ISRO ने PSLV-C51 राकेट से ब्राजील के अमे‍जोनिया-1 सहित 19 उपग्रहों का सफल प्रक्षेपण किया

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने 28 फरवरी को ब्राजील के अमे‍जोनिया-1 सहित 19 उपग्रहों का सफल प्रक्षेपण किया. यह प्रक्षेपण आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से PSLV-C51 अन्तरिक्ष यान के माध्यम से किया गया. यह ISRO की वाणिज्यिक संस्था ‘न्‍यू स्‍पेस इंडिया लिमिटेड’ का पहला मिशन था.

इस प्रक्षेपण में PSLV-C51 द्वारा ब्राजील के अमेजोनिया-1 उपग्रह के साथ 18 अन्य उपग्रह को अंतरिक्ष में भेजा गया. ISRO ने इस बार सैटेलाइट के अलावा भगवद गीता की एक इलेक्ट्रॉनिक कॉपी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की फोटो भी अंतरिक्ष में भेजी है.

मुख्य तथ्यों पर एक दृष्टि

  • PSLV-C51, PSLV (Polar Satellite Launch Vehicle) का 53वां और इस वर्ष का पहला मिशन था. इस अंतरिक्ष यान के शीर्ष पैनल पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर उकेरी गई है.
  • PSLV-C51 रॉकेट ने ब्राजील के 637 किलोग्राम भार के एमेजोनिया-1 उपग्रह को सफलतापूर्वक उसकी कक्षा में स्थापित किया. बाद में एक घंटे से अधिक समय के अंतराल के बाद इसने शेष 18 उपग्रहों का प्रक्षेपण किया.
  • अमेजोनिया-1, ब्राजील के नेशनल इंस्‍टीट्यूट फॉर स्‍पेस रिसर्च का प्रकाशीय पृथ्‍वी पर्यवेक्षण उपग्रह है. यह अमेजन क्षेत्र में वनों की कटाई की निगरानी और ब्राजील के लिए विविध कृषि के विश्लेषण के लिए उपयोगकर्ताओं को दूरस्थ संवेदी आंकड़े मुहैया कराएगा. साथ ही मौजूदा ढांचे को और मजबूत बनाएगा.
  • अमेजोनिया-1 के साथ 18 अन्य उपग्रह को भी सफलतापूर्वक उसकी कक्षा में स्थापित किया गया है. इन उपग्रहों में चेन्नई की स्पेस किड्ज़ इंडिया (SKI) का उपग्रह भी शामिल है. SKI ने एक एसडी कार्ड में भगवद्गीता की इलेक्ट्रॉनिक प्रति को अंतरिक्ष भेजा है.

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के लिए दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता की घोषणा

सरकार ने OTT (Over the Top Platform), ऑनलाइन स्ट्रीमिंग और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के लिए दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता की घोषणा की है. यह घोषणा 25 फरवरी को सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने की.

घोषणा के मुख्य बिंदु

  • सोशल मीडिया का भारत में एक फिजिकल कार्यालाय अनिवार्य होगा. इन दिशानिर्देशों के अंतर्गत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को शिकायतों के निपटान के लिए मुख्य अनुपालन अधिकारी, नोडल संपर्क व्यक्ति और एक रेजिडेंट शिकायत अधिकारी नियुक्त करना होगा. सोशल मीडिया प्लेटफार्मों को आपत्तिजनक सामग्री के पहले प्रवर्तक (पोस्ट करने वाले) का खुलासा करना होगा.
  • सूचना और प्रसारण मंत्री ने ओटीटी और डिजिटल मीडिया प्लेटफार्मों के नियमन के लिए त्रिस्तरीय तंत्र की भी घोषणा की. डिजिटल मीडिया पोर्टल को कुछ नियमों का पालन करना पड़ेगा.
  • डिजिटल मीडिया पर समाचार प्रदर्शित करने वालों को संबंधित भारतीय प्रेस परिषद की आचार संहिता और केबल टेलीविजन नेटवर्क विनियमन कानून के मानदंडों का पालन करना होगा.

DAC ने तीनों सशस्त्र बलों के कई पूंजीगत खरीद प्रस्तावों को मंजूरी दी

रक्षा अधिग्रहण परिषद (DAC) ने तीनों सशस्त्र बलों के कई पूंजीगत खरीद प्रस्तावों को मंजूरी दी है. ये मंजूरी 23 फरवरी को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई (DAC) की बैठक में दी गयी. इस बैठक में तीनों सशस्त्र बलों की जरूरतों को लेकर विभिन्न हथियारों, प्लेटफार्म, सैन्य उपकरणों के पूंजीगत खरीद प्रस्तावों को मंजूरी दी गयी.

इस बैठक में कुल 13,700 करोड़ रुपये की लागत वाली तीन ‘आवश्यकताओं को भी स्वीकृति’ (AON) दी गयी. ये सभी AON रक्षा खरीद की उच्चतम प्राथमिकता श्रेणी में हैं. इनमें ‘इंडियन- IDDM (स्वदेश में डिजाइन तैयार, विकसित एवं विनिर्मित)’ शामिल हैं.

खरीद प्रस्ताव में शामिल ये सभी साजो सामान स्वदेश में डिजाइन तैयार, विकसित एवं विनिर्मित होंगे. इनमें रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित प्लेटफार्म भी शामिल हैं. DAC ने यह भी मंजूरी दी है कि सभी पूंजीगत खरीद अनुंबंध, डी एंड डी (डिजाइंड एवं डेवलप्ड) मामलों को छोड़ कर दो साल में संपन्न की जाएं.

रक्षा अधिग्रहण परिषद (DAC) क्या है?

रक्षा अधिग्रहण परिषद (Defence Acquisition Council), तीनों सशस्त्र बलों की योजना और खरीद को स्वीकृति प्रदान करने वाली सर्वोच्च संस्था है. इसका गठन 2001 में राष्ट्रीय सुरक्षा प्रणाली में सुधार की सिफारिश के आधार पर किया गया था.

DRDO ने सतह-से-हवा में मार करने वाली मिसाइल ‘VL-SRSAM’ के दो परीक्षण किए

रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने 22 फरवरी को सतह-से-हवा में कम दूरी तक मार करने वाली मिसाइल (VL-SRSAM) के दो सफल परीक्षण किए. ये परीक्षण ओडिसा तट के पास चांदीपुर एकीकृत परीक्षण रेंज से किये गये.

DRDO ने इसे विशेष तौर पर नौसेना के लिए देश में ही डिजाइन और विकसित किया है. यह मिसाइल समुद्र में नजदीकी लक्ष्य सहित विभिन्न हवाई हमलों के खतरे से निपटने में सक्षम है. परीक्षण में मिसाइलों ने अत्यधिक सटीकता के साथ लक्ष्यों को भेद दिया. मिसाइलों को हथियार नियंत्रण प्रणाली के साथ तैनात किया गया था.

भारत और मॉरीशस के बीच व्यापक आर्थिक सहयोग और साझेदारी समझौते को मंजूरी दी गयी

भारत और मॉरीशस के बीच व्यापक आर्थिक सहयोग और साझेदारी समझौते (CECPA) को मंजूरी दी गयी है. यह मंजूरी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में 17 फरवरी को प्रदान की गयी. यह भारत का पहला CECPA व्यापार समझौता है, जो अफ्रीका के किसी देश के साथ किया गया है.

भारत-मॉरीशस CECPA: एक दृष्टि

  • भारत-मॉरीशस CECPA, दोनों देशों के बीच व्यापार को प्रोत्साहित करने और बेहतर बनाने के लिए एक संस्थागत तंत्र प्रदान करता है.
  • इस समझौते में भारत के लिए 310 निर्यात वस्तुओं को शामिल किया गया है जिसमें खाद्य सामग्री और पेय पदार्थ (80 श्रृंखला), कृषि उत्पाद (25 श्रृंखला), वस्त्र और वस्त्र उत्पाद (27 श्रृंखला), आधार धातु और इनसे बने उत्पाद (32 श्रृंखला), बिजली और इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद (13 श्रृंखला), प्लास्टिक और रसायन (20 श्रृंखला), लकड़ी तथा लकड़ी से बने सामान (15 श्रृंखला) और अन्य शामिल हैं.
  • मॉरीशस को अपने 615 उत्पादों के लिए प्राथमिकता के आधार पर भारतीय बाजार में पहुंच से लाभ मिलेगा. इनमें फ्रोजेन फिश, विशेष प्रकार की चीनी, बिस्कुट, ताजे फल, जूस, मिनरल वाटर, बीयर, मादक पेय, साबुन, बैग, चिकित्सा और शल्य-चिकित्सा उपकरण और परिधान शामिल हैं.
  • सेवा-व्यापार के संबंध में, भारतीय सेवा प्रदाताओं को 11 व्यापक सेवा क्षेत्रों जैसे पेशेवर सेवाओं, कंप्यूटर से संबंधित सेवाओं, अनुसंधान और विकास अन्य व्यावसायिक सेवाएँ, दूरसंचार, निर्माण, वितरण, शिक्षा, पर्यावरण, वित्तीय, पर्यटन और यात्रा संबंधी, मनोरंजन, योग, ऑडियो-विज़ुअल सेवाएँ और परिवहन सेवाएँ आदि के अंतर्गत से लगभग 115 उप-क्षेत्रों तक पहुंच प्राप्त होगी.

उत्‍तरप्रदेश में बहराइच जिले में महाराजा सुहेलदेव स्‍मारक की आधारशिला

उत्‍तरप्रदेश के बहराइच जिले में महाराजा सुहेलदेव की स्‍मारक का निर्माण किया जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने 16 फरवरी को एक कार्यक्रम में वीडियो काफ्रेंस के जरिये इस स्‍मारक और चित्‍तोरा झील के निर्माण कार्य की आधारशिला रखी. यह कार्यक्रम महाराजा सुहेलदेव की 112वीं जयंती पर आयोजित किया गया था. परियोजना में महाराजा सुहेलदेव की घोडे पर सवार मूर्ति के निर्माण के अलावा कैफिटेरिया, गेस्‍ट हाउस और बच्‍चों के पार्क का भी निर्माण किया जायेगा.

महाराजा सुहेलदेव: एक दृष्टि

सुहेलदेव श्रावस्ती के राजा थे. वह मुस्लिम आक्रमणकारियों को हराने के लिए जाने जाते हैं. उन्होंने 11वीं शताब्दी की शुरुआत में बहराइच में ग़ज़नवी सेनापति सैयद सालार मसूद ग़ाज़ी को पराजित कर मार डाला था.

मसूद को बहराइच में दफनाया गया था. फ़िरोज़ शाह तुग़लक़ ने वहाँ उसकी याद में एक दरगाह बनाई गई थी. यह दरगाह उस जगह बनायी गयी जहाँ पहले हिंदू संत और ऋषि बलार्क का एक आश्रम था.

राष्‍ट्रीय राजमार्गों के सभी टोल प्‍लाजा पर फास्‍टैग अनिवार्य

सरकार ने 16 फरवरी से राष्‍ट्रीय राजमार्गों के सभी टोल प्‍लाजा पर फास्‍टैग (FASTag) अनिवार्य कर दिया गया है. राष्‍ट्रीय राजमार्ग शुल्‍क अधिनियम-2008 के अनुसार बिना समुचित फास्टैग के किसी टोल प्‍लाजा के फास्‍टैग लेन में प्रवेश करने पर वाहन को निर्धारित शुल्‍क की दोगुना राशि का भुगतान करना होगा.

फास्‍टैग क्या है?

फास्‍टैग एक RFID टैग है जिसे डिजि‍टल माध्‍यम से भुगतान के लिए जोड़ा गया है. इस टैग को किसी वाहन के विंडस्‍क्रीन पर आसानी से चिपकाया जा सकता है. जब कोई वाहन टोल प्‍लाजा से गुजरता है तो RFID रीडर वाहन के फास्‍टैग को पढ़ लेता है और टोल शुल्‍क फास्‍टैग से जुड़े खाते अथवा प्रीपेड वॉलेट से अपने आप ही कट जाता है.

अत्याधुनिक अर्जुन टैंक को सेना में शामिल किया गया

स्वदेश विकसित अत्याधुनिक अर्जुन टैंक (MK-1A) को सेना में शामिल कर लिया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14 फरवरी को चेन्‍नई में इस टैंक को सेना को सौंपा. नए अर्जुन टैंक पश्चिमी राजस्थान के रेगिस्तान में भारत-पाकिस्तान सीमा पर तैनात किया जाएगा.

  • अर्जुन युद्धक टैंक को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) के CVRDE (Combat vehicle research and development establishment) ने देश में ही डिजाइन, विकसित और निर्मित किया है.
  • यह स्वदेशी गोला-बारूद का भी उपयोग करता है. यह किसी भी इलाके में दिन और रात के समय लक्ष्य को सटीकता से भेद सकता है.

गुजरात उच्च न्यायालय की हीरक जयंती

गुजरात उच्च-न्यायालय की हीरक जयंती मनाई जा रही है. इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 6 फरवरी को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से हीरक जयंती समारोह को सम्बोधित किया. उन्होंने उच्च-न्यायालय की स्थापना के 60 वर्ष पूरे होने पर एक स्मारक डाक टिकट भी जारी किया.

गुजरात हाईकोर्ट ने एक मई 2020 को अपनी स्थापना के 60 साल पूरे किये थे. प्रधानमंत्री हीरक जयंती समारोह के एक कार्यक्रम मे उपस्थित रहने वाले थे, लेकिन कोरोना वायरस संक्रमण के ज्यादा फैलाव से समारोह रद्द कर दिया गया था.

गुजरात उच्च न्यायलय: एक दृष्टि

गुजरात उच्च न्यायलय की स्थापना 1960 में उस समय के बॉम्बे राज्य में से गुजरात राज्य का गठन किये जाने पर की गई थी. पहले वह अहमदाबाद के निकट नारोल में स्थापित की गई थी. बाद में अहमदाबाद में इनकम टेक्‍स सर्किल के निकट स्थानांतरित हुई थी. अब 1998 से गुजरात उच्च न्यायलय सोला स्थित बड़े केम्पस में कार्यरत है.

भारत-फ्रांस पर्यावरण वर्ष की शुरुआत

भारत और फ्रांस ने पर्यावरण वर्ष की शुरुआत की है. इसका उद्देश्य पर्यावरण, जैव विविधता, जलवायु परिवर्तन तथा अन्य क्षेत्रों में भारत और फ्रांस के बीच सहयोग बढाना है. इसकी शुरुआत 28 जनवरी को पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने फ्रांस की पर्यावरण मंत्री बारबरा पोम्पिली के साथ की.

भारत-फ्रांस पर्यावरण वर्ष: मुख्य बिंदु

  • वर्ष 2021-2022 तक आयोजित होने वाला यह भारत-फ्रांस पर्यावरण वर्ष मुख्य रूप से इन पांच विषयों पर केन्द्रित होगाः पर्यावरण संरक्षण, जलवायु परिवर्तन, जैव-विविधता संरक्षण, सतत शहरी विकास और नवीकरणीय ऊर्जा एवं ऊर्जा दक्षता का विकास.
  • भारत और प्रांस की पर्यावरण परियोजनाएं पहले ही असम और राजस्थान में चल रही हैं. शीघ्र ही झारखंड में एक परियोजना शुरू की जाएगी.
  • वर्ष 2021 में सतत विकास में सहयोग तथा वैश्विक पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रभावी कार्य योजना के लिए आपसी सहयोग बढ़ाया जाएगा.

बीटिंग रीट्रिट के साथ 72वें गणतंत्र दिवस समारोह का समापन हुआ

हर साल 29 जनवरी को विजय चौक पर होने वाले समारोह ‘बीटिंग रीट्रिट’ (Beating Retreat) के साथ गणतंत्र दिवस समारोह का समापन होता है. इस वर्ष बीटिंग द रिट्रीट समारोह नई दिल्‍ली के ऐतिहासिक विजय चौक पर आयोजित किया गया. इसके साथ ही चार दिन का गणतंत्र दिवस समारोह संपन्‍न हो गया.

बीटिंग रिट्रीट में सेना, नौसेना, वायु सेना और केन्‍द्रीय सशस्‍त्र पुलिस बलों के बैंड मधुर संगीत के साथ कार्यक्रम प्रस्‍तुत किया गया. कार्यक्रम का प्रारंभ मास्‍डबैंड द्वारा स्‍वर्णिम विजय धुन के साथ और इसका समापन लोकप्रिय धुन सारे जहां से अच्‍छा के साथ हुआ.

बीटिंग रीट्रिट क्या है?

बीटिंग रिट्रीट सदियों पुरानी सैन्‍य परम्‍परा है जिसमें सेनाएं युद्ध के दौरान सूर्यास्‍त के बाद छावनी में लौट जाती हैं. जैसे ही बिगुल बजता है सैनिक लड़ना बंद कर देते हैं, हथियार म्‍यान में रख दिये जाते हैं और वे युद्ध के मैदान से वापस आ जाते हैं.

यह 1950 के दशक की शुरूआत में उस समय शुरू हुआ जब भारतीय सेना के मेजर रॉबर्ट्स ने बैंड द्वारा प्रदर्शन का अनूठा तरीका विकसित किया था.

भारत और IAA ने रणनीतिक भागीदारी समझौते पर हस्ताक्षर किये

भारत ने 27 जनवरी को अन्तर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IAA) के साथ रणनीतिक भागीदारी समझौते पर हस्ताक्षर किये. समझौता ज्ञापन (MOU) पर भारत की ओर से ऊर्जा सचिव संजीव नंदन सहाय और IAA की ओर से कार्यकारी निदेशक डॉ. फतिह बिरोल ने हस्ताक्षर किए. इसका मकसद वैश्विक ऊर्जा सुरक्षा, स्थिरता और उसे भरोसेमंद बनाने में सहयोग को मजबूत बनाना है.

भारत-IAA ने समझौते के मुख्य बिंदु

  • इस साझेदारी से सदस्य देश एक-दूसरे के बीच जानकारी का व्यापक रूप से आदान-प्रदान कर सकेंगे. साथ ही यह समझौता भारत के लिए IAA का पूर्ण सदस्य बनने की दिशा में एक और कदम होगा.
  • यह समझौता भारत के लिए IAA पूर्ण सदस्य बनने की दिशा में एक और कदम होगा.
  • इस समझौते के तहत सदस्य देशों के बीच आपसी विश्वास, मजबूत सहयोग और वैश्विक ऊर्जा सुरक्षा, स्थिरता और टिकाऊपन को बढ़ावा मिलेगा.
  • रणनीतिक साझेदारी की रूपरेखा को भारत और IAA के सदस्यों द्वारा तय किया जाएगा जिसमें भारत की भूमिका और साझेदारी से मिलने वाले फायदे धीरे-धीरे बढ़ाए जाएंगे.
  • IAA सचिवालय भारत में आपसी सहयोग बढ़ाने वाली गतिविधियों के कार्यान्वयन के लिए जिम्मेदार होगा.
  • भारत सरकार समझौते के अनुसार ऊर्जा क्षेत्र में रणनीतिक और तकनीकी सहयोग को प्रोत्साहित करने और बढ़ावा देने वाले आवश्यक कदम उठाएगी.

अन्तर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी: एक दृष्टि

अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA) एक स्वायत्त अंतर सरकारी विश्व संस्था है. इसकी स्थापना 1974 में हुई थी और इसका मुख्यालय फ्रांस के पेरिस में है. आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (OECD) के 7 सदस्य देशों को छोड़कर शेष सभी OCED सदस्य IEA के सदस्य हैं.

OECD, 35 सदस्य देशों की एक अंतरसरकारी आर्थिक संगठन है, जिसकी स्थापना 1960 में आर्थिक प्रगति और विश्व व्यापार को प्रोत्साहित करने हेतु की गई थी. अधिकांश OECD सदस्य उच्च आय वर्ग अर्थव्यवस्थाएं हैं.