चीन ने मंगल ग्रह के अध्ययन के लिए अपना पहला यान ‘तिआनवेन-1’ (Tianwen-1) को प्रक्षेपित किया है. यह प्रक्षेपण दक्षिण चीन के हेनान प्रांत के वेनचांग स्पेस लॉन्च सेंटर से किया गया. इस प्रक्षेपण में चीनी रॉकेट ‘लॉन्ग मार्च-5-Y4’ के माध्यम से ‘तिआनवेन-1’ को मंगल के लिए भेजा गया था. ‘तिआनवेन-1’ अपने साथ एक रोवर ले गया है जो मंगल की सतह पर लैंड करेगा.
चीन के नैशनल स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन ने अनुसार 2000 सेकंड की उड़ान के बाद यह रॉकेट पृथ्वी-मंगल की कक्षा में सफलतापूर्वक प्रवेश कर गया. इसके बाद अब यह मंगल ग्रह की ओर रवाना हो गया है. चीन का अंतरिक्ष यान करीब 7 महीने की यात्रा के बाद फरवरी 2021 में मंगल ग्रह के गुरुवत्वाकर्षण वाले इलाके में प्रवेश कर जाएगा.
चीन का यह मिशन अगर सफल रहता है तो यह मानव के इतिहास में पहली बार में मंगल की कक्षा में चक्कर लगाने, लैंडिंग करने का एक ही मिशन में पहला अभियान होगा. इस मिशन का लक्ष्य मंगल की सतह पर बर्फ का पता लगाना है. इसके अलावा सतह की संरचना, जलवायु और पर्यावरण के बारे में पता लगाना है.
मंगल के लिए अन्य देशों के प्रयास
मंगल मिशन पर अब तक अमेरिका, रूस, भारत और यूरोपीय संघ ने अपने यान को सफलतापूर्वक भेजा है. भारत मंगल की परिक्रमा पर यान भेजने वाला पहला एशियाई देश है. भारत के इस मंगल मिशन का नाम ‘मंगलयान’ है. चीन ने रूस के सहयोग से मंगल ग्रह को लेकर 2011 में अपना यान ‘यिंगहुओ -1’ को लॉन्च किया था. यह मिशन असफल रहा था.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2020-07-24 21:38:532020-07-24 21:38:53चीन ने मंगल ग्रह के अध्ययन के लिए अपना पहला यान ‘तिआनवेन-1’ को प्रक्षेपित किया
संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने 20 जुलाई को मंगल ग्रह के लिए पहला अंतरिक्ष मिशन में शामिल उपग्रह ‘HOPE’ को प्रक्षेपित किया. यह प्रक्षेपण जापान के तानेगाशिमा स्पेस सेंटर से किया गया. ‘HOPE’ नामक इस उपग्रह को तनेगाशिमा अंतरिक्ष केंद्र से H2-A नामक रॉकेट के ज़रिए भेजा गया.
इस प्रक्षेपण के साथ है UAE पहला अरब देश होगा, जिसने मंगल ग्रह के लिए अपना उपग्रह भेजा हो. इस अंतरिक्ष यान पर अरबी में ‘अल-अमल’ लिखा हुआ था.
UAE का प्रोजेक्ट मंगल पर जाने वाले तीन प्रोजेक्ट में से एक है. इसमें चीन के ताइनवेन-1 और अमेरिका के मार्स 2020 भी शामिल हैं.
उपग्रह ‘HOPE’ के मंगल की कक्षा में फरवरी, 2021 में पहुंचने की उम्मीद है. इसके बाद यह एक मंगल वर्ष यानी 687 दिनों तक उसकी कक्षा में चक्कर लगाएगा. UAE में इस प्रोजेक्ट को अरब के युवाओं के लिए प्रेरणा के स्रोत के रूप में देखा जा रहा है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2020-07-20 22:02:552020-07-20 22:02:55UAE ने मंगल ग्रह के लिए अपना पहला उपग्रह ‘HOPE’ को प्रक्षेपित किया
भारतीय मूल के चंद्रिका प्रसाद संतोखी को सूरीनाम का राष्ट्रपति चुना गया है. सूरीनाम की संसद ‘नेशनल एसेंबली’ ने संतोखी को राष्ट्रपति के रूप में सर्वसम्मति से चुना है.
चुनाव में डेसी बॉउटर्स को हराया
चंद्रिका प्रसाद ने पूर्व सैन्य तानाशाह डेसी बॉउटर्स की जगह ली है. उनकी प्रोग्रेसिव रिफॉर्म पार्टी (PRC) ने बॉउटर्स की नेशनल पार्टी ऑफ सूरीनाम (NPS) को मई में संपन्न हुए चुनाव में हराया था. बॉउटर्स ने वर्ष 1980 में निर्वाचित सरकार का तख्तापलट दिया था. उन्हें 15 विरोधियों की हत्या के मामले में 20 साल कैद की सजा हुई थी, जिसके खिलाफ उन्होंने अपील की है.
सूरीनाम आर्थिक संकट के दौर में
संतोखी ने ऐसे समय में सूरीनाम के नेतृत्व की बागडोर संभाली है जब उसके रिश्ते नीदरलैंड समेत दूसरे पश्चिमी देशों से खराब हो चुके हैं. देश इस समय आर्थिक संकट के दौर से भी गुजर रहा है.
डेसी बॉउटर्स के शासनकाल में तख्तापलट समेत अन्य कारणों से सूरीनाम के संबंध नीदरलैंड और अन्य पश्चिमी देशों के साथ अच्छे नहीं रहे हैं.
चंद्रिका प्रसाद संतोखी: एक दृष्टि
61 वर्षीय चंद्रिका प्रसाद संतोखी सूरीनाम के पूर्व-न्यायमंत्री व प्रोग्रेसिव रिफॉर्म पार्टी (PRC) के नेता हैं. वे नीदरलैंड के पुलिस अकादमी से प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं और सूरीनाम के मुख्य पुलिस आयुक्त रह चुके हैं. वर्ष 2005 के दौरान वह देश के न्याय मंत्री भी रह चुके हैं.
सूरीनाम: एक दृष्टि
सूरीनाम पहले नीदरलैंड (पूर्व डच) का ही उपनिवेश रहा है. इसकी कुल आबादी 5,87,000 है, जिसमें 27.4 फीसद लोग भारतवंशी हैं. प्रोग्रेसिव रिफॉर्म पार्टी (PRC) मूल रूप से भारतीय समुदाय का प्रतिनिधित्व करती है. PRC को सूरीनाम में यूनाइटेड हिंदुस्तानी पार्टी कहा जाता था.
सूरीनाम मूल रूप से बॉक्साइट के निर्यात पर निर्भर रहा है, लेकिन हाल ही में उसके जलीय क्षेत्रीय में विशाल तेल भंडार पाए गए हैं. ये तेल भंडार देश को आर्थिक मुश्किलों से निकालने में मददगार साबित हो सकते हैं.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2020-07-17 21:28:202020-07-17 21:28:20भारतीय मूल के चंद्रिका प्रसाद को सूरीनाम का राष्ट्रपति चुना गया
ट्यूनीशिया के प्रधानमंत्री इलियास फाखफाख ने 15 जुलाई को अपने पद से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने पद में रहते हुए एक कंपनी में शेयर होने के आरोपों के कारण अपना इस्तीफा दिया है. दरअसल प्रधानमंत्री का एक कचरा निस्तारण कंपनी में शेयर था और उसी कंपनी को 1.50 करोड़ यूरो का सरकारी ठेका भी हासिल हुआ था.
ट्यूनीशिया में राजनीतिक तनाव ऐसे समय में उपजा है जब कोरोना वायरस महामारी और उसकी वजह से लगाए गए लॉकडाउन के बाद देश गहरे आर्थिक और सामाजिक संकटों का सामना कर रहा है.
फाखफाख का प्रधानमंत्री के पद से हटना इस्लामिक पार्टी इनाहदाहा के लिए जीत है. प्रधानमंत्री का इस पार्टी से टकराव था क्योंकि वह एक सहयोगी पार्टी को सरकार विस्तार में जगह देने से इनकार कर रहे थे. फाखफाख ने कहा कि जब तक प्रधानमंत्री के लिए नया नाम तय नहीं कर लिया जाता है तब तक वह काम करते रहेंगे.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2020-07-16 21:29:052020-07-16 21:29:05ट्यूनीशिया के प्रधानमंत्री इलियास फाखफाख ने इस्तीफा दिया
पोलैंड के राष्ट्रपति आंद्रेज डूडा ने पांच साल के अपने दूसरे कार्यकाल के लिए जीत हासिल की. रूढ़िवादी डूडा ने हाल ही में संपन्न हुए चुनाव में वारसा के उदारवादी महापौर रफाल ट्रजासकोव्स्की को हराया है.
इस चुनाव में डूडा को 51.21 प्रतिशत वोट मिले हैं, जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी रफाल ट्रजासकोव्स्की को 48.79 प्रतिशत वोट मिले हैं. इससे पहले आंद्रेजे डूडा ने वर्ष 2015 में पोलैंड का राष्ट्रपति पद का चुनाव जीता था.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2020-07-14 22:34:102020-07-14 22:34:10पोलैंड के राष्ट्रपति आंद्रेज डूडा ने अपने दूसरे कार्यकाल के लिए जीत हासिल की
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कोरोना से निपटने के उसके तौर-तरीक़ों और सरकारों की प्रतिक्रिया की समीक्षा के लिए एक स्वतंत्र समिति का गठन किया है. संगठन के महानिदेशक टेड्रॉस एढेनॉम ग़ेब्रेसस ने कहा है कि इस महामारी का व्यापक मूल्यांकन किया जाना ज़रुरी है.
हेलेन क्लार्क और एलेन जॉनसन संयुक्त अध्यक्ष होंगे
न्यूज़ीलैंड की पूर्व प्रधानमंत्री हेलेन क्लार्क और लाइबेरिया के पूर्व राष्ट्रपति एलेन जॉनसन सरलीफ इस समिति के संयुक्त अध्यक्ष होंगे और अन्य सदस्यों का चयन करेंगे. यह समिति नवम्बर 2020 में स्वास्थ्य मंत्रियों की वार्षिक बैठक में अपनी अंतरिम रिपोर्ट जबकि मई 2021 में अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी.
यह कदम अमरीकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रम्प की प्रतिक्रिया के बाद उठाया गया है. उन्होंने कोरोना को लेकर संगठन की कड़ी आलोचना की थी और संगठन पर चीन की कठपुतली की तरह काम करने का आरोप लगाया था.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2020-07-11 22:54:272020-07-11 22:54:27WHO ने कोरोना से निपटने के उसके तौर-तरीक़ों की समीक्षा के लिए एक समिति का गठन किया
मालदीव और श्रीलंका ने चेचक और खसरा के उन्मूलन का हासिल कर लिया है. यह घोषणा विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के दक्षिण-पूर्व एशिया की क्षेत्रीय निदेशक डॉक्टर पूनम खेत्रपाल सिंह ने चेचक और खसरा के उन्मूलन के लिए क्षेत्रीय पुष्टिकरण आयोग की पांचवीं बैठक के बाद की.
2023 तक उन्मूलन का लक्ष्य
दोनों देशों ने चेचक और खसरा के उन्मूलन का लक्ष्य समय से पहले हासिल किया है. WHO ने चेचक और खसरा के उन्मूलन का लक्ष्य वर्ष 2023 तक रखा है.
दक्षिण-पूर्व एशिया में उपलब्धि हासिल करने वाले पहले दो देश
मालदीव और श्रीलंका, दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र में यह उपलब्धि हासिल करने वाले पहले दो देश बन गए हैं. मालदीव में चेचक का अंतिम मामला वर्ष 2009 में और खसरे का अक्टूबर 2015 में सामने आया था. श्रीलंका में चेचक का अंतिम मामला मई 2016 में और खसरे का मार्च 2017 में सामने आया था.
दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र में- भारत, श्रीलंका, भूटान, बांग्लादेश, थाईलैंड, मालदीव, म्यांमार, उत्तर कोरिया, तिमोर-लेस्ते, इंडोनेशिया और नेपाल शामिल हैं.
श्रीलंका, खसरा का उन्मूलन करने वाला दक्षिण-पूर्व एशिया का 5वा देश
श्रीलंका ‘खसरा’ (measles) का उन्मूलन करने वाला दक्षिण-पूर्व एशिया का पांचवा देश बना था. WHO ने इसकी घोषणा 10 जुलाई को की थी. दक्षिण-पूर्व एशिया में इससे पहले यह उपलब्धि भूटान, मालदीव, कोरिया और तिमोर ने हासिल की थी.
किसी बीमारी का उन्मूलन तब घोषित किया जाता है जब उस बामारी के एक भी मामले पिछले तीन वर्ष में नहीं आये हो.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2020-07-09 22:41:372020-07-09 22:41:48मालदीव और श्रीलंका ने चेचक और खसरा के उन्मूलन का लक्ष्य हासिल किया
अमेरिका ने 6 जुलाई को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के साथ अपने देश के सभी संबंध खत्म करने की आधिकारिक तौर पर संयुक्त राष्ट्र को जानकारी दी है. नियमों के अनुसार WHO से अमेरिका के अलग होने की प्रक्रिया 1 वर्ष बाद यानी 6 जुलाई 2021 से प्रभावी होगा.
अमेरिका का WHO पर चीन का पक्ष लेने का आरोप
अमेरिका ने WHO पर कोविड-19 को लेकर चीन का पक्ष लेने का आरोप लगाया है. यह वैश्विक महामारी 2019 में चीन के वुहान शहर से ही शुरू हुई थी.
अमेरिका ने आरोप लगाया है कि WHO ने इस वैश्विक महामारी के खतरों को लेकर समय पर सही जानकारी नहीं देकर विश्व को गुमराह किया. WHO के कारण इस वायरस से दुनिया भर में पांच लाख से अधिक लोगों की जान जा चुकी है. जिनमें से 1,30,000 से अधिक लोग तो अमेरिका के ही हैं.
अमेरिका ने WHO की आर्थिक सहायता बंद किया
अमेरिका ने WHO को दिए जाने वाले आर्थिक सहायता पर अप्रैल 2020 में रोक लगा दी थी. अमेरिका WHO को प्रतिवर्ष 893 मिलियन डॉलर की आर्थिक सहायता देता है, जो विश्व में सबसे अधिक है. ब्रिटेन दूसरे कुल 435 मिलियन डॉलर की आर्थिक सहायता के साथ नंबर पर है. इसके बाद जर्मनी और जापान का नंबर आता है. चीन WHO को करीब 86 मिलियन डॉलर का योगदान करता है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2020-07-08 22:30:482020-07-08 22:30:48अमेरिका ने WHO के साथ सभी संबंध खत्म करने की आधिकारिक जानकारी संयुक्त राष्ट्र को दी
विश्व बैंक ने हाल ही में आय के आधार पर विश्व के देशों के वर्गीकरण पर एक रिपोर्ट जारी की है. 2020 के इस रिपोर्ट के अनुसार भारत के वर्गीकरण में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है. भारत निम्न-मध्य आय वाला देश बना हुआ है.
नेपाल निम्न-मध्य आय ग्रुप में शामिल
इस रिपोर्ट में पहली बार नेपाल का वर्गीकरण निम्न-आय से निम्न-मध्य आय देश में किया है. रिपोर्ट के अनुसार 2018 के मुकाबले 2019 में नेपाल की प्रति व्यक्ति आय बढ़ी है और उस स्तर को पार कर गई है जो किसी निम्न-मध्य आय वर्ग वाले देश की होती है.
रिपोर्ट में बताया गया है कि नेपाल ने सकल राष्ट्रीय आय (Gross national income) में काफी बढ़ोतरी की है. 2018 में जहां नेपाल की प्रति व्यक्ति आय 960 डॉलर थी, वहीं 2019 में बढ़कर 1090 डॉलर हो गई.
श्रीलंका के वर्गीकरण में गिरावट
विश्व बैंक के 2020 के वर्गीकरण के अनुसार श्रीलंका उच्च-मध्यम-आय वर्ग वाले देश से अब एक निम्न-मध्य आय वर्ग देश वाला देश बन गया है. वर्ष 2019 में श्रीलंका का पर प्रति व्यक्ति आय 4020 अमरीकी डॉलर से कुछ कम था, जो उच्च-मध्यम-आय वर्ग वाले देश में बने रहने के लिए 6 अमरीकी डॉलर कम है.
विश्व बैंक द्वारा अर्थव्यवस्थाओं का वर्गीकरण: एक दृष्टि
विश्व बैंक सकल राष्ट्रीय आय (Gross national income- GNI) के आधार पर विश्व के सभी 218 देशों की अर्थव्यवस्थाओं का वर्गीकरण करता है. वर्गीकरण को हर साल 1 जुलाई को अपडेट किया जाता है. इस वर्ष यानी 2020 का वर्गीकरण 2019 के GNI पर आधारित है. किसी देश के नागरिकों का सकल घरेलू एवं विदेशी आय के योग को सकल राष्ट्रीय आय कहा जाता है.
विश्व बैंक के तय मानकों के अनुसार, यदि किसी देश की प्रति व्यक्ति आय (Per capita income) 1036 डॉलर से अधिक हो जाती है, तो उसे गरीब देश की श्रेणी से उपर माना जाता है. जिस भी देश के नागरिकों की आय 1036 डॉलर से कम होती है उसे सबसे निम्न आय देशों की श्रेणी में रखा जाता है.
विश्व बैंक सभी देशों को उनके नागरिकों के प्रति व्यक्ति आय के आधार चार वर्गों में बांटा है:
निम्न आय वर्ग देश: $1,036 या उससे कम
निम्न-मध्य आय वर्ग देश: $1,036 से $4045,
उच्च-मध्य आय वर्ग देश: $4046 से $12,535 और
उच्च आय वर्ग देश: $12,536 या अधिक.
भारत और इसके पड़ोसी और ब्रिक्स देश
मालदीव ($9,310) दक्षिण-एशिया में एक मात्र देश हैं जो उच्च-मध्यम-आय वर्ग में हैं. श्रीलंका ($4,020), बांग्लादेश ($ 1,750), भूटान ($ 3,080) और पाकिस्तान ($1,580) और भारत ($ 2,020) निम्न-मध्यम आय वर्ग में हैं. अफगानिस्तान ($550) निम्न आय वर्ग की अर्थव्यवस्थाओं में हैं.
ब्रिक्स देशों में निम्न-मध्य-आय वर्ग में भारत एकमात्र देश है. ब्रिक्स के अन्य देशों में- ब्राजील ($ 9,140), रूस ($ 10,230), चीन ($ 9,470) और दक्षिण अफ्रीका ($ 5,720) उच्च-मध्य-आय वर्ग में हैं.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2020-07-06 22:48:422020-07-06 22:48:42आय के आधार पर अर्थव्यवस्थाओं का वर्गीकरण 2020 जारी, नेपाल निम्न-मध्य आय ग्रुप में शामिल
फ्रांस के प्रधानमंत्री एडवर्ड फिलिप (Edouard Philippe) ने 3 जुलाई को अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. देश के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों द्वारा सरकार में फेरबदल की संभावनाओं के बीच उन्होंने अपना इस्तीफा दिया है. यह फेरबदल ऐसे समय में किया जाएगा, जब कुछ दिन पहले स्थानीय चुनावों में मैक्रों की पार्टी को फ्रांस के बड़े शहरों में हार का सामना करना पड़ा था.
राष्ट्रपति मैक्रों अपने कार्यकाल के अंतिम दो साल में कोरोना वायरस संकट से बुरी तरह प्रभावित देश की अर्थव्यवस्था को पुन: पटरी पर लाने के प्रयासों पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2020-07-03 22:45:122020-07-03 22:45:12फ्रांस के प्रधानमंत्री एडवर्ड फिलिप ने अपने पद से इस्तीफा दिया
अमेरिका, मैक्सिको और कनाडा के बीच एक नया मुक्त व्यापार समझौता (United States–Mexico–Canada Agreement) 1 जुलाई, 2020 से लागू हो गया. तीनों देशों ने मैक्सिको सिटी में 10 दिसम्बर को इस समझौते पर हस्ताक्षर किया थे, जिसे संबंधित देशों की संसद ने अनुमोदित किया था.
अमेरिका, मैक्सिको और कनाडा नया मुक्त व्यापार समझौता (USMCA)
USMCA दो साल से अधिक समय तक चली सघन बातचीत के बाद हुआ था. यह नया समझौता 25 साल पुराने उत्तरी अमेरिका मुक्त व्यापार समझौता (NAFTA) का स्थान लिया है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने NAFTA को भेद-भाव पूर्ण बताया था.
USMCA में श्रम सुधार, पर्यावरण संबंधी मसलों की निगरानी आदि को कठोर बनाने के प्रावधान शामिल किये गये हैं. इसमें औषधियों के सस्ते जेनेरिक संस्करणों की राह में बाधा बनने वाले प्रावधानों को भी दूर करने के उपाय किये गये हैं.
उत्तर अमेरिकी मुक्त व्यापार समझौता (NAFTA) क्या है?
NAFTA, उत्तर अमेरिकी मुक्त व्यापार समझौता (North American Free Trade Agreement का संक्षिप्त रूप है. यह एक व्यापार समझौता था जो मेक्सिको, कनाडा और अमेरिका के बीच 1 जनवरी, 1994 से प्रभाव में आया था. इस संधि का उद्देश्य उपरोक्त तीन उत्तर अमेरिकी देशों के बीच मुक्त व्यापार को बढ़ावा देना था.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2020-07-02 22:39:152020-07-02 22:39:59अमेरिका, मैक्सिको और कनाडा के बीच एक नया मुक्त व्यापार समझौता लागू हुआ
मलावी में हाल ही में संपन्न हुए राष्ट्रपति चुनाव में विपक्षी दल मलावी कांग्रेस पार्टी (MCP) के नेता लाजर मैकार्थी चकवेरा (Lazarus Chakwera) ने जीत हासिल की है. यहाँ न्यायालय के ऐतिहासिक फैसले के बाद दोबारा चुनाव कराए गए थे. मौजूदा राष्ट्रपति पीटर मुथारिका (Peter Mutharika) ने दोबारा चुनाव कराने के अदालत के निर्णय को मलावी के इतिहास में सबसे खराब करार दिया था.
दक्षिण अफ्रीकी देश मलावी में मई 2019 में हुए राष्ट्रपति चुनाव में व्यापक अनियमितताओं के आरोपों के कारण यहाँ महीनों से में प्रदर्शन जारी था. यहाँ की संवैधानिक न्यायालय के दोबारा चुनाव करने का निर्देश दिया था. जिसमे लाजर मैकार्थी चकवेरा ने चकवेरा ने 58 प्रतिशत मत (26 लाख वोट) के साथ चुनाव में जीत हासिल की. मौजूदा राष्ट्रपति मुथारिका को 17 लाख वोट मिले.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2020-06-30 23:51:352020-06-30 23:51:35मलावी राष्ट्रपति चुनाव में लाजर मैकार्थी चकवेरा ने जीत हासिल की