प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अंडमान निकोबार द्वीप समूह के 21 सबसे बड़े द्वीपों का नामकरण परमवीर चक्र से सम्मानित सैनिकों के नाम पर किया है.
यह नामकरण 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की 126वीं जयंती के दिन किया गया था. उनकी जयंती पराक्रम दिवस के रूप में मनाई जाती है.
मुख्य बिन्दु
प्रधानमंत्री ने नेताजी को समर्पित राष्ट्रीय स्मारक के प्रतिरूप का भी अनावरण किया. इसका निर्माण सुभाष चंद्र द्वीप पर किया गया है. 2018 में प्रधानमंत्री मोदी ने अण्डमान और निकोबार द्वीपसमूह के रॉस द्वीप का नामकरण नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वीप के रूप में किया था.
उत्तर और मध्य अंडमान में निर्जन द्वीप संख्या ‘आईएनएएन 370’ को मेजर सोमनाथ शर्मा के नाम पर ‘सोमनाथ द्वीप’ नाम दिया गया है. मेजर सोमनाथ शर्मा देश के पहले परमवीर चक्र विजेता हैं.
भारत पाकिस्तान युद्ध के दौरान अपनी वीरता के लिए सम्मानित सूबेदार और मानद कैप्टन करम सिंह के नाम पर ‘आईएनएएन 308’ द्वीप का नाम ‘करम सिंह’ द्वीप रखा गया है.
इसके अलावा मेजर रामा राघोबा राणे, नायक जदुनाथ सिंह, कंपनी हवलदार मेजर पीरू सिंह शेखावत, कैप्टन गुरबचन सिंह सलारिया, लेफ्टिनेंट कर्नल धन सिंह थापा मागर, सूबेदार जोगिंदर सिंह सहनन, मेजर शैतान सिंह भाटी, कंपनी क्वार्टरमास्टर हवलदार अब्दुल हमीद, लेफ्टिनेंट कर्नल अर्देशिर बुर्जोरजी तारापोर, लांस नायक अल्बर्ट एक्का, कर्नल होशियार सिंह दहिया, सेकेंड लेफ्टिनेंट अरुण खेत्रपाल, फ्लाइंग ऑफिसर निर्मल जीत सिंह सेखों, मेजर रामास्वामी परमेश्वरन, कैप्टन बाना सिंह, कैप्टन विक्रम बत्रा, कैप्टन मनोज कुमार पाण्डेय और सूबेदार मेजर संजय कुमार के नाम पर भी द्वीपों के नाम रखे गए हैं.
यह नामकरण राष्ट्र की सम्प्रभुता और अखण्डता की सुरक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले नायकों को श्रद्धांजलि के तौर पर किया गया है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2023-01-24 22:53:442023-01-24 22:53:44अण्डमान और निकोबार द्वीप समूह के 21 द्वीपों का नामकरण सैनिकों के नाम पर
भारतीय नौसेना ने 23 जनवरी को पनडुब्बी वागीर (INS Vagir) को अपने बेड़े में शामिल किया था. नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरिकुमार ने इसे बेड़े में शामिल किया. वागीर फारसी भाषा का शब्द है, जिसका अर्थ ‘शिकारी’ होता है.
मुख्य बिन्दु
यह कलवारी श्रेणी (यानी Scorpene Class) की पांचवीं पनडुब्बी है. इसे फ्रांस की मेसर्स नेवल ग्रुप (Messers Naval Group) की मदद से मुंबई के मझगांव डॉक में बनाया गया है.
‘INS वागीर’ पिछले दो साल में भारतीय नौसेना में शामिल होने वाली तीसरी पनडुब्बी है. यह अचूक हथियारों से लैस घातक प्लेटफॉर्म है.
वागीर स्वदेश में अब तक निर्मित सभी पनडुब्बियों में सबसे कम समय में तैयार हुई है. समुद्री सुरक्षा के मामले में यह भारत को बढ़त दिलाएगा.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2023-01-24 22:22:172023-01-24 22:44:55भारतीय नौसेना ने पनडुब्बी वागीर को अपने बेड़े में शामिल किया
जी-20 देशों की दो दिन की थिंक-20 बैठक 16-17 जनवरी को भोपाल के अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन केंद्र में आयोजित की गई थी. बैठक का उद्घाटन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किया था. बैठक में वैश्विक शासन व्यवस्था और जीवन मूल्यों पर चर्चा हुई.
मुख्य बिन्दु
बैठक में देश-विदेश से आए 300 से अधिक मंत्री, बुद्धिजीवी और विषय-विशेषज्ञ पूर्ण और समानांतर सत्रों, गोलमेज सम्मेलन और सामूहिक स्तर पर विचार-मंथन किए.
इनमें 94 अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधि, विभिन्न प्रदेशों के 115 और लगभग 100 स्थानीय प्रतिनिधि शामिल थे. इसके अलावा, अंतर्राष्ट्रीय संगठनों जैसे एशियन डेवलपमेंट बैंक, एडीबी इंस्टीट्यूट, अफ्रीकन यूनियन, बिल एण्ड मिलिंडा गेट्स फाउण्डेशन, यूएन, यूएनडीपी और यूनिसेफ के प्रतिनिधि भी इस आयोजन में शामिल थे.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2023-01-18 23:17:032023-01-20 23:22:59जी-20 देशों की थिंक-20 बैठक भोपाल में
जी-20 के आधारभूत संरचना समूह (इंफ्रास्ट्रक्चर वर्किंग ग्रुप) की पहली बैठक पुणे में 16-17 जनवरी को आयोजित की गई थी. इस बैठक का विषय था – ‘कल के शहरों का समावेशी, मजबूत और सतत विकास के लिए वित्त पोषण’.
मुख्य बिन्दु
इस बैठक में आधारभूत संरचना समूह के सदस्य देशों, विशेष आमंत्रित देशों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों ने हिस्सा लिया था.
जी-20 के आधारभूत संरचना समूह ने, इंफ्रास्ट्रक्चर निवेश के विभिन्न पहलुओं पर विचार-विमर्श किया, जिसमें एसेट क्लास के रूप में इंफ्रास्ट्रक्चर को विकसित करना; गुणवत्तापूर्ण अवसंरचना निवेश को बढ़ावा देना; और बुनियादी ढांचे में निवेश हेतु वित्तीय संसाधनों को जुटाने के लिए अभिनव उपकरणों की पहचान करना शामिल था.
इस पहल का उद्देश्य जी20 बैठक के संबंध में होने वाली संपूर्ण चर्चाओं में सभी क्षेत्रों के लोगों को शामिल करना था. इस बैठक में चर्चा की जाने वाली प्रमुख प्राथमिकता ‘भविष्यकालीन शहरों का वित्तपोषण’ था.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2023-01-17 23:17:052023-01-20 23:20:13जी-20 के आधारभूत संरचना समूह की पहली बैठक
भारत में रिवर क्रूज ‘एमवी गंगा विलास’ (River Cruise MV Ganga Vilas) से पर्यटन यात्रा शुरू किया गया है. इसकी शुरुआत वाराणसी से हुई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14 जनवरी को वीडियो कॉन्फ्रेंस माध्यम से इसकी शुरुआत की थी. इस पहली यात्रा में स्विट्जरलैड के 32 यात्री हैं जो वाराणसी से डिब्रूगढ़ तक की यात्रा कर रहे हैं.
गंगा विलास: मुख्य बिन्दु
गंगा विलास दुनिया का सबसे लंबा रिवर क्रूज है. इसमें सभी लग्जरी सुविधाओं के साथ तीन डेक और 36 पर्यटकों की क्षमता वाले 18 सुइट हैं.
वाराणसी से डिब्रूगढ़ (असम) तक की इस यात्रा के दौरान यह क्रूज 51 दिनों में लगभग 3200 किलोमीटर का सफर तय करेगा. यह रिवर क्रूज बांग्लादेश के रास्ते असम में डिब्रूगढ़ पहुंचेगा.
विश्व धरोहर स्थलों, राष्ट्रीय उद्यानों, नदी घाटों और बिहार में पटना और झारखंड में साहिबगंज, पश्चिम बंगाल में कोलकाता, बांग्लादेश में ढाका और असम में गुवाहाटी जैसे प्रमुख शहरों सहित 50 पर्यटन स्थलों की क्रूज की 51 दिनों की योजना बनाई गई है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2023-01-15 23:59:292023-01-18 00:10:55दुनिया के सबसे लंबे रिवर क्रूज ‘एमवी गंगा विलास’ को वाराणसी से शुरू किया गया
भारत ‘समुद्रयान मिशन’ के अंतर्गत खनिजों जैसे संसाधनों का पता लगाने के लिए एक अभियान शुरू कर रहा है. पृथ्वी विज्ञान मंत्री डॉक्टर जितेन्द्र सिंह ने हाल ही में इसकी पुष्टि की थी. इस मिशन के अगले तीन वर्षों में साकार होने की उम्मीद है.
समुद्रयान मिशन: मुख्य बिन्दु
समुद्रयान मिशन के अंतर्गत इस अभियान में तीन लोग समुद्र में 6000 मीटर की गहराई में जाकर अनुसंधान करेंगे.
पनडुब्बी ‘मत्स्य 6000’ तीन लोगों को समुद्र में ले जाएगा. इस समुद्रयान पनडुब्बी को राष्ट्रीय महासागर प्रौद्योगिकी संस्थान, चेन्नई ने विकसित किया है.
सामान्य प्रचलन स्थिति में 12 घंटे तक चलने की क्षमता है तथा किसी आपात स्थिति में मानव सुरक्षा के लिए 96 घंटे तक चलने की क्षमता है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2021 और 2022 में स्वतंत्रता दिवस संबोधन में ‘डीप ओशन मिशन’ का जिक्र किया था. केंद्र सरकार ने पांच साल के लिए इस मिशन के वास्ते चार हजार करोड़ रुपये से अधिक के बजट को मंजूरी दी थी.
अभियान का उद्देश्य केंद्र सरकार के ‘नए भारत’ के दृष्टिकोण को बढ़ावा देना है जो विकास के दस प्रमुख आयामों में से एक के रूप में नीली अर्थव्यवस्था को उजागर करता है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2023-01-14 23:59:312023-01-18 00:09:53भारत समुद्र में खनिजों का पता लगाने के लिए एक अभियान शुरू करेगा
केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन (National Green Hydrogen Mission) को मंजूरी दी है. मिशन का उद्देश्य देश को हरित हाइड्रोजन के उत्पादन, उपयोग और निर्यात का बडा केन्द्र बनाना है.
राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन: मुख्य बिन्दु
19.7 हजार रुपए की शुरुआती लागत से शुरू इस मिशन के तहत प्रतिवर्ष पचास लाख टन हरित हाइड्रोजन का उत्पादन किया जाएगा. इससे हर साल जीवाश्म ईंधन के आयात पर एक लाख करोड़ रुपए बचाए जा सकेंगे.
राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन को शुरू किए जाने की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2021 के अपने लाल किले की प्राचीर से भाषण में कहा था.
इससे 2070 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी. क्लाइमेंट चेंज से निपटने के लिए ग्रीन हाइड्रोजन एक बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा.
राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन क्या है?
यह हरित हाइड्रोजन के व्यावसायिक उत्पादन को प्रोत्साहित करने और भारत को ईंधन का शुद्ध निर्यातक बनाने हेतु एक कार्यक्रम है. यह मिशन हरित हाइड्रोजन मांग में वृद्धि लाने के साथ-साथ इसके उत्पादन, उपयोग और निर्यात को बढ़ावा देगा.
इस मिशन का उद्देश्य वर्ष 2030 तक भारत में लगभग 125 GW की नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता विकसित करना है. इसके परिणामस्वरूप जीवाश्म ईंधन के आयात में 1 लाख करोड़ रुपए से अधिक की शुद्ध कमी के साथ-साथ वार्षिक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में लगभग 50 मीट्रिक टन की कमी आएगी.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2023-01-06 23:58:362023-01-08 00:02:04मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन को मंजूरी दी
उच्चतम न्यायालय ने वर्ष 2016 में 500 और 1000 रुपये के विमुद्रीकरण (Demonetisation) के निर्णय को सही ठहराया है. पांच न्याधीशों की संविधान पीठ ने 4:1 बहुमत से केन्द्र सरकार के नोटबंदी के फैसले को चुनौती देने वाली 58 याचिकाओं को खारिज कर दिया.
मुख्य बिन्दु
न्यायमूर्ति एसए नज़ीर की अध्यक्षता में, बीआर गवई, एएस बोपन्ना, वीपी राम सुब्रह्मण्यम और बीवी नागरत्न की पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ केन्द्र के फैसलों को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं की सुनवाई कर रही थी.
इस फैसले पर न्यायमूर्ति एस अब्दुल नज़ीर, एएस बोपन्ना, बीआर गवई और वी रामासुब्रमण्यम ने केन्द्र सरकार के निर्णय को सही ठहराया. न्यायमूर्ति नागरत्न ने फैसले पर असहमति व्यक्त की. इसमें उन्होंने माना कि RBI एक्ट की धारा 26(2) का पूरी तरह पालन किए बिना नोटबंदी लागू की गई. हालांकि, अल्पमत के इस फैसले का कोई व्यवहारिक असर नहीं होगा.
सरकार ने शपथपत्र में न्यायालय को बताया था कि नोटबंदी का उद्देश्य नकली नोट, काले धन, कर चोरी और आतंकी गतिविधियों के लिए धन मुहैया कराने पर रोक लगाना था.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2023-01-03 23:33:572023-01-05 23:38:05उच्चतम न्यायालय ने विमुद्रीकरण के निर्णय को सही ठहराया
भारत, 1 जनवरी 2023 को वासेनार व्यवस्था (Wassenaar Arrangement-WA) के पूर्ण सत्र का अध्यक्ष बना. इस समझौते में 42 देश शामिल हैं. भारत वासेनार समझौते में दिसम्बर 2017 में 42वें सदस्य देश के रूप में शामिल हुआ था. वासेनार समझौते के पूर्ण – सत्र में सहमति के आधार पर मुख्य निर्णय लिए जाते हैं.
मुख्य बिन्दु
वासेनार एक समझौता है जिसमें निर्यात को नियंत्रित करने वाली एक स्वैच्छिक व्यवस्था है. इसमें पारंपरिक हथियारों और दोहरे उपयोग वाली वस्तुओं के हस्तांतरण पर नजर रखी जाती है.
इस समझौते का 26वां वार्षिक पूर्ण सत्र दिसम्बर 2021 में ऑस्ट्रिया की राजधानी विएना में आयोजित किया गया था जिसमें आयरलैंड के राजदूत ने भारत के राजदूत जयदीप मजुमदार को अध्यक्षता सौंपी थी. श्री मजुमदार विएना में संयुक्त राष्ट्र और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों में भारत के स्थायी प्रतिनिधि हैं.
वासेनार व्यवस्था बहुपक्षीय निर्यात नियंत्रण प्रशासन है जिसमें सदस्य देश पारम्परिक हथियारों के हस्तांतरण जैसे विभिन्न मुद्दों पर सूचना का आदान-प्रदान करते हैं.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2023-01-02 10:58:322023-01-04 11:06:36भारत, वासेनार व्यवस्था के पूर्ण सत्र का अध्यक्ष बना
स्वदेश निर्मित आइएनएस मोरमुगाओ (INS Mormugao) युद्धपोत को 18 दिसम्बर को नौसेना में शामिल कर लिया गया. रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की उपस्थिति में इसे मुंबई के नौसेना डॉकयार्ड में नौसेना में शामिल किया गया.
आईएनएस मोरमुगाओ: मुख्य बिन्दु
आईएनएस मोरमुगाओ का डिजाइन भारतीय नौसेना के स्वदेशी संगठन ने तैयार किया है. इसका निर्माण मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (MDSL) मुंबई ने किया है.
इसे आत्मनिर्भर भारत के तहत निर्मित किया गया है. गोवा के ऐतिहासिक बंदरगाह शहर के नाम पर इसका नाम मोरमुगाओ रखा गया है.
इस पोत की लंबाई 163 मीटर, चौड़ाई 17 मीटर और इसका वजन 7400 टन है. इसे भारत द्वारा निर्मित सबसे घातक युद्धपोतों में गिना जा सकता है. पोत को शक्तिशाली चार गैस टर्बाइनों से गति मिलती है.
आईएनएस मोरमुगाओ पलक झपकते ही 30 समुद्री मील तक की गति पकड़ सकता है. कोई भी राडार पोत को आसानी से नहीं पकड़ सकता है.
यह ब्रह्मोस और बराक-8 जैसी मिसाइलों से लैस है. इसमें इजराइल का मल्टी फंक्शन सर्विलांस थ्रेट अलर्ट रडार ‘एमएफ-स्टार’ भी लगा है. जो हवा में ही लंबी दूरी के लक्ष्य का पता लगा लेता है.
इसकी पनडुब्बी रोधी युद्ध क्षमताओं को देश में ही विकसित किया गया है. इसमें रॉकेट लॉन्चर, तारपीडो लॉन्चर और एसएडब्लू हेलीकॉप्टर की व्यवस्था भी है. यह आणविक, जैविक और रासायनिक युद्ध परिस्थितियों से लड़ने में सक्षम है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2022-12-20 21:43:352022-12-22 20:46:43आईएनएस मोरमुगाओ युद्धपोत को भारतीय नौसेना में शामिल किया गया
वाराणसी में 17 नवंबर से 16 दिसम्बर तक काशी- तमिल संगमम आयोजित किया गया था. इस कार्यक्रम का औपचारिक उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया था. गृह मंत्री अमित शाह इसके समापन समारोह में मुख्य अतिथि थे.
मुख्य बिन्दु
काशी- तमिल संगमम का उद्देश्य देश के दो महत्वपूर्ण शिक्षण पीठों – तमिलनाडु और काशी के बीच सदियों पुराने सम्पर्कों को नये सिरे से स्थापित करना था.
इस एक माह के संगमम में तमिलनाडु से विभिन्न वर्गों के करीब ढाई हजार लोगों ने काशी का दौरा किया और यहां की कला-संस्कृति, लोक-परंपराओं, रहन-सहन, भाषा तथा खानपान के बारे में नजदीक से जाना. वहीं, स्थानीय लोगों को भी तमिल संस्कृति को और निकट से जानने का अवसर मिला.
काशी तमिल संगमम के तहत वाराणसी के काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में रोजाना सांस्कृतिक संध्या का आयोजन हुआ जिसमें तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश के कलाकारों ने अपनी कला-संस्कृति, संगीत और लोक नृत्यों का प्रदर्शन किया.
खेल, फिल्म, हथकरघा और हस्तशिल्प जैसी अन्य विधाओं से जुड़ी गतिविधियां भी आयोजित की गयीं, जिसमें तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश के लोगों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया.
काशी तमिल संगमम ने तमिलनाडु और काशी के बीच सदियों पुराने संबंधों को पुर्नजीवित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2022-12-17 11:00:132022-12-18 11:06:08वाराणसी में काशी- तमिल संगमम आयोजित किया गया
भारत की अध्यक्षता में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का दो विशेष मंत्रिस्तरीय कार्यक्रम 14-15 दिसम्बर को न्यूयॉर्क में आयोजित किया गया था. इन कार्यक्रमों की अध्यक्षता विदेश मंत्री डॉक्टर सुब्रह्मण्यम जयशंकर ने की थी.
दिसंबर 2022 के लिए भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता कर रहा है. नियमों के मुताबिक़, परिषद की अध्यक्षता इसके 15 सदस्यों के बीच उनके नाम के पहले अक्षर के हिसाब से हर महीने बदलती रहती है. अस्थाई सदस्य के रूप में भारत का 2 साल का कार्यकाल 31 दिसंबर 2022 को समाप्त हो रहा है.
मुख्य बिन्दु
विदेश मंत्री डॉक्टर जयशंकर ने दो खुली वार्ता की अध्यक्षता की. 14 दिसम्बर को होने वाली वार्ता का विषय ‘परिष्कृत बहुपक्षवाद के लिए नए दिशा-निर्देश’ था. 15 दिसम्बर की चर्चा का विषय था ‘आतंकवाद से निपटने के लिए वैश्विक दृष्टिकोण-चुनौतियां और समाधान’. ये दोनों विषय सुरक्षा परिषद में भारत के लिए प्रमुख प्राथमिकताएं थीं.
डॉ. जयशंकर ने बहुपक्षवाद वार्ता में, आतंकवादियों के बचाव के लिए बहुपक्षीय मंचों के दुरुपयोग की बात कही. डॉक्टर जयशंकर का ईशारा चीन की ओर था, जिसने जैश-ए-मोहम्मद सरगना मसूद अजहर जैसे पाकिस्तानी आतंकवादियों को ब्लैक लिस्ट करने के लिए कई अवसरों पर भारत और अमेरिका के आह्वान का विरोध किया.
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को आतंकवाद से खतरा विषय पर उन्होंने कहा कि विश्व को राजनीतिक मतभेदों से उबरकर आतंकवाद को कतई बर्दाश्त न करने की प्रतिबद्धता दर्शानी होगी. श्री जयशंकर ने कहा कि आतंकवाद की रोकथाम के लिये जवाबदेही सुनिश्चित किया जाना जरूरी है.
ब्रिटेन, फ्रांस और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में भारत की स्थायी सदस्यता के लिए समर्थन व्यक्त किया है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2022-12-16 19:00:162022-12-18 11:04:29भारत की अध्यक्षता में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का विशेष मंत्रिस्तरीय कार्यक्रम