भारत ऑस्ट्रेलिया के ‘पिच ब्लैक’ वायु युद्ध अभ्यास में भाग लेगा

भारतीय वायुसेना, पहली बार ऑस्ट्रेलिया द्वारा आयोजित ‘पिच ब्लैक’ (Exercise Pitch Black) वायु युद्ध अभ्यास में भाग लेगा. इसका आयोजन रॉयल ऑस्ट्रेलियाई वायु सेना द्वारा 19 अगस्त से 6 सितंबर तक होगा. भारत की भागीदारी की पुष्टि ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने की है.

पिच ब्लैक: मुख्य बिन्दु

पिच ब्लैक 2022 अभ्यास में भारत समेत 17 देश भाग लेंगे. इस वर्ष प्रतिभागी राष्ट्र ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, फ्राँस, जर्मनी, इंडोनेशिया, भारत, जापान, मलेशिया, नीदरलैंड, न्यूज़ीलैंड, फिलीपींस, दक्षिण कोरिया, सिंगापुर, थाईलैंड, संयुक्त अरब अमीरात, यूके और अमेरिका हैं.

अभ्यास “पिच ब्लैक” हर दो साल में रॉयल ऑस्ट्रेलियाई वायुसेना (RAAF) द्वारा आयोजित किया जाता है. कोविड-19 महामारी के कारण “पिच ब्लैक” चार साल के अंतराल पर होने जा रहा है. पहला पिच ब्लैक अभ्यास 15-16 जून, 1981 में आयोजित किया गया था.

भारत और मालदीव वार्ता, दोनों देशों के बीच छह समझौते

भारत और मालदीव के बीच 2 अगस्त को प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता आयोजित की गई थी. इस वार्ता में भारत की यात्रा पर आए मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह ने ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिस्सा लिया था.

मुख्य बिन्दु

  • इस वार्ता में दोनों देशों के बीच साइबर सुरक्षा, आपदा प्रबंधन और आधारभूत ढांचे सहित विभिन्न क्षेत्रों में छह समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए.
  • भारत-मालदीव विकास सहयोग के अंतर्गत मालदीव के 34 द्वीपों में सुधार, जल आपूर्ति, स्वच्छता और अड्डू में सड़कों की मरम्मत, तटीय इलाकों में मिट्टी के भराव सहित जुम्मा मस्जिद की मरम्मत परियोजनाओं की भी समीक्षा की गई.
  • वार्ता में ग्रेटर माले में चार हजार सोशल हाउसिंग यूनिट्स उसके निर्माण के प्रोजेक्ट की भी समीक्षा की गई. इसके अतिरिक्त दो हजार सोशल हाउसिंग यूनिट के लिए भी वित्तीय सहायता दिया जाएगा.
  • भारत ने 100 मिलियन डॉलर की अतिरिक्त लाइन ऑफ क्रेडिट देने का निर्णय भी किया है, ताकि सभी प्रोजेक्ट समयबद्ध तरीके से पूरा हो सके.
  • प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हिन्‍द महासागर क्षेत्र में अन्‍तर्राष्‍ट्रीय अपराध, आतंकवाद और नशीले पदार्थों की तस्‍करी का मुद्दा गम्‍भीर है, इसलिए पूरे क्षेत्र की शान्ति और स्थिरता के लिए रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में भारत और मॉलदीव के बीच निकट सम्‍पर्क और समन्‍वय महत्‍वपूर्ण है.

भारत-मालदीव संबंध

  • मालदीव, हिंद महासागर क्षेत्र में भारत का प्रमुख पड़ोसी है और भारत की पड़ोसी पहले की नीति में एक विशेष स्‍थान रखता है.
  • 1965 में मालदीव की आजादी के बाद उसे मान्‍यता प्रदान करने और इस देश के साथ राजनयिक संबंध स्‍थापित करने वाले पहले देशों में भारत का नाम शामिल है.
  • भारत के सहयोग से मालदीव में वहाँ का सबसे बड़ा इन्फ्रास्टक्चर प्रोजेक्ट चलाया जा रहा है. कोविड के बावजूद दोनों देशों का आपसी व्यापार 31 प्रतिशत बढा है.

भारत और वियतनाम के बीच तीसरा ‘विनबैक्स’ सैन्य अभ्यास

भारत और वियतनाम के बीच तीसरा ‘विनबैक्स’ (EX VINBAX) सैन्य अभ्यास 1 से 20 अगस्त तक चंडीमंदिर सैन्य छावनी में आयोजित किया जा रहा है.

मुख्य बिन्दु

  • इस वर्ष अभ्यास का मुख्य विषय – “संयुक्त राष्ट्र के शांति रक्षक अभियान के अंतर्गत इंजीनियरिंग कोर और चिकित्सा दल की नियुक्ति और तैनाती” है.
  • विनबैक्स, भारत और वियतनाम के बीच द्विपक्षीय सैन्य अभ्यास है. यह अभ्यास भारत और वियतनाम की सेनाओं के बीच आपसी विश्वास को मजबूत करेगा.
  • भारतीय सेना की 105 इंजीनियर रेजीमेंट के जवान इस अभ्यास में भाग ले रहे हैं. इसमें प्राकृतिक और अन्य आपदाओं के दौरान सहायता और राहत अभियानों से जुड़े अभ्यास किए जाएंगे.
  • दोनों देशों के बीच पिछला ‘विनबैक्स’ अभ्यास 2019 में वियतनाम में हुआ था. भारत और वियतनाम के द्विपक्षीय संबंधों को मजबूती प्रदान करने में यह महत्‍वपूर्ण सिद्ध हुआ.
  • वियतनाम भारत की पूर्वोन्‍मुखी और हिंद-प्रशांत नीति का मुख्य साझेदार है.

अमेरिका ने भारत को रूस के साथ हथियार खरीदने के लिए आर्थिक प्रतिबंधों से छूट दी

अमेरिका ने भारत को रूस के साथ हथियार (एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली) खरीदने के लिए आर्थिक प्रतिबंधों से छूट दी है. इसके लिए अमेरिका की प्रतिनिधि सभा ने CAATSA प्रतिबंधों से खास छूट दिलाने वाले एक संशोधित विधेयक को पारित किया था.

इस विधेयक को भारतीय-अमेरिकी सांसद रो खन्ना ने पेश किया था. इस संशोधित विधेयक में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन से भारत को चीन जैसे आक्रामक रुख वाले देश को रोकने में मदद करने के लिए CAATSA से छूट दिलाने के लिए अपने अधिकार का इस्तेमाल करने का अनुरोध किया गया है.

CAATSA क्या है?

  • CAATSA का पूरा नाम Countering America’s Adversaries Through Sanctions Act है. यह अमेरिकी कानून है जो वर्ष 2017 में लागू किया गया था. इसके तहत रूस से रक्षा और खुफिया लेन-देन करने वाले किसी भी देश के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने का प्रावधान है.
  • इसे 2014 में क्रीमिया पर रूस के कब्जे और 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में मॉस्को के कथित हस्तक्षेप के जवाब में लाया गया था.

भारत-रूस एस-400 सौदा

एस-400 रूस द्वारा निर्मित सतह से सतह पर मार करने वाली वायु मिसाइल रक्षा प्रणाली है. भारत ने 5 बिलियन अमरीकी डालर में पांच एस-400 की खरीद के लिए रूस के साथ समझौता किया था.

विदेश मंत्री स्लोवाकिया और चेक गणराज्य की यात्रा संपन्न की

विदेश मंत्री डॉ. सुब्रह्मण्‍यम जयशंकर 2 से 6 जून तक स्लोवाकिया और चेक गणराज्य की यात्रा पर थे. श्री जयशंकर स्लोवाकिया में ग्लोबसेक फोरम में भाग लिया और “मैत्री अगले चरण तक: हिंद- प्रशांत क्षेत्र में सहयोग” विषय पर अपने विचार रखे.

इस यात्रा के दौरान उन्होंने स्लोवाकिया के ब्रैतिस्लावा में स्लोवाकिया के प्रधानमंत्री एडवर्ड हेगर से मिले और विदेश मंत्री इवान कॉरकॉक के साथ द्विपक्षीय वार्ता की.

चेक गणराज्य की यात्रा के दौरान डॉ. जयशंकर वहां के विदेश मंत्री यान लिपवस्की के साथ वार्ता कर द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की.

कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने की वैश्विक पहल ‘फर्स्ट मूवर्स कोलिशन’ में शामिल हुआ भारत


भारत कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने की वैश्विक पहल ‘फर्स्ट मूवर्स कोलिशन’ (First Movers Coalition) में शामिल हुआ है. यह पहल अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाईडेन और विश्व आर्थिक फोरम (WEF) द्वारा COP26 में शुरू की गई थी.

फर्स्ट मूवर्स कोलिशन: मुख्य बिंदु

  • इस पहल का उद्देश्य भारी उद्योगों और लंबी दूरी वाले परिवहन क्षेत्रों में कार्बन उत्सर्जन में कमी लाना है. इस पहल के लक्षित क्षेत्रों में एल्यूमीनियम, विमानन, रसायन, कंक्रीट, शिपिंग, स्टील और ट्रकिंग शामिल हैं.
  • वैश्विक स्तर पर कार्बन उत्सर्जन में भारी उद्योगों और लंबी दूरी के परिवहन क्षेत्रों की भागीदारी 30 प्रतिशत है. इन क्षेत्रों में उत्सर्जन मध्य शताब्दी तक लगभग 50% तक बढ़ जाने की उम्मीद है.
  • भारत के अलावा, डेनमार्क, इटली, जापान, नॉर्वे, सिंगापुर, स्वीडन और यूके इस गठबंधन में शामिल हुए हैं.

भारत-बांग्लादेश द्विपक्षीय नौसेना अभ्यास ‘बोंगोसागर’ आयोजित किया गया

भारत और बांग्लादेश के बीच द्विपक्षीय नौसैन्य अभ्यास ‘बोंगोसागर’ का आयोजन 24 से 27 मई तक किया गया था. यह बोंगोसागर अभ्यास का तीसरा संस्करण जो दो चरणों में बंगाल की उत्तरी खाड़ी में आयोजित किया गया था.

इस नौसैनिक अभ्यास का प्रथम चरण ‘बंदरगाह चरण’ 24 से 25 मई तक, जबकि इसका दूसरा चरण ‘समुद्र चरण’ 26 से 27 मई तक आयोजित किया गया था. इस अभ्यास का उद्देश्य दोनों नौसेनाओं के बीच संयुक्त परिचालन कौशल विकसित करना था.

इस अभ्यास में भारतीय नौसेना का प्रतिनिधित्व स्वदेश निर्मित अपतटीय गश्ती पोत सुमेधा और गाइडेड मिसाइल कार्वेट कोरा ने किया. गाइडेड-मिसाइल फ्रिगेट बीएनएस अली हैदर और अबू उबैदा ने बांग्लादेश नौसेना का प्रतिनिधित्व किया.

राष्ट्रपति ने जमैका तथा एसवीजी की यात्रा संपन्न की

राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद 14 से 21 मई तक जमैका तथा सेंट विंसेंट औऱ ग्रेनेडीन्‍स (एसवीजी) की यात्रा पर थे. यह किसी भारतीय राष्ट्राध्यक्ष की इन दो कैरेबियाई देशों की पहली यात्रा थी.

राष्‍ट्रपति कोविंद की दोनों देशों की यह यात्रा खास है क्योंकि यह दोनों देश कैरेबियन क्षेत्र में काफी अहम स्‍थान रखते हैं. इन देशों राज्‍य प्रमुख स्‍तर की यह पहली यात्रा भारत और कैरिबियन क्षेत्र के बढते परस्‍पर संबंधों की प्रतीक हैं.

जमैका

  • राष्ट्रपति 14 से 18 मई तक जमैका में थे. इस दौरान उन्होंने जमैका के गवर्नर जनरल सर पैट्रिक एलन के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता की.
  • जमैका और भारत के बीच मैत्रीपूर्ण संबंध हैं. राष्ट्रपति की यह यात्रा भारत और जमैका के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की 60वीं वर्षगांठ के अवसर पर हुई.
  • राष्‍ट्रपति राम नाथ‍ कोविन्‍द ने 17 मई को जमैका की संसद के दोनों सदनों की संयुक्‍त बैठक को संबोधित किया. उन्होंने जमैका के प्रधानमंत्री एन्‍ड्रयू होलनैस से मुलाकात भी की.

सेंट विंसेंट औऱ ग्रेनाडीन्स (एसवीजी)

  • श्री कोविंद 18 मई से 21 मई तक सेंट विंसेंट औऱ ग्रेनाडीन्स (एसवीजी) की यात्रा पर थे. इस दौरान श्री कोविंद सेंट विंसेंट औऱ ग्रेनाडहन्स की गवर्नर जनरल सूसन डौगन और प्रधानमंत्री डॉ. रॉल्फ गोंजाल्विस सहित अन्य गणमान्य व्यक्तियों से भी भेंट की.
  • सांस्कृतिक और एतिहासिक रूप से भी भारत सेंट विंसेंट और ग्रेनेडीन्स से जुड़ा हुआ है. भारतीय मूल के लोग 19वीं शताब्दी में गिरमिटिया मजदूर के रूप में इस द्वीप पर लाए गए थे. उन व्यक्तियों के वंशज अब स्थानीय समुदाय का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं.
  • यात्रा के दूसरे दिन कल वहां की गवर्नर जनरल डेम सुज़न डॉगन से मुलाकात की. दोनों नेताओं ने सूचना प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यटन और संस्कृति सहित विभिन्न क्षेत्रों में आपसी सहयोग मजबूत करने पर चर्चा की.
  • दोनों पक्षों ने कर संग्रह से संबंधित सूचनाओं के आदान-प्रदान और सहयोग तथा प्राचीन कालडेर समुदाय के उन्नयन की परियोजना के लिए सहमति पत्र पर भी हस्ताक्षर किए.

प्रधानमंत्री ने नेपाल में भगवान बुद्ध के जन्म स्थली लुम्बिनी की यात्रा की

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी 16 मई को नेपाल की यात्रा पर थे. उनकी यह यात्रा नेपाल के प्रधानमत्री शेर बहादुर देउबा के निमंत्रण पर बुद्ध पूर्णिमा पर नेपाल में भगवान बुद्ध के जन्म स्थली लुम्बिनी में आयोजित की गयी थी. प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी की य‍ह पांचवीं नेपाल यात्रा और लुम्बिनी की पहली यात्रा थी.

मुख्य बिंदु

  • प्रधानमंत्री ने लुम्बिनी में बौद्ध संतों की उपस्थिति में भगवान बुद्ध की प्रतिमा पर चिवर समर्पित किया. उन्होंने, नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा के साथ भारत अंतरराष्ट्रीय बौद्ध संस्‍कृति और विरासत केन्‍द्र की आधारशिला रखी. यह केन्‍द्र उन्‍नत प्रौद्योगिकी आधारित होगा.
  • उन्होंने महामाया देवी मंदिर का दर्शन किया. इसका आयोजन लुम्बिनी विकास ट्रस्‍ट ने नेपाल सरकार के सहयोग से किया था.
  • बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर लुम्बिनी में विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल होने के बाद प्रधानमंत्री उत्तर प्रदेश के कुशीनगर पहुंचे. श्री मोदी महापरिनिर्वाण स्तूप गये तथा दर्शन और पूजा किये. प्रधानमंत्री भगवान बुद्ध की शयन मुद्रा प्रतिमा के समक्ष वस्त्र समर्पित किये.

दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय वार्ता

अपनी यात्रा के दौरान श्री मोदी ने नेपाल के प्रधानमंत्री के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी की. इस दौरान दोनों देशों ने छह सहमति ज्ञापनों पर हस्‍ताक्षर किए हैं. इनमें भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद और लुम्बिनी बौद्ध विश्वविद्यालय के बीच विश्वविद्यालय में बौद्ध अध्‍ययन के लिए डॉक्‍टर अम्‍बेडकर पीठ तथा काठमांडु विश्‍वविद्यालय में भारत अध्‍ययन पीठ स्‍थापित करना भी शामिल है.

प्रधानमंत्री ने जर्मनी, डेनमार्क और फ्रांस की यात्रा संपन्न की

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी 2 से 4 मई तक यूरोप के तीन देशों की यात्रा पर थे. इस दौरान उन्होंने जर्मनी, डेनमार्क और फ्रांस की यात्रा की थी. उन्होंने इस यात्रा की शुरुआत जर्मनी से की थी, जबकि यात्रा के अंतिम चरण में फ्रांस गये थे.

जर्मनी

  • पीएम 2 मई को बर्लिन पहुंचे थे. वहां उन्होंने चांसलर ओलाफ शूल्ज से द्वपक्षीय वार्ता की. इसके बाद वह 6ठे भारतीय-जर्मनी अंतर सरकारी परामर्श में शामिल हुए. उन्होंने कार्यक्रम की सह-अध्यक्षता भी की.
  • इस दौरान भारत और जर्मनी के बीच कुल 9 समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए. इनमें हरित और सतत विकास साझेदारी, दोनों विदेश मंत्रालयों के बीच वर्गीकृत सूचनाओं का आदान-प्रदान, नवीकरणीय ऊर्जा, ग्रीन हाइड्रोजन, कृषि, शामिल हैं.
  • प्रधानमंत्री मोदी और चांसलर शॉल्‍ज ने हरित और सतत विकास साझेदारी के संयुक्त आशय घोषणा-पत्र पर हस्‍ताक्षर किये. जर्मनी ने सतत विकास और जलवायु सहयोग के लिये वर्ष 2030 तक दस अरब यूरो की अतिरिक्‍त विकास सहायता की अग्रिम प्रतिबद्धता व्‍यक्‍त की.

डेनमार्क

  • यात्रा के दूसरे दिन प्रधानमंत्री कोपेनहेगन पहुंचे. उनकी डेनमार्क की यह पहली यात्रा थी. वे डेनमार्क के प्रधानमंत्री मेट फ्रेड्रिकसन के निमंत्रण पर गये थे. इस दौरान दोनों देशों के बीच कारोबार समेत कई द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा हुई.
  • श्री मोदी डेनमार्क की मेजबानी में दूसरे भारत-नोर्डिक शिखर सम्मेलन (India-Nordic Summit) 2022 में भाग लिया. इस सम्मेलन में डेनमार्क के अतिरिक्त आइसलैंड, नार्वे, स्वीडन और फिनलैंड के प्रधानमंत्री ने हिस्सा लिया. इन पांच देशों को उत्‍तरी यानी नॉर्डिक देश कहा जाता है. नॉर्डिक देश नवीकरणीय ऊर्जा, डिजिटलीकरण और नवाचारों में भारत के महत्‍वपूर्ण साझेदार हैं.
  • प्रधानमंत्री ने कोपेनहेगन में डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेट फ्रेड्रिकसन के साथ शिष्‍टमण्‍डल स्‍तर की वार्ता की. दोनों नेताओं ने हरित रणनीतिक भागीदारी की प्रगति की समीक्षा की. भारत और डेनमार्क के बीच यह अपनी तरह का पहला समझौता है.
  • दोनों देशों के बीच विभिन्‍न क्षेत्रों में नौ समझौतों पर हस्‍ताक्षर हुए. इनमें भारत में उत्‍कृष्‍टता केन्‍द्र और स्‍मार्ट प्रयोगशालाओं सहित सुरक्षित तथा स्‍वच्‍छ जल के बारे में सहयोग का समझौता शामिल है.
  • नॉर्डिक देशों ने विस्‍तारित संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्‍थायी सदस्‍यता के लिए अपना समर्थन दोहराया. इन देशों ने जलवायु परिवर्तन, नवीकरणीय ऊर्जा, ऊर्जा विविधिता, स्‍मार्ट ग्रिड और ऊर्जा दक्षता के क्षेत्रों में भी सहयोग की प्रतिबद्धता व्‍यक्‍त की.
  • पहला भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन 2018 में स्टॉकहोम, स्वीडन में आयोजित किया गया था. अमेरिका के अलावा, भारत एकमात्र अन्य देश है जिसके साथ नॉर्डिक देशों का शिखर-स्तरीय जुड़ाव है.
  • भारत और डेनमार्क के बीच पिछले छह वर्षों के दौरान द्विपक्षीय व्यापार 78 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है. 2016 में जहां दोनों देशों के बीच 2.8 बिलियन डॉलर व्यापार हुआ था वह 2021 में बढ़कर पांच बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है. भारत से डेनमार्क को निर्यात किये जाने वाले प्रमुख उत्पादों में कपड़ा,  वाहन,  धातु के सामान, लोहा और अन्य वस्तुएं शामिल हैं.

फ्रांस

  • यात्रा के अंतिम चरण में प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने फ्रांस की यात्रा की. उन्होंने पेरिस में फ्रांस के राष्‍ट्रपति इमैनुअल मैक्रों के साथ शिष्‍टमंडल स्‍तर की वार्ता की.
  • उन्होंने फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रोन से द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक महत्व के कई मुद्दों पर व्यापक चर्चा की. इसमें भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी की मौजूदा ताकत और सफलता को बढ़ाने की बात भी हुई. भारत और फ्रांस ने माना कि वो एक दूसरे को हिंद-प्रशांत क्षेत्र में प्रमुख साझेदार के रूप में देखते हैं.
  • इस दौरान दोनों नेताओं ने यूक्रेन के खिलाफ रूस की सैन्य कार्रवाई के मद्देनजर क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी विचार-विमर्श किया.

अमेरिका ने भारत सहित सात देशों को अपनी USTR’s निगरानी सूची में बरकरार रखा

संयुक्त राज्य व्यापार प्रतिनिधि (USTR) ने भारत सहित सात देशों को बौद्धिक संपदा संरक्षण (इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टीज) के लिए अपनी प्राथमिकता निगरानी सूची (Priority Watch List) में बरकरार रखा है. भारत के अलाबे ये देश हैं- अर्जेंटीना, चिली, चीन, इंडोनेशिया, रूस और वेनेजुएला. इस वर्ष की सूची के शामिल सातों देश पिछले वर्ष की सूची में भी शामिल थे.

अमरीका ने आरोप लगाते हुए यह कदम उठाया है कि इन देशों में बौद्धिक संपदाओं और उनके प्रवर्तन ने अमरीकियों की न्यायोचित बाजार पहुंच को हानि पहुंचाई है.

अमेरिका के अनुसार, भारत में बौद्धिक संपदा चुनौतियों ने अमरीकी व्यापारियों के लिए इस देश में पेटेंट हासिल करना, कायम रखना और उसे लागू करना मुश्किल कर दिया है.

बौद्धिक संपदा

विश्व बौद्धिक संपदा अधिकार संगठन के अनुसार, बौद्धिक संपदा में साहित्यिक और कलात्मक कार्यों, प्रतीकों, नामों और छवियों का निर्माण शामिल है. चार प्रमुख बौद्धिक संपदा अधिकारों में अविष्कार, भौगोलिक संकेत, ट्रेडमार्क और औद्योगिक डिजाइन शामिल हैं.

यूरोपीय संघ-भारत व्यापार और प्रौद्योगिक परिषद के गठन का निर्णय

भारत और यूरोपीय संघ (EU) ने व्यापार और प्रौद्योगिक परिषद (India-EU Trade and Technology Council) के गठन का निर्णय लिया है. यह निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत की यात्रा पर आयीं यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन के बीच हुई 25 अप्रैल को हुई वार्ता में लिया गया था. यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष को इस साल के रायसीना डायलॉग के लिए मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया गया था.

मुख्य बिंदु’

  • यह ऐसी रणनीतिक व्‍यवस्‍था है जो व्यापार, विश्वसनीय टेक्‍नोलॉजी और सुरक्षा की मिलीजुली चुनौतियों से निपटने में मदद करेगी.
  • दोनों पक्ष इस बात पर भी सहमत हुए कि तेजी से बदलते भू-राजनीतिक माहौल के मद्देनजर संयुक्त और विस्तृत सामरिक सहयोग की आवश्यकता है.
  • व्यापार और प्रौद्योगिकी परिषद राजनीतिक मार्ग के साथ ही राजनीतिक फैसलों के क्रियान्वयन के लिए एक आवश्यक प्रारूप प्रदान करेगा.
  • यह तकनीकी काम में सहयोग करेगा तथा यूरोपीय और भारतीय अर्थव्यवस्थाओं की टिकाऊ प्रगति के लिए महत्वपूर्ण क्षेत्रों में क्रियान्वयन और प्रगति सुनिश्चित करने के लिए राजनीतिक स्तर पर रिपोर्ट करेगा.
  • व्यापार और प्रौद्योगिकी परिषद स्थापित करने का फैसला भारत के लिए पहला और यूरोपीय संघ के लिए दूसरा होगा. यूरोपी संघ ने अमेरिका के साथ इस प्रकार की एक परिषद की स्थापना की है.