सर्वोच्च न्यायालय ने राज्यपाल के क्षमादान की शक्ति पर व्याख्या की

सर्वोच्च न्यायालय ने हाल ही में राज्यपाल के क्षमादान की शक्ति पर व्याख्या की थी. न्यायालय ने माना कि, राज्यपाल की क्षमा करने की शक्ति, ‘दंड प्रक्रिया संहिता’ (CrPC) की धारा 433A के तहत दिए गए प्रावधान की अपेक्षा अधिक महत्वपूर्ण है.

मुख्य बिंदु

  • इससे पहले जनवरी 2021 में दया याचिका के एक मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने कहा था कि राज्यपाल राज्य मंत्रिपरिषद की सिफारिश को अस्वीकार नहीं कर सकता है, हालाँकि निर्णय लेने के लिये कोई समयसीमा निर्धारित नहीं की गई है.
  • सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि राज्यपाल 14 वर्ष की जेल होने से पूर्व भी कैदियों को क्षमादान दे सकता है.
  • CrPC की धारा 433A किसी भी स्थिति में संविधान के अनुच्छेद 72 या 161 के तहत राष्ट्रपति/राज्यपाल को क्षमादान देने की संवैधानिक शक्ति को प्रभावित नहीं कर सकती है.
  • न्यायालय ने कहा कि अनुच्छेद 161 के तहत एक कैदी को क्षमा करने की राज्यपाल की संप्रभु शक्ति वास्तव में राज्य सरकार द्वारा प्रयोग की जाती है.
  • लघुकरण और रिहाई की कार्रवाई इस प्रकार एक सरकारी निर्णय के अनुसार हो सकती है और राज्यपाल की मंज़ूरी के बिना भी आदेश जारी किया जा सकता है.
  • CrPC की धारा 432 सरकार को सज़ा माफ करने का अधिकार देती है. राज्य सरकार इस या संविधान के अनुच्छेद 161 के तहत छूट देने की नीति बना सकती है.
  • यदि कोई कैदी 14 वर्ष से अधिक समय तक कारावास में रह चुका है, तो राज्य सरकार समय से पहले रिहाई का आदेश पारित करने में सक्षम है.
  • भारत में राष्ट्रपति और राज्यपाल की क्षमादान शक्ति:
  • संविधान के अनुच्छेद 72 के तहत राष्ट्रपति को अपराध के लिये दोषी ठहराए गए किसी भी व्यक्ति की सज़ा को माफ करने, राहत देने, छूट देने या निलंबित करने, हटाने या कम करने की शक्ति है, जहाँ दंड मौत की सज़ा के रूप में है.
  • अनुच्छेद 161 के तहत राज्य के राज्यपाल के पास किसी ऐसे मामले से संबंधित किसी भी कानून के खिलाफ किसी भी अपराध के लिये दोषी ठहराए गए व्यक्ति की सज़ा को माफ करने, राहत देने, राहत या छूट देने या निलंबित करने, हटाने या कम करने की शक्ति है.
  • अनुच्छेद 72 के तहत राष्ट्रपति की क्षमादान शक्ति का दायरा अनुच्छेद 161 के तहत राज्यपाल की क्षमादान शक्ति से अधिक व्यापक है. राष्ट्रपति उन सभी मामलों में क्षमादान दे सकता है जहाँ दी गई सजा मौत की सजा है लेकिन राज्यपाल की क्षमादान शक्ति मौत की सजा के मामलों तक विस्तारित नहीं होती है.

किशोर न्‍याय-बाल देखभाल और संरक्षण संशोधन विधेयक 2021 पारित

राज्‍यसभा में ने 28  जुलाई को किशोर न्‍याय – बाल देखभाल और संरक्षण संशोधन विधेयक (Juvenile Justice Care & Protection of Children Amendment Bill)  2021 पारित कर दिया. लोकसभा इस विधेयक को पहले ही मंजूरी दे चुकी है. राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद यह विधेयक अधिनियम का रूप लेगा.

किशोर न्‍याय-बाल देखभाल और संरक्षण संशोधन विधेयक: मुख्य बिंदु

  • यह विधेयक किशोर न्‍याय – बाल देखभाल और संरक्षण अधिनियम 2015 में संशोधन के लिए लाया गया था. इस विधेयक में बच्‍चों को न्‍याय और सहायता देने के प्रावधान किए गए है.
  • मामलों को जल्‍द निपटाने और जवाबदेही सुनिश्चित करने में अपर जिला मजिस्‍ट्रेट सहित जिला मजिस्‍ट्रेट को दत्तकग्रहण आदेश जारी करने के लिए अधिकृत किया गया है.
  • इस विधेयक में बाल कल्‍याण समिति के सदस्‍यों की नियुक्ति के लिए पात्रता मानदंडों को परिभाषित करने और पहले से अपरिभाषित अपराधों को गंभीर अपराधों की श्रेणी में शामिल करने का प्रावधान किया गया है.
  • इस अधिनियम में कहा गया है कि केवल दीवानी अदालत द्वारा गोद लेने का आदेश जारी करने पर ही बच्चे को गोद लेना फाइनल हो जाता है.

हड़प्पा काल के शहर धोलावीरा को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया

संयुक्त राष्ट्र शैक्षणिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) ने गुजरात के हड़प्पा काल के शहर धोलावीरा को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल किया है. अब तक भारत के कुल 40 स्थलों को विश्व धरोहर में शामिल किया जा चुका है.

गुजरात में धोलावीरा को लेकर अबतक चार स्थल को शामिल किया जा चूका है. अन्य तीस स्थल में पावागढ़ के निकट चंपानेर, पाटन में रानी की वाव और एतिहासिक शहर अहमदाबाद शामिल हैं.

रूद्रेश्वर (रामप्पा) मंदिर विश्व धरोहर स्थल में शामिल

यूनेस्को ने हाल ही में भारत के तेलंगाना में रूद्रेश्वर (रामप्पा) मंदिर को विश्व धरोहर स्थल में शामिल किया था.  रामप्पा मंदिर का निर्माण 13वीं शताब्दी में किया गया था और इसका नाम इसके शिल्पकार रामप्पा के नाम पर रखा गया है. सरकार ने 2019 के लिए यूनेस्को को इसे विश्व धरोहर स्थल के तौर पर मान्यता देने का प्रस्ताव दिया था.

धोलावीरा: एक दृष्टि

धोलावीरा की खोज 1968 में की गयी थी.  यह गुजरात के कच्छ के ग्रेट रण में खादिर द्वीप पर स्थित है. यह सिंधु घाटी सभ्यता का पांचवां सबसे बड़ा पुरातात्विक स्थल है. यह शहर लगभग 3,000 ईसा पूर्व का है.

इस साइट पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा खुदाई से पता चला है कि शहर के घरों का निर्माण चूने के पत्थरों से किया गया था और ये सभी एक सीवेज नेटवर्क से जुड़े थे. खुदाई के दौरान यहाँ पर बारिश के पानी को स्टोर करने के लिए टैंक, सजावटी मोती, लाल मिट्टी के बर्तन और सूक्ष्म पाषाण उपकरण मिले हैं.

यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल

1983 में पहली बार भारत के चार ऐतिहासिक स्थलों को यूनेस्को ने ‘विश्व धरोहर स्थल’ में शामिल किया था. ये चार स्थल थे – ताज महल, आगरा किला, अजंता और एलोरा गुफाएं. वर्तमान में, भारत की कुल 40 साइटें विश्व धरोहर सूची में शामिल हैं, जिनमें से 28 को सांस्कृतिक श्रेणी में, 7 प्राकृतिक और 1 मिश्रित श्रेणी में स्थान दिया गया है. भारत दुनिया की धरोहरों में छठे स्थान पर है.

भारतीय सेना ने स्कीइंग अभियान ‘आर्मेक्स-21’ का आयोजन किया

भारतीय सेना ने स्कीइंग अभियान ‘आर्मेक्स-21’ अभियान का आयोजन किया था. यह अभियान 10 मार्च 2021 को लद्दाख के काराकोरम दर्रे से शुरू किया गया था जो 06 जुलाई 2021 को उत्तराखंड के मलारी में समाप्त हुआ था.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने नई दिल्ली में 23 जुलाई को आयोजित एक समारोह में ‘आर्मेक्स-21’ का औपचारिक रूप से समापन किया. समापन समारोह में थल सेनाध्यक्ष जनरल एमएम नरवणे और भारतीय सेना के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे.

भारतीय सेना के स्कीइंग अभियान के दौरान दल ने 5,000-6,500 मीटर ऊंचाई के कई दर्रों, ग्लेशियरों, घाटियों और नदियों के जरिए यात्रा करके कुल 1,660 किलोमीटर की दूरी तय की. अभियान के दौरान अंतरराष्ट्रीय सीमा और भीतरी इलाकों के अब तक अज्ञात क्षेत्रों के बारे में विस्तृत जानकारी हासिल की गई है.

भारत ने आकाश-NG और एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल MP-ATGM का सफल परीक्षण किया

भारत ने 21 जुलाई को दो स्वदेशी मिसाइलों का सफल परीक्षण किया था. इनमें से एक जमीन से हवा में मार करने वाली नई पीढ़ी की आकाश मिसाइल (आकाश-NG) और दूसरी कम वजन वाली, मैन पोर्टेबल एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल (MP-ATGM) है. यह परीक्षण रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा किया गया था.

मैन पोर्टेबल एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल (MP-ATGM)

स्वदेशी रूप से विकसित MP-ATGM का परीक्षण आंध्र प्रदेश के कुर्नूल में छठा परीक्षण किया गया. मिसाइल ने लक्ष्य बनाकर रखे गए टैंक पर सटीक हमला कर उसे नष्ट कर दिया.

MP-ATGM का विकास भारतीय कंपनी वीईएम टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड की साझेदारी में DRDO ने किया है.

इस परीक्षण ने सेना के लिए तीसरी पीढ़ी की स्वदेशी मैन पोर्टबल एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल हासिल करने का रास्ता बना दिया है.

आकाश मिसाइल (आकाश-NG)

DRDO ने सुपरसोनिक आकाश-NG (न्यू जेनरेशन) मिसाइल का दूसरा सफलतापूर्वक परीक्षण एकीकृत परीक्षण रेंज (आईटीआर), चांदीपुर, ओडिशा तट से किया.

आकाश-NG की मारक क्षमता 40-50 किमी तक है. 96 प्रतिशत स्वदेशी तकनीक पर आधारित यह देश का सबसे महत्वपूर्ण मिसाइल सिस्टम है, जिसे अब दूसरे देशों को भी निर्यात करने की मंजूरी सरकार से मिल चुकी है.

आकाश-NG की सतह से हवा में हमला करने वाली इस मिसाइल का उपयोग भारतीय वायुसेना द्वारा हवाई खतरों को रोकने के उद्देश्य से किया जाता है.

पेगासस जासूसी आरोप, जानिए क्या है पेगासस और कैसे काम करता है

हाल के दिनों में पेगासस जासूसी (Pegasus Spyware) आरोप चर्चा में है. एक वैश्विक सहयोगी जांच परियोजना से पता चला है कि इजरायली कंपनी, एनएसओ ग्रुप (NSO Group) के पेगासस स्पाइवेयर से भारत में 300 से अधिक मोबाइल नंबरों को टारगेट किया गया, जिसमें वर्तमान सरकार के दो मंत्री, तीन विपक्षी नेता, एक जज, कई पत्रकार और व्यवसायी शामिल हैं. सरकार ने इन आरोपों को आधारहीन बताया है.

हालाँकि, डेटाबेस में फोन नंबर की मौजूदगी मात्र इस बात की पुष्टि नहीं करती है कि संबंधित डिवाइस पेगासस से संक्रमित हुए या सिर्फ हैक करने का प्रयास किया गया.

पेगासस क्या है?

पेगासस इजराइल के एनएसओ ग्रुप (NSO Group) द्वारा विकसित एक स्पाइवेयर (spyware) मोबाइल App है. यह App लोगों के फोन के जरिए उनकी जासूसी करते हैं. पेगासस एक लिंक भेजता है और यदि उपयोगकर्ता लिंक पर क्लिक करता है, तो उसके फोन पर पेगासस इंस्टॉल हो जाता है.

एक बार पेगासस इंस्टॉल हो जाने के बाद यह उस मोबाइल के मैसेजिंग ऐप से पासवर्ड, संपर्क सूची, कैलेंडर ईवेंट, टेक्स्ट संदेश और लाइव वॉयस कॉल सहित उपयोगकर्ता के निजी डेटा को चुरा सकता है. फोन के आसपास की सभी गतिविधियों को रिकॉर्ड करने के लिए फोन कैमरा और माइक्रोफोन को भी चालू किया जा सकता है.

केन्द्रीय मंत्री परिषद् का विस्तार, वर्तमान मंत्रिपरिषद और विभाग की पूरी सूची

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 7 जुलाई को केन्द्रीय मंत्री परिषद् का विस्तार किया था. यह प्रधानमंत्री मोदी के दूसरे कार्यकाल का पहला विस्तार था.

इस विस्तार में कुल 43 सदस्यों को मंत्री पद (केंद्रीय एवं केंद्रीय राज्य मंत्री) की शपथ दिलाई गई थी और कई विभागों में बदलाव किया गया.

कई मंत्रियों का इस्तीफा

मंत्री परिषद् के विस्तार से पहले कई मंत्रियों ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था, जिनमें रविशंकर प्रसाद, प्रकाश जावडेकर, डॉ. हर्षवर्धन, रमेश पोखरियाल निशंक, थावरचंद गहलोत, बाबुल सुप्रियो और संतोष गंगवार समेत कई बड़े नाम शामिल हैं.

मंत्रियों की अधिकतम संख्या 81 हो सकती है

भारतीय संविधान के अनुसार, केंद्र/राज्य सरकार में मंत्रियों की संख्या लोकसभा के कुल सदस्यों के 15 फीसदी से ज्यादा नहीं हो सकती है. वर्तमान में लोकसभा में सदस्यों की कुल संख्या 543 है और इस हिसाब से कैबिनेट में मंत्रियों की अधिकतम संख्या 81 हो सकती है.

वर्तमान मंत्रिपरिषद और विभाग

कैबिनेट मंत्री

  1. राजनाथ सिंह- रक्षा मंत्रालय
  2. अमित शाह- गृह मंत्री, सहकारिता मंत्री
  3. नितिन गडकरी- सड़क और परिवहन मंत्रालय
  4. निर्मला सीतारमण- वित्त मंत्री और कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री
  5. नरेंद्र सिंह तोमर- कृषि मंत्रालय
  6. एस जयशंकर- विदेश मंत्रालय
  7. अर्जुन मुंडा- आदिवासी कल्याण मंत्री
  8. स्मृति ईरानी- महिला एवं बाल विकास मंत्री
  9. पीयूष गोयल- वाणिज्य और उद्योग मंत्री, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री और कपड़ा मंत्री
  10. धर्मेंद्र प्रधान- शिक्षा और स्वास्थ्य
  11. प्रहलाद जोशी- संसदीय कार्य मंत्री, कोयला मंत्री, खान मंत्री
  12. नारायण राणे-  सूक्ष्म , लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय
  13. सर्बानंद सोनोवाल- बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री और आयुष मंत्री
  14. मुख्तार अब्बास नकवी- अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री
  15. डॉ. वीरेंद्र कुमार- सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री
  16. गिरिराज सिंह- ग्रामीण विकास मंत्री और पंचायती राज मंत्री
  17. ज्योतिरादित्य सिंधिया- नागरिक उड्डयन मंत्रालय
  18. आरसीपी सिंह- इस्पात मंत्री
  19. अश्विनी वैष्णव- रेल मंत्री, संचार मंत्री और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री
  20. पशुपति पारस- खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री
  21. गजेंद्र सिंह शेखावत– जल शक्ति मंत्री
  22. किरण रिजीजू- कानून मंत्री, संस्कृति मंत्रालय
  23. आरके सिंह- उर्जा मंत्रालय
  24. हरदीप सिंह पुरी- पेट्रोलियम मंत्रालय
  25. मनसुख मंडाविया- स्वास्थ्य और रासायनिक उर्वरक मंत्रालय
  26. भूपेंद्र यादव- श्रम मंत्रालय, पर्यावरण मंत्रालय
  27. महेंद्र नाथ पांडेय- भारी उद्योग मंत्री
  28. पुरुषोत्तम रुपाला- डेयरी और मत्स्य पालन मंत्रालय
  29. जी किशन रेड्डी- पर्यटन मंत्रालय
  30. अनुराग ठाकुर- सूचना और प्रसारण मंत्रालय, युवा और खेल मंत्रालय भी

राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)

  1. राव इंद्रजीत सिंह – सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), योजना मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), और कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय में राज्य मंत्री
  2. डॉ. जितेंद्र सिंह – विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), PMO में राज्य मंत्री

राज्य मंत्री

  1. श्रीपद नाइक – बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय में राज्य मंत्री, साथ-साथ पर्यटन मंत्रालय में भी राज्य मंत्री
  2. फग्गनसिंह कुलस्ते – इस्पात मंत्रालय में राज्य मंत्री, और ग्रामीण विकास मंत्रालय में राज्य मंत्री
  3. प्रहलाद सिंह पटेल – जल शक्ति मंत्रालय में राज्य मंत्री, और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय में राज्य मंत्री
  4. अश्विनी कुमार चौबे- उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय में राज्य मंत्री, और पर्यावरण, वनऔर जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में राज्य मंत्री
  5. अर्जुन राम मेघवाल – संसदीय कार्य मंत्रालय में राज्य मंत्री, और संस्कृति मंत्रालय में राज्य मंत्री
  6. जनरल (सेवानिवृत्त) वीके सिंह – सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय में राज्य मंत्री, नागरिक उड्डयन मंत्रालय में राज्य मंत्री
  7. कृष्ण पाल – विद्युत मंत्रालय में राज्य मंत्री, भारी उद्योग मंत्रालय में राज्य मंत्री
  8. दानवे रावसाहेब दादाराव – रेल मंत्रालय में राज्य मंत्री, कोयला मंत्रालय में राज्य मंत्री, और खान मंत्रालय में राज्य मंत्री
  9. रामदास अठावले – सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय में राज्य मंत्री
  10. साध्वी निरंजन ज्योति – उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय में राज्य मंत्री, और ग्रामीण विकास मंत्रालय में राज्य मंत्री
  11. डॉ. संजीव कुमार बालियान – मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय में राज्य मंत्री
  12. नित्यानंद राय – गृह मंत्रालय में राज्य मंत्री
  13. पंकज चौधरी – वित्त मंत्रालय में राज्य मंत्री
  14. अनुप्रिया सिंह पटेल – वाणिज्य मंत्रालय में राज्य मंत्री
  15. एसपी सिंह बघेल – कानून और न्याय मंत्रालय में राज्य मंत्री
  16. राजीव चंद्रशेखर – कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय में राज्य मंत्री, और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में राज्य मंत्रीठ
  17. शोभा करंदलाजे – कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री
  18. भानु प्रताप सिंह वर्मा – सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय में राज्य मंत्री़
  19. दर्शन विक्रम जरदोश – कपड़ा मंत्रालय में राज्य मंत्री, और रेल मंत्रालय में राज्य मंत्री
  20. वी मुरलीधरन – विदेश मंत्रालय में राज्य मंत्री, और संसदीय कार्य मंत्रालय में राज्य मंत्री
  21. मीनाक्षी लेखी – विदेश मंत्रालय में राज्य मंत्री, और संस्कृति मंत्रालय में राज्य मंत्री
  22. सोम प्रकाश – वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय में राज्य मंत्री
  23. रेणुका सिंह सरुता – जनजातीय मामलों के मंत्रालय में राज्य मंत्री
  24. रामेश्वर तेली – पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय में राज्य मंत्री, और श्रम और रोजगार मंत्रालय में राज्य मंत्री
  25. कैलाश चौधरी – कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री
  26. अन्नपूर्णा देवी – शिक्षा मंत्रालय में राज्य मंत्री
  27. ए. नारायणस्वामी – सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय में राज्य मंत्री
  28. कौशल किशोर – आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय में राज्य मंत्री
  29. अजय भट्ट – रक्षा मंत्रालय में राज्य मंत्री, और पर्यटन मंत्रालय में राज्य मंत्री
  30. बीएल वर्मा – उत्तर पूर्वी क्षेत्र के विकास मंत्रालय में राज्य मंत्री, और सहकारिता मंत्रालय में राज्य मंत्री
  31. अजय कुमार – गृह मंत्रालय में राज्य मंत्री
  32. देवुसिंह चौहान – संचार मंत्रालय में राज्य मंत्री
  33. भगवंत खुबा – नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय में राज्य मंत्री, रसायन और उर्वरक मंत्रालय में राज्य मंत्री
  34. कपिल मोरेश्वर पाटिल – पंचायती राज मंत्रालय में राज्य मंत्री
  35. प्रतिमा भौमिक – सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय में राज्य मंत्री
  36. डॉ. सुभाष सरकार – शिक्षा मंत्रालय में राज्य मंत्री
  37. डॉ. भागवत किशनराव कराड – वित्त मंत्रालय में राज्य मंत्री
  38. डॉ. राजकुमार रंजन सिंह – विदेश मंत्रालय में राज्य मंत्री, और शिक्षा मंत्रालय में राज्य मंत्री
  39. डॉ. भारती प्रवीण पवार – स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री
  40. बिश्वेश्वर टुडू – जनजातीय मामलों के मंत्रालय में राज्य मंत्री, और जल शक्ति मंत्रालय में राज्य मंत्री
  41. शांतनु ठाकुर – बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय में राज्य मंत्री
  42. डॉ. मुंजापारा महेंद्रभाई – महिला एवं बाल विकास मंत्रालय में राज्य मंत्री, आयुष मंत्रालय में राज्य मंत्री
  43. जॉन बारला – अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय में राज्य मंत्री
  44. डॉ. एल. मुरुगन – मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय में राज्य मंत्री, सूचना और प्रसारण मंत्रालय में राज्य मंत्री
  45. निसिथ प्रमाणिक – गृह मंत्रालय में राज्य मंत्री, और युवा मामले और खेल मंत्रालय में राज्य मंत्री

राष्ट्रीय अभियान ‘निपुण भारत’ का शुभारंभ

शिक्षामंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने 5 जुलाई को पठन और संख्यात्मक कौशल में प्रवीणता के लिए राष्ट्रीय पहल ‘निपुण भारत’ कार्यक्रम की शुरूआत की थी. इस दौरान एक लघु वीडियो, गीत और निपुण भारत के कार्यान्वयन संबंधी दिशा-निर्देश भी जारी किए गये.

निपुण भारत क्या है?

  • निपुण (NIPUN) का का पूरा नाम “National Initiative for Proficiency in reading with Understanding and Numeracy” है.
  • निपुण भारत अभियान, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू करने के लिए उठाए जा रहे कदमों के तहत विद्यालय शिक्षा और साक्षरता विभाग की ओर से किया जाने वाला महत्वपूर्ण प्रयास है.
  • निपुण भारत अभियान का उद्देश्य आमतौर पर सभी के लिए आधारभूत साक्षरता और संख्यात्मक कौशल के अनुकूल माहौल बनाना है.
  • इसके माध्यम से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि वर्ष 2026-27 तक तीसरी कक्षा की पढाई पूरी करने वाले सभी बच्चे लिखने, पढने और संख्यात्मक कौशल में अपेक्षित प्रवीणता हासिल कर सकें.

राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020: एक दृष्टि

  • राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में शिक्षा की पहुंच, समानता, गुणवत्ता, वहनीय शिक्षा और उत्तरदायित्व जैसे मुद्दों पर विशेष ध्यान दिया गया है. राष्ट्रीय शिक्षा नीति का शुभारंभ स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग द्वारा 29 जुलाई 2020 को किया गया था.
  • नई शिक्षा नीति के निर्माण के लिये जून 2017 में पूर्व इसरो प्रमुख डॉ के कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया था. इस समिति ने मई 2019 में ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति का मसौदा’ प्रस्तुत किया था.
  • ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020’ वर्ष 1968 और वर्ष 1986 के बाद स्वतंत्र भारत की तीसरी शिक्षा नीति है. नई शिक्षा नीति में वर्तमान में सक्रिय 10+2 के शैक्षिक मॉडल के स्थान पर शैक्षिक पाठ्यक्रम को 5+3+3+4 प्रणाली के आधार पर विभाजित करने की बात कही गई है.
  • तकनीकी शिक्षा, भाषाई बाध्यताओं को दूर करने, दिव्यांग छात्रों के लिये शिक्षा को सुगम बनाने आदि के लिये तकनीक के प्रयोग को बढ़ावा देने पर बल दिया गया है.

भारत में एशिया का सबसे बड़ा हाई स्पीड टेस्टिंग ट्रैक की शुरुआत

भारत में एशिया का सबसे बड़ा हाई स्पीड टेस्टिंग ट्रैक ‘NATRAX’ (National Automotive Test Tracks) बनाया गया है. इसका उद्घाटन 28 जून को केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने किया था. यह हाई स्पीड टेस्टिंग ट्रैक मध्यप्रदेश के इंदौर जिले में है. इस ट्रैक पर 250 किमी की रफ्तार से सुपर कार (Super Car High Speed Testing Track) की टेस्टिंग हो सकेगी.

  • इंदौर के पीथमपुर में बने ट्रैक की लंबाई 11.30 किलोमीटर और चौड़ाई 16 मीटर है. है. दुनिया में सबसे लंबे ट्रैक की लंबाई 21 किलोमीटर है, जो जर्मनी में है. पीथमपुर ट्रैक दुनिया में पांचवां सबसे लंबा है.
  • इस ट्रैक पर 250 किमी की रफ्तार से हाई स्पीड कार की टेस्टिंग होगी. वहीं, कर्व पर 308 किलोमीटर की रफ्तार से टेस्टिंग संभव है. उद्घाटन से पहले लेंबागिनी कार की यहां स्पीड टेस्ट हुई थी.
  • यहां पर हाई स्पीड कैटेगरी की कार मर्सिडीज, टेस्ला, ऑडी, फेरारी, लेम्बोर्गिनी और बीएमडब्ल्यू की टेस्टिंग की जा सकती है.
  • इस ट्रैक पर वाहनों के हर तरह के परीक्षण किए जा सकते हैं, जैसे जैसे अधिकतम गति को आंकना, एक्सीलरेशन, तय गति पर ईंधन की खपत क्षमता, रियल रोड ड्राइविंग सिमुलेशन के माध्यम से उत्सर्जन परीक्षण, लेन बदलने के दौरान के दौरान वाहन की स्थिरता, उच्च गति की निरंतरता परखने की सुविधा है.

भारत ने नई पीढ़ी की बैलेस्टिक मिसाइल अग्नि-P का सफलतापूर्वक परीक्षण किया

भारत ने 28 जून को नई पीढ़ी की बैलेस्टिक मिसाइल अग्नि-P (Agni-P Missile) का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। यह परीक्षण रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने ओडि़सा के बालासौर के निकट डॉ. एपीजे अब्‍दुल कलाम द्वीप से किया. इस दौरान पूर्वी तट के निकट विभिन्‍न रडारों से मिसाइल पर नजर रखी गई।

अग्नि-P मिसाइल: एक दृष्टि

  • अग्नि-P (अग्नि प्राइम) एक बैलिस्टिक मिसाइल है, जिसकी मारक क्षमता 1000 किमी से 2000 किलोमीटर है. यह सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल है, जो लगभग 1000 किलोग्राम का पेलोड या परमाणु शस्त्र ले जा सकती है.
  • अग्नि प्राइम मिसाइल दो स्टेज और सॉलिड फ्यूल पर आधारित है जिस कारण यह सड़क और मोबाइल लॉन्चर दोनों से फायर किया जा सकता है.
  • भारत ने पहली बार साल 1989 में मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि 1 का परीक्षण किया था. अब अग्नि-P मिसाइल अग्नि 1 की जगह लेगा. अब तक अग्नि सीरीज की पांच मिसाइलों का सफलतापूर्वक विकास और परीक्षण किया जा चुका है.
  • अत्याधुनिक अग्नि प्राइम मिसाइल को 4000 किलोमीटर की रेंज वाली अग्नि 4 (Agni-4) और 5000 किलोमीटर की रेंज वाली अग्नि 5 मिसाइल (Agni-5 Missile) में इस्तेमाल होने वाली अत्याधुनिक तकनीकों को मिलाकर बनाया गया है.

DRDO ने पिनाक और कैलिबर रॉकेट के नये संस्करण का सफल परीक्षण किया

रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने 25 जून को स्वदेश में विकसित ‘पिनाक’ रॉकेट के नये संस्करण का सफल परीक्षण किया था. यह परीक्षण कल ओडिसा के चांदीपुर से किया गया था. इस परीक्षण के तहत अलग-अलग लक्ष्यों पर निशाना साधने के लिए 25 पिनाक रॉकेट दागे गये और ये सभी लक्ष्य पर सटीक बैठे.

DRDO ने स्वदेश में ही विकसित 122 मिलीमीटर कैलिबर रॉकेट के नये संस्करण का भी चांदीपुर से सफल परीक्षण किया था. ये रॉकेट 40 किलोमीटर तक के लक्ष्यों को निशाना बना सकते हैं.

‘पिनाक’ रॉकेट का नया संस्करण: एक दृष्टि

‘पिनाक’ एक स्वदेशी मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्च सिस्टम है. नये पिनाका रॉकेट की मारक क्षमता 45 किलोमीटर है. इसे रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित किया गया है.

लड़ाकू विमानों के लिए कैनोपी सेवरेन्‍स सिस्‍टम विकसित किया गया

पुणे के आर्मामेंट रिसर्च एण्‍ड डेवलेपमेंट इस्‍टैब्लिशमेंट (ARDA) ने लड़ाकू विमानों के लिए कैनोपी सेवरेन्‍स सिस्‍टम (CSS) विकसित किया है. सभी आधुनिक विमान अब इस CSS से लैस होंगे.

ARDA में रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) के प्रमुख वैज्ञानिक पीके मेहता की उपस्थिति में प्रौद्योगिकी हस्‍तांतरण प्रमाण-पत्र वितरण कार्यक्रम आयोजित किया गया.

कैनोपी सेवरेन्‍स सिस्‍टम (CSS) क्या है?

CSS एक जीवन रक्षक उपकरण है जो आपात संकट के समय पायलट को सुरक्षित निकलने में मदद करता है. यह पायलट को कम से कम समय में छतरी को अलग कर सुरक्षित निकलने का मौका देती है.

CSS में दो स्‍वतंत्र उपप्रणालियां काम करती हैं. पहली प्रणाली इनफ्लाइट एग्रेस सिस्‍टम उड़ान के दौरान आपात स्थितियों के लिए है और दूसरी ग्राउंड एग्रेस सिस्‍टम ऑन ग्राउंड आपात स्थितियों के लिए है.