस हमले ने 1971 के युद्ध की शुरुआत की थी.
ऑपरेशन ट्राइडेंट पाकिस्तान को मुहतोड़ जवाब देने के लिए ‘ऑपरेशन ट्राइडेंट’ चलाया गया था. भारतीय नौसेना ने ऑपरेशन ट्राइडेंट के दौरान PNS खैबर सहित पाकिस्तानी नौसेना के चार पोतों को डुबा दिया था, जिससे सैकड़ों पाकिस्तानी नौसैनिक मारे गए थे.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2022-12-04 15:04:292022-12-06 14:02:124 दिसंबर: भारतीय नौसेना दिवस
प्रत्येक वर्ष 3 दिसंबर को अन्तर्राष्ट्रीय दिव्यांग दिवस (International Day of Persons With Disabilities) के रूप में मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य दिव्यांगों के हितों की रक्षा करना और समाज में हर वर्ग के दिव्यांगों की बेहतरी के लिए जागरूकता पैदा करना है.
इस वर्ष यानी 2022 के ‘अन्तर्राष्ट्रीय दिव्यांग दिवस’ का मुख्य विषय (थीम) ‘समावेशी विकास के लिए परिवर्तनकारी समाधान: एक सुलभ और न्यायसंगत दुनिया को बढ़ावा देने में नवाचार की भूमिका’ (Transformative solutions for inclusive development: the role of innovation in fueling an accessible and equitable world) है.
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 3 दिसंबर को अन्तर्राष्ट्रीय दिव्यांग दिवस मनाने का निर्णय 1992 में लिया था.
दिव्यांग से तात्पर्य
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिसम्बर 2015 में विकलांगों को दिव्यांग कहने की अपील की थी. जो विशेष रूप से सक्षम लोगों की विशेष क्षमताओं की ओर इशारा करता है साथ ही समाज के हर वर्ग से अपील करता है कि वो अपने नज़रिए को सकारात्मक की ओर ले जाएं.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने इस दिवस के अवसर पर नई दिल्ली में राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान की. यह पुरस्कार प्रत्येक वर्ष सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा दिया जाता है.
सुगम्य भारत अभियान
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिसंबर 2015 में ‘सुगम्य भारत अभियान’ की शुरूआत की थी. इस अभियान का उद्देश्य दिव्यांग जनों के लिए सार्वभौमिक पहुंच सुनिश्चित करना है.
प्रत्येक वर्ष 2 दिसंबर को राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस (National Pollution Control Day) मनाया जाता है. यह दिवस भोपाल गैस त्रासदी में अपनी जान गंवाने वाले लोगों की याद में मनाया जाता है.
इस दिन का उद्देश्य प्रदूषण को रोकने में मदद करने वाले कानूनों के बारे में लोगों को जागरुक करना, औद्योगिक आपदाओं के प्रबंधन तथा नियंत्रण के प्रति जागरूकता फैलाना और औद्योगिक प्रक्रियाओं व मानवीय लापरवाही से पैदा प्रदूषण को रोकना है.
प्रदूषण किसी भी व्यक्ति के लिए ऐसी समस्या है, जिससे स्वयं को बचाने के लिए निजी स्तर पर कुछ विशेष नहीं कर सकते, बल्कि यह सामूहिक प्रयास है. जानिए क्या है भोपाल गैस त्रासदी…»