भारत में दो नए COVID रोधी वैक्सीन के आपातकालीन उपयोग को मंज़ूरी दी गयी है. यह मंजूरी DCGI (Drugs Controller General of India) ने 28 दिसंबर को दी. जिन वैक्सीन को मंजूरी दी गयी है वो हैं- कॉर्बेवैक्स (Corbevax) और कोवोवैक्स (Covovax). DCGI ने इसके साथ ही कोविड रोधी एंटी-वायरल दवा मोलनुपिरवीर (Molnupiravir) को भी मंजूरी दी.
इन दोनों वैक्सीन और दवा को नियामक केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (Central Drugs Standard Control Organisation – CDSCO) द्वारा अनुमोदित किया गया था. कोवोवैक्स (Covovax)
कॉर्बेवैक्स (Corbevax) वैक्सीन भारत में पहला स्वदेशी रूप से विकसित RBD प्रोटीन सब-यूनिट वैक्सीन है. इसका निर्माण हैदराबाद स्थित फर्म बायोलॉजिकल-ई द्वारा किया गया है. कोवोवैक्स (Covovax) एक नैनोपार्टिकल वैक्सीन है, जिसका निर्माण पुणे बेस्ड सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा किया जाएगा.
भारत में आपातकालीन उपयोग के लिए स्वीकृत कोविड रोधी वैक्सीन
इस मंजूरी के बाद भारत में आपातकालीन उपयोग के लिए स्वीकृत कोविड रोधी वैक्सीन की संख्या बढ़कर 8 हो गई है. इन टीकों से पहले निम्नलिखित 6 टीकों – कोविशील्ड, कोवैक्सिन, ZyCoV-D, स्पुतनिक वी, मॉडर्ना और जॉनसन एंड जॉनसन की Janssen वैक्सीन को मंजूरी दी गई थी.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2021-12-29 20:47:252021-12-30 21:15:26भारत ने दो नए COVID रोधी वैक्सीन के आपातकालीन उपयोग को मंज़ूरी दी
भारत जनवरी 2022 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आतंकवाद विरोधी समिति (UNSC Counter Terrorism Committee) की अध्यक्षता करेगा.
भारत दूसरी बार सुरक्षा परिषद में इस समिति की अध्यक्षता करेगा. इससे पहले भारत ने 2011-12 में इस समिति की अध्यक्षता की थी. 2022 की शुरुआत में भारत को सुरक्षा परिषद की तीन महत्वपूर्ण समितियों की अध्यक्षता करने के लिए कहा गया है, जिसमें तालिबान प्रतिबंध समिति, आतंकवाद विरोधी समिति और लीबिया प्रतिबंध समिति शामिल हैं.
आतंकवाद विरोधी समिति संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 15-सदस्यीय एक सहायक निकाय है. इस समिति का गठन सितंबर, 2001 में न्यूयॉर्क में 9/11 के दुखद आतंकवादी हमले के तुरंत बाद किया गया था.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2021-12-29 20:47:222021-12-30 21:24:29भारत UNSC में आतंकवाद निरोधी समिति की अध्यक्षता करेगा
भारतीय सेना ने मध्य प्रदेश में क्वांटम प्रयोगशाला (Quantum Laboratory) और कृत्रिम बुद्धिमत्ता केंद्र (AI) की स्थापना की है. इसकी स्थापना राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय (NSCS) के सहयोग से महू के मिलिट्री कॉलेज ऑफ टेलीकम्युनिकेशन इंजीनियरिंग (MCTE) में की गयी है. इसका उपयोग प्रौद्योगिकी के प्रमुख विकासशील क्षेत्र में अनुसंधान एवं प्रशिक्षण के लिए होगा.
भारतीय सेना ने उसी संस्थान में एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) केंद्र भी स्थापित किया है. क्वांटम कंप्यूटिंग प्रयोगशाला और कृत्रिम बुद्धिमत्ता केंद्र (AI) सशस्त्र बलों द्वारा उपयोग के लिए परिवर्तनकारी प्रौद्योगिकियों के विकास में व्यापक शोध करेंगे. थल सेनाध्यक्ष जनरल एमएम नरवणे ने हाल ही में महू की अपनी यात्रा के दौरान इस सुविधा का दौरा किया था.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2021-12-28 20:47:282021-12-30 21:03:58भारतीय सेना ने मध्य प्रदेश में क्वांटम प्रयोगशाला स्थापित की
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 दिसम्बर को हिमाचल प्रदेश में रेणुकाजी बांध परियोजना (Renukaji Dam Project) की आधारशिला रखी. यह परियोजना सिरमौर जिले में 6,700 करोड़ रुपये की लागत से तैयार की जाएगी. इस परियोजना से 200 मिलियन यूनिट ऊर्जा उत्पन्न होने की संभावना है.
रेणुकाजी बांध परियोजना गिरि नदी पर तैयार किया जाना है. गिरि नदी यमुना की सहायक नदी है. इस बांध की भंडारण क्षमता लगभग 498 मिलियन क्यूबिक मीटर होगी. यह दिल्ली की पेयजल आवश्यकता का लगभग 40% पूरा करेगा.
इस बांध का निर्माण पिछले तीन दशकों से लंबित था. यह अंततः छह राज्यों हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान और उत्तराखंड की ओर से सहयोग के बाद निर्मित किया जायेगा.
इस परियोजना में 148 मीटर ऊंचाई का एक बांध बनाने की परिकल्पना की गई है, जो दिल्ली और अन्य बेसिन राज्यों को पानी की आपूर्ति करेगा. सिंचाई या पेयजल घटक की लागत का 90% केंद्र सरकार द्वारा प्रदान किया जाएगा जबकि 10% शेष बेसिन राज्यों द्वारा प्रदान किया जाएगा.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2021-12-28 20:47:242021-12-30 21:18:01प्रधानमंत्री ने हिमाचल प्रदेश में रेणुकाजी बांध परियोजना की आधारशिला रखी
रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने 26 दिसम्बर को लखनऊ में रक्षा प्रौद्योगिकी और परीक्षण केंद्र तथा ब्रह्मोस विनिर्माण केंद्र की आधारशिला रखी. ये केंद्र रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा बनाए जा रहे हैं.
उत्तर प्रदेश रक्षा औद्योगिक गलियारे (UPDIC) में रक्षा और अंतरिक्ष वैमानिकी निर्माण समूहों के तेज विकास के लिए लगभग 22 एकड़ में अपनी तरह का पहला रक्षा प्रौद्योगिकी और परीक्षण केंद्र (DTTC) स्थापित किया जा रहा है.
ब्रह्मोस एयरोस्पेस का यह ब्रह्मोस विनिर्माण केंद्र, UPDIC के लखनऊ नोड में एक अत्याधुनिक सुविधा वाला केंद्र होगा. यहां अगली पीढ़ी के ब्रह्मोस मिसाइल बनाए जाएंगे. यह नया केंद्र अगले दो से तीन वर्षों में बनकर तैयार हो जाएगा. यहां प्रतिवर्ष 80 से 100 ब्रह्मोस-एनजी मिसाइलें बनाई जाएंगी.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2021-12-27 21:04:102021-12-28 11:19:23लखनऊ में रक्षा प्रौद्योगिकी और परीक्षण केंद्र तथा ब्रह्मोस विनिर्माण केंद्र की आधारशिला
केंद्र सरकार ने नागालैंड में सशस्त्र सेना विशेष अधिकार अधिनियम (AFSPA) हटाने के मुद्दे पर विचार करने के लिए पांच सदस्यों की एक समिति का गठन किया है. नागालैंड सरकार के प्रतिनिधियों की गृहमंत्री अमित शाह के साथ बैठक के बाद यह कदम उठाया गया है. समिति 45 दिन के भीतर अपनी रिपोर्ट देगी.
भारत के महा-पंजीयक और जनगणना आयुक्त विवेक जोशी इस समिति के अध्यक्ष होंगे. गृह मंत्रालय में अपर सचिव पीयूष गोयल इसके सदस्य सचिव होंगे. समिति के अन्य सदस्यों में नागालैंड के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक और असम राइफल्स के डीजीपी शामिल हैं.
AFSPA क्या है?
AFSPA (Armed Forces Special Powers Act) का पूरा नाम, सशस्त्र सेना विशेषाधिकार कानून है. इस कानून को उपद्रवग्रस्त राज्य में सेना को कार्यवाही में मदद के लिए 11 सितंबर 1958 को पारित किया गया था. यह कानून सशस्त्र बलों को अशांत क्षेत्रों में सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए विशेष शक्तियां प्रदान करता है. वर्तमान में, यह कानून नागालैंड, असम, मणिपुर, जम्मू-कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में लागू है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2021-12-27 11:17:202021-12-28 11:18:40नागालैंड में अफस्पा हटाने के मुद्दे पर विचार करने के लिए एक समिति का गठन
भारतीय वायु सेना ने पंजाब सेक्टर में एस-400 वायु रक्षा प्रणाली की पहली स्वाड्रन को तैनात किया है. यह वायु रक्षा प्रणाली पाकिस्तान और चीन दोनों से हवाई खतरों से निपटने में सक्षम होगी.
मुख्य बिंदु
रूस ने हाल ही में एस-400 वायु रक्षा प्रणाली का पहला स्क्वाड्रन भारत को सौंपा था. भारत ने रूस से पांच S-400 वायु रक्षा प्रणाली की खरीद के लिए लगभग 35,000 करोड़ रुपये में सौदा किया था. यह 400 किमी तक हवाई खतरों से निपटने में सक्षम है.
वायु रक्षा प्रणाली भारत को दक्षिण एशियाई आसमान में मजबूती देगी क्योंकि वे 400 किमी की दूरी से दुश्मन के विमानों और क्रूज मिसाइलों को बाहर निकालने में सक्षम होंगे.
S-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली चार अलग-अलग मिसाइलों से लैस है जो दुश्मन के विमानों, बैलिस्टिक मिसाइलों और AWACS विमानों को 400 किमी, 250 किमी, मध्यम दूरी की 120 किमी और कम दूरी की 40 किमी पर मार सकती है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2021-12-25 23:24:372021-12-26 10:44:43भारतीय वायु सेना ने पंजाब सेक्टर में एस-400 वायु रक्षा प्रणाली को तैनात किया
भारत ने स्वदेश विकसित मिसाइल ‘प्रलय’ (Pralay) मिसाइल का 22 दिसम्बर को सफल परीक्षण किया था. यह परीक्षण रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने ओडिसा तट पर डॉक्टर एपी अब्दुल कलाम द्वीप से इस का परीक्षण किया था.
यह मिसाइल पूरे नियंत्रण और मार्गदर्शन के साथ उच्च स्तर की सटीकता से निशाना लगाने में सक्षम है. इस मिसाइल के पथ और दिशा में अचानक परिवर्तन करना भी संभव है.
यह सतह से सतह पर मार करने में सक्षम आधुनिक मिसाइल है. इस मिसाइल का विकास रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने किया है. डॉ जी सतीश रेड्डी DRDO के वर्तमान अध्यक्ष हैं.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2021-12-23 10:14:322021-12-24 10:36:28भारत ने सतह से सतह पर मार करने में सक्षम मिसाइल प्रलय का सफल परीक्षण किया
भारतीय नौसेना ने देश में बने अत्याधुनिक विध्वंसक पोत मोरमुगांव (Mormugao) का 19 दिसम्बर को पहली बार समुद्र में परीक्षण किया. इसका निर्माण मड्गांव डॉक शिप बिल्डर्स लिमिटेड (MDSL) ने किया है. इस पोत का नामकरण गोआ के बंदरगाह शहर के नाम पर किया गया है.
मोरमुगांव का निर्माण सितम्बर 2016 में उस समय किया गया था जब मनोहर पर्रिकर रक्षामंत्री थे. भारतीय नौसेना ने INS मोरमुगांव को 2022 के मध्य में इसे विधिवत् शुरू करने की योजना बनाई है. मोरमुगाओ दूसरा स्वदेशी स्टेल्थ डिस्ट्रॉयर है, जिसे प्रोजेक्ट P-15B के तहत बनाया गया है. INS विशाखापत्तनम P-15B प्रोजेक्ट के तहत बनाया गया पहला पोत था. इससे पहले चौथी P-75 पनडुब्बी INS वेला को भी नौसेना में शामिल किया गया था.
P-15B प्रोजेक्ट
P-15B प्रोजेक्ट के तहत विशाखापत्तनम, मोरमुगाओ, इंफाल और सूरत नामक कुल चार युद्धपोतों की योजना बनाई गई है. इन जहाजों के लिए 2011 में अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए थे. इन जहाजों को दुनिया भर में सबसे अधिक तकनीकी रूप से उन्नत निर्देशित मिसाइल विध्वंसक में गिना जाता है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2021-12-21 09:06:052021-12-22 09:19:16भारतीय नौसेना ने अत्याधुनिक विध्वंसक पोत मोरमुगांव का समुद्र में परीक्षण किया
रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने परमाणु क्षमता संपन्न बैलिस्टिक मिसाइल ‘अग्नि-प्राईम’ (Agni P) का दूसरा सफल परीक्षण 18 दिसम्बर को किया था. यह परीक्षण ओडिशा तट के पास डॉक्टर अब्दुल कलाम द्वीप से किया गया था.
दूसरे परीक्षण की सफलता ने इस मिसाइल में प्रयुक्त सभी उन्नत तकनीकों की विश्वसनीयता प्रमाणित कर दी है. परीक्षण के दौरान प्रक्षेपास्त्र का कार्य-निष्पादन अपने पूर्व निर्धारित मार्ग के अनुसार रहा और इसने सटीकता से सभी लक्ष्य पूरे किए.
अग्नि पी (Agni P)
अग्नि-पी ठोस ईंधन से चलने वाला बैलिस्टिक मिसाइल है. यह एक मध्यम दूरी की मिसाइल है, जिसे DRDO ने विकसित किया है. यह अग्नि (मिसाइल) श्रृंखला की छठी मिसाइल है जिसकी मारक क्षमता एक हजार से दो हजार किलोमीटर के बीच है. इसे मोबाइल लांचर के साथ ट्रेन से भी लांच किया जा सकता है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2021-12-19 21:24:462021-12-20 08:35:59DRDO ने परमाणु क्षमता संपन्न बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-प्राईम का दूसरा सफल परीक्षण किया
उत्तर प्रदेश में राज्य के सबसे लंबे एक्सप्रेस-वे ‘गंगा एक्सप्रेस-वे’ की आधारशिला रखी गयी है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 18 दिसम्बर को इसकी आधारशिला शाहजहांपुर जिले में रखी.
मुख्य बिंदु
यह उत्तर प्रदेश का सबसे लंबा एक्सप्रेस-वे होगा. 594 किलोमीटर लंबे छह लेन के इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण पर 36.2 हजार करोड रुपये की लागत आएगी.
यह मेरठ के बिजौली गांव से शुरू होकर यह एक्सप्रेस वे प्रयागराज के जुदापुर डांडू गांव तक जाएगा. एक्सप्रेस वे पर साढे तीन किलोमीटर लंबी एक हवाई पट्टी भी बनाई जाएगी. जहां आपात स्थिति में वायुसेना के विमान उतर सकेंगे और उडान भर सकेंगे. एक्सप्रेस-वे पर एक औद्योगिक गलियारे का निर्माण भी प्रस्तावित है.
गंगा एक्सप्रेसवे पर 7 रेलवे पुल, 14 बड़े पुल, 126 छोटे पुल, 375 अंडर पास, 9 जन सुविधा केंद्र, 2 टोल प्लाजा और 15 रैंप टोल प्लाजा प्रस्तावित हैं. यह एक्सप्रेसवे कृषि तथा डेरी उत्पादों के तेजी से आवागमन में विशेष तौर पर सहायक साबित होगा.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2021-12-19 08:24:472021-12-20 08:33:49उत्तर प्रदेश में राज्य के सबसे लंबे एक्सप्रेस-वे की आधारशिला रखी गयी
भारत में पहली हरित हाइड्रोजन माइक्रोग्रिड परियोजना की हाल ही में शुरुआत हुई है. यह परियोजना आंध्र प्रदेश में सिम्हाद्री (विशाखापत्तनम के पास) शुरू की गयी है. इसकी शुरुआत नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन (NTPC) लिमिटेड द्वारा की गयी है.
मुख्य बिंदु
हरित हाइड्रोजन माइक्रोग्रिड परियोजना के प्रारूप को NTPC द्वारा डिज़ाइन किया गया है. इससे पहले NTPC ने तेलंगाना के रामागुंडम् में भारत के सबसे बड़े फ्लोटिंग सोलर प्लांट के विकास का काम शुरू किया था.
यह बड़े पैमाने पर हाइड्रोजन ऊर्जा भंडारण परियोजनाओं में से एक है. यह वर्ष 2070 तक कार्बन न्यूट्रल बनने के भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप है.
परियोजना के पास स्थापित फ्लोटिंग सोलर प्रोजेक्ट से इनपुट पावर लेकर उन्नत 240 kW सॉलिड ऑक्साइड इलेक्ट्रोलाइज़र का उपयोग कर हाइड्रोजन का उत्पादन किया जाएगा.
दिन के दौरान उत्पादित हाइड्रोजन को उच्च दबाव पर संग्रहीत किया जाएगा और 50 किलोवाट ठोस ऑक्साइड ईंधन सेल (या SOFC) का उपयोग करके विद्युतीकृत किया जाएगा. SOFC एक विद्युत रासायनिक रूपांतरण उपकरण है जो ईंधन के ऑक्सीकरण द्वारा सीधे विद्युत उत्पन्न करता है.
ग्रीन हाइड्रोजन और राष्ट्रीय हाइड्रोजन ऊर्जा मिशन (NHM)
ग्रीन हाइड्रोजन पवन और सौर जैसे अक्षय ऊर्जा स्रोतों द्वारा संचालित इलेक्ट्रोलाइज़र का उपयोग करके जल को हाइड्रोजन और ऑक्सीजन में विभाजित करके उत्पादित किया जाता है.
केंद्रीय बजट (2021-22) ने ऊर्जा स्रोत के रूप में राष्ट्रीय हाइड्रोजन ऊर्जा मिशन (NHM) की घोषणा की है. स्वच्छ वैकल्पिक ईंधन विकल्प के लिये हाइड्रोजन पृथ्वी पर सबसे प्रचुर तत्त्वों में से एक है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2021-12-17 17:06:142021-12-18 15:59:31देश की पहली हरित हाइड्रोजन माइक्रोग्रिड परियोजना की शुरुआत