9 नवम्बर 2021: उत्तराखंड का 21वां स्‍थापना दिवस

प्रत्येक वर्ष 9 नवम्बर को उत्तराखंड अपना स्थापना दिवस (Uttarakhand Sthapna Diwas) मनाता है. उत्तराखंड आज के ही दिन वर्ष 2000 में अस्तित्‍व में आया था. इसके पहले यह उत्‍तर प्रदेश का हिस्सा था. इस अवसर पर राज्यपाल गुरमीत सिंह और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी परेड की सलामी ली.

उत्तराखंड: मुख्य बिंदु

  • कई वर्षों तक चले आंदोलन के बाद 9 नवंबर 2000 को उत्तराखण्ड को सत्ताइसवें राज्य के रूप में भारत गणराज्य में शामिल किया गया था.
  • वर्ष 2000 से 2006 तक इसे उत्तरांचल के नाम से पुकारा जाता था, लेकिन जनवरी 2007 में स्थानीय लोगों की भावनाओं का सम्मान करते हुए इसका आधिकारिक नाम बदलकर उत्तराखण्ड कर दिया गया.
  • उत्तराखंड की सीमाएँ उत्तर में तिब्बत और पूर्व में नेपाल से लगी हैं. पश्चिम में हिमाचल प्रदेश और दक्षिण में उत्तर प्रदेश इसकी सीमा से लगे राज्य हैं.
  • उत्तराखंड को देवभूमि के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि कई प्राचीन धार्मिक स्थलों के साथ ही यह राज्य हिन्दू धर्म में सबसे पवित्र मानी जाने वाली देश की सबसे बड़ी नदियों गंगा और यमुना का उद्गम स्थल है.

8 नवंबर: विश्व रेडियोग्राफी दिवस

प्रत्येक वर्ष 8 नवंबर को विश्व रेडियोग्राफी दिवस (International Day of Radiology) मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य लोगों के बीच रेडियोलॉजी के बारे में जागरूकता बढ़ाना है.

यह दिवस भौतिकी के वैज्ञानिक विल्हेम कॉनराड रॉन्टगन जिन्होंने एक्स-रे की खोज की थी, के जन्मदिन पर मनाया जाता है. वर्ष 1895 में आज के ही दिन रॉन्टगन ने एक्स-रे की खोज की थी.

रेडियोग्राफी स्वास्थ्य सेवा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. यह रोगियों की देखभाल करने में सहायता करता है. एक्स-रे लोगों के स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को खोजने में मदद करती हैं.

पहली बार विश्व रेडियोलॉजी दिवस 8 नवंबर 2012 को मनाया गया था. यूरोपियन सोसाइटी ऑफ रेडियोलॉजी (ESR), रेडियोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ नॉर्थ अमेरिका (RSNA) और अमेरिकन कॉलेज ऑफ रेडियोलॉजी (ACR) ने विश्व रेडियोलॉजी दिवस शुरू करने के लिए पहल की थी.

विश्व रेडियोग्राफी दिवस 2021 की थीम

इस वार्स यानि 2021 का विश्व रेडियोग्राफी दिवस की थीम (मुख्य विषय) ‘इंटरवेंशनल रेडियोलॉजी – रोगी की सक्रिय देखभाल’ (Interventional Radiology – Active care for the patient) है.

9 नवंबर: राष्ट्रीय विधिक सेवा दिवस

प्रत्येक वर्ष 9 नवंबर को राष्ट्रीय विधिक सेवा दिवस (National Legal Services Day) मनाया जाता है. यह दिवस सभी नागरिकों के लिए उचित निष्पक्ष और न्याय प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से मनाया जाता है.

मुख्य बिंदु

  • राष्ट्रीय विधिक सेवा दिवस (NLSD) की शुरुआत पहली बार 1995 में भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा समाज के गरीब और कमजोर वर्गों को सहायता और समर्थन प्रदान करने के लिये की गई थी.
  • कमजोर वर्गों को नि:शुल्क कानूनी सेवाएँ प्रदान करने के लिये राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (National Legal Services Authority-NALSA) का गठन किया गया है. भारत का मुख्य न्यायाधीश इसका मुख्य संरक्षक होता है.
  • संविधान के अनुच्छेद 39 A अवसर की समानता के आधार पर न्याय को बढ़ावा देने के लिये समाज के गरीब और कमजोर वर्गों को मुफ्त कानूनी सहायता प्रदान करने का प्रावधान करता है. अनुच्छेद 14 और अनुच्छेद 22 (1), विधि के समक्ष समानता सुनिश्चित करने के लिये राज्य को बाध्य करता है.
  • NALSA महिलाओं, विकलांग व्यक्तियों, अनुसूचित जनजातियों (ST), बच्चों, अनुसूचित जातियों (SC), मानव तस्करी पीड़ितों के साथ-साथ प्राकृतिक आपदाओं के शिकार लोगों को कानूनी सहायता प्रदान करता है.

7 नवंबर: राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी

प्रत्येक वर्ष 7 नवम्बर को ‘राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता’ (National Cancer Awareness Day) दिवस मनाया जाता है. कैंसर रोग कोशिकाओं में अनियंत्रित वृद्धि के कारण होता है. इस दिवस को मनाने के उद्देश्य कैंसर, के लक्षणों और उपचार के बारे में जागरूकता फैलाना है.

भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने ‘7 नवंबर’ को ‘राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस’ के रूप में मनाये जाने का निर्णय 2014 में लिया था. पहला राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस 7 नवंबर 2014 को मनाया गया था.

इसके अलाबा प्रत्येक वर्ष ‘4 फरवरी’ को ‘विश्व कैंसर दिवस’ (World Cancer Day) के रूप में मनाया जाता है.

डॉ. कमल रणदिवे को कैंसर पर उनके शोध के लिए जाना जाता है. वह भारतीय बायोमेडिकल शोधकर्ता थीं जिन्होंने कैंसर और वायरस के बीच सम्बन्ध पर शोध कार्य किया था. वे Indian Women Scientists’ Association (IWSA) की संस्थापक सदस्यों में से एक थीं. उन्होंने 1960 के दशक में मुंबई में Indian Cancer Research Centre में भारत की प्रथम टिश्यू कल्चर रिसर्च लेबोरेटरी की स्थापना की थी.

5 नवंबर: विश्व सुनामी जागरूकता दिवस

प्रत्येक वर्ष 5 नवंबर को दुनिया भर में ‘विश्व सुनामी जागरूकता दिवस’ (World Tsunami Awareness Day) मनाया जाता है. इस दिवस का उद्देश्य सुनामी के खतरों और इसके प्रभाव को कम करने हेतु चेतावनी प्रणालियों के बारे में जागरूक करना है.

विश्व सुनामी जागरूकता दिवस का लक्ष्य ‘सेंदाई सेवेन कैम्पेन’ (Sendai Seven Campaign) को बढ़ावा देना है, जो महत्वपूर्ण बुनियादी ढाँचे में आपदा नुकसान को कम करने और बुनियादी सेवाओं के विघटन पर केंद्रित है.

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने प्रतिवर्ष 5 नवंबर को इस दिवस के रूप में मनाने की घोषणा 2015 में की थी. पहला विश्व सुनामी जागरूकता दिवस 5 दिसंबर 2016 को मनाया गया था.

शब्द Tsunami (सुनामी) जापानी नाम है. “tsu” का अर्थ है बंदरगाह और “nami” का अर्थ है लहर. सुनामी बड़ी लहरें हैं जो समुद्र के किनारों पर उत्पन्न होती हैं जो मुख्य रूप से भूस्खलन या भूकंप से जुड़ी होती हैं.

धनवंतरि जयंती के दिन राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस मनाया जाता है

प्रत्येक वर्ष धनवंतरि जयंती (धनतेरस) के दिन ‘राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस’ (National Ayurveda Day) मनाया जाता है. इस वर्ष यानि 2021 में यह दिवस 2 नवम्बर को मनाया गया. यह दिवस आयुर्वेद के स्वास्थ्य लाभों के बारे में जागरुकता लाने और आयुर्वेदिक जीवन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मनाया जाता है. भारत सरकार के आयुष मंत्रालय ने इस दिवस की शुरुआत 2016 में हुई थी.

राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस 2021 का मुख्य विषय ‘पोषण के लिए आयुर्वेद’ है.

भगवान धन्वंतरी को आयुर्वेद का देवता कहा जाता है. उनके जन्मदिन यानी धनतेरस के दिन राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस मनाया जाता है. पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान धन्वंतरि समुद्र मंथन के दौरान देवों और असुरों के सामने प्रकट हुए थे. वह अपने हाथ में अमृत और आयुर्वेद ग्रन्थ पकड़े हुए थे.

1 नवंबर: मध्य प्रदेश, कर्नाटक, पंजाब, केरल, हरियाणा, आंध्र प्रदेश और छत्तीसगढ़ स्थापना दिवस

प्रत्येक वर्ष 1 नवंबर को मध्य प्रदेश, कर्नाटक, पंजाब, केरल, हरियाणा, आंध्र प्रदेश और छत्तीसगढ़ अपना स्थापना दिवस मनाते हैं. इन सभी राज्यों का गठन 1 नवंबर को ही हुआ था.

मध्य प्रदेश का गठन 1 नवंबर, 1956 को हुआ था. इसके गठन से पहले यह मध्य भारत में आता था. इस वर्ष 2021 में मध्य प्रदेश का 66वां स्थापना मनाया गया. मध्य भारत प्रांत की उस समय दो राजधानियां थीं. ग्वालियर शीतकालीन राजधानी और इंदौर ग्रीष्मकालीन राजधानी थी. मध्‍यप्रदेश के अस्तित्‍व में आने के साथ ही भोपाल को राजधानी बना दिया गया. डॉ. पटटाभि सीतारामैया मध्यप्रदेश के पहले राज्यपाल बने जबकि पंडित रविशंकर शुक्ल को पहला मुख्यमंत्री बनाया गया.

1 नवंबर 2000 को ही मध्य प्रदेश के कुछ भागों को अलग कर छत्तीसगढ़ नाम का एक नया राज्य अस्तित्व में आया था. इस वर्ष 2021 में छत्तीसगढ़ का 22वां स्थापना मनाया गया.

कर्नाटक का गठन 1 नवंबर, 1956 को राज्य पुनर्गठन अधिनियम के अधीन किया गया था. पहले यह मैसूर राज्य कहलाता था. 1973 में पुनर्नामकरण कर इसका नाम कर्नाटक कर दिया गया था.

1 नवंबर, 1956 को आंध्र प्रदेश का निर्माण तत्कालीन आंध्र राज्य और हैदराबाद राज्य के विलय के साथ हुआ था. हालांकि साल 2014 में एक पृथक आंध्रप्रदेश के पहले मुख्यमंत्री बनने के बाद चंद्रबाबू नायडू ने 2 जून को अपना स्थापना दिवस मनाने का फैसला लिया था, लेकिन जगन सरकार ने स्थापना दिवस मनाने के लिए 1 नवंबर की तारीफ पुन: निश्चित की.

कर्नाटक, मध्यप्रदेश, आंध्र प्रदेश और छत्तीसगढ़ के अलावा पंजाब, केरल और हरियाणा का भी गठन 1 नवंबर को है हुआ था. इस कारण ये राज्य भी अपना स्थापना दिवस 1 नवम्बर को मनाते हैं.

26 अक्टूबर से 1 नवम्‍बर: सतर्कता जागरूकता सप्‍ताह

केन्‍द्रीय सतर्कता आयोग(CVC) प्रति वर्ष ‘सतर्कता जागरूकता सप्ताह’ (Vigilance Awareness Week) का आयोजन करता है. इस वर्ष यानी 2021 में यह सप्ताह 26 अक्टूबर से 1 नवम्‍बर तक आयोजित किया गया था. इसका उद्देश्य लोगों के सहयोग से सार्वजनिक जीवन में ईमानदारी और सत्‍यनिष्‍ठा को बढ़ावा देना है.

सतर्कता जागरूकता सप्‍ताह 2021 का विषय- ‘स्वतंत्र भारत @ 75: ईमानदारी के साथ आत्मनिर्भरता’ (Independent India @ 75: Self Reliance with Integrity) रखा गया है. आयोग ने कहा है कि इस विषय से समाज के सभी वर्गों विशेषकर युवाओं को नैतिक आचरण का पता चलेगा और ईमानदार, भेदभाव रहित और भ्रष्‍टाचार मुक्‍त समाज बनाया जा सकेगा.

केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC)
CVC एक शीर्ष भारतीय सरकारी निकाय है, जिसे 1964 में सरकारी भ्रष्टाचार पर अंकुस लगाने के लिए स्थापित किया गया था. इसे 2003 में संसद के एक अधिनियम द्वारा वैधानिक दर्जा दिया गया था. यह एक स्वायत्त निकाय है और किसी भी कार्यकारी प्राधिकरण के नियंत्रण से मुक्त है.

31 अक्टूबर: विश्व नगर दिवस

प्रत्येक वर्ष 31 अक्टूबर को ‘विश्व नगर दिवस’ (World Cities Day) के रूप में मनाया जाता है. यह दिवस शहरीकरण की चुनौतियों का सामना करने और दुनिया भर में सतत शहरी विकास में योगदान करने के उद्देश्य से मनाया जाता है.

इस वर्ष यानि 2021 के विश्व नगर दिवस की थीम ‘जलवायु लचीलापन के लिए शहरों को अपनाना’ (Adapting Cities for Climate Resilience) है.

संयुक्त राष्ट्र ने विश्व नगर दिवस को मनाने का निर्णय 2013 में किया था। पहला विश्व नगर दिवस 2020 में मनाया गया था.

31 अक्टूबर: सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती, राष्ट्रीय एकता दिवस

प्रत्येक वर्ष 31 अक्टूबर को लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती मनाई जाती है. इस वर्ष यानी 2021 में उनकी 146वीं जयंती मनाई गयी.

वर्ष 2014 से सरदार वल्लभ भाई पटेल के जन्मदिन को ‘राष्ट्रीय एकता दिवस’ (National Unity Day) के तौर पर मनाया जाता है. देश में राष्ट्रीय एकता की भावना का संचार करने के उद्देश्य से इस दिन ‘रन फॉर यूनिटी दौड़’ कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात में सरदार पटेल की प्रतिमा ‘स्‍टैच्‍यू ऑफ यूनिटी’ पर उन्हें पुष्‍पांजलि अर्पित की. गु़जरात के नर्मदा किनारे केवाडिया में बने यह प्रतिमा 182 मीटर ऊंची है, जो कि दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा है.

‘एक भारत श्रेष्‍ठ भारत’ पर्व का आयोजन

सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती पर नई दिल्‍ली के इंडिया गेट पर ‘एक भारत श्रेष्‍ठ भारत’ पर्व का आयोजन किया जाता है. इस पहल का उद्देश्‍य सभी राज्‍यों और केंद्रशासित प्रदेशों के बीच देश की विविधता में एकता को रेखांकित करना है. एक भारत श्रेष्‍ठ भारत का शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने 31 अक्‍तूबर, 2015 को सरदार पटेल की 140वीं जयंती के अवसर पर किया था.

सरदार वल्‍लभ भाई पटेल: संक्षिप्त परिचय

सरदार वल्‍लभ भाई पटेल का जन्म 31 अक्‍तूबर 1875 को गुजरात के नाडियाड में हुआ था. वह भारत के लौह पुरूष के रूप में जाने जाते हैं. उन्‍होंने भारत के साथ पांच सौ से अधिक रजवाड़ों का विलय कराया था. 12 अक्‍तूबर 1947 को दशहरे के अवसर पर सरदार पटेल ने अखंड भारत की अवधारणा का आह्वान किया था.

सरदार पटेल ने भारत के पहले उप-प्रधानमंत्री के रूप में सेवा की और गृहमंत्री भी रहे. वे भारतीय राष्‍ट्रीय कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता थे. भारत गणराज्‍य के एक संस्‍थापक के रूप में पटेल ने देश की आजादी के लिए संघर्ष में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाई.

24 अक्टूबर 2021: 76वां संयुक्त राष्ट्र संघ दिवस मनाया गया

प्रत्येक वर्ष 24 अक्टूबर को पूरे विश्व में संयुक्त राष्ट्र संघ दिवस (United Nations Day) मनाया जाता है. 1945 में संयुक्त राष्ट्र का गठन सभी के लिए शांति, विकास और मानव अधिकारों के समर्थन करने के लिए किया गया था.

इस वर्ष (2021 में) 76वां संयुक्त राष्ट्र संघ दिवस मनाया गया. संयुक्त राष्ट्र संघ का गठन द्वितीय विश्व युद्ध के बाद 24 अक्तूबर 1945 को विश्व के 50 देशों ने संयुक्त राष्ट्र अधिकार-पत्र पर हस्ताक्षर कर किया था. भारत शुरुआती दिनों से ही इसका सदस्य है. ‘संयुक्त राष्ट्र’ नाम अमेरिका के राष्ट्रपति फ्रैंकलिन डी रूजवेल्ट ने दिया था.

संयुक्त राष्ट्र की छह आधिकारिक भाषाएं हैं- अरबी, चाइनीज, अंग्रेजी, फ्रेंच, रसियन और स्पैनिश. आधिकारिक भाषाएं छह हैं, लेकिन यहां पर संचालन भाषा केवल अंग्रेजी और फ्रेंच हैं.

24 अक्टूबर: विश्व विकास सूचना दिवस, विश्व विकास सूचना दिवस के 17 सतत लक्ष्य

प्रत्येक वर्ष 24 अक्टूबर को विश्व विकास सूचना दिवस (World Development Information Day) मनाया जाता है. यह दिवस आम जनता के बीच सूचना के प्रसार के महत्व को दर्शाता है.

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 1972 में विकास की समस्याओं की ओर दुनिया का ध्यान आकर्षित करने और उनके समाधान हेतु इस दिवस की शुरुआत की थी. महासभा ने यह निर्णय लिया था कि यह दिवस संयुक्त राष्ट्र दिवस की तारीख़ यानी 24 अक्टूबर को ही मनाया जाना चाहिए.

24 अक्टूबर को इस दिन को मनाने का फैसला किया गया था क्योंकि इसी तारीख को 1970 में द्वितीय राष्ट्र विकास दशक के लिए अंतर्राष्ट्रीय विकास रणनीति को अपनाया गया था.

विश्व विकास सूचना दिवस के 17 सतत लक्ष्य

  1. निर्धनता नहीं रहे
  2. कोई भूखा न रहे
  3. अच्छा स्वास्थ्य और कल्याण
  4. सभी को गुणवत्ता युक्त शिक्षा
  5. लैंगिक समानता
  6. सभी को स्वच्छ जल और स्वच्छता
  7. सभी को सस्ती ऊर्जा
  8. सभ्य कार्य और आर्थिक विकास
  9. सभी देश में उद्योग, नवाचार और बुनियादी ढांचा का विकास
  10. हर जगह कम असमानता
  11. सतत शहर, और समुदाय का विकास
  12. जिम्मेदारी से खपत और उत्पादन
  13. सभी मिल कर जलवायु परिवर्तन से रक्षा
  14. महासागरों और समुद्री संसाधनों का संरक्षण और सतत उपयोग
  15. स्थलीय पारिस्थितिकी तंत्र के सतत उपयोग को सुरक्षित और बढ़ावा
  16. शांतिपूर्ण समाजों को बढ़ावा देना और न्याय तक पहुंच प्रदान करना
  17. कार्यान्वयन के साधनों को मजबूत करना और सतत विकास के लिए वैश्विक भागीदारी को पुनर्जीवित करना