राफेल के समुद्री संस्करण ‘राफेल-M’ का गोवा में सफल परीक्षण

भारत ने लड़ाकू विमान राफेल के समुद्री संस्करण ‘राफेल-M’ का 3 फरवरी को सफल परीक्षण किया था. यह परीक्षण गोवा में INS विक्रांत से किया गया था. इस परीक्षण में राफेल-M की उड़ान भरने की क्षमता को जांचा गया और यह विमान इसमें पूरी तरह खरा उतरा.

इससे पहले गोवा के INS हंसा पर राफेल-M का परीक्षण हुआ था. इसमें छोटे रनअप के साथ विमान को उड़ान भरनी थी और राफेल-M ने इसे सफलतापूर्वक पूरा किया.

नौसेना अरब सागर व बंगाल की खाड़ी में INS विक्रांत पर राफेल-M को कमीशन करने की तैयारी में है. राफेल-M को अमेरिकी लड़ाकू विमान ‘सुपर हॉर्नेट’ के मुकाबले में देखा जा रहा है. नौसेना इन दोनों में से किसी एक की खरीद पर विचार कर रही है.

नौसेना ऐसे लड़ाकू विमान की तलाश में है जो परमाणु हथियारों को लेकर उड़ान भरे और हवा से हवा में व हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइलों को ले जाने में सक्षम हो. नौसेना शुरुआत में ऐसे 26 लड़ाकू जेट खरीदेगी.

भारत में अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की दो नए आर्द्रभूमि ‘रामसर स्थल’ को जोड़ा गया

02 फरवरी 2022 को विश्व आर्द्रभूमि दिवस (World Wetlands Day) के दिन भारत में दो नए रामसर स्थलों (अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की आर्द्रभूमि) को शामिल किया गया था. ये दो स्थल- गुजरात में खिजड़िया वन्यजीव अभयारण्य और उत्तर प्रदेश में बखिरा वन्यजीव अभयारण्य हैं. ये भारत के 48वें और 49वें रामसर स्थल हैं.

विश्व आर्द्रभूमि दिवस 2022 के अवसर पर इसरो के अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र (SAC) द्वारा ‘नेशनल वेटलैंड डेकाडल चेंज एटलस’ तैयार किया गया था. SAC द्वारा इससे संबंधित मूल एटलस वर्ष 2011 में जारी किया गया था.

मुख्य बिंदु

  • विश्व आर्द्रभूमि दिवस 02 फरवरी, 1971 को ईरानी शहर रामसर में ‘आर्द्रभूमि पर कन्वेंशन’ को अपनाने की तारीख को चिह्नित करता है. यह दिवस पहली बार वर्ष 1997 में मनाया गया था.
  • रामसर कन्वेंशन एक अंतर-सरकारी संधि है जो आर्द्रभूमि एवं उनके संसाधनों के संरक्षण तथा उचित उपयोग हेतु राष्ट्रीय कार्रवाई और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के लिये रूपरेखा प्रदान करती है.
  • रामसर सूची के अनुसार, सबसे अधिक रामसर स्थलों वाले देश यूनाइटेड किंगडम (175) और मेंक्सिको (142) हैं. अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की आर्द्रभूमि का क्षेत्रफल (148,000 वर्ग किमी) सबसे अधिक बोलीविया में है.

आर्द्रभूमि क्या होता है?

  • आर्द्रभूमि पानी में स्थित मौसमी या स्थायी पारिस्थितिक तंत्र हैं. इनमें मैंग्रोव, दलदल, नदियाँ, झीलें, डेल्टा, बाढ़ के मैदान और बाढ़ के जंगल, चावल के खेत, प्रवाल भित्तियाँ, समुद्री क्षेत्र (6 मीटर से कम ऊँचे ज्वार वाले स्थान) के अलावा मानव निर्मित आर्द्रभूमि जैसे- अपशिष्ट जल उपचार तालाब और जलाशय आदि शामिल होते हैं.
  • आर्द्रभूमियां प्राकृतिक पर्यावरण का महत्त्वपूर्ण हिस्सा हैं. ये बाढ़ की घटनाओं में कमी लाती हैं, तटीय इलाकों की रक्षा करती हैं, साथ ही प्रदूषकों को अवशोषित कर पानी की गुणवत्ता में सुधार करती हैं.
  • आर्द्रभूमि मानव और पृथ्वी के लिये महत्त्वपूर्ण हैं. 1 बिलियन से अधिक लोग जीवनयापन के लिये उन पर निर्भर हैं और दुनिया की 40% प्रजातियाँ आर्द्रभूमि में रहती हैं तथा प्रजनन करती हैं.
  • भारत में कुल 49 रामसर स्थल (आर्द्रभूमि) हैं जो देश की कुल भूमि का 4.6% (15.26 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्र) है. आर्द्रभूमि के राज्य-वार वितरण में गुजरात शीर्ष पर है (एक लंबी तटरेखा के कारण). इसके बाद आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल का स्थान है.

कर्नाटक के होयसला मंदिर, विश्व विरासत की सूची के लिए भारत का नामांकन

केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने कर्नाटक के बेलूर, हलेबिड और सोमनाथपुरा के होयसला मंदिरों को वर्ष 2022-2023 की विश्व विरासत सूची के लिए भारत के नामांकन के तौर पर शामिल किया गया है.

होयसला के पवित्र स्मारक 15 अप्रैल, 2014 से यूनेस्को की संभावित सूची में शामिल हैं और मानव रचनात्मक प्रतिभा के उच्चतम बिंदुओं में से एक का प्रतिनिधित्व करते हैं.

यूनेस्को द्वरा साइट के मूल्यांकन किये जाने के बाद इन मंदिरों को विश्व विरासत की सूची में शामिल किये जाने पर विचार किया जायेगा.

बीटिंग द रिट्रीट के साथ गणतंत्र दिवस के आयोजन का औपचारिक समापन

29 जनवरी को बीटिंग द रिट्रीट (Beating the Retreat)  के साथ गणतंत्र दिवस के आयोजन का औपचारिक समापन हो गया. इस खास मौके पर तीनों सेनाएं विशेष धुनें बजाकर राष्ट्रपति से अपनी बैरकों में वापस जाने के की अनुमति मांगती हैं. पारंपरिक धुनों के साथ मार्चपास्ट करती सेनाएं गणतंत्र दिवस समारोह के समापन की घोषणा भी करती हैं.

सैनिक मार्च करते हुए वापस जाते समय, लोकप्रिय धुन, सारे जहाँ से अच्छा बजाते हैं. शाम 6 बजे बिगुलर्स रिट्रीट की धुन बजाते हैं. राष्ट्रीय ध्वज को उतार लिया जाता है तथा राष्ट्रगान गाया जाता है और इस प्रकार गणतंत्र दिवस के आयोजन का औपचारिक समापन होता है.

बीटिंग द रीट्रीट परंपरा

बीटिंग द रीट्रीट एक परंपरा है. युद्धकाल में संध्या हो जाने पर बिगुल बजने के बाद सेनाएं अपने-अपने शिविरों में वापस चली जाती थीं. बीटिंग द रीट्रीट इसी परंपरा का हिस्सा है. भारत के गणतंत्र दिवस समारोह का समापन बीटिंग द रीट्रीट कार्यक्रम के बाद होता है.

नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती पर होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती पर इंडिया गेट पर नेताजी की होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण किया. बाद में इस होलोग्राम प्रतिमा के स्थान पर नेताजी की भव्य ग्रेनाइट प्रतिमा लगाई जाएगी जिसका निर्माण कार्य पूरा किया जा रहा है. होलोग्राम प्रतिमा 28 फीट ऊंची और 6 फीट चौड़ी है.

सरकार ने इंडिया गेट पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की भव्‍य प्रतिमा स्‍थापित करने का फैसला किया है. ग्रेनाइट से बनी यह प्रतिमा स्वतंत्रता संग्राम में नेताजी के महान योगदान के प्रति कृतज्ञ राष्ट्र की श्रद्धांजलि होगी.

सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार

इस कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने वर्ष 2019, 2020, 2021 और 2022 के लिए सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार प्रदान किया.

केंद्र सरकार ने आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में भारत में विभिन्न लोगों और संगठनों के अमूल्य योगदान और निःस्वार्थ सेवा की सराहना और सम्मानित करने के लिए सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार की शुरूआत की थी.

पुरस्कार में एक संस्थान को 51 लाख रुपये का नकद पुरस्कार और प्रमाण पत्र तथा एक व्यक्ति को पांच लाख रुपये और प्रमाण-पत्र दिया जाता है.

प्रज्‍ज्‍वलित अमर जवान ज्‍योति को राष्‍ट्रीय समर स्‍मारक की लौ के साथ विलय किया गया

नई दिल्ली स्थित इंडिया गेट पर पांच दशक से प्रज्‍ज्‍वलित ‘अमर जवान ज्‍योति’ को ‘राष्‍ट्रीय समर स्‍मारक’ की लौ के साथ 21 जनवरी को विलय कर दिया गया. ज्योति विलय समारोह एकीकृत रक्षा प्रमुख एयर मार्शल बलभद्र राधाकृष्ण की अध्यक्षता में संपन्न हुआ.

इंडिया गेट, अमर जवान ज्योति और राष्ट्रीय समर स्मारक: एक दृष्टि

  • इंडिया गेट का अनावरण 1931 में हुआ था. इसका निर्माण ब्रिटिश भारत के 70 हजार सैनिकों के बलिदान के स्मृति में किया गया था. इंडिया गेट पर प्रथम विश्व युद्ध और आंग्ल-अफगान युद्ध के कुछ शहीदों के नाम अंकित हैं.
  • अमर जवान ज्योति 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में शहीद भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि स्वरूप प्रज्वलित की गई थी.
  • इंडिया गेट परिसर में राष्ट्रीय समर स्मारक का उद्घाटन फरवरी 2019 में हुआ था. इस स्मारक में 1971 सहित सभी युद्धों में शहीद भारतीय सैनिकों के नाम अंकित हैं. अमर जवान ज्योति का विलय होना शहीदों के प्रति श्रद्धांजलि है.

राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग के कार्यकाल को बढ़ाने की मंजूरी दी गयी

केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग (NCSK) के कार्यकाल को 31 मार्च 2022 के बाद तीन साल और बढ़ाने की मंजूरी दी है.

मुख्य बिंदु

  • सफाई कर्मचारियों के किसी समूह के संबंध में कार्यक्रम अथवा स्‍कीमों को बनाने का सुझाव देने के लिए राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग का गठन 1993 में किया गया था. इस आयोग का कार्यकाल 1 अप्रैल 2022 से बढ़ाकर 31 मार्च 2025 करने का निर्णय कर दिया गया है.
  • राष्ट्रीय कर्मचारी आयोग एक गैर-सांविधिक निकाय के रूप में कार्य करता है.
  • इस आयोग द्वारा सफाई कर्मचारियों द्वारा उठाए जा रही समस्याओं को हल किया जाता है ताकि वे सम्‍मानपूर्ण जीवन यापन कर सकें.
  • यह सफाई कर्मचारियों के कल्याण के लिए विशिष्ट कार्यक्रमों के संबंध में सरकार को अपनी सिफारिशें देता है. सफाई कर्मचारियों के लिए मौजूदा कल्याणकारी कार्यक्रमों का अध्ययन और मूल्यांकन भी करता है और विशिष्ट शिकायतों के मामलों की जांच करता है.

भारत ने ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के उन्नत संस्करण का सफल परीक्षण किया

भारत ने 11 जनवरी को समुद्र से समुद्र तक मार करने वाली ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के उन्नत संस्करण का सफलतापूर्वक परीक्षण किया था. यह परीक्षण नौसेना के INS विशाखापत्तनम पोत से किया गया था. इस परीक्षण में मिसाइल ने अपने लक्ष्य पर सफल प्रहार किया.

ब्रह्मोस एक सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है. इसका नाम ‘ब्रह्मोस’ भारत के ब्रह्मपुत्र और रूस के मोस्कवा नदियों को जोड़ कर रखा गया है. ब्रह्मोस में पहले चरण में इस्तेमाल होने वाला प्रणोदक (propellant) ठोस ईंधन है और दूसरे चरण में प्रयुक्त होने वाला तरल ईंधन है. यह मैक 2.0 से 2.8 की अधिकतम गति प्राप्त कर सकता है.

निर्वाचन आयोग ने पांच राज्‍यों में विधानसभा चुनावों की घोषणा की

निर्वाचन आयोग ने पांच राज्‍यों- गोवा, पंजाब, मणिपुर, उत्‍तराखंड और उत्‍तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव कार्यक्रम की घोषणा की हैं. यह घोषणा मुख्‍य निर्वाचन आयुक्‍त सुशील चन्‍द्रा ने 8 जनवरी को नई दिल्‍ली में की. श्री चंद्रा ने बताया कि चुनाव प्रक्रिया 14 जनवरी को शुरू होगी. चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के साथ ही आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है.

मुख्य बिंदु

  • इस घोषणा के तहत उत्‍तर प्रदेश में 10 फरवरी से 7 मार्च तक सात चरणों में मतदान होगा.
  • पंजाब, उत्‍तराखंड और गोवा में एक चरण में 14 फरवरी को चुनाव कराया जाएगा.
  • मणिपुर में 27 फरवरी और 3 मार्च को दो चरणों में मतदान होगा.
  • इन सभी राज्‍यों में मतगणना 10 मार्च को होगी.
  • प्रत्‍येक विधानसभा क्षेत्र में कम से कम एक मतदान केन्‍द्र ऐसा होगा, जहां सभी कर्मचारी महिलाएं होंगी.

निर्वाचन आयोग ने उम्मीदवारों की मौजूदा चुनाव व्यय सीमा बढ़ाई

निर्वाचन आयोग ने संसदीय और विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में उम्मीदवारों की मौजूदा चुनाव व्यय सीमा बढ़ाने का निर्णय किया है. यह आगामी सभी चुनावों में लागू होगी.

आयोग ने समिति की सिफारिशों को स्वीकार करते हुए उम्मीदवारों के लिये मौजूदा चुनाव व्यय सीमा बढ़ाने का निर्णय लिया. इससे पहले वर्ष 2014 में चुनाव खर्च सीमा में संशोधन किया गया था, जिसे फिर वर्ष 2020 में 10 प्रतिशत बढ़ाया गया था.

मुख्य बिंदु

  • महाराष्‍ट्र, मध्‍य प्रदेश, उत्‍तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और कर्नाटक जैसे बड़े राज्‍यों में संसदीय चुनाव खर्च सीमा 70 लाख से बढ़ाकर 95 लाख रुपए की गई है.
  • गोवा, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश जैसे छोटे राज्‍यों और केन्‍द्र शासित प्रदेशों के लिए यह सीमा 54 लाख से बढ़ाकर 75 लाख रुपए की गई है.
  • केन्‍द्र शासित प्रदेश जम्‍मू-कश्‍मीर में चुनाव व्यय सीमा बढ़ाकर 95 लाख रुपए की गयी है.
  • वहीं, बड़े राज्‍यों में विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के लिए व्यय सीमा 28 लाख से बढ़ाकर 40 लाख रुपए और छोटे राज्यों में 20 लाख से बढ़ाकर 28 लाख रुपए की गई है.

उत्‍तराखंड के धारचूला में महाकाली नदी पर पुल निर्माण को मंजूरी

उत्‍तराखंड के धारचूला में महाकाली नदी पर एक पुल निर्माण के लिए भारत और नेपाल के बीच समझौता ज्ञापन को स्‍वीकृति दी गयी है. यह स्‍वीकृति प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल ने 6 जनवरी को दी.

यह पुल तीन साल में बनकर पूरा होगा और इससे दोनों देशों के बीच आवागमन की सुविधा बढेगी. इस पुल से उत्‍तराखंड में रहने वाले लोगों को भी लाभ मिलेगा और नेपाल की ओर र‍हने वाले लोगों को भी बहुत बड़ा लाभ मिलेगा.

पठन अभियान ‘पढ़े भारत’ का शुभारंभ

शिक्षामंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने 1 जनवरी को पठन अभियान ‘पढ़े भारत’ का शुभारंभ किया. यह अभियान सौ दिन तक चलेगा. इसका उद्देश्य बच्चों, अध्यापकों, अभिभावकों, सामुदायिक और शैक्षिक प्रशासन सहित राष्ट्रीय और राज्य स्तर के सभी हितधारकों की भागीदारी सुनिश्चित करना है.

पढ़े भारत: एक दृष्टि

  • यह अभियान विद्यार्थियों के सीखने के स्तर में सुधार के लिये महत्वपूर्ण कदम है क्योंकि इससे उनकी रचनात्मकता, विश्लेषणात्मक सोच, शब्दावली तथा मौखिक और लेखन अभिवियक्ति क्षमता विकसित होगी. इससे बच्चों को अपने आस-पास और वास्तविक जीवन की स्थितियों को समझने में मदद मिलेगी.
  • बाल-वाटिका से लेकर कक्षा आठ तक के विद्यार्थी इस अभियान का हिस्सा होंगे. इस दौरान प्रत्येक समूह के लिए प्रति सप्ताह का कार्यक्रम तैयार किया गया है, जिसमें पठन कार्य को रोचक बनाने और इस अनुभव से जुड़े रहने पर मुख्य रूप से ध्यान दिया गया है.
  • बच्चे यह कार्यक्रम अध्यापकों, अभिभावकों, और परिवार के अन्य सदस्यों की मदद से तैयार कर सकते हैं. पठन अभियान का आयोजन इस वर्ष 10 अप्रैल तक किया जाएगा.