संसद ने दिल्ली के तीन नगर निगमों के एकीकरण संबंधी “दिल्ली नगर निगम-संशोधन विधेयक (Delhi Municipal Corporation Amendment Bill) 2022” को पारित कर दिया है. संसद में पारित होने के बाद इस विधेयक ने अधिनियम का रूप ले लिया है.
दिल्ली नगर निगम-संशोधन अधिनियम: मुख्य बिंदु
इस विधेयक में दिल्ली नगर निगम अधिनियम 1957 में संशोधन करने तथा दिल्ली के तीन मौजूदा नगर निगमों को मिलाकर केवल एक दिल्ली नगर निगम बनाने का प्रस्ताव है.
विधेयक में दिल्ली के लोगों के लिए अधिक पारदर्शी, कार्यकुशल और बेहतर नागरिक सेवाओं के प्रबंधन के प्रावधान किए गए हैं. वर्तमान में दिल्ली में तीन निगमों- उत्तर, दक्षिण और पूर्वी दिल्ली नगर निगमों में कुल 272 सीटें (पार्षद) हैं. विधेयक में पार्षदों की संख्या 272 से घटाकर अधिकतम 250 करने की भी व्यवस्था है.
वर्ष 2012 में दिल्ली नगर निगम को तीन नगर निगमों- दक्षिण दिल्ली नगर निगम, उत्तरी दिल्ली नगर निगम और पूर्वी दिल्ली नगर निगम में विभाजित किया गया था.
एकीकृत नगर निगम करने से तीन मेयरों (महापौर) की जगह एक मेयर होगा, 75 समितियों की जगह 25 समितियां होगी, तीन मिंसिपल कमीशनर की जगह एक मिंसिपल कमीश्नर होगा, तीन मुख्यालय की जगह एक मुख्यालय होगा, निर्णयों में समानता रहेगी, एकरूकता रहेगी एक ही शहर में दो प्रकार के कर के स्ट्रक्चर नहीं रहेंगे. वित्तीय स्थिति भी अच्छी रहेगी और लगभग 150 करोड़ का खर्च सालाना इससे कम होगा.
संवैधानिक पहलू
यह विधेयक भारतीय संविधान के अनुच्छेद 239AA-3C के तहत लाया गया है. इस अनुच्छेद में देश की संसद को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली की विधानसभा द्वारा बनाएं गए किसी भी कानून को संशोधित करने का, उसके स्वरूप बदलने का, या तो उसकों निरस्त करने का अधिकार देता है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2022-04-05 23:55:322022-04-07 07:47:15संसद ने दिल्ली के तीन नगर निगमों के एकीकरण संबंधी विधेयक को स्वीकृति दी
भारत सरकार ने पूर्वोत्तर के असम, नगालैंड और मणिपुर में AFSPA (आर्म्ड फोर्सेज स्पेशल पावर्स ऐक्ट) के तहत आने वाले क्षेत्रों में कमी की गयी है. दशकों बाद भारत सरकार ने पूर्वोत्तर में ‘अशांत क्षेत्र’ का दायरा कम किया है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 31 मार्च को इस फैसले की जानकारी दी थी.
इससे एक दिन पहले ही, असम और मेघालय ने अपने सीमा विवाद सुलझने की दिशा में समझौता किया था. दोनों राज्य 885 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करते हैं. इनके बीच 12 जगहों को लेकर सीमा विवाद था.
AFSPA क्या है?
AFSPA का पूरा नाम The Armed Forces (Special Powers) Act, 1958 है. 11 सितंबर, 1958 को AFSPA लागू हुआ था. केंद्र सरकार या राज्यपाल पूरे राज्य या उसके किसी हिस्से में AFSPA लागू कर सकते हैं.
शुरू में यह पूर्वोत्तर और पंजाब के उन क्षेत्रों में लगाया गया था, जिनको ‘अशांत क्षेत्र’ घोषित कर दिया गया था. इनमें से ज्यादातर ‘अशांत क्षेत्र’ की सीमाएं पाकिस्तान, चीन, बांग्लादेश और म्यांमार से सटी थीं.
सितंबर 2017 तक मेघालय के करीब 40 फीसदी हिस्से में AFSPA लागू था. बाद में गृह मंत्रालय की समीक्षा के बाद राज्य सरकार ने मेघालय से AFSPA को पूरी तरह वापस लेने का फैसला किया.
AFSPA के जरिए सुरक्षा बलों को कई खास अधिकार दिए गये हैं. इसके तहत सुरक्षा बलों को कानून के खिलाफ जाने वाले व्यक्ति पर गोली चलाने, सर्च और गिरफ्तारी का अधिकार है. AFSPA के तहत किसी तरह की कार्रवाई करने पर सैनिकों के खिलाफ न मुकदमा चलाया जा सकता है औ न किसी तरह की कानूनी कार्यवाही की जा सकती है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2022-04-01 17:18:522022-04-03 21:43:20असम, नगालैंड और मणिपुर के AFSPA क्षेत्रों में कमी की गयी, जानिए AFSPA क्या है
असम और मेघालय सरकार ने सीमा विवाद के समाधान के लिए 29 मार्च को नई दिल्ली एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे. केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह की उपस्थिति में इस समझौते पर हस्ताक्षर किए गए.
इस समझौता ज्ञापन (MoU) पर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड के संगमा ने हस्ताक्षर किए. ये हस्ताक्षर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की उपस्थिति में किये गये. ये समझौता सहकारी संघवाद को बढ़ावा देता है और राज्यों के बीच सीमा विवादों के समाधान का मार्ग प्रशस्त करता है.
मुख्य बिंदु
मेघालय और असम के बीच 12 क्षेत्रों को लेकर लंबे समय से सीमा विवाद चल रहा है. इस समझौते के बाद 12 में से 6 क्षेत्रों में समाधान किया गया है.
इस नए हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन के साथ, मेघालय को 18.33 वर्ग किलोमीटर और असम को कुल 36.79 वर्ग किलोमीटर में से 18.46 वर्ग किलोमीटर का लाभ होगा.
12 क्षेत्रों में गिज़ांग, ताराबारी, लंगपीह (लुंपी), हाहिम, बोकलापारा, बोरदुआर, खानापारा-पिलंगकाटा, नोंगवाह-मवतमुर (गर्भभंगा), ब्लॉक- I और ब्लॉक- II, देशदूमरेह, खंडुली और सायर, और रातचेरा हैं.
गिज़ांग, ताराबारी, बोकलापारा, हाहिम, रातचेरा और खानापारा-पिलंगकाटा 6 क्षेत्र हैं जिन्हें इस समझौते से समाधान किया गया है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2022-03-30 09:35:472022-04-02 10:08:52असम और मेघालय सरकार ने सीमा विवाद के समाधान के समझौते पर हस्ताक्षर किए
देश ने 50 हजार से अधिक गांवों को खुले में शौच मुक्त- ‘ओडीएफ प्लस’ बनाने की उपलब्धि हासिल की है. तेलंगाना में सर्वाधिक 13960 से अधिक गांव ओडीएफ प्लस हैं. इसके बाद तमिलनाडु और मध्य प्रदेश में ओडीएफ प्लस गांवों की संख्या सबसे अधिक है.
संबंधित तथ्य
ओडीएफ प्लस वह गांव होते हैं जो खुले में शौच मुक्त होने के साथ-साथ ठोस और तरल कचरे का प्रभावी ढंग से प्रबंधन भी करते हैं.
स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण का द्वितीय चरण फरवरी 2020 में शुरू किया गया था, जिसका उद्देश्य देश के सभी गांवों को वर्ष 2024 के अंत तक खुले में शौच मुक्त करना है.
खुले में शौच मुक्त बनाने के मिशन में गोबरधन योजना, धूसर जल यानि ग्रे वाटर प्रबंधन, प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन और बायोडिग्रेडेबल अपशिष्ट प्रबंधन सहित कई घटक हैं.
खुले में शौच मुक्त गांवों की प्रगति दर्शाने के लिए उन्हें आकांक्षी, अग्रसर और आदर्श तीन श्रेणियों में बांटा गया है. इस वर्गीकरण ने स्वस्थ प्रतिस्पर्धी की भावना पैदा की है और संपूर्ण स्वच्छता को तेजी से लागू करने के लिए लोगों की भागीदारी भी बढ़ी है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2022-03-26 08:18:012022-03-28 11:24:55देश ने 50 हजार से अधिक गांवों को ‘ओडीएफ प्लस’ बनाने की उपलब्धि हासिल की
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 23 मार्च को शहीद दिवस पर कोलकाता में बिप्लाबी भारत गैलरी (दीर्घा) का उद्घाटन किया. यह गैलरी कोलकाता के विक्टोरिया मेमोरियल हॉल में बनाया गया है. उद्घाटन समारोह वीडियो कॉफ्रेंस के माध्यम से आयोजित किया गया था.
बिप्लाबी भारत गैलरी: एक दृष्टि
इस गैलरी में स्वाधीनता संग्राम में क्रांन्तिकारियों का योगदान और ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के खिलाफ उनका सशस्त्र प्रतिरोध दर्शाया गया है.
इस नयी गैलरी काउद्देश्य उन क्रमबद्ध घटनाक्रमों को दर्शाना है, जिनकी परिणति 1947 में देश की स्वतंत्रता के रूप में हुई. यह उन राजनीतिक और बौद्धिक पृष्ठभूमि को स्पष्ट करती है, जिनसे क्रांतिकारी आंदोलन की शुरुआत हुई है.
यह क्रांतिकारी नेताओं द्वारा गठित महत्वपूर्ण संगठनों, आंदोलन के विस्तार, इंडियन नेशनल आर्मी का गठन और नौसेना विद्रोह के योगदान को भी दर्शाता है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2022-03-24 09:06:022022-03-26 09:12:50कोलकाता के विक्टोरिया मेमोरियल हॉल में बिप्लाबी भारत गैलरी का उद्घाटन
आम आदमी पार्टी के नेता भगवंत मान ने 16 मार्च को पंजाब के 17वें मुख्यमंत्री के के रूप में शपथ ली. पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई. उनका शपथ ग्रहण समारोह शहीद भगत सिंह के पैतृक गांव खटकड़ कलां में आयोजित किया गया था.
मुख्य बिंदु
हाल ही में संपन्न हुए चुनाव में पंजाब विधानसभा की 117 सीटों में से आम आदमी पार्टी ने 92 सीटों पर जीत दर्ज की थी.
भगवंत मान पंजाब के मुख्यमंत्री बनने से पहले संगरूर से लोकसभा सदस्य थे. उन्होंने 14 मार्च को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिडला को त्यागपत्र सौंपा था. उन्होंने विधानसभा चुनाव में संगरूर जिले की धुरी सीट से जीत दर्ज की थी.
पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने चंडीगढ के राजभवन में डॉक्टर इंदरबीर सिंह निज्जर को विधानसभा के अस्थायी अध्यक्ष के रूप में शपथ दिलाई.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2022-03-17 09:12:592022-03-18 09:17:25भगवंत मान ने पंजाब के 17वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली
देश के पांच राज्य उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड, गोवा, मणिपुर और पंजाब के विधानसभा सदस्यों के चुनाव की मतगणना के नतीजे 10 मार्च को घोषित किये गए. इन चारों राज्यों में 10 फरवरी से 7 मार्च तक विभिन्न चरणों में मतदान हुए थे.
इन चुनावों में भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड, गोवा और मणिपुर में सत्ता बनाए रखी. पंजाब विधानसभा चुनाव में सत्ताधारी कांग्रेस की जगह आम आदमी पार्टी ने जीत दर्ज की .
उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी को लगातार दूसरी बार सत्ता में आने की ऐतिहासिक सफलता मिली. 403 सदस्यों की विधानसभा में उसे 255 सीटे मिली हैं. सहयोगी पार्टियां अपना दल (सोनेलाल) ने 12 सीट और निषाद पार्टी ने 6 सीट जीती. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर सदर सीट से जीत हासिल की.
समाजवादी पार्टी ने विधानसभा चुनाव में 111 सीट पर जीत हासिल की. उसके सहयोगी राष्ट्रीय लोकदल ने 8, जबकि सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ने 6 सीटों पर जीत मिली. जनसत्ता दल लोकतांत्रिक को दो सीटें मिली हैं. इस चुनाव में कांग्रेस को दो सीटें मिली जबकि बहुजन समाज पार्टी सिर्फ एक सीट जीत सकी.
उत्तराखंड
70 सदस्यों की उत्तराखंड विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी को 47 सीटों पर विजय मिली. कांग्रेस ने 19 सीट जीती. बहुजन समाज पार्टी और निर्दलीय उम्मीदवार 2-2 सीटों पर विजयी रहें. मुख्यमंत्री पुष्करसिंह धामी चुनाव हार गए.
गोआ
गोआ में भाजपा को 40 सदस्यों की विधानसभा में 20 सीटें मिली. कांग्रेस 11 सीटों पर जीतने में सफल रही. महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी और आम आदमी पार्टी को दो-दो सीट मिली. रिवॉल्यूशनरी गोअंस पार्टी ने एक सीट जीती. गोआ फॉरवर्ड पार्टी को भी एक सीट मिली. तीन निर्दलीय प्रत्याशी भी जीतने में सफल रहे.
मणिपुर
मणिपुर में भाजपा ने 60 सदस्यीय विधानसभा में 32 सीटें जीती. नेशनल पीपुल्स पार्टी को सात सीटें मिली. जनता दल-यूनाइटेड ने छह सीटें जबकि कांग्रेस पांच सीटें जीतने में सफल रही. नगा पीपुल्स फ्रंट को पांच सीटों पर कामयाबी मिली.
पंजाब
आम आदमी पार्टी ने पंजाब विधानसभा चुनाव में भारी बहुमत से जीत हासिल की. पंजाब की 117 विधानसभा सीटों में से उसे 92 सीटें मिली. सत्ताधारी कांग्रेस को 18, शिरोमणि अकाली दल को तीन और भाजपा को दो सीटें मिली. बहुजन समाज पार्टी और एक निर्दलीय प्रत्याशी ने एक-एक सीट जीती.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2022-03-12 22:27:302022-03-14 22:33:12पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित किये गए
भारत और जापान के बीच 27 फरवरी से 10 मार्च तक संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘धर्म गार्जियन’ (Dharma Guardian) 2022 आयोजित किया गया था. यह अभ्यास बेलागवी, कर्नाटक में आयोजित किया गया था.
मुख्य बिंदु
इस अभ्यास में भारतीय सेना की 15वीं बटालियन मराठा लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट और जापान की 30वीं इन्फैंट्री रेजिमेंट जापानी ग्राउंड सेल्फ डिफेंस फोर्सेज ने हिस्सा लिया था.
इस संयुक्त अभ्यास में अर्ध-शहरी इलाकों में आतंकवादी ठिकानों पर छापेमारी, घरेलू हस्तक्षेप अभ्यास, फायरिंग, प्राथमिक चिकित्सा, संभावित खतरों को बेअसर करने के लिए अच्छी तरह से विकसित सामरिक अभ्यासों की एक श्रृंखला की योजना बनाना और निष्पादित करना शामिल था.
धर्म गार्जियन: एक दृष्टि
धर्म गार्जियन भारत और जापान के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास 2018 में शुरू हुआ था. यह अभ्यास दोनों देशों की सेनाओं के बीच होता है. यह अभ्यास सुरक्षा चुनौतियों के मामलों में महत्वपूर्ण है. इस अभ्यास में अर्ध-शहरी और शहरी वातावरण और जंगलों में प्लाटून-स्तरीय संयुक्त संचालन प्रशिक्षण शामिल है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2022-03-11 15:18:522022-03-11 15:18:52भारत और जापान के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘धर्म गार्जियन’ आयोजित किया गया
केंद्र सरकार ने मशीन-निर्मित पॉलिएस्टर राष्ट्रीय ध्वज के निर्माण और आयात की अनुमति दी है. इसके लिए 2002 के भारतीय ध्वज संहिता में संशोधन किया गया है.
इससे पहले केवल हाथ से काते और बुने हुए ऊन या कपास या रेशम खादी से बनाए गए झंडों की अनुमति थी. 2019 में मशीन से बने झंडों के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया गया था.
यह कदम विशाल झंडों को होने वाले नुकसान के लिए राहत प्रदान करता है. ऊंचाई पर झंडा फहराने के लिए, इसकी सामग्री सख्त और हवा प्रतिरोधी होनी चाहिए.
भारतीय ध्वज संहिता
भारतीय ध्वज संहिता तीन खंडों में विभाजित है. भाग 1 में राष्ट्रीय ध्वज के सामान्य विवरण शामिल हैं, जबकि भाग 2 निजी और सार्वजनिक संगठनों द्वारा राष्ट्रीय ध्वज के प्रदर्शन से संबंधित है, और भाग 3 राज्य और केंद्र सरकारों और उनकी एजेंसियों द्वारा राष्ट्रीय ध्वज के प्रदर्शन से संबंधित है.
ध्वज संहिता में कहा गया है कि राष्ट्रीय ध्वज की लंबाई और चौड़ाई का अनुपात 3:2 होना चाहिए. राज्य सम्बन्धी अंतिम संस्कार या सशस्त्र बलों या अन्य अर्धसैनिक बलों के अंत्येष्टि को छोड़कर, किसी भी रूप में ध्वज का उपयोग निजी अंत्येष्टि सहित किसी भी रूप में नहीं किया जाएगा.
झंडे को कुशन, रूमाल, नैपकिन, या किसी अन्य ड्रेस सामग्री पर कढ़ाई या मुद्रित नहीं किया जाना चाहिए, और न ही इसे किसी भी पोशाक या किसी भी प्रकार की वर्दी के हिस्से के रूप में इस्तेमाल किया जाना चाहिए.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2022-03-08 08:49:542022-03-09 08:55:29मशीन से बने पॉलिएस्टर के राष्ट्रीय झंडे के निर्माण और आयात को मंजूरी दी गयी
संयुक्त राष्ट्र ने जलवायु परिवर्तन पर अंतर सरकारी पैनल (IPCC) द्वारा जारी रिपोर्ट “क्लामेट चेंज 2022: इंपैक्ट, एडप्शन और वल्नरबिलिटी” (Climate Change 2022: Impacts, Adaptation and Vulnerability) को मंजूरी दी है. रिपोर्ट में जलवायु परिवर्तन के कारण होने वाले नुकसान को बताया गया है और इस नुकसान को कम करने के तरीके पर चर्चा की गई है. IPCC की रिपोर्ट को संयुक्त राष्ट्र में 195 देशों ने मंजूरी दी है.
रिपोर्ट के मुख्य बिंदु
जलवायु परिवर्तन के कारण देश के तटीय शहर और हिमालय से लगे इलाकों पर बड़ा असर पड़ेगा.
मौसम बदलने के कारण ज्यादा या कम बारिश, बाढ़ की विभीषिका और लू के थेपेड़े बढ़ सकते हैं. रिपोर्ट में बढ़ते तापमान के कारण भारत में कृषि उत्पादन में बड़े पैमाने पर कमी की भी आशंका जताई गई है.
दुनिया की 3.6 अरब की आबादी ऐसे इलाकों में रहती है जहां जलवायु परिवर्तन का सबसे ज्यादा असर हो सकता है. अगले दो दशक में दुनियाभर में तापमान 1.5 डिग्री सेल्सियस बढ़ने का अनुमान लगाया गया है.
तापमान बढ़ने के कारण फूड सिक्योरिटी, पानी की किल्लत, जंगल की आग, हेल्थ, ट्रांसपोटेशन सिस्टम, शहरी ढांचा, बाढ़ जैसी समस्याएं बढ़ने का अनुमान जताया गया है.
भारत के सन्दर्भ में
भारत में 7,500 किलोमीटर लंबा तटीय इलाका है. समुद्र का स्तर ऊपर जाने के कारण इन इलाकों में बाढ़ जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. यही नहीं, यहां चक्रवाती तूफानों का भी खतरा मंडराएगा.
अगर तापमान में 1-4 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ोतरी होती है तो भारत में, चावल का उत्पादन 10 से 30 प्रतिशत तक, जबकि मक्के का उत्पादन 25 से 70 प्रतिशत तक घट सकता है.
इस रिपोर्ट में जलवायु परिवर्तन से निपटने के तरीकों पर भी चर्चा की गई है. भारतीय शहर सूरत, इंदौर और भुवनेश्वर के जलवायु परिवर्तन से निपटने के तौर-तरीकों का भी जिक्र किया गया है.
इस सदी के मध्य तक देश की करीब साढ़े 3 करोड़ की आबादी तटीय बाढ़ की विभीषिका झेलेगी और सदी के अंत तक यह आंकड़ा 5 करोड़ तक जा सकता है. रिपोर्ट में दक्षिण भारत के तेलंगाना में पानी संचयन की पुरानी तकनीक का भी जिक्र किया गया है.
जलवायु परिवर्तन पर अंतर सरकारी पैनल (IPCC)
IPCC संयुक्त राष्ट्र का एक अंतर सरकारी समूह है जो जलवायु परिवर्तन पर अध्ययन करता है. इसकी स्थापना विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) और संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) ने 1988 में किया था. इसका मुख्यालय जिनेवा, स्विट्जरलैंड में है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2022-03-07 21:49:552022-03-09 08:52:51जलवायु परिवर्तन पर IPCC रिपोर्ट: संयुक्त राष्ट्र में 195 देशों ने दी मंजूरी
भारतीय रेलवे ने रेलगाडि़यों को टकराने से बचाने के लिए ‘कवच’ (Kavach) प्रणाली का सफल परीक्षण किया है. जीरो एक्सीडेंट मिशन के तहत रेलवे ने स्वदेशी तकनीक से इस प्रणाली का विकास किया है. 2022 में देश में दो हजार किलोमीटर नेटवर्क पर कवच का परीक्षण किया जाना है.
कवच प्रणाली में अगर 2 ट्रेन स्पीड से एक दूसरे की तरफ आ रही है तो अपने आप ही ब्रेक लग जाता है. इसके अलावा जब ट्रेन फाटकों के पास पहुंचती है तो अपने आप सिटी भी बजने लगती है.
मुख्य बिंदु
भारतीय रेलवे ने चलती ट्रेनों की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए अपनी स्वदेशी स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (Automatic Train Protection (ATP) प्रणाली तैयार की है जिसे ‘कवच’ नाम दिया गया है.
कवच एक एंटी कोलिजन डिवाइस नेटवर्क है जो कि रेडियो कम्युनिकेशन, माइक्रोप्रोसेसर, ग्लोबर पोजिशनिंग सिस्टम तकनीक पर आधारित है. इस तकनीक की मदद से उम्मीद लगाई जा रही है कि रेलवे जीरो एक्सीडेंट के लक्ष्य को प्राप्त करने में सफल होगा.
बजट 2022 में आत्मनिर्भर भारत के तहत 2000 किलोमीटर के रेलवे नेटवर्क को कवच तकनीक के अंदर लाने की घोषणा की गयी है.
स्वदेशी कवच की लागत लगभग 30 लाख से 50 लाख रुपये प्रति किलोमीटर, जबकि आयातित प्रणाली की लागत लगभग 2.5 करोड़ रुपये प्रति किलोमीटर है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2022-03-04 19:05:322022-03-07 18:50:57रेलगाडि़यों को टकराने से बचाने के लिए ‘कवच’ प्रणाली का सफल परीक्षण
केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने सरकार के प्रमुख कार्यक्रम आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (Ayushman Bharat Digital Mission) को देश में लागू करने की मंजूरी दे दी है। यह अस्पतालों में प्रक्रियाओं को सरल बनाने के उद्देश्य से शुरू किया गया है.
पांच वर्ष की अवधि के लिए बजट में एक हजार 600 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण, आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन की कार्यान्वयन एजेंसी होगी.
क्या है आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन?
इस मिशन के तहत प्रत्येक नागरिक को डिजिटल स्वास्थ्य आईडी उपलब्ध कराया जाएगा, जिसपर संबंधित व्यक्ति का स्वास्थ्य रिकॉर्ड अपलोड होगा. डिजिटल माध्यम से उनका रिकॉर्ड सुरक्षित रखा जायेगा. इसमें लोगों के स्वास्थ्य के संबंध में सम्पूर्ण जानकारी होगी. इस आईडी से कोई भी व्यक्ति, अपने स्वास्थ्य रिकॉर्ड को मोबाइल ऐप के जरिये देख सकेगा.
इस स्वास्थ्य आईडी में प्रत्येक व्यक्ति की बीमारी, उपचार, रिपोर्ट और दवाइयों का भी ब्यौरा होगा. इसके अलावा इसमें चिकित्सकों, अस्पतालों और स्वास्थ्य देखभाल सेवा प्रदाताओं के संबंध में भी जानकारी होगी. इसके माध्यम से किसी व्यक्ति के मेडिकल रिकार्ड को बिना किसी कागजी डॉक्यूमेंट के साझा किया जा सकेगा.
आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन को पहले चरण में सितम्बर 2021 से प्रायोगिक तौर पर छह केन्द्र शासित प्रदेशों में लागू किया गया था. ये हैं- अंडमान और निकोबार, चंडीगढ़, दादरा और नगर हवेली तथा दमन और दीव, लद्दाख, लक्षद्वीप और पुदुचेरी.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2022-02-27 23:55:162022-02-28 08:51:51आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन को देश में लागू करने की मंजूरी दी गयी