अमेरिका ने की तिब्बत में चीन के उत्पीड़न को रोकने के लिए ‘द टिबेटन पॉलिसी एंड सपोर्ट एक्ट (TPSA)’ कानून बनाया है. चीन यहां 50 साल से ज्यादा समय से लगातार उत्पीड़न कर रहा है. इससे पहले तिब्बत की निर्वासित सरकार के प्रधानमंत्री को अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने आमंत्रित किया था और उनके साथ आधिकारिक वार्ता की थी. चीन ने इस पर कड़ा विरोध जताया था.
अमेरिकी संसद में TPSA कानून को सत्ता पक्ष और विपक्ष का मजबूत समर्थन मिला है. इससे संबंधित प्रस्ताव को प्रतिनिधि सभा में सांसद जेम्स मैकगवर्न और क्रिस स्मिथ ने रखा था. जबकि सीनेट में मार्को रूबियो और बेन कार्डिन ने पेश किया था.
तिब्बत में दलाई लामा की निर्वासित सरकार
चीन तिब्बत की सांस्कृतिक पहचान नष्ट करने के लिए सुनियोजित चालें चल रहा है. तिब्बत के आध्यात्मिक प्रमुख दलाई लामा ने भारत में शरण ली हुई है और उनके संरक्षकत्व में यहीं से तिब्बत की निर्वासित सरकार कार्य कर रही है. एक समय मध्य एशिया का यह स्वतंत्र देश अब दुनिया के सबसे ज्यादा उत्पीड़न झेल रहे इलाकों में से एक है.
TPSA कानून में तिब्बती बौद्ध समुदाय का फैसला सर्वोपरि
TPSA कानून दलाई लामा के उत्तराधिकारी के चयन के मामले में तिब्बती बौद्ध समुदाय का फैसला सर्वोपरि मानता है. अमेरिका दलाई लामा के उत्तराधिकारी के चयन प्रक्रिया में चीन सरकार के हस्तक्षेप को मान्यता नहीं देता.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2021-01-17 10:44:432021-01-19 11:02:07अमेरिका ने की तिब्बत में चीन के उत्पीड़न को रोकने के लिए कानून बनाया
अमेरिका ने क्यूबा को आतंकवाद प्रायोजित करने वाले देशों की सूची में फिर से शामिल किया है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व वाले अमेरिकी प्रशासन ने देश के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के फैसले को पलटते हुए यह कार्रवाई की है. पूर्ववर्ती ओबामा प्रशासन ने क्यूबा को इस सूची से हटा दिया था.
अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने क्यूबा पर आतंकियों को पनाह मुहैया कराकर वैश्विक आतंकवाद का बार-बार समर्थन करने और आतंकवाद को प्रायोजित करने का आरोप लगाया है. इसके अलावा अमेरिका ने वेनेजुएला और शेष पश्चिमी गोलार्द्ध में उसका दखल रोकने की कोशिश की है.
अमेरिका द्वारा आतंकवाद प्रायोजित देशों की सूची में शामिल होने के बाद, क्यूबा आतंकवाद को प्रायोजित करने वाले तीन अन्य देश– उत्तर कोरिया, ईरान और सीरिया के साथ शामिल हो गया है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2021-01-13 23:15:352021-01-14 11:19:20अमेरिका ने क्यूबा को आतंकवाद प्रायोजित करने वाले देशों की सूची में फिर से शामिल किया
अमेरिका में हाल के कैपिटल विरोध प्रदर्शन के बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को पद से हटाने की मांग चर्चा में रहा है. यह मांग अमेरिकी संविधान के 25वें संशोधन के तहत की जा रही है.
क्या है अमेरिका का 25वां संविधान संशोधन?
साल 1967 में अमेरिकी संविधान में 25वें संशोधन को लागू किया गया था. इसके तहत, ये व्यवस्था की गई कि अगर राष्ट्रपति शासन करने में अक्षम है या उसका निधन हो जाता है तो उप-राष्ट्रपति को स्थायी रूप से सत्ता सौंपी जा सकती है. अमेरिका के उप-राष्ट्रपति की सहमति और कैबिनेट के बहुमत से ये घोषित किया जा सकता है कि राष्ट्रपति अपनी जिम्मेदारियों का पालन करने में अक्षम हैं. अगर राष्ट्रपति इसका विरोध करता है तो दोनों सदनों में उप-राष्ट्रपति को सत्ता सौंपने के लिए दो-तिहाई बहुमत जरूरी होगा.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2021-01-08 19:03:072021-01-09 16:07:36अमेरिका में राष्ट्रपति को पद से हटाने की मांग, जानिए क्या है अमेरिकी संविधान का 25वां संशोधन
जापान ने ‘फाइव आइज’ (Five Eyes- FVEY) के पांच देशों वाले गठबंधन में शामिल होने के संकेत दिए हैं. यह गठबंधन चीन में उइगर मुस्लमानों पर हो रहे अत्याचार की निगरानी के लिए बनाया गया है. इस गठबंधन में आस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, कनाडा, न्यूजीलैंड और अमेरिका शामिल है.
Five Eyes- FVEY क्या है?
एशिया और हिंद प्रशांत क्षेत्र में चीन के अवैद्य हस्तक्षेप भारत समेत दूसरे देशों के लिए समस्या बन चुकी है. चीन केवल इस क्षेत्र के देशों के लिए चुनौती नहीं बना हुआ है बल्कि दूसरे बड़े और शक्तिशाली देशों के लिए समस्या बना हुआ है. चीन के बढ़ते खतरे के मद्देनजर इस गठबंधन को बनाया है.
इस गठबंधन का उद्देश्य चीन पर नजर रखना और उससे जुड़ी खुफिया जानकारियों को आपस में साझा करना है. अमेरिकी कांग्रेस समिति इस गठबंधन में भारत, जापान और दक्षिण कोरिया को शामिल करना चाहती है.
Five Eyes की शुरुआत दूसरे विश्वयुद्ध के बाद अमेरिका और रूस में शुरू हुए शीत युद्ध के बाद 1946 में हुआ था. पहले फ्रांस को भी इस गठबंधन में शामिल कर इसको Six Eyes का नाम दिया गया था. लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने फ्रांस को इससे बाहर कर दिया था.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2020-12-31 10:43:382020-12-31 10:43:38क्या है ‘फाइव आइज’ गठबंधन, जापान ने इस गठबंधन में शामिल होने के संकेत दिए
यूरोपीय संघ और ब्रिटेन के बीच ब्रेक्जिट (ब्रिटेन का यूरोपीय संघ से अलग होने) बाद का व्यापार समझौता हो गया है. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने इस समझौते की घोषणा 24 दिसम्बर को की. ब्रिटेन की संसद 30 दिसम्बर को इस समझौते पर मतदान करेगा.
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री जॉनसन ने कहा है कि एक साल में 668 अरब पाउंड का सबसे बडा समझौता किया गया है. यह देश में रोजगार सुनिश्चित करेगा और ब्रिटेन को यूरोपीय बाजार में शुल्क और कोटा के बिना सामान बेचने में सक्षम बनाएगा.
यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने इस समझौते को उचित और संतुलित बताया है. उन्होंने कहा कि समझौते के बाद ब्रिटेन एक भरोसेमंद पार्टनर बना रहेगा.
यूरोपीय संघ के नेताओं, यूरोपीय संसद और ब्रिटेन सरकार से अनुमोदित किए जाने के बाद समझौते से सुनिश्चित होगा कि 1 जनवरी 2021 को यूरोपीय संघ से पूरी तरह अलग होने के बाद ब्रिटेन, यूरोपीय संघ के 27 सदस्य देशों के साथ शुल्क या कोटा के बिना अपने सामान का व्यापार जारी रख सकेगा. समझौता अनुमोदित नहीं होने की स्थति में ब्रिटेन आधिकारिक तौर पर 31 दिसम्बर 2020 को यूरोपीय संघ के व्यापारिक नियमों से बाहर हो जायेगा.
ब्रेक्जिट (Brexit) क्या है?
ब्रिटेन के यूरोपियन यूनियन से बाहर जाने को संक्षिप में Brexit यानी (Britain+Exit) कहते हैं. साल 2016 में एक जनमत संग्रह के आधार पर ब्रिटेन ने यूरोपियन यूनियन से अलग होने की घोषणा की थी. संसद की मंजूरी के बाद 31 जनवरी 2020 को ब्रिटेन औपचारिक रूप से यूरोपीय संघ से अलग हो गया था. ब्रेक्जिट समझौते के तहत 31 दिसम्बर 2020 वह यूरोपीय संघ के व्यापारिक नियमों का पालन करेगा.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2020-12-25 14:55:472020-12-26 14:25:44यूरोपीय संघ और ब्रिटेन के बीच ब्रेक्जिट बाद का व्यापार समझौता
इस्राइल की संसद ‘नैसेट’ (Knesset) को देश के बजट संबंधी विवाद के बाद भंग कर दिया गया. इजरायल में अब दो वर्ष के भीतर मार्च में चौथा आम चुनाव होगा. वर्ष 2020 के बजट को तय समय सीमा में पारित न कर पाने के बाद संविधान के प्रावधानों के अनुसार संसद को भंग कर दिया गया.
प्रधानमंत्री बेंनयामिन नेतन्याहू (लिकुड पार्टी) और उनके पूर्व राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी, रक्षा मंत्री बेन्नी गांत्ज़ (ब्लू एंड व्हाइट पार्टी) ने अप्रैल 2019 के बाद से हुए तीन चुनावों के बाद राष्ट्रीय एकता सरकार की स्थापना की थी. इन चुनावों में किसी भी दल या गठबंधन को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला था.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2020-12-23 23:53:042020-12-24 19:59:51इस्राइल की संसद नैसेट को बजट संबंधी विवाद के बाद भंग कर दिया गया
अमेरिकी के किलाऊआ ज्वालामुखी (Mount Kilauea) में हाल ही में विस्फोट हो गया. दुनिया के सबसे सक्रिय ज्वालामुखियों में से एक किलाऊआ ज्वालामुखी अपना विकराल रूप लेता जा रहा है. इस ज्वालामुखी के फटने के बाद आये भूकंप से आसपास के करीब 10 हजार से ज्यादा लोग प्रभावित होते हैं. इससे पहले इस ज्वालामुखी में साल 2018 में विस्फोट हुआ था.
किलाऊआ ज्वालामुखी
किलाऊआ ज्वालामुखी, अमेरिका के हवाई के बिग द्वीप (आईलैंड) पर वोल्केनोज नेशनल पार्क में स्थित है. यह विश्व का सबसे बड़ा सक्रिय ज्वालामुखी है. यह ज्वालामुखी हवाई पर स्थित पाँच ज्वालामुखियों में से एक है. मौना लोआ, कोहाला, हुलालाई और मौना किया ज्वालामुखी भी इसी द्वीप पर स्थित हैं.
हाल ही में इटली में स्थित माउंट एटना ज्वालामुखी (Mount Etna Volcano) में विस्फोट हुआ था. माउंट एटना यूरोप का सबसे बड़ा और दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा सक्रिय ज्वालामुखी है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2020-12-23 08:53:062020-12-24 08:57:41अमेरिकी में हवाई के बिग आईलैंड पर स्थित किलाऊआ ज्वालामुखी में विस्फोट
जापान ने देश के रक्षा बजट को लगातार नौवीं बार बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है. प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा के कार्यकाल का यह पहला बजट है. वित्त वर्ष 2021 में रिकॉर्ड 5.34 ट्रिलियन येन (51.7 अरब अमेरिकी डॉलर) का रक्षा बजट पेश करने की योजना है. यह बजट मौजूदा वित्त वर्ष के रक्षा बजट से 1.1 प्रतिशत अधिक होगा. अगले वर्ष की शुरुआत में इसे 106 ट्रिलियन येन (10.3 खरब अमेरिकी डॉलर) के राष्ट्रीय बजट के साथ संसद की मंजूरी दी जाएगी.
प्रस्तावित बजट में लंबी दूरी की मिसाइलें विकसित करने का खर्च भी शामिल है, जिन्हें लड़ाकू विमानों से दागा जा सकता है. ये मिसाइलें धानमंत्री सुगा मंत्रिमंडल द्वारा हाल ही में पेश की गई नयी मिसाइल योजना का हिस्सा हैं. इस योजना को अमल में लाकर जापान पूर्वी चीन सागर में अपने नियंत्रण वाले उन टापुओं में मिसाइलों की तैनाती बढ़ा सकेगा, जिनपर चीन भी अपना दावा जताता है.
जापान सरकार चीन और उत्तर कोरिया से संभावित खतरे से निपटने के लिए लंबी दूरी की क्रूज मिसाइलें और रेडार से बच निकलने में सक्षम लड़ाकू विमान विकसित करने के लिये रक्षा बजट बढ़ाना चाहती है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2020-12-22 23:55:432020-12-23 16:14:23जापान ने अपने रक्षा बजट को लगातार नौवीं बार बढ़ाने को मंजूरी दी
अफ्रीकी देश मोरक्को ने इजरायल के साथ पूर्ण राजनयिक संबंध स्थापित किया है. मोरक्को अगस्त से अबतक इजरायल के साथ समझौता करने वाला चौथा देश बन गया है. इससे पहले संयुक्त अरब अमीरात (UAE), बहरीन और सूडान ने इजरायल के साथ दशकों पुरानी दुश्मनी को भुलाकर शांति समझौता किया था.
मोरक्को और इजरायल के बीच यह समझौता अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और मोरक्को के राजा मोहम्मद VI की बातचीत के दौरान हुआ. इस बातचीत में दोनों नेता इस मुद्दे पर सहमत हुए हैं कि मोरक्को, इजरायल के साथ पूर्ण राजनयिक संबंध बहाल करेगा और क्षेत्रीय शांति के लिए आर्थिक और सांस्कृतिक सहयोग को भी बढ़ाएगा. इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने मोरक्को के साथ समझौते को ऐतिहासिक बताया है.
अमेरिका ने पश्चिमी सहारा पर मोरक्को के दावे को मान्यता दिया
दोने देशों के बीच हुई इस बातचीत में ट्रंप ने राजा मोहम्मद VI को विवादित पश्चिमी सहारा पर मोरक्को के दावे को मान्यता देने का आश्वासन दिया है. इस आश्वासन के बाद ही मोरक्को और इजरायल के बीच राजनयिक संबंध स्थापित किये जाने का समझौता संभव हुआ है.
फिलस्तीन ने की आलोचना
इजरायल के साथ मोरक्को के शांति समझौते की फिलिस्तीन ने आलोचना की है. फिलस्तीन ने अरब देश पर अपने समझौते को तोड़ने का आरोप लगाया है. इस समझौते में फिलिस्तीन को एक पूर्ण देश बनाने के बाद ही इजरायल के साथ बातचीत की बात कही गई थी. फिलस्तीन ने UAE के साथ इजरायल के शांति समझौते की भी आलोचना की थी.
पश्चिमी सहारा को लेकर मोरक्को और अल्जीरिया के बीच विवाद
पश्चिमी सहारा पर दावे को लेकर मोरक्को और अल्जीरिया के बीच लंबे समय से विवाद है. अल्जीरिया इस क्षेत्र को नया देश बनाने की कोशिश में जुटे पोलिसारियो फ्रंट को खुला समर्थन देता है.
पश्चिमी सहारा क्षेत्र
पश्चिमी सहारा अफ्रीका के उत्तरी पश्चिमी भाग में अटलांटिक महासागर के तट पर मॉरिटानिया और मोरक्को के बीच स्थित क्षेत्र है. यह स्पेन उपनिवेश था. अफ्रीकी संघ इसे एक स्वतंत्र राज्य के रूप में मान्यता देता है.
1976 में लगभग दो-तिहाई हिस्से पर मोरक्को ने क़ब्ज़ा कर लिया था और फिर 1979 में मौरिटानिया के हिस्से वाली भूमि को भी मिला लिया. पोलिसारियो फ़्रंट ने इसके ख़िलाफ़ छापामार लड़ाई जारी रखी जिसके बाद 1991 में यहाँ संयुक्त राष्ट्र के हस्तक्षेप से संघर्षविराम हुआ.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2020-12-19 23:55:322020-12-22 16:33:12मोरक्को-इजरायल पूर्ण राजनयिक संबंध स्थापित, पश्चिमी सहारा पर मोरक्को के दावे को मान्यता
अमेरिका ने तुर्की पर हाल ही में कई तरह के प्रतिबंध लगाये जाने की घोषणा की है. तुर्की द्वारा रूस से S-400 मिसाइल सिस्टम खरीदने की वजह ये प्रतिबन्ध लगाये गये हैं. S-400 सतह से हवा में मार करने वाला मिसाइल सिस्टम (एयर डिफेंस सिस्टम) है.
ये प्रतिबन्ध CAATSA की धारा 231 के तहत लगाये गये हैं. इन प्रतिबंधों में मुख्य रूप से तुर्की की रक्षा खरीद एजेंसी ‘प्रेजिडेंसी ऑफ डिफेंस’ को निशाना बनाया है. इस संस्था के कई अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाए गए हैं.
अमेरिका का कहना है कि तुर्की ने एस-400 खरीदकर नियम तोड़े हैं. गौरतलब है कि तुर्की ने रूस से S-400 मिसाइल सिस्टम की खरीद 2019 में की थी. इससे पहले अमेरिका ने अपने F-35 एयरक्राफ्ट कार्यक्रम से तुर्की को बाहर कर दिया था और इस विमान को खरीदने से रोक दिया था.
CAATSA क्या है?
CAATSA, अमेरिकी सरकार का एक क़ानून हैं जिसका पूरा नाम Countering America’s Adversaries Through Sanctions Act है. CAATSA के तहत ईरान, सीरिया, उत्तर कोरिया को सहयोग करने वाले देशों पर व्यापार प्रतिबंध लगाया जा सकता है.
इस क़ानून की धारा 231 के अनुसार, रूसी सरकार के खुफिया या रक्षा क्षेत्रों के साथ लेनदेन करने वाले देशों पर प्रतिवंध लगाये जाने का प्रावधान है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2020-12-19 23:28:222020-12-22 16:29:05अमेरिका ने CAATSA के तहत तुर्की पर कई तरह के प्रतिबंध लगाये
माउंट एटना ज्वालामुखी (Mount Etna Volcano) में हाल ही में विस्फोट हुआ था. मार्च 2017 में हुए विस्फोट के बाद यह सबसे बड़ा विस्फोट था. विस्फोट से पहले यहां भूकंप के झटके महसूस किए गए थे, जिसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 2.7 थी. इस विस्फोट के बाद 325 फीट की ऊंचाई तक लावा उठा. विस्फोट इतना ज्यादा बड़ा था कि राख करीब 5 किलोमीटर के इलाके में फैल गई.
माउंट एटना: एक दृष्टि
माउंट एटना यूरोप का सबसे बड़ा और दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा सक्रिय ज्वालामुखी है. इटली में स्थित यह ज्वालामुखी 11 हजार फीट ऊंचा और करीब 38 किलोमीटर चौड़ा है. विश्व का सबसे बड़ा सक्रिय ज्वालामुखी हवाई (Hawaii) का माउंट किलुआ (Mount Kilauea) है.
माउंट एटना ज्वालामुखी अफ्रीकी और यूरोशियाई टैक्टोनिक प्लेटों के बीच स्थित है और इसमें लगातार विस्फोट होता रहता है. यह 7 लाख साल पुराना है.
माउंट एटना से हर साल इतना लावा निकलता है कि 108 मंजिला इमारत को भरा जा सकता है. माउंट एटना ज्वालामुखी से हर साल करोड़ों टन लावा और 70 लाख टन कार्बन डाई ऑक्साइड, पानी और सल्फर डाई ऑक्साइड निकलता है.
संयुक्त राष्ट्र ने माउंट एटना को ‘डिकेड वोल्केनो’ का खिताब दिया है तथा इसे यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल की सूची में शामिल किया है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2020-12-18 23:51:052020-12-19 10:37:25यूरोप का सबसे बड़ा सक्रिय ज्वालामुखी माउंट एटना में विस्फोट
चीन के वैज्ञानिकों ने प्रकाश आधारित, दुनिया का पहला क्वांटम कंप्यूटर बनाने का दावा किया है. वैज्ञानिकों के मुताबिक यह कंप्यूटर पारंपरिक सुपर कंप्यूटर के मुकाबले कहीं अधिक तेजी से कार्य कर सकता है. इस सुपर कंप्यूटर का नाम गणित के प्राचीन चीनी ग्रंथ के नाम पर ‘जियूझांग’ दिया गया है.
जियूझांग क्वांटम कंप्यूटर भरोसेमंद तरीके से कंप्यूटेशनल एडवान्टेज का प्रदर्शन कर सकता है, जो कंप्यूटर क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि है. इस कंप्यूटर की मदद से शक्तिशाली मशीन को बनाने के तरीके में मौलिक बदलाव आएगा.
क्वांटम कंप्यूटर: एक दृष्टि
क्वांटम कंप्यूटर बहुत तेजी से काम करते हैं, जो पारंपरिक कंप्यूटर के लिए संभव नहीं है. इनकी मदद से भौतिक विज्ञान, कृत्रिम बुद्धिमत्ता और चिकित्सा क्षेत्र में उपलब्धि हासिल होती है. यह सुपर कंप्यूटर जो गणना मात्र 200 सेकेंड (100 ट्रिलियन गुना तेज) में कर सकता है, उसे करने में पारंपरिक पद्धति से बने दुनिया के सबसे तेज कंप्यूटर ‘फुगाकू’ को 60 करोड़ साल लगेंगे.
पिछले साल गूगल ने 53 क्यूबिट क्वांटम कंप्यूटर बनाने की घोषणा की थी. जियूझांग 76 फोटॉन में हेरफेर कर जटिल गणना करता है, जबकि गूगल का क्वांटम कंप्यूटर सुपर कंडक्टिव वस्तुओं का इस्तेमाल करता है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2020-12-07 21:55:192020-12-07 21:55:19चीन ने प्रकाश आधारित दुनिया का पहला क्वांटम कंप्यूटर ‘जियूझांग’ बनाने का दावा किया