15 जनवरी 2024: 76वां सेना दिवस मनाया गया

प्रत्येक वर्ष 15 जनवरी को सेना दिवस (Army Day) के रूप में मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य थल सेना के अदम्य साहस, उनकी वीरता, शौर्य और उसकी कुर्बानी को याद करना है. भारतीय सेना का आदर्श वाक्य ‘service before self’ है.

इस अवसर पर थलसेना अध्यक्ष जनरल मनोज पांडे मद्रास इंजीनियरिंग ग्रुप मेमोरियल पर पुष्‍पांजलि अर्पित की और सेना की आठ मार्चिंग टुकडि़यों का निरीक्षण किया.

15 जनवरी 2024 को  इस अवसर पर लखनऊ में पहली बार भारतीय सेना की केन्‍द्रीय कमान 76वीं सेना दिवस परेड आयोजित किया था. सूर्या कमान के नाम से जाने वाली इस कमान की परेड 11 गोरखा राइफल रेजिमेंटल केन्‍द्र में आयोजित हुई.

आजादी के बाद यह दूसरी बार है जब सेना दिवस दिल्ली के बाहर आयोजित किया गया. 75वां सेना दिवस का आयोजन बेंगलुरु में हुआ था.

केएम करियप्पा के सेना प्रमुख का पदभार ग्रहण करने के उपलक्ष्य में मनाया जाता

  • यह दिवस फ़ील्ड मार्शल केएम करियप्पा के भारतीय थल सेना के शीर्ष कमांडर का पदभार ग्रहण करने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है. 1949 में इसी दिन देश के पहले कमांडर-इन-चीफ फील्ड मार्शल केएम करियप्पा ने अंतिम ब्रिटिश कमांडर-इन-चीफ एफआरआर बुशर से सैन्य कमान अपने हाथों में ली थी. करियप्पा पहले ऐसे ऑफिसर थे जिन्हें फील्ड मार्शल की रैंक दी गई थी.
  • इस वर्ष यानी 2024 में 76वां सेना दिवस है. इस अवसर पर थलसेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवणे, वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया और नौसेना प्रमुख एडिमरल करमबीर सिंह ने राष्‍ट्रीय समर स्‍मारक पर श्रद्धासुमन अर्पित किये.

फसल कटाई का त्‍योहार: मकर संक्रांति के अलग-अलग नाम

फसल कटाई का त्‍योहार मकर संक्रांति 14 जनवरी को देश के विभिन्‍न भागों में मनाया जाता है. यह पर्व ठंड की समाप्ति और जाड़े की फसलों की कटाई के बाद मनाया जाता है. मकर संक्रांति सूर्य के उत्‍तरायण होने के अवसर पर मनाया जाता है. यह त्‍योहार देश के विभिन्‍न क्षेत्रों में कई नामों से जाना जाता है.

मकर संक्रांति के अलग-अलग नाम

  1. तमिलनाडु — पोंगल
  2. गुजरात — उत्‍तरायण
  3. असम — भोगाली बीहू
  4. पश्चिम बंगाल — पौष संक्रांति

इस दिन से सूर्य के उतरी गोलार्द्ध की ओर जाने के कारण ग्रीष्म ऋतु का प्रारम्भ होता है. सूर्य के प्रकाश में गर्मी और तपन बढ़ने लगती है. इसके फलस्वरुप प्राणियों में चेतना और कार्यशक्ति का विकास होता है.

14 जनवरी: भूतपूर्व सैनिक दिवस

प्रत्येक वर्ष 14 जनवरी को ‘भूतपूर्व सैनिक दिवस’ (Ex-servicemen’s Day) मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य लोगों में भूतपूर्व सैनिकों के प्रति सम्मान पैदा करना है.

देश के पहले सेना प्रमुख फील्‍ड मार्शल एवं आर्डर ऑफ द ब्रिटिश एम्पायर केएम करियप्‍पा की उल्‍लेखनीय सेवाओं के स्‍मरण में यह दिवस मनाया जाता है. वे इसी दिन 1953 में भारतीय सेना में अपनी सेवा के बाद औपचारिक रूप से सेवानिवृत हुए थे.

उन्होंने 1947 के युद्ध में भारतीय सेना का नेतृत्व किया था. पहला सशस्त्र बल भूतपूर्व सैनिक दिवस 14 जनवरी, 2017 को मनाया गया था.

12 जनवरी 2024: स्वामी विवेकानंद की 161वीं जयंती, राष्ट्रीय युवा दिवस

12 जनवरी 2024 को भारत के महान आध्‍यात्मिक गुरु स्वामी विवेकानंद की 161वीं जयंती थी. इस दिन को ‘राष्ट्रीय युवा दिवस’ (National Youth Day) के रुप में मनाता जाता है. अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस की शुरुआत संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा दिसम्बर, 1999 में की गयी थी. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वामी विवेकानंद जयंती के अवसर पर महाराष्ट्र के नाशिक में 27वें राष्ट्रीय युवा महोत्सव का उद्घाटन किया था.

स्‍वामी विवेकानंद ने विश्व को वेदांत और योग के भारतीय दर्शन से अवगत कराया था. उठो, जागो, और ध्येय की प्राप्ति तक रूको मत… स्वामी विवेकानंद का ये संदेश सदा सर्वदा देश और दुनिया के युवाओं को प्रेरित करता रहेगा.

स्वामी विवेकानंद: एक दृष्टि

स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 को कलकत्ता में हुआ था. उनका मूल नाम नरेन्द्रनाथ दत्त था. विवेकानंद को भारत में हिन्दू धर्म के पुनर्जागरण व राष्ट्रवाद का प्रेरणा-श्रोत माना जाता है. वे प्रसिद्ध संत रामकृष्ण परमहंस के शिष्य थे. स्वामी विवेकानंद का निधन 4 जुलाई, 1902 को हुआ था.

स्वामी विवेकानंद ने 1893 में अमेरिका के शिकागो में विश्व धर्म संसद में ऐतिहासिक भाषण दिया था और विश्व को हिन्दू धर्म का परिचय करवाया था.

10 जनवरी: विश्‍व हिंदी दिवस

प्रत्येक वर्ष 10 जनवरी को विश्‍व हिंदी दिवस (World Hindi Day) के रूप में मनाया जाता है. विदेशों में हिंदी भाषा के प्रयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से हर साल यह दिवस मनाया जाता है.

2006 में इसी दिन पहली बार नागपुर में प्रथम विश्‍व हिन्‍दी सम्‍मेलन का आयोजन किया गया था. इस सम्मेलन की स्मृति में भारत सरकार ने 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया था.

विश्व में हिंदी की स्थिति

हिंदी विश्व की तीसरी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है. भारत के करीब 77 प्रतिशत लोग हिंदी लिखते, पढ़ते, बोलते और समझते हैं. देश में हिंदी को राजकीय भाषा बनाने वाला पहला राज्य बिहार था.

अमेरिका के 45 विश्वविद्यालयों सहित पूरी दुनिया के करीब 176 विश्वविद्यालयों में हिंदी की पढ़ाई जारी है.

हिन्दी को संयुक्त राष्ट्र की आधिकारिक भाषा का दर्जा दिलाने की पहल

भारत सरकार ने हिन्दी को संयुक्त राष्ट्र की आधिकारिक भाषा का दर्जा दिलाने के लिए एक पहल शुरू की है. इस पहल में संयुक्त राष्ट्र के उस नियम में बदलाव की मुहिम शुरू की गयी है जिसमें इस प्रस्ताव का अनुमोदन करने वाले देशों पर खर्च वहन करने का जिम्मा डाला गया है.

संयुक्त राष्ट्र की आधिकारिक भाषा का दर्जा के लिए नियम व शर्तें

संयुक्त राष्ट्र में किसी भाषा को आधिकारिक भाषा का दर्जा दिलाने के लिए दो-तिहाई देशों द्वारा अनुमोदन जरूरी होता है.
अनुमोदन करने वाले देशों को इसके लिए होने वाले व्यय में हिस्सेदारी वहन करनी होती है.

भारत पूरा खर्च वहन करने के लिए तैयार है लेकिन नियम के कारण ऐसा संभव नहीं है. इसी वजह से जर्मन एवं जापानी भाषा को भी संयुक्त राष्ट्र की आधिकारिक भाषा का दर्जा नहीं मिल पाया है.

14 सितम्बर: हिंदी दिवस

विश्‍व हिंदी दिवस के अतिरिक्त प्रत्येक वर्ष 14 सितम्बर को हिंदी दिवस (Hindi Diwas) मनाया जाता है. इसी दिन हिंदी को आधिकारिक भाषा के रूप में मान्यता दी गयी थी. 14 सितम्बर, 1949 को संविधान सभा ने हिंदी भाषा को भारत की अधिकारिक भाषा का दर्जा दिया था. पढ़ें पूरा आलेख…»

4 जनवरी: लुई ब्रेल दिवस, ब्रेल लिपि से संबंधित जानकारी

प्रत्येक वर्ष 4 जनवरी को लुई ब्रेल दिवस (World Braille Day) मनाया जाता है. यह दिन दृष्टिबाधित दिव्‍यांगजनों को मानवाधिकार प्रदान करने और संचार के माध्‍यम के रूप में ब्रेल लिपि के बारे में जागरूकता लाने के लिए मनाया जाता है. संयुक्त राष्ट्र के अनुसार विश्व भर में लगभग 39 मिलियन लोग देख नहीं सकते जबकि 253 मिलियन लोगों में कोई न कोई दृष्टि विकार है.

लुई ब्रेल का जन्मदिन

यह दिन ब्रेल लिपि के आविष्कारक लुई ब्रेल के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है. लुई ब्रेल का जन्म इसी दिन 1809 में फ्रांस में हुआ था. सिर्फ तीन साल की उम्र में, उन्‍होंने एक दुर्घटना में अपनी दोनों आँखें खो दी थीं. लुई ब्रेल ने नेत्रहीनों के लिये ब्रेल लिपि का निर्माण किया था. लुई ब्रेल की वजह से नेत्रहीनों को पढ़ने का मौक़ा मिला. उनके सम्मान में 2019 में संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) द्वारा विश्व ब्रेल दिवस अनुमोदित किया गया था.

ब्रेल लिपि: एक दृष्टि

  • ब्रेल लिपि (स्क्रिप्ट) एक तरह की लिपि है, जिसको विश्व भर में नेत्रहीनों को पढ़ने और लिखने में छूकर व्यवहार में लाया जाता है.
  • इस पद्धति का आविष्कार 1821 में एक नेत्रहीन फ्रांसीसी लेखक लुई ब्रेल ने किया था.
  • यह 6 बिंदुओं के उपयोग से 64 अक्षर और चिह्न वाली लिपि है.
  • दृष्टि बाधित समाचार वाचक द्वारा ब्रेल लिपि से लाइव समाचार पढ़ने का प्रारम्भ देश में सबसे पहले क्षेत्रीय समाचार एकांश अहमदाबाद द्वारा 2004 में शुरू किया गया था.

3 जनवरी: सावित्रीबाई ज्योतिराव फुले की जयंती

3 जनवरी को समाज सुधारिका सावित्रीबाई ज्योतिराव फुले की जयंती (Savitribai Phule Jayanti) है. उनका जन्म 1831 में इसी दिन महाराष्ट्र स्थित सतारा के नायगांव में हुआ था. ज्योतिबा को महाराष्ट्र और भारत में सामाजिक सुधार आंदोलन में एक सबसे महत्त्वपूर्ण व्यक्ति के रूप में माना जाता है.

सावित्रीबाई फुले: मुख्य तथ्य

  • सावित्रीबाई फुले भारत की प्रथम महिला शिक्षिका, समाज सुधारिका एवं मराठी कवयित्री थीं. उन्होंने स्त्री अधिकारों एवं शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किए.
  • वे प्रथम महिला शिक्षिका थीं. उन्हें आधुनिक मराठी काव्य का अग्रदूत माना जाता है. 1852 में उन्होंने बालिकाओं के लिए एक विद्यालय की स्थापना की थी.
  • सावित्रीबाई फुले को देश के पहले बालिका विद्यालय की पहली प्रधानाचार्या बनने और पहले किसान स्कूल की स्थापना करने का श्रेय जाता है. लड़कियों की शिक्षा पर उस समय सामाजिक पाबंदी थी.
  • सावित्रीबाई ने अपने जीवन को एक मिशन की तरह से जीया जिसका उद्देश्य था विधवा विवाह करवाना, छुआछूत मिटाना, महिलाओं की मुक्ति और दलित महिलाओं को शिक्षित बनाना.

1 जनवरी 2024: DRDO का 66वां स्थापना दिवस

रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने 1 जनवरी 2024 को अपना 66वां स्थापना दिवस (66th DRDO Day) मनाया था. DRDO की स्थापना भारत को विज्ञान और प्रौद्योगिकी विशेष रूप से सैन्य प्रौद्योगिकी में मजबूत तथा आत्मनिर्भर बनाने के लिए 1 जनवरी, 1958 को की गई थी.

रक्षा अनुसन्धान व विकास संगठन (DRDO): एक दृष्टि

  • DRDO, रक्षा अनुसन्धान व विकास संगठन (Defence Research and Development Organisation) का संक्षिप्त रूप है. यह भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत एक संगठन है.
  • रक्षा क्षेत्र में अनुसंधान कार्य को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मात्र दस प्रयोगशालाओं के साथ संगठन की शुरुआत हुई थी. इस संस्थान की स्थापना भारतीय थल सेना एवं रक्षा विज्ञान संस्थान के तकनीकी विभाग के रूप में की गयी थी.
  • इसका मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है. DRDO का आदर्श वाक्य ‘बलस्य मूलं विज्ञानं’ है. पूरे देश में DRDO की 52 प्रयोगशालाओं का नेटवर्क है.
  • DRDO के वर्तमान अध्यक्ष समीर वी कामत हैं. DRDO देश की सुरक्षा के लिए मिसाइल, रडार, सोनार, टॉरपीडो आदि का निर्माण करती है.

DRDO की मुख्य संस्थाएं

  1. एडवांस्ड नूमेरिकल रिसर्च एण्ड एनलिसिस ग्रुप (anurag ) – हैदराबाद
  2. एडवांस्ड सिस्टम्स लैब्रटोरी – हैदराबाद
  3. एरियल डेलीवेरी रिसर्च एण्ड डेवलपमेंट ईस्टैब्लिश्मन्ट – आगरा
  4. ऐरोनोटिकल डेवलपमेंट ईस्टैब्लिश्मन्ट – बेंगलुरू
  5. अर्नमेंट्स रिसर्च एण्ड डेवलपमेंट ईस्टैब्लिश्मन्ट – पुणे
  6. सेंटर फॉर ऐरबोर्न सिस्टम – बेंगलुरू
  7. सेंटर फॉर आर्टिफिसियल इन्टेलिजन्स एण्ड रोबाटिक्स – बेंगलुरू
  8. सेंटर फॉर फायर एक्सप्लोसिव एण्ड एनवायरनमेंट सैफ्टी – दिल्ली
  9. कम्बैट वीइकल रिसर्च एण्ड डेवलपमेंट ईस्टैब्लिश्मन्ट – चेन्नई
  10. डिफेन्स फूड रिसर्च लैब्रटोरी – मैसूर
  11. टर्मिनल बलिस्टिक रिसर्च लैब्रटोरी – चंडीगढ़

27 दिसंबर: महामारी की तैयारी का अंतर्राष्ट्रीय दिवस

27 दिसंबर 2023 को महामारी की तैयारी का अंतर्राष्ट्रीय दिवस (International Day of Epidemic Preparedness) मनाया गया था. यह दिन महामारी के खिलाफ वैश्विक साझेदारी के महत्व को रेखांकित करता है.

इस दिवस को मनाने के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा ने प्रस्ताव को 2020 में मंज़ूरी दी थी. पहली बार यह दिवस 27 दिसंबर, 2020 को मनाया गया था.

महामारी में ज्यादातर संक्रामक रोग शामिल हैं. इसमें कैंसर और हृदय रोग और अन्य गैर-संचारी रोग शामिल नहीं हैं. एक महामारी वह बीमारी है जो कम समय के भीतर बड़े पैमाने पर लोगों में तेजी से फैलती है.

26 दिसंबर 2023: दूसरा वीर बाल दिवस मनाया गया

26 दिसंबर 2023 को दूसरा वीर बाल दिवस (Veer Bal Diwas) मनाया गया. श्री गुरू गोबिन्द सिंह जी के दो पुत्रों के बलिदान की स्मृति में यह दिवस मनाया जाता है.

मुख्य बिन्दु

  • जनवरी 2023 में श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के प्रकाश पर्व वाले दिन प्रधानमंत्री ने 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी.
  • वीर बाल दिवस श्री गुरू गोविंद सिंह के पुत्रों साहिबजादा बाबा जोरावर सिंह जी और बाबा फतेह सिंह जी के शहादत दिवस के रूप में मनाया जाता है.
  • गुरू गोबिन्‍द सिंह जी के चार बेटे साहिबजादा बाबा अजीत सिंह, जुझार सिंह, जोरावर सिंह और फतेह सिंह थे.

25 दिसम्बर: सुशासन दिवस, अटल बिहारी वाजपेयी का जन्मदिन

प्रत्येक वर्ष 25 दिसम्बर को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती को सुशासन दिवस (Good Governance Day) के रूप में मनाया जाता है. इसके साथ ही 19-25 दिसम्बर के सप्ताह को ‘सुशासन सप्ताह’ मनाया जाता है. सुशासन दिवस/सप्ताह का मुख्य उद्देश्य जनता को पारदर्शी, भ्रष्टाचार मुक्त और जिम्मेदार प्रशासन देना है.

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का जन्‍म 25 दिसंबर 1924 को ग्वालियर में हुआ था. 25 दिसम्बर 2023 को अटल बिहारी वाजपेयी की 99वीं जयंती थी.

अटल बिहारी वाजपेयी: एक दृष्टि

  • श्री वाजपेयी लोकसभा के लिए दस बार और राज्‍यसभा के लिए दो बार चुने गए थे.
  • वे तीन बार देश के प्रधानमंत्री बने. पहली बार 1996 में वे केवल 13 दिन तक प्रधानमंत्री रहे. दूसरा कार्यकाल 1998 से 1999 तक 11 महीने का रहा और इसके बाद 1999 से 2004 तक उन्होंने प्रधानमंत्री के रूप में देश की सेवा की.
  • श्री वाजपेयी के नेतृत्व में ही भारत ने 1998 में दूसरा पोखरण परमाणु परीक्षण किया था और परमाणु संपन्न देश के रूप में अपनी स्थिति सुदृढ कर ली थी.
  • अटल बिहारी वाजपेयी को 1992 में पद्म विभूषण और 2015 में भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत-रत्न से अलंकृत किया गया था.
  • अटल बिहारी वाजपेयी का निधन 16 अगस्त 2018 को हुआ. उनकी समाधि ‘सदैव अटल’ नई दिल्ली में स्थित है.

25 दिसंबर 2023: पंडित मदनमोहन मालवीय की 162वीं जयंती

25 दिसंबर को महान शिक्षाविद, समाज सुधारक और स्वतंत्रता सेनानी पंडित मदन मोहन मालवीय की जयंती मनाई जाती है. उनका जन्म 1861 में इसी दिन इलाहबाद में हुआ था. प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने इस वर्ष उनकी 162वीं जयंती के अवसर पर नई दिल्ली के विज्ञान भवन में एक कार्यक्रम में ‘पण्डित मदनमोहन मालवीय सम्पूर्ण वाङ्ग्मय’ की 11 खंडों की पहली श्रृंखला का विमोचन किया.

पंडित मदन मोहन मालवीय: एक दृष्टि

  • पंडित मदन मोहन मालवीय भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के चार बार अध्यक्ष रहे थे. उन्होंने वर्ष 1909 में लाहौर, 1918 और 1930 में दिल्ली तथा 1932 में कोलकाता में कांग्रेस के अधिवेशन की अध्यक्षता की थी.
  • वह ‘हिन्दोस्तान’ नामक हिंदी दैनिक और ‘इंडियन ओपिनियन’ के संपादक रहे थे. 1907 में उन्होंने स्वयं हिंदी साप्ताहिक पत्रिका ‘अभ्युदय’ और 1910 में ‘मर्यादा’ नामक हिंदी समाचार पत्र की शुरुआत की.
  • उन्‍होंने देश में आधुनिक शिक्षा को बढावा दिया था. मालवीय जी ने 1916 में वाराणसी में काशी हिन्‍दू विश्‍वविद्यालय (BHU) की स्‍थापना की थी.
  • 1924 में उन्होंने लाला लाजपत राय, एमआर जयकर तथा घनश्याम दास बिरला की सहायता से हिंदुस्तान टाइम्स का अधिग्रहण किया था. वे 1924 से 1946 तक इसके संपादक रहे. उनके प्रयासों से ही 1936 में हिंदुस्तान टाइम्स का हिंदी संस्करण ‘हिंदुस्तान’ शुरू किया गया.
  • पंडित मदन मोहन मालवीय का निधन 1946 में इलाहबाद में हुआ था. उन्‍हें 2015 में मरणोपरांत भारत-रत्‍न से सम्‍मानित किया गया.