केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने सरकार के प्रमुख कार्यक्रम आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (Ayushman Bharat Digital Mission) को देश में लागू करने की मंजूरी दे दी है। यह अस्पतालों में प्रक्रियाओं को सरल बनाने के उद्देश्य से शुरू किया गया है.
पांच वर्ष की अवधि के लिए बजट में एक हजार 600 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण, आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन की कार्यान्वयन एजेंसी होगी.
क्या है आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन?
इस मिशन के तहत प्रत्येक नागरिक को डिजिटल स्वास्थ्य आईडी उपलब्ध कराया जाएगा, जिसपर संबंधित व्यक्ति का स्वास्थ्य रिकॉर्ड अपलोड होगा. डिजिटल माध्यम से उनका रिकॉर्ड सुरक्षित रखा जायेगा. इसमें लोगों के स्वास्थ्य के संबंध में सम्पूर्ण जानकारी होगी. इस आईडी से कोई भी व्यक्ति, अपने स्वास्थ्य रिकॉर्ड को मोबाइल ऐप के जरिये देख सकेगा.
इस स्वास्थ्य आईडी में प्रत्येक व्यक्ति की बीमारी, उपचार, रिपोर्ट और दवाइयों का भी ब्यौरा होगा. इसके अलावा इसमें चिकित्सकों, अस्पतालों और स्वास्थ्य देखभाल सेवा प्रदाताओं के संबंध में भी जानकारी होगी. इसके माध्यम से किसी व्यक्ति के मेडिकल रिकार्ड को बिना किसी कागजी डॉक्यूमेंट के साझा किया जा सकेगा.
आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन को पहले चरण में सितम्बर 2021 से प्रायोगिक तौर पर छह केन्द्र शासित प्रदेशों में लागू किया गया था. ये हैं- अंडमान और निकोबार, चंडीगढ़, दादरा और नगर हवेली तथा दमन और दीव, लद्दाख, लक्षद्वीप और पुदुचेरी.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2022-02-27 23:55:162022-02-28 08:51:51आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन को देश में लागू करने की मंजूरी दी गयी
तीनों सेनाओं के सर्वोच्च कमांडर और राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने 21 फरवरी को विशाखापट्टनम में भारतीय नौसेना बेडे का निरीक्षण (फ्लीट रिव्यू) किया. नौसेना और पूर्वी नौसेना कमान ने इस कार्यक्रम का आयोजन किया था.
मुख्य बिंदु
राष्ट्रपति ने इस दौरान आईएनएस सुमित्रा से 12वें प्रेजीडेंशियल फ्लीट की समीक्षा समीक्षा की. उन्होंने कहा कि यह परेड किसी भी आपातकाल में नौसेना की तैयारियों को दर्शाती है.
गौरतलब है कि आईएनएस सुमित्रा ने ऑपरेशन राहत में उल्लेखनीय भूमिका निभाई. इनमें मार्च 2015 में युद्धग्रस्त यमन में गैर युद्धक बचाव अभियान शामिल हैं. राष्ट्रपति ने समुद्री पोत आईएनएस तरंगिनी, आईएनएस ज्योति और आईएनएस सुदर्शनी सहित साठ समुद्री जहाजों की समीक्षा की.
फ्लीट रिव्यू देश को भारतीय नौसेना की तैयारियों, उच्च मनोबल और अनुशासन का आश्वासन देने के उद्देश्य से किया जाता है. भारत का राष्ट्रपति नौसेना बेड़े की समीक्षा करता है, क्योंकि वह भारतीय सशस्त्र बलों का सर्वोच्च कमांडर होता है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2022-02-23 07:55:592022-02-24 08:02:19राष्ट्रपति ने विशाखापट्टनम में भारतीय नौसेना बेडे का निरीक्षण किया
सरकार ने ‘राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान’ (RUSA) योजना को 31 मार्च, 2026 तक या अगली समीक्षा तक (जो भी पहले हो) जारी रखने की मंज़ूरी दी है.
इस प्रस्ताव में लगभग 12929.16 करोड़ रुपए का परिव्यय शामिल है, जिसमें से केंद्र का हिस्सा 8120.97 करोड़ रुपए और राज्य का हिस्सा 4808.19 करोड़ रुपए होगा.
योजना के नए चरण को नई शिक्षा नीति (NEP) की कुछ सिफारिशों को लागू करने के लिए डिजाइन किया गया है. इस चरण के तहत, राज्य सरकारें लैंगिक समावेशन, इक्विटी पहल, व्यवसायीकरण और कौशल उन्नयन के माध्यम से रोजगार क्षमता में वृद्धि का समर्थन करेंगी.
राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान
केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान यानी RUSA योजना को अक्तूबर 2013 में शुरू की थी. इसका उद्देश्य पूरे भारत में उच्च शिक्षा संस्थानों को रणनीति वित्तपोषण प्रदान करना है.
केंद्रीय वित्तपोषण (सामान्य श्रेणी के राज्यों के लिये 60:40 के अनुपात में, विशेष श्रेणी के राज्यों के लिये 90:10 के अनुपात में और केंद्रशासित प्रदेशों के लिये 100%) मानदंड और परिणाम आधारित है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2022-02-21 07:55:572022-02-24 08:05:52‘राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान’ योजना को 2026 तक जारी रखने की मंज़ूरी दी गयी
मध्य प्रदेश के इंदौर में एशिया का सबसे बड़ा बायो-सीएनजी ‘गोबर-धन’ संयंत्र शुरू किया गया है. इस संयंत्र का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 18 फरवरी को वर्चुअल माध्यम से किया था. भारत के शहरों को स्वच्छ बनाने, प्रदूषण रहित बनाने, क्लीन एनर्जी को बढावा देने के उद्देश्य से गोबर-धन अभियान चलाया जा रहा है.
प्रधनमंत्री के संबोधन के मुख्य बिंदु
देश के गांवों में भी हजारों की संख्या में गोबर धन बॉयो गैस प्लांट लगाए जा रहे हैं. इनसे हमारे पशुपालकों को गोबर से भी अतिरिक्त आय मिलनी शुरू हुई है.
बायो सीएनजी संयंत्र शहरों को स्वच्छ और प्रदूषण मुक्त बनाने में मदद करेंगे. सरकार अगले दो वर्षों में 75 बड़े नगर निगमों में इसी तरह के संयंत्र बनाएगी.
शहर के कचरे और पशु धन से गोबर धन, फिर गोबर धन से स्वच्छ ईंधन, फिर स्वच्छ ईंधन से ऊर्जा धन ये श्रृंखला जीवन धन का निर्माण करती है.
लाखों टन कचरा हजारों एकड़ जमीन पर फैला हुआ है. इससे वायु और जल प्रदूषित होते हैं. उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन के दूसरे चरण में इस समस्या से निपटने के लिए कार्य किया जा रहा है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2022-02-19 23:13:012022-02-21 09:56:09बायो-सीएनजी ‘गोबर-धन’ संयंत्र का इंदौर में उद्घाटन किया गया
सरकार ने वित्तीय वर्ष 2022 से 2027 तक की अवधि के लिए नव भारत साक्षरता कार्यक्रम (New India Literacy Programme) मंजूर किया है. इसका उद्देश्य प्रौढ़ शिक्षा के सभी पहलुओं को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और बजट 2021-22 में की गई घोषणाओं के साथ जोड़ना है.
मुख्य बिंदु
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 ने प्रौढ़ शिक्षा और जीवन भर के लिए विद्या प्राप्त करने की सिफारिशें की हैं. बजट 2021-22 की घोषणा में संसाधनों से ज्यादा से ज्यादा लाभांन्वित होने, प्रौढ़ शिक्षा के समस्त पहलुओं के लिए ऑनलाइन मॉडयुल्स शुरू करने की बात कही गई थी. इस योजना का उद्देश्य बुनियादी साक्षरता को लागू करना और बढ़ावा देना भी है.
यह योजना देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के गैर-साक्षर लोगों को कवर करेगी. इस कार्यक्रम का अनुमानित कुल परिव्यय 1,037 करोड़ रुपये से अधिक है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2022-02-17 23:20:032022-02-18 23:28:32वित्तीय वर्ष 2022 से 2027 तक की अवधि के लिए नव भारत साक्षरता कार्यक्रम को मंजूरी
भारत की G20 20232 की अध्यक्षता और G20 सचिवालय की स्थापना और नियुक्तियों से संबंधित तैयारियों को 16 फरवरी को मंजूरी दी गयी. यह मंजूरी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमण्डल ने दी.
मुख्य बिंदु
भारत 1 दिसंबर 2022 से लेकर 30 नवंबर 2023 तक जी20 की अध्यक्षता करेगा. अध्यक्षता के इस कार्यकाल का समापन 2023 में भारत में आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन के साथ होगा.
भारत द्वारा जी20 की अध्यक्षता से संबंधित कार्यों को संभालने के लिए जी20 के एक सचिवालय की स्थापना की जा रही है. यह सचिवालय फरवरी 2024 तक कार्य करेगा.
G20 सचिवालय भारत की आगामी जी20 की अध्यक्षता के सुचारु संचालन के लिए आवश्यक समग्र नीतिगत निर्णयों और व्यवस्थाओं के कार्यान्वयन के लिए जिम्मेदार होगी.
प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली एक शीर्ष समिति इस सचिवालय का मार्गदर्शन करेगी. इस शीर्ष समिति में वित्त मंत्री, गृह मंत्री, विदेश मंत्री, और जी20 शेरपा (वाणिज्य एवं उद्योग, वस्त्र, उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री) शामिल होंगे.
जी20 से संबंधित सभी तैयारियों की निगरानी के लिए एक समन्वय समिति भी गठित की जाएगी जोकि इस शीर्ष समिति को रिपोर्ट करेगी.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2022-02-17 23:20:012022-02-18 23:32:20भारत की जी20 की अध्यक्षता और जी20 सचिवालय की स्थापना को मंजूरी
भारत के शीर्ष चिकित्सा शिक्षा नियामक, राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) ने डॉक्टरों को हिपोक्रेटिक शपथ की जगह ‘चरक शपथ’ दिलाये जाने का सुझाव दिया है. डॉक्टरों को यह शपथ पढ़ाई पूरी करने के बाद स्नातक समारोह के दौरान दिया जाता है.
चरक शपथ, आयुर्वेद विशारद महर्षि चरक की चिकित्सा को लेकर किताब ‘चरक संहिता’ पर आधारित होगी. यह शपथ दिलाये जाने का उद्देश्य भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देना है.
अब तक की परंपरा के अनुसार मेडिकल में स्नातक की पढ़ाई पूरी कर लेने के बाद छात्रों को हिपोक्रेटिक शपथ दिलाई जाती रही है. इसमें भावी डॉक्टरों से मरीजों की सेवाभाव और उनकी जान बचाने की प्राथमिकता जैसे कई वादे लिए जाते थे.
हिपोक्रेटिक शपथ और चरक शपथ
अभी तक डॉक्टरों को प्राचीन यूनानी चिकित्सक हिप्पोक्रेट के सिद्धांतों की शपथ दिलाई जाती थी. NMC के अनुसार देश की चिकित्सा का समृद्ध इतिहास रहा है, यहां आचार्य चरक जैसे महान विशेषज्ञ रहे हैं तो फिर विदेशी सिद्धांतों को मानने की क्या आवश्यकता है.
हिपोक्रेटिक शपथ में अब तक भावी डॉक्टर्स से वादा लिया जाता रहा है कि वह बिना अपने पद का दुरुपयोग किए, मरीजों की सेवा करने को अपना धर्म मानेंगे. अपने साथी डॉक्टर्स का सम्मान करेंगे और हर मुश्किल में उनका साथ देंगे. शपथ की यह प्रक्रिया डॉक्टरों को उनके कर्तव्य और जिम्मेदारी के प्रति बाध्य करती है.
चरक-शपथ के मुताबिक- ”ना अपने लिए और ना ही दुनिया में मौजूद किसी वस्तु या फायदे को पाने के लिए, बल्कि सिर्फ इंसानियत की पीड़ा को खत्म करने के लिए मैं अपने मरीजों का इलाज करूंगा.”
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2022-02-15 23:41:542022-02-16 08:07:20NMC ने डॉक्टरों को हिपोक्रेटिक शपथ की जगह ‘चरक शपथ’ दिलाये जाने का सुझाव दिया
केन्द्र सरकार ने ‘हरित हाइड्रोजन’ (Green Hydrogen) या ‘हरित अमोनिया’ के उत्पादन के लिए एक प्रमुख नीति प्रवर्तक की घोषणा की है. इस नीति के लागू होने से जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम होगी और कच्चे तेल का आयात भी कम होगा.
प्रधानमंत्री ने 2021 में भारत के 75वें स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन का शुभारंभ किया था. मिशन का उद्देश्य सरकार को जलवायु लक्ष्यों को पूरा करने और भारत को हरित हाइड्रोजन का केंद्र बनाने में सहायता करना है.
सरकार, भारत को ग्रीन हाइड्रोजन के प्रोडक्शन और एक्सपोर्ट का ग्लोबल हब बनाना चाहती है. ये ऊर्जा के क्षेत्र में भारत की एक नई प्रगति उसको आत्मनिर्भर बनाएगा और पूरे विश्व में क्लीन एनर्जी ट्रांजीशन की नई प्रेरणा भी बनेगा. सरकार का लक्ष्य 2030 तक 50 लाख टन हरित हाइड्रोजन का उत्पादन करना है.
हरित हाइड्रोजन नीति से कार्बन-मुक्त हरित हाइड्रोजन की उत्पादन लागत को कम करने में मदद मिलेगी. नीति के अन्तर्गत कंपनियों को स्वयं या दूसरी इकाई के माध्यम से सौर या पवन ऊर्जा जैसे नवीकरणीय स्रोतों से बिजली पैदा करने को लेकर क्षमता स्थापित करने की आजादी होगी.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2022-02-15 23:20:042022-02-18 23:27:03‘हरित हाइड्रोजन’ के उत्पादन के लिए एक प्रमुख नीति प्रवर्तक की घोषणा
भारत और ऑस्ट्रेलिया मुक्त व्यापार समझौते को अंतिम रूप देंगे. इसके एक वर्ष के भीतर दोनों देशों के बीच व्यापक आर्थिक सहयोग समझौता सम्पन्न किये जाने का अनुमान है.
वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल तथा ऑस्ट्रेलिया के व्यापार, पर्यटन और निवेश मंत्री डैन टेहन ने संयुक्त बैठक के दौरान यह घोषणा की. दोनों नेताओं के बीच यह बैठक 9-11 फरवरी को नई दिल्ली में हुई थी.
बैठक के मुख्य बिंदु
इस बैठक में दोनों देश एक ऐसे संतुलित व्यापार समझौते की आवश्यकता पर सहमत हुए जिससे आपसी व्यापार और निवेश बढ़े तथा दोनों देशों को लाभ हो.
दोनों देश ऑस्ट्रेलिया में भारतीय सॉफ्टवेयर कंपनियों के समक्ष कर संबंधी मुद्दों का भी तेज़ी से समाधान करने पर सहमत हुए हैं.
दोनों देशों के बीच पहले एक अंतरिम समझौता किया जायेगा. इस समझौते में वस्तु, सेवा, उद्यम, स्वच्छता, सीमा शुल्क प्रक्रिया और कानूनी तथा संस्थागत मुद्दे शामिल होने का अनुमान है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2022-02-12 11:07:562022-02-14 11:08:57भारत और ऑस्ट्रेलिया मुक्त व्यापार समझौते को अंतिम रूप देंगे
हैदराबाद के पतन्चेरू में अंतराष्ट्रीय अर्द्ध शुष्क उष्ण कटिबंधीय फसल अनुसंधान संस्थान (ICRISAT) का स्वर्ण जयंती (50वीं वर्षगांठ) समरोह मनाया जा रहा है. इस समारोह का शुभारम्भ प्रधानमंत्री ने नरेन्द्र मोदी ने 5 फरवरी को किया था. उन्होंने संस्थान की 50वीं वर्षगांठ समारोहों पर एक डाक टिकट भी जारी किया.
प्रधानमंत्री ने इस संसथान में पादप संरक्षण पर संस्थान के जलवायु परिवर्तन अनुसंधान केन्द्र और तीव्र उत्पादन उन्नति सुविधा का उद्घाटन किया.
प्रधानमंत्री के संबोधन के मुख्य बिंदु
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने 2070 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य निर्धारित किया है. ग्रो प्लेनेट पीपल एक ऐसा मूवमेंट है जो क्लाइमेंट चैलेंज से निपटने के लिए हर कम्युनिटी को, हर इंडिविजुअल को, क्लाइमेंट रिसपॉन्सिबिलिटी से जोड़ता है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि सिंचाई के लिए दोहरी कार्य-नीति पर काम किया जा रहा है. वाटर कंजर्वेशन के माध्यम से नदियों को जोड़कर एक बड़े क्षेत्र को सिचाई के दायरे में लाया जा रहा. सिंचित क्षेत्रों में वाटर यूज एफिशिएंसी बढ़ाने के लिए माइक्रोइरिगेशन पर जोर दिया जा रहा है.
देश के किसानों को जलवायु परिवर्तन की समस्या से बचाने के लिए प्राकृतिक खेती और डिजिटल खेती पर जोर दिया जा रहा है. डिजिटल खेती देश का भविष्य है.
कृषि में डिजिटल टेक्नोलॉजी भारत में प्रयास निरंतर बढ़ रहे हैं. क्रॉप ऐसेसमेंट, लेंट प्रीकॉस का डिजिटाइजेशन, ड्रोन के माध्यम से इनसेक्टीसाइट और न्यूक्टीयर की स्पिंग, जैसी अनेक सविसेज में इसका उपयोग बढ़ाया जा रहा है.
प्रधानमंत्री ने छोटे किसानों और राज्यों को तिलहन विशेषकर पाम ऑयल के क्षेत्र में बढोत्तरी के लिए हर संभव सहायता देने का आश्वासन दिया. उन्होंने कहा कि खाद्य तेलों में आत्मनिर्भरता के लिए राष्ट्रीय मिशन की स्थापना भारत के नये दृष्टिकोण की सूचक है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2022-02-06 20:43:442022-02-07 22:05:46हैदराबाद के पतन्चेरू में इकरिसेट का स्वर्ण जयंती मनाया जा रहा है
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 5 फरवरी को हैदराबाद के मुन्चीताल में संत रामानुजाचार्य की प्रतिमा ‘स्टैचू ऑफ इक्वेलिटी’ का अनावरण किया था. उन्होंने कहा कि स्टैच्यू ऑफ इक्वैलिटी संत रामानुजाचार्य के ज्ञान, अनासक्ति और आदर्शों का प्रतीक है जो युवाओं को प्रेरित करेगी.
रामानुजाचार्य की यह प्रतिमा 216 फुट ऊंची है. यह बैठने की मुद्रा में विश्व में धातु की सबसे ऊंची प्रतिमाओं में से एक है. यह प्रतिमा पांच धातुओं-सोना, चांदी, तांबा, कास्य और जिंक से बनी है.
यह 54 फुट ऊंचे आधार भवन ‘भद्रवेदी’ पर स्थित है. इस भवन की विभिन्न मंजिलों पर वैदिक डिजिटल पुस्तकालय और शोध केन्द्र, थिएटर, प्राचीन भारतीय ग्रन्थ, और श्री रामानुजाचार्य की विभिन्न कृतियों से संबंधित दीर्घाएं हैं.
संत रामानुजाचार्य ने धर्म, जाति और नस्ल सहित, जीवन के सभी पक्षों में समानता पर बल दिया था. प्रधानमंत्री ने रामानुजाचार्य और तमिलनाडु के आलवार संतों के प्रति श्रृद्धांजलि अर्पित की जिन्होंने देश भर में वैष्णव मंदिरों की स्थापना की थी.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2022-02-06 20:43:432022-02-07 22:07:52हैदराबाद में संत रामानुजाचार्य की प्रतिमा ‘स्टैचू ऑफ इक्वेलिटी’ का अनावरण किया
गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (गेल) ने प्राकृतिक गैस प्रणाली में हाइड्रोजन के मिश्रण की परियोजना शुरू की है. यह भारत की अपनी तरह की पहली परियोजना है जिसे मध्यप्रदेश के इंदौर में शुरू किया गया है.
मुख्य बिंदु
इस हाइड्रोजन मिश्रित प्राकृतिक गैस की आपूर्ति अवंतिका गैस लिमिटेड को की जाएगी. अवंतिका गैस लिमिटेड इंदौर में कार्यरत HPCL के साथ गेल की संयुक्त उद्यम कंपनी है.
राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन के अनुरूप, गेल ने सिटी गैस वितरण (सीजीडी) नेटवर्क में हाइड्रोजन सम्मिश्रण की तकनीकी-व्यावसायिक संभाव्यता स्थापित करने के लिए पायलट परियोजना के रूप में हाइड्रोजन सम्मिश्रण शुरू किया है. यह परियोजना हाइड्रोजन आधारित और कार्बन न्यूट्रल भविष्य की दिशा में भारत की यात्रा का एक महत्वपूर्ण कदम है.
गेल ने सिटी गेट स्टेशन (सीजीएस), इंदौर में स्लेटी हाइड्रोजन इंजेक्शन अर्थात भरना शुरू किया. इस स्लेटी हाइड्रोजन को बाद में हरित हाइड्रोजन से बदल दिया जाएगा.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2022-02-05 20:43:502022-02-07 21:03:05गेल ने सीजीडी नेटवर्क में हाइड्रोजन के सम्मिश्रण की पहली परियोजना शुरू की