राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में नए मुख्यमंत्री

राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम विधानसभा के लिए हाल ही में चुनाव कराए गए थे. इन चुनाव परिणाम के बाद इन राज्यों में नए मुख्यमंत्रियों ने शपथ ली.

चुनाव परिणाम में मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भाजपा ने जबकि तेलंगाना में कांग्रेस ने पूर्ण बहुमत हासिल किया था. मिजोरम विधानसभा में जेडपीएम को बहुमत प्राप्त हुआ था.

मुख्य बिन्दु

  • तेलंगाना में कांग्रेस के ए. रेवंत रेड्डी ने मुख्‍यमंत्री पद की शपथ ली. राज्यपाल तमिलिसाई सौन्‍दर्यराजन ने उन्हें पद तथा गोपनीयता की शपथ दिलाई. यहाँ कांग्रेस ने 119 में से 64 सीटों पर जीत हासिल की थी. तेलंगाना में कांग्रेस के गद्दाम प्रसाद कुमार को निर्विरोध विधानसभा का अध्यक्ष चुना गया है.
  • मिजोरम में जोरम पीपुल्‍स मूवमेंट (जेडपीएम) के नेता ललदूहोमा ने मुख्‍यमंत्री पद की शपथ ली. राज्‍यपाल डॉ हरीबाबू कम्‍भापति श्री ललदूहोमा को शपथ दिलाई. जेडपीएम नेता और पूर्व आईपीएस अधिकारी ललदूहोमा को की पाटी को 40 सदस्‍यीय विधानसभा में 27 सीटे मिली थी.
  • भारतीय जनता पार्टी के वरिष्‍ठ नेता विष्णुदेव साय ने छत्‍तीसगढ के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई. यहाँ के कुल 90 सीटों में से भाजपा ने 54 सीटों पर जीत हासिल की थी. विष्‍णुदेव साय राज्‍य में कुनकुरी विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए हैं.
  • मध्‍य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता मोहन यादव ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. राज्यपाल मंगू भाई पटेल ने उन्हें शपथ दिलाई. राजेंद्र शुक्ला और जगदीश देवड़ा को उप मुख्यमंत्री बनाया गया है.
  • राजस्‍थान में भारतीय जनता पार्टी नेता भजन लाल शर्मा ने मुख्‍यमंत्री पद की शपथ ली. राज्‍यपाल कलराज मिश्र ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई. दीया कुमारी और प्रेम चन्‍द बैरवा को उप-मुख्यमंत्री बनाया गया है.

संसद ने केंद्रीय विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक 2023 पारित किया

संसद ने हाल ही में केंद्रीय विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक (Central Universities Amendment Bill) 2023 पारित किया है. राज्यसभा ने 14 दिसम्बर को इसे मंजूरी दी जबकि लोकसभा ने इसे पहले ही पारित कर चुका था.

मुख्य बिन्दु

  • यह विधेयक विभिन्‍न राज्‍यों में शिक्षण और अनुसंधान के लिए केंद्रीय विश्‍वविद्यालयों की स्थापना से सम्‍बंधित है.
  • इसमें तेलंगाना के लिए केंद्रीय जनजातीय विश्‍वविद्यालय की स्‍थापना का प्रावधान है. इसका नाम सम्‍मक्‍का-सरक्‍का केन्द्रीय जनजातीय विश्‍वविद्यालय होगा.
  • इससे जनजातीय समुदाय के लोगों को उच्च शिक्षा और अनुसंधान की सुविधाएं प्राप्त होगी.

भारत ने वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान जलवायु अनुकूलन पर 13.35 लाख करोड़ रुपये खर्च किये

भारत ने वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान जलवायु अनुकूलन पर अपने सकल घरेलू उत्पाद का 5.5 प्रतिशत से अधिक लगभग 13.35 लाख करोड़ रुपये खर्च किये. इसकी जानकारी भारत द्वारा संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन फ्रेमवर्क को सौंपी गई रिपोर्ट में दी गई है.

मुख्य बिन्दु

  • भारत ने यह जानकारी भी दी है कि इस प्रयोजन से अगले सात वर्ष में लगभग 57 लाख करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे ताकि जलवायु परिवर्तन की स्थिति को और अधिक प्रतिकूल होने से रोका जा सके.
  • जलवायु अनुकूलन प्रयास, जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने के लिए किये जाते हैं और इसका उद्देश्य ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में कमी लाना है.
  • इसके लिए किये जा रहे प्रयासों में समुद्र के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए दीवाल खड़ी करना, तापमान से अप्रभावित रहने वाली फसलें विकसित करना, तापमान को नियंत्रित करने की योजना बनाना और आपदाओं से मुकाबला कर सकने वाले बुनियादी ढांचे तैयार करना शामिल हैं.
  • वैश्विक जलवायु परिवर्तन फ्रेमवर्क के अंतर्गत हर देश अपने यहां हो रहे ग्रीन गैस उत्सर्जन का वार्षिक आकलन कर संयुक्त राष्ट्र को जानकारी उपलब्ध कराता है.
  • इसी क्रम में भारत ने क्योटो-प्रोटोकोल के तहत संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन फ्रेमवर्क को अपनी रिपोर्ट दी है.

संसद ने जम्‍मू-कश्‍मीर आरक्षण-संशोधन विधेयक-2023 पारित किया

संसद ने हाल ही में जम्‍मू-कश्‍मीर आरक्षण-संशोधन विधेयक (Jammu and Kashmir Reservation Amendment Bill) 2023 और जम्‍मू-कश्‍मीर पुनर्गठन-संशोधन विधेयक-2023 पारित किया था. राज्‍यसभा ने इस विधेयक को 11 दिसम्बर को मंजूरी दी जबकि लोकसभा ने 6 दिसम्बर को स्‍वीकृति दी थी.

मुख्य बिन्दु

  • जम्‍मू-कश्‍मीर आरक्षण-संशोधन विधेयक-2023, जम्‍मू-कश्‍मीर आरक्षण विधेयक-2004 में संशोधन के बारे में है. इसके अंर्तगत अनुस‍ूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और सामाजिक तथा शैक्षिक रूप से पिछडे लोगों को पेशेवर संस्‍थानों में नौकरियों तथा प्रवेश में आरक्षण का प्रावधान है.
  • जम्‍मू-कश्‍मीर पुनर्गठन-संशोधन विधेयक-2023, जम्‍मू-कश्‍मीर पुर्नगठन विधेयक-2019 में संशोधन से संबंधित है. इस विधेयक में जम्‍मू-कश्‍मीर विधानसभा में कुल 83 सीटों को निर्दिष्‍ट करने वाले 1950 के अधिनियम की दूसरी अनुसूची में संशोधन किया गया था.
  • प्रस्तावित विधेयक में सीटों की कुल संख्या बढाकर 90 करने का प्रावधान किया गया है. इसमें अनुसूचित जातियों के लिए 7 और अनुसूचित जनजातियों के लिए 9 सीटों का प्रस्ताव है.

जम्‍मू कश्‍मीर से अनुच्‍छेद-370 हटाने की वैधता पर सुप्रीम कोर्ट में फैसला

सुप्रीम कोर्ट ने जम्‍मू कश्‍मीर से अनुच्‍छेद-370 को रद्द करने के केन्द्र सरकार के निर्णय पर 11 दिसम्बर को अपना फैसला सुनाया था. 5 जजों की संविधान पीठ ने एकमत से दिए गए अपने फैसले में कश्मीर से आर्टकिल 370 को हटाने के निर्णय को सही बताया.

मुख्य बिन्दु

  • सर्वोच्च अदालत ने आर्टकिल 370 को एक अस्थायी प्रावधान बताते हुए इसको निरस्त करने के केंद्र के नरेंद्र मोदी सरकार के फैसले को सही बताया.
  • कोर्ट ने साथ ही चुनाव आयोग को जम्मू-कश्मीर में जल्द से जल्द चुनाव कराने का आदेश दिया ताकि उसके राज्य का दर्जा बहाल हो सके. कोर्ट ने इसके लिए 30 सितंबर 2024 समय सीमा भी तय कर दी.
  • यही नहीं शीर्ष अदालत ने लद्दाख को केंद्रशासित प्रदेश बनाए रखने को भी मंजूरी दे दी.
  • चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस सूर्यकांत की संविधान पीठ ने मामले की सुनवाई के दौरान ये फैसला सुनाया.
  • चीफ जस्टिस ने अपने फैसले में कहा कि भारत में जम्मू-कश्मीर का विलय होने के बाद उसकी संप्रभुता खत्म हो गई थी. यानी वो आंतरिक रूप से संप्रभु नहीं था.

पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की 26वीं बैठक पटना में आयोजित की गई

पूर्वी क्षेत्रीय परिषद (Eastern Zonal Council) की 26वीं बैठक 10 दिसम्बर को पटना में आयोजित की गई थी. बैठक की अध्यक्षता गृहमंत्री अमित शाह ने की. बैठक में बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओडिसा के मुख्यमंत्री ने हिस्सा लिया.

गृहमंत्री अमित शाह ने संबोधित करते हुए सभी सदस्‍यों से अपील की कि वे चहुंमुखी विकास के लिए सहकारी संघवाद की भावना से काम करें.

उन्होंने कहा कि सदस्‍य राज्‍यों को लम्बित मुद्दों का समाधान करने में उदार और सद्भावपूर्ण दृष्टिकोण अपनाना चाहिए.

क्षेत्रीय परिषदें: एक दृष्टि

क्षेत्रीय परिषदें (Zonal Councils), केन्द्र एवं राज्यों के बीच आपसी मतभेदों को स्वतंत्र एवं निष्पक्ष विचार-विमर्शों तथा परामर्शों के माध्यम से सुलझाने के लिए एक मंच प्रदान करती है.

इनकी बैठकों में संसाधनों के वितरण, करों में हिस्सेदारी, राज्यों के पारस्परिक विवादों, वामपंथी उग्रवाद, कानून और व्यवस्था पर चर्चा की जाती है.

वर्तमान में, भारत में छः क्षेत्रीय परिषद (उत्तरी, मध्य, पूर्वी, पश्चिमी, दक्षिणी और उत्तर-पूर्वी) हैं. पांच क्षेत्रीय परिषद (उत्तरी, मध्य, पूर्वी, पश्चिमी और दक्षिणी) का गठन 1957 में राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 1956 के अंतर्गत हुआ था. उत्तर-पूर्वी परिषद का गठन 1971 के उत्तर-पूर्वी परिषद अधिनियम द्वारा हुआ था.

  1. उत्तरी क्षेत्रीय परिषद: इसमें हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, राजस्थान राज्य, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली और संघ राज्य क्षेत्र चंडीगढ़, जम्मू और कश्मीर तथा लद्दाख शामिल हैं.
  2. मध्य क्षेत्रीय परिषद: इसमें छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश राज्य शामिल हैं.
  3. पूर्वी क्षेत्रीय परिषद: इसमें बिहार, झारखंड, उड़ीसा और पश्चिम बंगाल राज्य शामिल हैं.
  4. पश्चिमी क्षेत्रीय परिषद: इसमें गोवा, गुजरात, महाराष्ट्र राज्य और संघ राज्य क्षेत्र दमन-दीव तथा दादरा एवं नगर हवेली शामिल है.
  5. दक्षिणी क्षेत्रीय परिषद: इसमें आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, राज्य और संघ राज्य क्षेत्र पुद्दुचेरी शामिल हैं.
  6. उत्तर-पूर्वी परिषद: असम, मणिपुर, मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मेघालय, त्रिपुरा और सिक्किम शामिल हैं.

अध्यक्ष और अन्य सदस्य

केन्द्रीय गृह मंत्री इन सभी परिषदों के अध्यक्ष होते हैं. प्रत्येक क्षेत्रीय परिषद में शामिल किये गए राज्यों के मुख्यमंत्री, रोटेशन से एक वर्ष की अवधि के लिये उस क्षेत्रीय परिषद के उपाध्यक्ष के रूप में कार्य करते हैं.

मुख्यमंत्री और प्रत्येक राज्य से राज्यपाल द्वारा यथा नामित दो अन्य मंत्री और परिषद में शामिल किये गए संघ राज्य क्षेत्रों से दो सदस्य.

उद्देश्य

राष्ट्रीय एकीकरण को साकार करना. तीव्र राज्य संचेतना, क्षेत्रवाद तथा विशेष प्रकार की प्रवृत्तियों के विकास को रोकना.

सांसद महुआ मोइत्रा की संसद सदस्यता रद्द, जानिए किन परिस्थितियों में होती है सदस्यता रद्द

तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा की संसद सदस्यता 9 दिसम्बर को रद्द कर दी गई. लोकसभा की एथिक्स कमेटी की सिफ़ारिश पर मोइत्रा की सदस्यता रद्द की गई है. उनपर पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने का मामला दर्ज किया गया था.

महुआ मोइत्रा पर आरोप था कि उन्होंने भारतीय कारोबारी गौतम अदानी और उनकी कंपनियों के समूह को निशाना बनाने के लिए रिश्वत लेकर लगातार संसद में सवाल पूछे. ये आरोप बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने लगाए थे.

संसद सदस्यता रद्द किन परिस्थितियों में होती है?

भारतीय संसद के इतिहास में अलग-अलग दौर में कई कारणों से राज्यसभा और लोकसभा सांसदों की सदस्यता रद्द हुई है. ऐसा भारतीय संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों, जन प्रतिनिधित्व से जुड़े क़ानूनों और संसदीय नियमों के तहत होता है. कमोबेश ऐसे ही नियम विधानसभा सदस्यों पर भी लागू होते हैं.

अनुच्छेद 101

  • अगर कोई सदस्य संसद के दोनों सदनों यानी लोकसभा और राज्यसभा के लिए चुन लिया जाता है तो उसे किसी एक सदन की सदस्यता से इस्तीफ़ा देना होता है. इसी के साथ, यह भी कहा गया है कि कोई सदस्य संसद और विधानसभा, दोनों का सदस्य नहीं हो सकता.
  • अगर संसद के किसी भी सदन का सदस्य बिना इजाज़त सभी बैठकों से 60 दिनों की अवधि तक ग़ैर-हाज़िर रहता है तो उसकी सीट ख़ाली घोषित की जा सकती है.

अनुच्छेद 102

  • कोई भी सदस्य अगर भारत सरकार या राज्य सरकार में ऐसे पद पर है, जो लाभ के पद की श्रेणी में आता है तो उसे अयोग्य घोषित किया जाता है.
  • अगर कोई सांसद किसी अदालत द्वारा मानसिक रूप से अस्वस्थ घोषित कर दिया जाए तो उसकी सदस्यता ख़त्म हो सकती है.
  • अगर कोई सांसद दीवालिया घोषित है और किसी अदालत से राहत नहीं मिली तो उसकी सदस्यता रद्द की जा सकती है.
  • अगर कोई व्यक्ति भारत का नागरिक न हो या फिर वह किसी और देश की नागरिकता ग्रहण कर ले तो उसकी सदस्यता रद्द कर दी जाएगी.
  • इसके अलावा, किसी और देश के प्रति निष्ठा जताने पर भी सदस्यता जा सकती है.
  • किसी सांसद की सदस्यता दसवीं अनुसूची (दल-बदल रोधी क़ानून) के तहत, अगर कोई सांसद उस पार्टी की सदस्यता छोड़ता है, जिससे वह चुना गया है तो उसकी सदस्यता रद्द हो जाएगी. हालांकि, इसके लिए अपवाद भी है. एक राजनीतिक दल किसी दूसरे दल में विलय कर सकता है, बशर्ते उसके कम से कम दो तिहाई विधायक विलय के पक्ष में हों.
  • दसवीं अनुसूची में ही यह प्रावधान किया गया है कि सांसद को अपनी पार्टी की ओर से जारी व्हिप का सम्मान करना होगा. अगर कोई सांसद किसी विषय पर मतदान के दौरान अपनी पार्टी के आदेशों का पालन ना करे या फिर वोटिंग से ग़ैर-हाजिर रहे तो उसकी सदस्यता रद्द की जा सकती है.

लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम

  • लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम में प्रावधान है कि अगर कोई सांसद कुछ क़ानूनों के तहत दो साल या इससे अधिक की सज़ा पाता है तो उसकी सदस्यता जा सकती है.
  • अगर यह पाया जाए कि किसी सांसद ने अपने चुनावी हलफ़नामे में कोई ग़लत जानकारी दी है या फिर वह लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम का उल्लंघन करता है तो उसकी सदस्यता जा सकती है.
  • लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के प्रावधानों के तहत इन कारणों से सदस्यता रद्द हो सकती है:
  • आरक्षित सीटों पर ग़लत प्रमाण पत्र के आधार पर चुनाव लड़ना, दो समूहों के बीच नफ़रत फैलाना, चुनाव प्रभावित करना, घूस लेना, बलात्कार या महिलाओं के खिलाफ गंभीर अपराध, धार्मिक सौहार्द खराब करना, छुआछूत करना, प्रतिबंधित वस्तुओं का आयात-निर्यात.
  • संसद की आचार संहिता का उल्लंघन करने पर सदस्यता रद्द हो सकती है. संसद के दोनों सदनों में एथिक्स कमेटियां हैं, जो सांसदों के आचरण संबंधित शिकायतों की जांच कर करती हैं.
  • एथिक्स कमेटी को सदस्यों के ‘अनएथिकल’ व्यवहार की शिकायतों की जांच करके लोकसभा अध्यक्ष को सिफ़ारिशें भेजने का अधिकार है.
  • एथिक्स कमेटी को समय-समय पर नियम बनाने और उन्हें संशोधित करने का भी अधिकार है. महुआ मोइत्रा की संसद सदस्यता भी इसी एथिक्स कमेटी की सिफ़ारिश के आधार पर रद्द की गई है.

राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम विधानसभा चुनाव संपन्न

राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम विधानसभा के लिए हाल ही में चुनाव कराए गए थे. इन चुनावों में मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भाजपा ने जबकि तेलंगाना में कांग्रेस ने पूर्ण बहुमत हासिल किया. मिजोरम विधानसभा में जेडपीएम को बहुमत मिला.

मुख्य बिन्दु

  • राजस्थान विधानसभा में कुल 200 सीटों में से 199 सीटों के लिए चुनाव हुए थे. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 115 सीटें, कांग्रेस ने 69 सीटें, भारत आदिवासी पार्टी ने 3 और बहुजन समाज पार्टी ने 2 सीटें और राष्ट्रीय लोक दल और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी ने 1-1 सीटें जीती. आठ निर्दलीय उम्मीदवार भी विजयी रहे.
  • चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद निवर्तमान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्यपाल कलराज मिश्र को अपना इस्तीफा सौंप दिया.
  • मध्य प्रदेश में कुल 220 सीटों में से सत्तारूढ़ भाजपा ने 163 सीटें जीतकर राज्य विधानसभा में स्पष्ट बहुमत हासिल किया. कांग्रेस ने 66 सीटों पर जीत हासिल की. 1 सीट अन्‍य के खाते में गई.
  • मध्य प्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्यपाल मंगूभाई पटेल को अपना इस्तीफा दे दिया.  मोहन यादव मध्य प्रदेश के नए मुख्यमंत्री होंगे.
  • छत्तीसगढ़ में कुल 90 सीटों में से भाजपा ने 54 सीटों पर जीत हासिल की. सत्तारूढ़ कांग्रेस को 35 सीटें मिली. चुनाव परिणाम के बाद निवर्तमान मुख्यमंत्री बघेल ने राज्यपाल से मुलाकात कर उन्हें अपना इस्तीफा सौंप दिया. विष्णुदेव साय नए मुख्यमंत्री होंगे.
  • तेलंगाना में कांग्रेस ने 119 में से 64 सीटों पर जीत हासिल की. सत्तारूढ़ बीआरएस को केवल 39 सीटें मिली हैं. भाजपा 8 सीटों के साथ तीसरे स्थान पर रही. एआईएमआईएम ने 7 सीटें जीती. सीपीआई को 1 सीट मिली.
  • तेलंगाना के वर्तमान मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने राज्यपाल तमिलिसाई सौंदर्यराजन को अपना इस्तीफा दे दिया. तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रेवंत रेड्डी अगले मुख्यमंत्री होंगे.
  • मिजोरम में जोरम पीपुल्स मूवमेंट (जेडपीएम) ने पूर्ण बहुमत हासिल किया. चालीस सदस्‍यों की विधानसभा में उसे 27 सीटें मिली. मिज़ो नेशनल फ्रंट ने 10 भारतीय जनता पार्टी ने 2 और कांग्रेस ने 1 सीट जीती. जेडपीएम के नेता लालदुहोमा शुक्रवार को मिजोरम के नए मुख्यमंत्री होंगे.

DAC ने 2.23 लाख करोड रुपये के रक्षा सौदे के प्रस्तावों को अनुमति दी

रक्षा खरीद परिषद (DAC) ने सशस्त्र बलों की संचालन क्षमता बढाने के लिए 30 नवंबर को 2.23 लाख करोड रुपये के रक्षा सौदे के प्रस्तावों को अनुमति दी थी. इसमें 65 हजार करोड़ रुपए के 97 LCA मार्क 1A फाइटर जेट के अधिग्रहण का प्रस्ताव शामिल है. यह मंजूरी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में दी गई थी.

मुख्य बिन्दु

  • इसी के साथ भारतीय वायुसेना को ये आधुनिक फाइटर जेट मिलने का रास्ता साफ हो गया है. यही नहीं, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में रक्षा अधिग्रहण परिषद ने 156 LCH प्रचंड हेलिकॉप्टर और  84 Su-30MKI फाइटर्स को खरीदने के अपग्रेड प्लान को मंजूरी दी है.
  • गौरतलब है कि DAC द्वारा मंजूरी दिए गए प्रोजेक्ट्स में से रक्षा क्षेत्र में ‘आत्मनिर्भरता’ को बढ़ावा देने के लिए 98 फीसदी घरेलू उद्योगों से प्राप्त किया जाएगा.
  • DAC ने दो प्रकार के एंटी-टैंक युद्ध सामग्री, एरिया डेनियल म्यूनिशन (ADM) टाइप-2 और टाइप-3 की खरीद के लिए मंजूरी दी है. ये टैंक और बख्तरबंद वाहन और दुश्मन के सैनिकों को बेअसर करने में सक्षम हैं.
  • स्वदेशी कैटेगरी के तहत T-90 टैंकों के लिए स्वचालित लक्ष्य ट्रैकर (ATT) और डिजिटल बेसाल्टिक कंप्यूटर (DBC) की खरीद और एकीकरण के लिए मंजूरी दी गई है. ये प्रतिद्वंद्वी प्लेटफार्मों पर टी-90 टैंकों को मजबूत बनाए रखने में मदद करेगा.

दुर्लभ और सामरिक रूप से महत्वपूर्ण खनिज पदार्थों की नीलामी शुरू

सरकार दुर्लभ और सामरिक रूप से महत्वपूर्ण खनिज पदार्थों की नीलामी शुरू की है. नीलामी का उद्देश्‍य अर्थव्यवस्था के साथ साथ स्‍वच्‍छ ऊर्जा को बढ़ावा देना है.

केन्द्रीय कोयला और खान मंत्री प्रहलाद जोशी ने 29 नवंबर को इस नीलामी प्रक्रिया के पहले चरण की शुरुआत की थी. इस चरण में 20 ब्लॉकों की बिक्री शुरू हुई है. इस नीलामी में  लिथियन और ग्रेफाइट जैसे मिनरल्स के लिए बोली मंगाई गई है.

मुख्य बिन्दु

  • बिक्री के लिए रखे ये 20 ब्लॉक देश भर में फैले हुए हैं. ये खनिज देश के आर्थिक विकास और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से अहम माने जाते हैं.
  • खान मंत्रालय के अनुसार यह एक ऐतिहासिक पहल है जो भारतीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगी, राष्ट्रीय सुरक्षा को बढ़ाएगी और स्वच्छ ऊर्जा भविष्य की ओर हमारे संक्रमण का समर्थन करेगी.
  • भारत वर्ष  2030 तक गैर-जीवाश्म स्रोतों से 50 प्रतिशत बिजली उत्पादन हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध है. ऊर्जा क्षेत्र में इस महत्वाकांक्षी योजना से इलेक्ट्रिक कारों, वायु और सौर ऊर्जा परियोजनाओं तथा बैटरी भण्डारण प्रणालियों की माँग बढेगी और इन खनिज पदार्थों की मांग में भी वृद्धि होगी.
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार ने भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने का सपना देखा है, इस कारण देश में पहली बार ‘महत्वपूर्ण और रणनीतिक खनिजों’ की ऑनलाइन नीलामी का ऐलान एक बेहद महत्वाकांक्षी कदम है.
  • दरअसल, लिथियम की बढ़ती जरूरतों के मद्देनजर भारत सरकार इसकी सप्लाई चेन सुरक्षित करने के तरीके तलाश रही है. इसी क्रम में विदेशों में खानों की खुदाई और उनसे निकले महत्वपूर्ण खनिजों की प्रोसेसिंग के लिए खनिज विदेश इंडिया लिमिटेड (KABIL) की स्थापना वर्ष 2019 में की गई.
  • इस संयुक्त उद्यम कंपनी की स्थापना तीन केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों- नैशनल एल्युमीनियम कंपनी लिमिटेड (NALCO), हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड (HCL) और मिनरल एक्सप्लोरेशन कंपनी लिमिटेड की भागीदारी के साथ की गई.
  • यह उद्यम विदेशों में रणनीतिक खनिजों की पहचान, अधिग्रहण, विकास और प्रसंस्करण का काम देखता है.
  • भारत, दुनिया के टॉप ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जकों में से एक है, जो ऑस्ट्रेलिया, अर्जेंटीना और चिली जैसे संसाधन संपन्न देशों में प्रमुख खनिजों को सुरक्षित करने के लिए विदेशी समझौते कर रहा है.

नीलामी के लिए जारी 20 खनिज भंडारों की लिस्ट

ओडिसा, छत्तीसगढ़, जम्मू-कश्मीर, उत्तर प्रदेश, झारखंड, बिहार, तमिलनाडु और गुजरात स्थित इन ब्लॉकों में ग्रेफाइट, लिथियम, मॉलिबेडनम, निकल, कॉपर और पोटाश के खान शामिल हैं.

ब्लॉक का नामखनिजराज्य
चुटिया-नौहट्टा ग्लूकोनाइट ब्लॉकग्लूकोनाइटबिहार
पिपराडीह-भुरवा ग्लूकोनाइट ब्लॉकग्लूकोनाइटबिहार
गेनजाना निकेल, क्रोमियम और पीजीई ब्लॉकनिकेल, क्रोमियमबिहार
कुंडोल निकेल और क्रोमियम ब्लॉकनिकेल और क्रोमियमगुजरात
मुस्कनिया-गारेरियातोला-बरवाड़ी पोटाश ब्लॉकपोटाशझारखंड
दुधियासोल पूर्व निकेल और तांबा ब्लॉकनिकेल और तांबाओडिशा
बाबजा ग्रेफाइट और मैंगनीज ब्लॉकग्रेफाइट और मैंगनीज अयस्कओडिशा
बिरपल्ली ग्रेफाइट और मैंगनीज ब्लॉकग्रेफाइट और मैंगनीजओडिशा
अखरखटा ग्रेफाइट ब्लॉकग्रेफाइटओडिशा
वेल्लाक्कल सेंट्रल (सेगमेंट-ए) मोलिब्डेनम ब्लॉकमोलिब्डेनम अयस्कतमिलनाडु
नोचिपट्टी मोलिब्डेनम ब्लॉकमोलिब्डेनम अयस्कतमिलनाडु
वेलम्पट्टी उत्तर ए और बी मोलिब्डेनम ब्लॉकमोलिब्डेनम अयस्कतमिलनाडु
कुरुंजकुलाम ग्रेफाइट ब्लॉकग्रेफाइटतमिलनाडु
इलुप्पाकुडी ग्रेफाइट ब्लॉकग्रेफाइटतमिलनाडु
मन्नादीपट्टी सेंट्रल मोलिब्डेनम ब्लॉकमोलिब्डेनमतमिलनाडु
मरुदिपट्टी (सेंट्रल) मोलिब्डेनम ब्लॉकमोलिब्डेनमतमिलनाडु
कुर्चा ग्लूकोनाइट ब्लॉकग्लूकोनाइटउत्तर प्रदेश
पहाड़ी कलां-गोरा कलां फॉस्फोराइट ब्लॉकफॉस्फोराइटउत्तर प्रदेश
सालल-हैमना लिथियम, टाइटेनियम और बॉक्साइट (एल्यूमिनस लेटेराइट) ब्लॉकलिथियम, टाइटेनियम और बॉक्साइट (एल्यूमिनस लेटेराइट)जम्मू और कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश
कटघोरा लिथियम और आरईई ब्लॉकलिथियम और आरईईछत्तीसगढ़

प्रधानमंत्री ने महिला किसान ड्रोन केंद्र ‘ड्रोन दीदी योजना’ का शुभारंभ किया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 30 नवंबर को महिला किसान ड्रोन केंद्र ‘ड्रोन दीदी योजना’ का शुभारंभ किया था. इस पहल के अंतर्गत महिला स्‍व-सहायता समूहों को ड्रोन प्रदान किए जाएंगे, ताकि इस प्रौद्योगिकी का उपयोग आजीविका के लिए किया जा सके.

मुख्य बिन्दु

  • इस योजना के तहत 1261 करोड़ रुपये के कुल व्यय के साथ महिलाओं को 15 हजार ड्रोन वितरित किए जाएंगे. महिलाओं को ड्रोन की उडान और इसके उपयोग से संबंधित आवश्‍यक प्रशिक्षण दिया जाएगा.
  • प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए चल रहे अभियान को ड्रोन दीदी से अधिक मजबूती मिलेगी. इससे आय के अतिरिक्त साधन उपलब्ध होंगे.
  • इस योजना से किसानों को बहुत ही कम कीमत पर ड्रोन जैसी आधुनिक तकनीक मिल पाएगी. जिसकी मदद से समय, दवा, उर्वरक की बचत होगी. इसके साथ ही खेती में ड्रोन का इस्तेमाल बढने से खेती भी उन्नत होगी.
  • ड्रोन के इस्तेमाल से यूरिया, डीएपी और पेस्टीसाइड का छिड़काव समान ढंग से होगा जिससे शरीर पर दुष्प्रभाव कम होगा और उर्वरक की खपत भी कम हो जाएगी.

प्रधानमंत्री गरीब कल्‍याण अन्‍न योजना को पांच वर्ष के लिए बढाया गया

सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्‍याण अन्‍न योजना (PMGKAY)  को 1 जनवरी 2024 से पांच वर्ष के लिए बढा दिया है. प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में 28 नवंबर को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस बारे में फैसला किया गया था.

मुख्य बिन्दु

  • इस योजना के अंतर्गत देश में 81 करोड से अधिक गरीबों को प्रतिमाह पांच किलोग्राम और अंत्‍योदय परिवारों को 35 किलोग्राम अनाज निशुल्क दिया जाता है.
  • कोरोना काल में लॉकडाउन से प्रभावित गरीबों की मदद के लिए इस योजना को शुरू किया गया था.
  • इससे पांच वर्ष तक 11.80 लाख करोड रुपये की अनुमानित लागत से खाद्य और पोषण सुरक्षा दी जाएगी.