25वें संयुक्‍त नौसैन्य अभ्‍यास ‘मालाबार 2021’ का आयोजन गुआम द्वीप में किया गया

25वां संयुक्‍त नौसैन्य अभ्‍यास ‘मालाबार’ (Malabar Naval Exercise) 2021 का आयोजन 26 से 29 अगस्त तक किया गया था. इस अभ्यास में भारतीय नौसेना, अमरीकी नौसेना, जापान का समुद्री आत्मरक्षा बल और ऑस्ट्रेलिया की रॉयल नौसेना ने हिस्सा लिया था.

इस वर्ष मालाबार नौसैन्य अभ्यास का 25वां संस्करण था, जिसकी मेजबानी अमेरिकी नौसेना द्वारा पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र स्थित गुआम द्वीप में किया गया.

मालाबार 2021: मुख्य बिंदु

इस अभ्यास में भारत का प्रतिनिधित्व युद्धपोत-आईएनएस शिवालिक, आईएनएस कदमत और निगरानी लडाकू विमान पी-81 ने किया.

अमरीका की ओर से यूएसएस बैरी, यूएसएनएस रपानोक, यूएसएनएस बिगहोर्न और निगरानी रखने वाला लडाकू विमान पी-8ए समुद्री अभ्यास में शामिल हुआ.

जापान के समुद्री आत्मरक्षाबल का प्रतिनिधित्व जे एस कागा, मोरासा में और शिरानोई और निगरानी विमान पी-1 ने किया जबकि ऑस्ट्रेलिया की रॉयल नेवी की ओर से एचएमएएस वारामुंगा ने इस समुद्री अभ्यास में भाग लिया.

मालाबार अभ्यास: एक दृष्टि

  • मालाबार अभ्यास की शुरुआत 1992 में हिंद महासागर में भारतीय नौसेना और अमेरिकी नौसेना के बीच द्विपक्षीय अभ्यास के रूप में हुआ था. 2015 में जापान इस अभ्यास का स्थायी भागीदार बना था.
  • 2007 के बाद चारों देशों की नौसेनाएं पहली बार किसी महा नौसैनिक अभ्यास में एक साथ हिस्सा ले रही हैं. भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया क्वाड गठबंधन के सदस्य देश हैं. इसका पूरा नाम क्वाड्रीलैटरल सिक्टोरिटी डायलॉग है. इसके सदस्य ‘स्वतंत्र, खुले और समृद्ध’ भारत-प्रशांत क्षेत्र को सुनिश्चित करने और समर्थन करने के लिये साझा उद्देश्य वाले चार लोकतंत्र हैं.
  • इस अभ्यास का उद्देश्य चारों देशों की नौसेनाओं के बीच परस्पर कार्यक्षमता को बढ़ावा देना और समुद्री सुरक्षा संचालनों के लिए प्रक्रियाओं की आम सूझ-बूझ को विकसित करना है.
  • इस अभ्यास का 24वां संस्करण नवंबर‚ 2020 में बंगाल की खाड़ी तथा अरब सागर में किया गया था.

भारत की वित्तीय सहायता से तैयार होने वाली ‘ग्रेटर माले संपर्क परियोजना’ समझौता

भारत के वित्तीय मदद से मालदीव में ‘ग्रेटर माले संपर्क परियोजना’ का विकास किया जायेगा. इस परियोजना के लिए 27 अगस्त को मालदीव के राष्ट्रीय योजना, आवास और बुनियादी ढांचा मंत्रालय और भारतीय कंपनी एफकॉन के बीच समझौते पर हस्ताक्षर हुए.

क्या है ‘ग्रेटर माले संपर्क परियोजना’?

ग्रेटर माले संपर्क परियोजना मालदीव की सबसे बड़ी ढांचागत परियोजना है. भारत इसे वित्त पोषित कर रहा है. इसके लिए 10 करोड़ डॉलर की वित्तीय मदद और 40 करोड़ डॉलर की ऋण सहायता दी जाएगी. योजना के तहत माले में 6.74 किमी लंबा पुल और सेतु लिंक तैयार किया जाएगा और यह परियोजना राजधानी माले को नजदीकी द्वीपों विलिंगली, गुल्हिफाल्हू और थिलाफुशी से जुड़ेगी.

भारत और वियतनाम की नौसेना के बीच द्विपक्षीय समुद्री सैन्य अभ्यास आयोजित किया गया

भारतीय नौसेना और वियतनाम की पीपुल्स नौसेना के बीच 18 अगस्त को द्विपक्षीय समुद्री सैन्य अभ्यास आयोजित किया गया था. इसका आयोजन दक्षिण चीन सागर में किया गया था.

इस अभ्यास में INS रणविजय और INS कोरा जबकि वियतनाम पीपुल्स नौसेना (VPN) के VPNS ली थाई तो (HQ-012) युद्ध-पोत ने हिस्सा लिया था.

इस द्विपक्षीय अभ्यास का उद्देश्य दोनों देशों की नौसेनाओं के मजबूत रिश्तों को दृढ़ता के साथ आगे ले जाना था. यह भारत-वियतनाम रक्षा संबंधों को मजबूती प्रदान करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है.

भारत और ऑस्ट्रेलिया ने नौसैन्य संबंध पर एक संयुक्त दिशा निर्देश पर हस्ताक्षर किए

भारत और ऑस्ट्रेलिया की नौसेना ने आपसी नौसैन्य संबंध पर 18 अगस्त को एक संयुक्त दिशा-निर्देश (Joint Guidance for the Australia- India Navy to Navy Relationship) पर हस्ताक्षर किए. इस दस्तावेज़ पर भारतीय नौसेना के नौसेनाध्यक्ष एडमिरल करमबीर सिंह और ऑस्ट्रेलियाई नौसेना प्रमुख, वाइस एडमिरल माइकल जे नूनन ने हस्ताक्षर किए.

  • यह दस्तावेज़ दोनों देशों के बीच व्यापक रणनीतिक साझेदारी (Comprehensive Strategic Partnership) 2020 के अनुरूप है. दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों ने क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा चुनौतियों के लिए साझा दृष्टिकोण सुनिश्चित करने के उद्देश्य से इस साझेदारी पर सहमति व्यक्त की थी.
  • यह मुख्य रूप से हिंद महासागर नौसेना संगोष्ठी (IONS), हिंद महासागर रिम एसोसिएशन (IORA), पश्चिमी प्रशांत नौसेना संगोष्ठी (WPNS) और विशेषज्ञ कार्य समूहों जैसे क्षेत्रीय और बहुपक्षीय मंचों में घनिष्ठ सहयोग पर प्रकाश डालता है.
  • यह हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में शांति, सुरक्षा, स्थिरता और समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए साझा प्रतिबद्धता को मजबूत करने में मदद करेगा.

भारत और सऊदी अरब के बीच संयुक्त नौसैन्य अभ्यास ‘अल-मोहद अल-हिंदी’ आयोजित किया गया

भारत और सऊदी अरब के बीच 11-13 अगस्त को एक द्विपक्षीय सैन्य अभ्यास‘अल-मोहद अल-हिंदी’ (Al-Mohed Al-Hindi) 2021  आयोजित किया गया था. इस अभ्यास में भारतीय नौसेना और रॉयल सऊदी नेवल फोर्स ने हिस्सा लिया था. यह अभ्यास सऊदी अरब के अल-जुबैल तट पर आयोजित किया गया था.

इस अभ्यास में भारतीय नौसेना ने स्वदेश निर्मित स्टील्थ विध्वंसक कोच्चि और दो अभिन्न सी-किंग हेलीकॉप्टरों के साथ इस अभ्यास में भाग लिया. दोनों नौसेनाओं के बीच तालमेल और अंतर-संचालन को बढ़ाने के लिए यह अभ्यास आयोजित किया गया था.

भारत और UAE के बीच द्विपक्षीय अभ्यास ‘जायेद तलवार 2021’ आयोजित किया गया

भारत और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के बीच 7 अगस्त को द्विपक्षीय नौसैन्य अभ्यास ‘जायेद तलवार (Zayed Talwar) 2021’ आयोजित किया गया गया था. इस अभ्यास का आयोजन फारस की खाड़ी में आबूधाबी के तट पर किया गया था.

इस अभ्यास में INS कोच्चि के साथ दो सी-किंग MK 42-B हैलीकॉप्टर भी इस अभ्यास के लिए फारस की खाड़ी में तैनात किए गए थे. संयुक्त अरब अमीरात की ओर से प्रक्षेपास्त्र युक्त UAE AL दफरा-बेनुनाह और एक AS-565-B पेंथर हैलीकॉप्टर ने हिस्सा लिया.

इस अभ्यास के दौरान दोनों देशों की नौसेनाओं के बीच लक्ष्य साधने, बचाव और राहत अभियान चलाने तथा आपसी सहयोग पर बल दिया गया. पूरे अभ्यास के दौरान हैलीकॉप्टरों का व्यापक रूप से इस्तेमाल किया गया.

भारत और रूस के नौसेना के बीच समुद्री अभ्यास ‘INDRA NAVY’ का आयोजन किया गया

भारत और रूस के नौसेना के बीच 28  से 29  जुलाई तक समुद्री अभ्यास ‘INDRA NAVY’ का आयोजन किया गया था. इसका आयोजन बाल्टिक सागर में किया गया था. यह INDRA NAVY का 12वां संस्करण था.

इस युद्ध-अभ्यास का उद्देश्य दोनों नौसेनाओं के बीच आपसी ताल-मेल और रक्षा सहयोग को बढ़ावा देना तथा समुद्री सुरक्षा के लिए आपसी समझ को विकसित करना था.

समुद्री अभ्यास ‘INDRA NAVY’

समुद्री अभ्यास ‘INDRA NAVY’ भारत और रूस के बीच एक द्विपक्षीय सैन्य अभ्यास है. यह अभ्यास “INDRA NAVY” दोनों नौसेनाओं के बीच दीर्घकालिक रणनीतिक संबंध का प्रतीक है.

इंद्र नौसेना अभ्यास की शुरुआत वर्ष 2003 में हुई थी. भारतीय वायु सेना ने 2014 में रूसी वायु सेना के साथ अभ्यास ‘एविया इंद्र’ में भाग लिया था. 2017 में पहली बार त्रि-सेवा अभ्यास का आयोजन किया गया था.

अमरीका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन की भारत यात्रा

अमरीका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन 27-28 जुलाई को भारत यात्रा पर आये थे. विदेश मंत्री का पद सम्‍भालने के बाद श्री ब्लिंकन की यह पहली भारत यात्रा थी. यात्रा के दौरान परस्‍पर हित के विभिन्‍न क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा हुई.

एंटनी ब्लिंकन की भारत यात्रा: मुख्य बिंदु

  • अमरीका के विदेश मंत्री ने नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. श्री मोदी ने चार देशों के समूह-क्वाड को मजबूत करने, कोविड महामारी से निपटने और जलवायु परिवर्तन से जुड़े प्रयासों के लिए अमरीकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की सराहना की.
  • विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने श्री एंटनी के साथ बैठक की. बैठक दोनों नेताओं ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और समृद्धि तथा अफगानिस्‍तान में लोकतांत्रिक स्थिरता के लिए प्रयास करने, क्‍वाड्रिलेटरल सिक्‍योरिटी डायलॉग – क्‍वाड को प्रगाढ करने और समकालीन चुनौतियों से निपटने के लिए मिलकर काम करने पर बल दिया.
  • अमरीका ने भारत के कोविड रोधी टीकाकरण कार्यक्रम के लिए ढाई करोड़ डॉलर की अतिरिक्त सहायता की घोषणा की.

भूटान में भीम-UPI भुगतान प्रणाली की शुरुआत

भूटान में भीम-UPI भुगतान प्रणाली की शुरुआत हुई है. इसकी शुरुआत केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भूटान के वित्त मंत्री के साथ संयुक्त रूप से की. इससे भूटान की यात्रा करने वाले भारत के पर्यटकों और व्यापारियों को लाभ होगा.

यह भुगतान प्रणाली एनपीसीआई इंटरनेशनल पेमेंट्स लिमिटेड (NIPL), भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) की अंतर्राष्ट्रीय शाखा, भूटान की रॉयल मॉनीटरी अथॉरिटी (RMA) के साथ साझेदारी में शुरू की गई थी.

भूटान अपने QR कोड (Quick Response) हेतु UPI मानकों को अपनाने वाला पहला देश है. व्यापारिक स्थलों पर BHIM-UP स्वीकृति प्राप्त करने वाला सिंगापुर के बाद यह दूसरा देश भी है.

भूटान एकमात्र ऐसा देश बन गया है जो रुपे कार्ड (RuPay Cards) जारी करने और स्वीकार करने के साथ-साथ भीम-यूपीआई को भी स्वीकार करेगा.

BHIM-UPI क्या है?

BHIM-UPI, Bharat Interface for Money-Unified Payments Interface का संक्षिप्त रूप है. इसे भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) द्वारा विकसित किया गया है. यह मोबाइल फोन के माध्यम से सीधे बैंक के माध्यम से ई-भुगतान भुगतान प्रणाली है.

रुपे कार्ड क्या है?

रुपे (RuPay) भारत में अपनी तरह का पहला घरेलू डेबिट और क्रेडिट कार्ड भुगतान नेटवर्क है. इस कार्ड का उपयोग सिंगापुर, भूटान, संयुक्त अरब अमीरात (UAE), बहरीन और सऊदी अरब में लेन-देन के लिये भी किया जा सकता है.

भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम

यह एक गैर-लाभकारी संगठन है, जिसका उद्देश्य भारत में संपूर्ण बैंकिंग प्रणाली को भौतिक और इलेक्ट्रॉनिक भुगतान के लिये बुनियादी ढाँचा तथा निपटान प्रणाली प्रदान करना है.

विदेश मंत्री डॉक्‍टर एस जयशंकर की ग्रीस यात्रा

विदेश मंत्री डॉक्‍टर एस जयशंकर 25-26 जून को ग्रीस की यात्रा पर थे. इस यात्रा के दौरान उन्होंने ग्रीस के प्रधानमंत्री कीरियाकोस मित्सोताकिस और विदेशमंत्री निकोस डेनडियास से वार्ता की. इस वार्ता में दोनों देशों ने अनेक क्षेत्रों में सहयोग जारी रहने पर संतोष प्रकट किया. इनमें व्यापार और निवेश, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, संस्‍कृति, शिक्षा और लोगों के बीच संपर्क के क्षेत्र शामिल हैं.

डॉक्‍टर एस जयशंकर की ग्रीस यात्रा के मुख्य बिंदु

  • दोनों देशों के बीच अगले दौर के विचार-विमर्श और संयुक्‍त व्‍यापार समिति की शीघ्र ही वार्ता पर भी सहमति हुई.
    हिंद-प्रशांत क्षेत्र सहित नई भौगोलिक-राजनीतिक और आर्थिक वास्‍तविकताओं के संदर्भ में आपसी हित के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा की.
  • ग्रीस के विदेश मंत्री ने अंतरराष्‍ट्रीय सौर गठजोड़ संबंधी समझौते पर हस्‍ताक्षर किए और उसे विदेश मंत्री एस. जयशंकर को सौंपा.
  • दोनों देश इस बात पर भी सहमत हुए कि अक्षय ऊर्जा को ऊर्जा आपूर्ति का महत्‍वपूर्ण अंग बनाने के लिए संबंधित सरकारों के ऊर्जा लक्ष्‍य हासिल करने के लिए दोनों देश एक-दूसरे की सहायता करेंगे.
  • डॉक्‍टर जयशंकर ने एथेंस में महात्‍मा गांधी की प्रतिमा का भी अनावरण किया.
  • विदेश मंत्री ग्रीस के बाद इटली भी जाएंगे जहां वे जी-20 समिट के लिए आयोजित मंत्री स्‍तरीय बैठक में भाग लेंगे.

भारतीय नौसेना और वायुसेना का अमरीकी नौसेना के कैरियर स्ट्राइक ग्रुप के साथ संयुक्त अभ्यास

भारतीय नौसेना और वायुसेना का अमरीकी नौसेना के कैरियर स्ट्राइक ग्रुप के साथ 23-24 जून को पैसेज नेवल अभ्यास (Passage Naval Exercise) आयोजित किया गया था. इसका आयोजन त्रिवेंद्रम के समीप हिंद महासागर में किया गया था. यह संयुक्त अभ्यास अमेरिका के साथ ‘स्ट्रैटेजिक आउटरीच एक्सरसाइज’ का हिस्सा था.

इस अभ्यास में भारतीय नौसेना के जहाज- कोच्चि और तेग के साथ P-8I तथा मिग-29 लड़ाकू विमान ने हिस्सा लिया. अमेरिका ने अपने नौसेना के करियर स्ट्राइक ग्रुप में रोनल्ड रीगन विमानवाहक पोत को शामिल किया था.

इस संयुक्त अभ्यास का उद्देश्य आपसी रिश्तों को मजबूत करना, समुद्री क्षेत्र में शांति, सुरक्षा और स्थिरता को बढ़ावा देना था. इसमें अमरीकी नौसेना और भारतीय नौसेना क्रॉस-डेक हेलिकॉप्‍टर संचालन और पनडुब्बी भेदी अभ्यास किया.

हिन्द महासागर की व्यापक शांति के लिए अभ्यास

दक्षिण चीन सागर में विवाद की वजह से हिन्द महासागर की व्यापक शांति को भी बार-बार खतरा उत्पन्न होता रहा है. इस खतरे को दूर करने के मकसद से भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया एक साथ आए हैं. इन देशों के समूह को क्‍वाड के नाम से जाना जाता है.

भारत और यूरोपीय संघ के बीच नौसैनिक अभ्यास ‘EU NAVFOR’ आयोजित किया गया

भारत और यूरोपीय संघ के तीन देशों के बीच 19-20 जून को नौसैनिक अभ्यास ‘EU NAVFOR’ आयोजित किया गया था. इस अभ्यास का आयोजन अदन की खाड़ी में किया गया था जिसमें भारत के साथ इटली, स्पेन व फ्रांस की नौसेनाओं ने हिस्सा लिया. इसका उद्देश्य प्रमुख जलमार्गों में परिचालन संबंधी अंतर-क्षमता में सुधार और शांति, सुरक्षा और स्थिरता को बढ़ावा देना था.

चार नौसेनाओं के पांच युद्धपोत इस संयुक्त नौसैनिक अभ्यास में भाग लिया. इसमें उन्नत वायु रक्षा और पनडुब्बी रोधी अभ्यास के अलावा खोज और बचाव मिशन शामिल थे. भारतीय नौसेना ने अभ्यास में अपने युद्धपोत INS त्रिकंद को तैनात किया है. फ्रांस ने अपने दो युद्धपोत भेजे थे.

अभ्यास में आधुनिक वायु रक्षा और पनडुब्बी रोधी अभियाओं के अलावा ‘क्रॉस डेक’ हेलीकॉप्टर परिचालन, ‘बोर्डिंग’ परिचालन, खोज और बचाव और अन्य समुद्री सुरक्षा अभियान शामिल थे.

EU NAVFOR क्या है?

EU NAVFOR, The European Union Naval Force का संक्षिप्त रूप है. यह सोमालिया के तट पर यूरोपीय संघ का समुद्री डकैतों के खिलाफ मिशन है.