विश्व की 100 सबसे पावरफुल महिला की फोर्ब्स की सूची जारी: निर्मला सीतारमण 34वें पायदान पर

प्रतिष्ठित पत्रिका फोर्ब्स हाल ही में विश्व की 100 सबसे पावरफुल महिला की सूची (Forbes 100 most powerful women of 2019) जारी की है. इस सूची में भारत के वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को 34वें पायदान पर स्थान दिया गया है. इस सूची में शामिल अन्य भारतीय में HCL कॉर्पोरेशन की सीईओ रोशनी नडार मल्होत्रा 54वें पायदान पर, बायोकॉन की फाउंडर किरण मजूमदार शॉ 65वें पायदान पर हैं.

निर्मला सीतारमण देश के पहली महिला वित्त और रक्षा मंत्री

निर्मला सीतारमण देश के पहली महिला वित्त मंत्री हैं. हालांकि इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री रहते हुए अपने पास कुछ समय के लिए वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी अपने पास रखी थी. इससे पहले वह देश की पहली महिला रक्षा मंत्री भी रह चुकी हैं.

एंगेला मर्केल पहले पायदान पर

जर्मनी की चांसलर एंगेला मर्केल इस सूची में पहले पायदान पर हैं. वह पिछले 9 सालों से इस स्थान पर बनी हुई हैं. दूसरे पायदान पर यूरोपियन सेंट्रल बैंक की प्रेसिडेंट क्रिस्टिन लेगार्ड हैं. अमेरिकी सांसद और स्पीकर नैंसी पलोसी इस सूची में तीसरे पायदान पर हैं.

इनके अलावा इस सूची में बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीन इस सूची में 29वें पायदान पर हैं. मिलिंडा गेट्स छठे पायदान पर, आईबीएम की सीईओ गिनी रोमेटी नौवें पायदान पर, न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जेसिंडा एंड्रेन 38वें पायदान पर, डॉनल्ड ट्रंप की बेटी इवांका ट्रंप 42 वें पायदान पर, सिंगर रिहाना 61वें पायदान पर, बियोंस 66वें पायदान पर, टेनिस स्टार सेरेना विलियम्स 81वें पायदान पर और क्लाइमेट ऐक्टिविस्ट ग्रेट थनबर्ग 100वें पायदान पर हैं.

जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन सूचकांक रिपोर्ट में भारत पहली बार शीर्ष 10 में शामिल

भारत वर्ष 2019 के जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन सूचकांक की दृष्टि से पहली बार शीर्ष 10 में शामिल हुआ है. जर्मनवाच, न्यूक्लाइमेट इंस्टीट्यूट और क्लाइमेट एक्शन नेटवर्क ने वर्ष 2019 के लिए सूचकांक रिपोर्ट जारी किये.

रिपोर्ट के आंकड़ों के अनुसार भारत में प्रति व्यक्ति उत्सर्जन और ऊर्जा उपयोग का वर्तमान स्तर, उच्च श्रेणी के देशों में 9वें स्थान पर है. यह उत्सर्जन के तुलनात्मक रूप से निचले स्तर को दर्शाता है. ये आंकडे स्पेन की राजधानी मैड्रिड में कॉन्फ्रैंस ऑफ पार्टीज कॉप-25 जलवायु शिखर सम्मेलन के दौरान जारी किए गए.

रैंकिंग में पहला तीन स्थान खाली रखा गया
रिपोर्ट में कहा गया है कि कोई भी देश पेरिस जलवायु लक्ष्यों के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर रहा है और रैंकिंग में पहले तीन स्थान खाली हैं. स्वीडन और डेनमार्क चौथे और पांचवें स्‍थान पर हैं. दुनिया के सबसे बड़े उत्‍सर्जक चीन ने सूचकांक में अपनी रैंकिंग में मामूली सुधार कर 30वें स्थान पर है.

मानव विकास सूचकांक 2019 जारी: भारत 129वें पायदान पर, नॉर्वे शीर्ष पर

संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) का मानव विकास सूचकांक (Human Development Index- HDI) 2019 हाल ही में जारी की गयी है. इस सूचकांक में भारत एक पायदान का सुधार करते हुए 129वें पायदान पर है. वर्ष 2018 में जारी सूचकांक में भारत 130वें पायदान पर था. भारत का HDI वैल्यू (0.640) दक्षिण एशिया के औसत 0.638 से थोड़ा सा ऊपर है.

इस सूचकांक में नॉर्वे, स्विटजरलैंड, ऑस्ट्रेलिया, आयरलैंड और जर्मनी शीर्ष पर हैं जबकि नाइजर, दक्षिण अफ्रीकी गणराज्य, दक्षिण सूडान, चाड और बुरुंडी काफी कम HDI वैल्यू के साथ निचले पायदान पर हैं.

UNDP की भारत में स्थानीय प्रतिनिधि शोको नोडा ने कहा कि भारत में 2005-06 से 2015-16 के बीच 27.1 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला गया.

मानव विकास सूचकांक: एक दृष्टि

  • मानव विकास सूचकांक (HDI) जीवन प्रत्याशा, शिक्षा, और प्रति व्यक्ति आय संकेतकों का एक समग्र आंकड़ा है.
  • इस सूचकांक का उपयोग देशों को मानव विकास के आधार पर आंकने के लिए किया जाता है.
  • इस सूचकांक से इस बात का पता चलता है कि कोई देश विकसित है, विकासशील है, अथवा अविकसित. जिस देश की जीवन प्रत्याशा, शिक्षा स्तर एवं प्रति व्यक्ति आय अधिक होती है, उसे उच्च श्रेणी प्राप्त होती हैं.
  • HDI को पाकिस्तानी अर्थशास्त्री महबूब-उल-हक ने तैयार किया था. पहला मानव विकास सूचकांक 1990 में जारी किया गया था. तब से प्रत्येक वर्ष संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) द्वारा इसे जारी किया जाता है.

विश्‍व समृद्धि के मामले में PICSA सूचकांक जारी: बेंगलुरु, दिल्ली और मुंबई शामिल

उत्तरी स्पेन के बिल्बाओ में 21 नवम्बर को ‘प्रॉस्पेरिटी एंड इन्क्लूजन सिटी सील एंड अवार्ड्स’ (Participatory Integrated Climate Services for Agriculture- PICSA) सूचकांक जारी किया गया. यह सूचकांक किसी शहर का आर्थिक विकास ही नहीं, बल्कि इस विकास की गुणवत्ता और जनसंख्या के बीच इसके वितरण को भी दर्शाता है. इस सूचकांक में शीर्ष 20 देशों को समावेशी समृद्धि करने के मामले में PICSA सील से पुरस्कृत किया गया.

इस सूचकांक के आर्थिक एवं सामाजिक समावेशिता के मामले में विश्व के शीर्ष 113 देशों के शहरों में बेंगलुरु, दिल्ली और मुंबई का नाम भी शामिल है. में स्विट्जरलैंड का ज्यूरिख शीर्ष पर रहा. इस सूची में बेंगलुरु 83वें स्थान के साथ भारतीय शहरों में शीर्ष पर रहा. सूचकांक में दिल्ली का 101वां और मुंबई का 107वां स्थान रहा.

यह सूचकांक पहली बार जारी किया गया है. इसमें मेजबान शहर बिल्बाओ को 20वां स्थान मिला. इस सूची में स्विट्जरलैंड का ज्यूरिख पहले, आस्ट्रिया की राजधानी विएना दूसरे और डेनमार्क का कोपेनहोगन तीसरे स्थान पर रहा. लक्समबर्ग और हेलसिंकी चौथे एवं पांचवें स्थान पर रहे. ताइपे एकमात्र ऐसा एशियाई शहर है जो शीर्ष 20 में जगह बनाने में कामयाब रहा. ताइपे छठे स्थान पर रहा.

भारत IMD विश्व प्रतिभा सूची में 59वें स्थान पर, स्विट्जरलैंड पहले स्थान पर

IMD बिजनेस स्कूल आफ स्विट्जरलैंड द्वारा हाल ही में जारी विश्व प्रतिभा रैंकिंग (World Talent Ranking) 2019 में भारत को 59वें स्थान पर रखा है. भारत वर्ष 2018 की रैंकिंग में 53वें स्थान पर था. IMD विश्व प्रतिभा रैंकिंग में कुल 63 देशों को रैंकिंग प्रदान की गयी है.

IMD विश्व प्रतिभा सूची में स्विट्जरलैंड लगातार छठी बार पहले स्थान पर कायम है. स्विट्ज़रलैंड के बाद डेनमार्क, स्वीडन, ऑस्ट्रिया और लक्सेम्बर्ग का स्थान है.

देश में पानी की गुणवत्‍ता पर रिपोर्ट जारी की गयी: मुम्‍बई शीर्ष पर

केन्‍द्रीय उपभोक्‍ता कार्यमंत्री रामविलास पासवान ने 16 नवम्बर को पानी की गुणवत्‍ता से संबंधित रिपोर्ट जारी की. इस रिपोर्ट में देश के 21 राज्‍यों की राजधानियों से नल जल के नमूने लिए गए थे. यह रिपोर्ट भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) द्वारा किए गए परीक्षण पर आधारित है.

इस सूची में मुम्‍बई में नलों से आने वाला पानी सर्वोत्तम है जबकि दिल्ली का पानी सबसे खराब बताया गया है. रिपोर्ट के अनुसार मुंबई के नलों से एकत्रित किए गए पानी के नमूने, पेयजल के लिए भारतीय मानकों के अनुरूप हैं.

BIS द्वारा किए गए परीक्षण में दिल्ली, कोलकाता और चेन्नै के सहित अन्य मेट्रो शहरों में नलों से आपूर्ति होने वाला पानी 11 गुणवत्ता मानकों में से लगभग 10 में विफल साबित हुआ.

सूची में शीर्ष 5 शहर
सूची में शीर्ष 5 शहर के तौर पर क्रमशः मुंबई, हैदराबाद, भुवनेश्वर, रांची और रायपुर हैं. बाकी शहरों में क्रमशः अमरावती, शिमला, चंडीगढ़, त्रिवेंद्रम, पटना, भोपाल, गुवाहाटी, बेंगलुरु, गांधीनगर, लखनऊ, जम्मू, जयपुर, देहरादून, चेन्नै, कोलकाता, दिल्ली का स्थान है.

व्यापार को सुगम बनाने वाले देशों की सूची में भारत 63वें स्थान पर पहुंचा

विश्व बैंक की व्यापार को सुगम बनाने वाले देशों (World Bank’s Ease of Doing Business) की सूची में भारत 63वें स्थान पर पहुंच गया है. भारत की रैंकिंग में 14 पायदान का सुधार हुआ है. 2018-19 की सूची में भारत की 77वीं रैंक थी.

24 अक्टूबर को वाशिंगटन में जारी इस सूची के अनुसार दिवाला और धन शोधन अक्षमता संहिता (IBC) के सफल कार्यान्वयन की वजह से भारत लगातार तीसरी बार इस सूची में दस श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले देशों में शामिल रहा है. भारत ने 2013-14 की 142वीं रैंक के मुकाबले 6 साल में 79 स्थान का सुधार किया है.

ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में भारत के अलावा टॉप-10 सुधारक देशों में सऊदी अरब (62), जॉर्डन (75), टोगो (97), बहरीन (43), ताजिकिस्तान (106), पाकिस्तान (108), कुवैत (83), चीन (31) और नाइजीरिया (131) शामिल हैं.

ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग में टॉप-5 देश

देशरैंक
न्यूजीलैंड1
सिंगापुर2
हॉन्गकॉन्ग, चीन3
डेनमार्क4
कोरिया5

‘ईज ऑफ डूइंग बिज़नेस’: एक दृष्टि

  • ईज ऑफ डूइंग बिजनेस (कारोबार करने में सहूलियत) का मतलब होता है किसी भी देश में कारोबार कितनी सरलता से शुरू किया जा सकता है.
  • विश्व बैंक वर्ष 2003 से हर साल ईज ऑफ डूइंग बिज़नेस वाले देशों की सूची जारी करता है. इसमें वह 10 पैमानों पर 190 देशों की रैकिंग तय करता है.
  • जिन 10 पैमानों के आधार पर देशों की रैंक तय की जाती है वे हैं- बिजली कनेक्शन, कॉन्ट्रैक्ट लागू करना, बिजनेस शुरू करना, प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन, दिवालिया शोधन प्रक्रिया, कंस्ट्रक्शन परमिट, क्रेडिट मिलना, इन्वेस्टर्स के हितों की रक्षा, टैक्स पेमेंट और सीमा पार व्यापार शामिल हैं. एक 11वां पैमाना ‘श्रम बाजार के नियम’ भी होता है लेकिन देशों की रैंकिंग तय करते समय इसके मूल्य को नहीं जोड़ा जाता.
  • भारत 10 मानकों में से 6 मानकों में अपनी रैंकिंग को बेहतर करने में कामयाब रहा है. सबसे उल्लेखनीय सुधार ‘कंस्ट्रक्शन परमिट’ और ‘सीमा पार व्यापार’ से जुड़े संकेतकों के मामले में देखा गया है. निर्माण परमिट की स्वीकृति देने के मामले में भारत की रैंकिंग वर्ष 2017 की 181वीं से बेहतर होकर 2018 में 52वीं हो गई है. इसी तरह ‘सीमा पार व्यापार’ से जुड़े संकेतकों के मामले में भारत की रैंकिंग वर्ष 2017 की 146वीं से बेहतर होकर वर्ष 2018 में 80वीं हो गई है. कारोबार शुरू करने में भारत की रैंकिग 156 से बेहतर होकर 137 हो गई है.
  • विश्व बैंक यह रैंकिंग तय करने के लिए 10 करोड़ से अधिक जनसंख्या वाले देशों के मामले में दो व्यापारिक शहर से डाटा लेता है. उदाहरण के लिए विश्व बैंक जब भारत की रैंक तय करता है तो वह दो शहरों मुंबई और दिल्ली से इन पैमानों पर आंकड़े जुटाता है.
  • किसी देश के लिए ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग बेहद महत्वपूर्ण है. बहुराष्ट्रीय कंपनियां किसी देश में निवेश से पहले वहां की ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग में उतार-चढ़ाव को ध्यान में रखकर निर्णय लेती हैं.

WEF वैश्विक प्रतिस्पर्धा सूचकांक 2019: भारत 68वें और सिंगापुर पहले स्थान पर

विश्व आर्थिक मंच (WEF) ने हाल ही में अपनी वैश्विक प्रतिस्पर्धा सूचकांक 2019 जारी की है. इस सूचकांक में भारत 10 स्थान फिसलकर 68वें पायदान पर रहा. जबकि सिंगापुर ने अमेरिका से पहला स्थान छीन लिया है और दुनिया की सबसे प्रतिस्पर्धी अर्थव्यवस्था बन गया है. तीसरे पर हांगकांग, चौथे पर नीदरलैंड और पांचवें पर स्विट्जरलैंड रहा.

इस सूचकांक में श्रीलंका 84वें स्थान पर, बांग्लादेश 105वें स्थान पर, नेपाल 108वें स्थान पर तथा पाकिस्तान 110वें स्थान पर है. चीन इस सूची में 28वें स्थान पर है.

रिपोर्ट के अनुसार भारत सूचना, संचार एवं प्रौद्योगिकी को अपनाने में सुस्त रहा और स्वास्थ्य एवं चिकित्सा क्षेत्र की खराब स्थिति व स्वस्थ जीवन संभावना की खराब दर ने कई भारत के प्रदर्शन पर काफी असर डाला है. स्वस्थ जीवन की संभावना के मामले में भारत का स्थान 109वां रहा.

WEF ने कहा कि भारत में लैंगिक असमानता काफी ज्यादा है और पुरुष कामगारों के मुकाबले महिलाओं का अनुपात महज 0.26 है. इस मामले में भारत 128वें पायदान पर रहा.

WEF ने कहा है कि वृहद आर्थिक स्थिरता और बाजार के आकार के मामले में भारत की रैंकिंग अच्छी है. उसका वित्तीय क्षेत्र भी स्थिर है, लेकिन ऋण चूक की दर अधिक होने से बैंकिंग प्रणाली प्रभावित हुई है.

विश्व डिजिटल प्रतिस्पर्धा रैंकिंग में भारत चार पायदान सुधाकर 44वें स्थान पर पंहुचा

IMD (International Institute for Management Development) की विश्व डिजिटल प्रतिस्पर्धात्मकता रैकिंग 2019 के अनुसार भारत चार पायदान सुधार कर 44वें स्थान पर पहुंच गया है. भारत ने दुनिया में डिजिटल प्रतिस्पर्धा के मामले में सभी कारकों- ज्ञान, प्रौद्योगिकी और भविष्य की तैयारी के मामले में सुधार दर्ज किया है.

इस सूची में अमेरिका पहले पायदान पर है. वह डिजिटल रूप से दुनिया की सबसे प्रतिस्पर्धी अर्थव्यवस्था है. इसके बाद दूसरे स्थान पर सिंगापुर, तीसरे पर स्वीडन, चौथे पर डेनमार्क, पांचवें पर स्विट्जरलैंड है.

शीर्ष दस डिजिटल प्रतिस्पर्धी अर्थव्यवस्थाओं में नीदरलैंड (6), फिनलैंड (7), हांगकांग (8), नॉर्वे (9वें) और कोरिया गणराज्य (10वें) स्थान पर शामिल है. रैंकिंग में सबसे लंबी छलांग चीन ने लगाई है, वह 30वें से 22वें पायदान पर पहुंच गया है.


संयुक्त राष्ट्र रिपोर्ट: दूसरे देशों में रहने वाले भारतीयों की आबादी दुनिया में सबसे ज्यादा

वैश्विक प्रवासी आबादी पर संयुक्त राष्ट्र ने हाल ही में अपनी रिपोर्ट ‘द इंटरनेशनल माइग्रेंट स्टॉक 2019’ जारी की है. इस रिपोर्ट के अनुसार 2019 में दूसरे देशों में रहने वाले भारतीयों की आबादी दुनिया में सबसे ज्यादा है. रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में जन्मे 1.75 करोड़ लोग अलग-अलग देशों में रहते हैं.

रिपोर्ट के अनुसार दुनियाभर में प्रवासियों की संख्या करीब 27.2 करोड़ पर पहुंच गई है. कुल प्रवासियों की संख्या दुनिया की आज की आबादी का 3.5% है, जबकि 2000 में यह 2.8 % थी. संयुक्त राष्ट्र के इस रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया के आधे प्रवासी सिर्फ 10 देशों में रहते हैं.

इस रिपोर्ट के अनुसार 1.18 करोड़ प्रवासी आबादी के साथ मैक्सिको दूसरे और 1.07 करोड़ प्रवासी आबादी के साथ चीन तीसरे स्थान पर है.


‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ दुनियाभर की 100 बेहतरीन फिल्मों की लिस्ट में शामिल

ब्रिटिश न्यूजपेपर ‘द गार्डियन’ ने 21वीं सदी में दुनियाभर की 100 बेहतरीन फिल्मों की लिस्ट जारी की है. इस लिस्ट में भारत से एकमात्र फिल्म ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ (Gangs Of Wasseypur) को शामिल किया गया है. इस फिल्म को 59वां स्थान हासिल हुआ है. इस लिस्ट में सन् 2000 के बाद रिलीज हुई 100 फिल्में शामिल की गयी हैं.

गैंग्स ऑफ वासेपुर: मुख्य तथ्य
‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ सीरीज की फिल्में 2012 में रिलीज हुई थी. यह झारखंड के धानबाद जिले में वासेपुर शहर में बसे एक कोयला माफिया के परिवार की कहानी पर आधारित है. फिल्म में मनोज बाजपेयी, नवाजुद्दीन सिद्दिकी, पीयूष मेहरा और ऋचा चड्ढा ने भूमिका निभाई है. अनुराग कश्यप इस फिल्म के निर्देशक हैं.

‘द गार्डियन’: 21वीं सदी में दुनिया की शीर्ष 5 बेहतरीन फिल्म
स्थानफिल्मवर्ष
1.देयर विल वी ब्लड2007
2.12 ईयर्स अ स्ले2013
3.बॉयहुड2014
4.अंडर द स्किन2013
5.इन द मूड फॉर लव2000
59.गैंग्स ऑफ वासेपुर2012


भारत मलेरिया के मामलों में दुनिया में चौथे स्थान पर

‘द लैंसेट पत्रिका’ में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार 2017 में मलेरिया के कुल मामलों में भारत का विश्व में चौथा स्थान रहा. इस रिपोर्ट को 40 से अधिक विशेषज्ञों द्वारा संकलित किया गया, जिसमें मलेरिया विशेषज्ञ, बायोमेडिकल वैज्ञानिक, अर्थशास्त्री और स्वास्थ्य नीति विशेषज्ञ शामिल हैं.

रिपोर्ट के मुख्य बिंदु

  • रिपोर्ट के मुताबिक, 2017 में दुनिया भर में पता चले मलेरिया के कुल 21.9 करोड़ मामलों में करीब एक करोड़ मामले भारत के थे, जो कि विश्व का 4 प्रतिशत था.
  • भारत इस बीमारी से संक्रमित विश्व का चौथा सबसे बड़ा देश था और सिर्फ अफ्रीकी देशों नाइजीरिया, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य और मोजांबिक से पीछे रहा.
  • रिपोर्ट में पाया गया कि भारत में 2017 में तमिलनाडु के कुल मामलों में 71 प्रतिशत सिर्फ राजधानी चेन्नई में सामने आए.
  • रिपोर्ट के अनुसार 2050 तक विश्व से मलेरिया का उन्मूलन संभव है.