ग्लोबल फायरपावर 2023 सूची: सैन्‍य शक्ति में भारत चौथे स्थान पर

वैश्विक रक्षा संबंधी जानकारी पर नजर रखने वाली डाटा वेबसाइट ग्लोबल फायरपावर (Global Firepower) ने दुनिया की सबसे शक्तिशाली सैनिकों की सूची (World Military Strength Rankings) 2023 जारी की है.

ग्लोबल फायरपावर 2023: सूची मुख्य बिन्दु

  • ग्लोबल फायरपावर 2023 सूची के अनुसार, अमेरिका के पास दुनिया की सबसे मजबूत सैन्य शक्ति है. इस सूची में रूस दूसरे और चीन तीसरे स्थान पर हैं. भारत ने चौथे स्थान पर अपना कब्जा बरकरार रखा है.
  • दुनिया के सबसे कमजोर सैन्य बल वाले देश भी शामिल हैं. इसमें भूटान और आइसलैंड शामिल हैं. इनका मूल्यांकन 60 से अधिक कारकों (Factors) पर किया गया है.
  • ग्लोबल फायरपावर ने कहा कि उसने सैन्य इकाइयों की मात्रा और वित्तीय स्थिति से लेकर रसद क्षमताओं और भौगोलिक स्थिति तक की श्रेणियों के साथ हर देश का स्कोर निकाला है.
  • सबसे शक्तिशाली सेनाओं वाले 10 देश क्रमशः अमेरिका, रूस, चीन, भारत, यूनाइटेड किंगडम (ब्रिटेन), दक्षिण कोरिया, पाकिस्तान, जापान, फ्रांस और इटली.
  • सबसे कम शक्तिशाली सेनाओं वाले 10 देश क्रमशः भूटान, बेनिन, मोलदोवा, सोमालिया, लाइबेरिया, सूरीनाम, बेलीज, केन्द्रीय अफ्रीकी गणराज्य, आइसलैंड और सिएरा लियोन.
  • इस सूची में शीर्ष चार देश वैसे ही बने हुए हैं जैसे वे ग्लोबल फायरपावर सूची में 2022 में थे. हालांकि, ब्रिटेन पिछले साल आठवें स्थान से बढ़कर इस साल पांचवें स्थान पर आ गया है.
  • जापान और फ्रांस पिछले साल पांचवें और सातवें स्थान पर थे, इस साल वे क्रमश: आठवें और नौवें स्थान पर आ गए हैं.

बच्चों और सशस्त्र संघर्ष मामले में संयुक्‍त राष्‍ट्र की सूची से भारत का नाम हटा

संयुक्त राष्ट्र ने बच्चों और सशस्त्र संघर्ष पर अपनी वार्षिक रिपोर्ट से भारत का नाम हटा दिया है. संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने इसकी घोषणा की. इस रिपोर्ट में विभिन्न देशों में सशस्त्र संघर्षों के बच्चों पर असर और उनके अधिकारों के उल्लंघन की तस्वीर पेश की जाती है.

मुख्य बिन्दु

  • UN ने माना कि सरकार ने ‘बच्‍चों की बेहतर सुरक्षा’ के लिए प्रभावकारी कदम उठाए हैं, खासतौर से जम्‍मू और कश्‍मीर में.
  • साल 2010 के बाद से पहली बार संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में भारत का नाम शामिल नहीं किया गया है. इस रिपोर्ट में पहले जम्‍मू और कश्‍मीर को ‘संघर्ष क्षेत्र’ के रूप में बताया जाता था.
  • इस रिपोर्ट में 2010 से लगातार भारत की गिनती बुर्किना फासो, कैमरून, चाड , नाइजीरिया, पाकिस्‍तान और फिलीपींस जैसे देशों के साथ होती थी.

राज्य खाद्य सुरक्षा सूचकांक-2022-23 जारी: केरल बड़े राज्यों में शीर्ष पर

भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने 7 जून को राज्य खाद्य सुरक्षा सूचकांक (State Food Safety Index) जारी किया था. यह राज्य खाद्य सुरक्षा सूचकांक पाँचवाँ संस्करण था.

पाँचवाँ राज्य खाद्य सुरक्षा सूचकांक: मुख्य बिन्दु

  • राज्य खाद्य सुरक्षा सूचकांक (SFSI) प्रत्येक वर्ष 7 जून को विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस के अवसर पर FSSAI द्वारा किया जाता है.
  • यह खाद्य संरक्षा के छह अलग-अलग पहलुओं में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रदर्शन का मूल्यांकन करता है.
  • बड़े राज्यों की श्रेणी में केरल ने पहला स्थान हासिल किया है. पंजाब और तमिलनाडु क्रमशः दूसरा और तीसरा स्थान प्राप्त किया.
  • केंद्र शासित प्रदेश (UT) श्रेणी में जम्मू और कश्मीर ने अपना पहला स्थान  बनाए रखा है. दिल्ली और चंडीगढ़ क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर रहा.
  • छोटे राज्यों की श्रेणी में गोवा ने पहला स्थान हासिल किया. मणिपुर और सिक्किम क्रमशः दूसरा और तीसरा स्थान प्राप्त किया.

खाद्य सुरक्षा सूचकांक: एक दृष्टि

खाद्य सुरक्षा सूचकांक 2018-19 में शुरू किया गया था. खाद्य सुरक्षा के कई मापदंडों पर राज्यों के प्रदर्शन को मापने के लिए FSSAI द्वारा यह सूचकांक जारी किया जाता है.

इस रिपोर्ट में राज्यों को पांच मानदंडों, खाद्य सुरक्षा, मानव संसाधन व संस्थागत आंकड़ों, एक्ट के अनुपालन, खाद्य परीक्षण सुविधा, प्रशिक्षण व क्षमता निर्माण के अलावा उपभोक्ता सशक्तीकरण के आधार पर रैंकिग दी जाती है.

जलवायु परिवर्तन की वजह से भारत सहित एशिया के 16 देशों में गंभीर संकट

हाल ही में प्रकाशित के रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार जलवायु परिवर्तन की वजह से एशिया के 16 देशों में गंभीर संकट मंडरा रहा है. यह रिपोर्ट चाइना वॉटर रिस्क थिंक टैंक की अगुवाई में हुई रिसर्च पर आधारित है.

मुख्य बिन्दु

  • जलवायु परिवर्तन का असर हिंदूकुश और हिमालय के पहाड़ों के वाटर सिस्टम पर पड़ेगा, जो एशिया के लिए चिंता की बात है.
  • ऐसे में अगर क्षेत्रीय जल प्रवाह को बचाने के लिए कोई ठोस उपाय नहीं किए गए तो भारत समेत कई देशों में गंभीर स्थिति पैदा हो सकती है.
  • हिंदूकुश-हिमालय क्षेत्र से 10 प्रमुख नदियां बहती हैं. इन नदियों पर 1 अरब लोग निर्भर हैं. इन पूरे इलाकों की सालाना 4.3 ट्रिलियन डॉलर जीडीपी है.
  • ये नदियां यहां के लोगों को ना सिर्फ पीने का पानी उपलब्ध कराती हैं, बल्कि ये नदियां यहां रह रहे लोगों की खेती-बाड़ी का भी मुख्य स्रोत हैं.
  • जो 10 नदियां हिंदुकुश-हिमालय क्षेत्र से निकलती है, उनमें भारत और बांग्लादेश में बहने वाली ब्रह्मपुत्र भी शामिल है. इनके अलावा चीन की यांग्तजे और यलो नदियां इस क्षेत्र से बहती हैं जो मेकॉन्ग और सालवनी नदियों के साथ सीमाएं बांटती है.
  • थिंक टैंक ने इस बात पर जोर डाला है कि अगर हम उत्सर्जन में लगाम नहीं लगाएंगे तो इन सभी नदियों को गंभीर जोखिमों का सामना करना पड़ेगा.
  • इन 10 नदियों में 16 देशों की तीन-चौथाई हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट चल रहे हैं. इसके अलावा ये नदियां 44 फीसदी कोयला आधारित पावर प्रोजेक्ट्स को भी सहायता प्रदान करती है. ये देश अभी भी अपनी ऊर्जा जरुरतों को पूरा करने के लिए जीवाश्म ईधन पर बहुत अधिक निर्भर हैं.

संयुक्त राष्ट्र ने विश्व आर्थिक स्थिति और संभावना रिपोर्ट जारी की

संयुक्त राष्ट्र ने हाल ही में विश्व आर्थिक स्थिति और संभावना रिपोर्ट जारी की थी. इस रिपोर्ट में संयुक्त राष्ट्र ने भारतीय अर्थव्यवस्था पर अपना विश्वास व्यक्त किया है.

मुख्य बिन्दु

  • रिपोर्ट के अनुसार भारत की अर्थव्यवस्था 2023 में 5.8 प्रतिशत और 2024 में 6.7 प्रतिशत की दर से बढ़ने की आशा है.
  • रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता के बीच भारत का एक उज्ज्वल स्थान बना हुआ है. इसके अनुसार वर्ष 2023 में भारत में मुद्रास्फीति की दर घटकर 5.5 प्रतिशत रहने की संभावना है.
  • रिपोर्ट के अनुसार भारत में आर्थिक विकास सुदृढ रहने की आशा है जबकि अन्य दक्षिण एशियाई देशों की आर्थिक विकास दर अधिक चुनौतीपूर्ण रहेंगी.

भारत विश्व बैंक के लॉजिस्टिक प्रदर्शन सूचकांक 2023 में 38वें स्थान पर

भारत विश्व बैंक के लॉजिस्टिक प्रदर्शन सूचकांक (Logistics Performance Index) 2023 में 139 देशों की सूची में 38वें स्थान पर पहुंच गया है.  भारत 2018 में इस सूचकांक में 44वें स्थान पर काबिज था. बुनियादी ढांचा क्षेत्र के साथ प्रौद्योगिकी में महत्वपूर्ण निवेश की वजह से यह सुधार हुआ.

मुख्य बिन्दु

  • विश्व बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के प्रदर्शन में 2014 से लगातार सुधार देखने को मिला है. उस दौरान वह 54वें स्थान पर था.
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार ने अक्तूबर, 2021 में लॉजिस्टिक्स लागत को घटाने और 2024-25 तक अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए एक राष्ट्रीय मास्टर प्लान ‘पीएम गति शक्ति’ पहल की घोषणा की थी.
  • 2022 में राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति (NLP) भी शुरू की गई थी, जिसका मकसद तेजी से सामान पहुंचाना, परिवहन संबंधी चुनौतियों को खत्म करना, विनिर्माण क्षेत्र के लिए समय को घटाना और धन को बचाना था.
  • विश्व बैंक की रिपोर्ट में कहा गया है कि इन नीतियों से भारत को लाभ मिला है. वह लॉजिस्टिक प्रदर्शन सूचकांक व इसके अन्य पैमानों पर बेहतर साबित हुआ है. आधुनिकीकरण व डिजिटलीकरण से भी भारत का प्रदर्शन बेहतर हुआ है.
  • भारत 2023 में बुनियादी ढांचे के मोर्चे पर भी पांच स्थान की छलांग लगाकर 47वें स्थान पर पहुंच गया है. 2018 में 52वें स्थान पर था.

सार्वजनिक परिवहन के लिए दुनिया के सर्वश्रेष्ठ शहरों की सूची में मुंबई 19वें स्थान पर

लंदन स्थित संस्थान ‘टाइम आउट’ ने सार्वजनिक परिवहन के लिए दुनिया के 19 सर्वश्रेष्ठ शहरों की सूची हाल ही में जारी की थी. इस सूची में शामिल होने वाला मुंबई एकमात्र शहर था.

मुख्य बिन्दु

  • रैंकिंग को संकलित करने के लिए टाइम आउट ने दुनिया भर के 50 शहरों में 20,000 से अधिक लोगों का सर्वेक्षण किया.
  • सूची में शीर्ष दस शहर यूरोप या एशिया से थे. बर्लिन, जर्मनी को सार्वजनिक परिवहन के लिए दुनिया का सबसे अच्छा शहर नामित किया गया, जिसमें 97 प्रतिशत स्थानीय लोगों ने शहर के परिवहन नेटवर्क की प्रशंसा की.
  • प्राग अपने सुविधाजनक और आकर्षक सार्वजनिक परिवहन के साथ दूसरे स्थान पर आया, जबकि टोक्यो, जापान तीसरे स्थान पर आया.
  • सर्वेक्षण में शामिल 81 प्रतिशत लोगों ने कहा कि मुंबई में सार्वजनिक परिवहन से आना-जाना आसान है. उपनगरीय रेल नेटवर्क (मुंबई स्थानीय लोगों के रूप में जाना जाता है) के अलावा, शहर बसों, टैक्सियों और ऑटोरिक्शा से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है.

विश्व प्रसन्नता रिपोर्ट 2023: भारत 126वें स्थान पर, फिनलैंड शीर्ष पर

विश्व प्रसन्नता रिपोर्ट (World Happiness Report) 2023 हाल ही में जारी की गयी थी. रिपोर्ट में विभिन्न पैमानों के आधार पर रैंकिंग दी गई है. फ़िनलैंड एक बार फिर दुनिया के सबसे खुशहाल देश के रूप में उभरा है. भारत इस रैंकिंग में 126वें स्थान पर है.

मुख्य बिंदु

  • फिनलैंड ने लगातार छठी बार पहला स्थान हासिल किया है, जबकि अफगानिस्तान सबसे निचले पायदान पर है. इस रिपोर्ट में डेनमार्क दूसरे, आइसलैंड तीसरे, इज़राइल चौथे और नीदरलैंड पांचवे स्थान पर है.
  • सूची में शीर्ष पांच में से चार देश यूरोप से हैं. स्वीडन, नॉर्वे, स्विट्जरलैंड, लक्ज़मबर्ग और न्यूजीलैंड शीर्ष 10 देशों में शामिल हैं.
  • रिपोर्ट 2023 के में भारत 126वें स्थान पर है. भारत की यह रैंकिंग 2020-2022 में जीवन मूल्यांकन (Life Evaluations) पर आधारित है. इसमें भारत का औसत जीवन मूल्यांकन स्कोर 4.036 है.
  • यह रिपोर्ट संयुक्त राष्ट्र सस्टेनेबल डेवलपमेंट सॉल्यूशंस नेटवर्क द्वारा प्रत्येक वर्ष 20 मार्च को अन्तर्राष्ट्रीय प्रसन्नता दिवस पर प्रकाशित किया जाता है.
  • वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट 2023 में इस बात को शामिल किया गया है कि प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद, सामाजिक समर्थन, स्वस्थ जीवन प्रत्याशा, जीवन विकल्प चुनने की स्वतंत्रता कैसी है.

सामाजिक प्रगति सूचकांक 2022 जारी: पुडुचेरी पहले और झारखंड अंतिम स्थान पर

वर्ष 2022 का सामाजिक प्रगति सूचकांक (SPI) रिपोर्ट 20 दिसंबर को जारी किया गया था. रिपोर्ट में पुडुचेरी, लक्षद्वीप और गोवा को सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला राज्य बताया गया है. वहीं बिहार और झारखंड सबसे पीछे है.

SPI रिपोर्ट: मुख्य बिन्दु

  • SPI रिपोर्ट को प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (EAC-PM) जारी करती है. इस रिपोर्ट में कई मापदंडों के आधार पर ये तय किया गया है कि सामाजिक प्रगति के मामले में कौन-सा राज्य किस स्तर पर है.
  • इस सूचकांक को तैयार करते वक्त सर्वे कर पता लगाया जाता है कि किन राज्यों में पोषण और स्वास्थ्य देखभाल, जल और स्वच्छता, व्यक्तिगत सुरक्षा और रहने की स्थिति कैसी है.
  • इस रिपोर्ट में 36 राज्यों एवं संघ-शासित प्रदेशों और देश के 707 जिलों को सामाजिक प्रगति के विभिन्न मानकों पर उनके प्रदर्शन के आधार पर आंका जाता है.
  • सर्वे के दौरान सभी राज्यों में रहने वालों के जीवन स्तर के मामले में मूल ज्ञान, सूचना तक पहुंच, संचार, स्वास्थ्य और पर्यावरण की गुणवत्ता भी देखी जाती है.
  • SPI रिपोर्ट 2022 के अनुसार सभी राज्यों की तुलना में पुडुचेरी का SPI स्कोर सबसे ज्यादा 65.99 रहा. दूसरे स्थान पर 65.89 स्कोर के साथ लक्षद्वीप रहा और तीसरे स्थान पर स्कोर के साथ गोवा का नाम दर्ज है. वहीं आइजोल (मिजोरम), सोलन और शिमला (हिमाचल प्रदेश) सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले तीन जिले हैं.
  • SPI स्कोर 43.95 के साथ लिस्ट में सबसे कम प्रगति वाले राज्य के रूप में झारखंड का नाम दर्ज किया गया है. वहीं 44.47 स्कोर के साथ बिहार अंतिम से दूसरे स्थान पर रहा.

वैश्विक प्रतिभा रैंकिंग: स्विट्जरलैंड को पहला स्थान, भारत 52वें स्थान पर

इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर मैनेजमेंट डेवलपमेंट (स्विट्जरलैंड) ने हाल ही में वैश्विक प्रतिभा रैंकिंग (World Talent Ranking) जारी की थी. इस सूची में भारत चार अंक ऊपर खिसकर 52वें स्थान पर आ गया है.

वैश्विक प्रतिभा रैंकिंग 2022: मुख्य बिन्दु

  • इस सूची में लगातार छठे वर्ष स्विट्जरलैंड को पहला स्थान मिला है. स्वीडन, दूसरे और आइसलैंड, तीसरे नंबर पर है.
  • रैंकिंग के मुताबिक कोलंबिया, मंगोलिया और वेनेजुएला प्रतिभाओं के विकास, उन्हें आकर्षित करने और बनाए रखने में सबसे कमजोर देश हैं.
  • रैंकिंग के लिए 63 देशों का मूल्यांकन तीन कारकों निवेश व विकास, अपील और तैयारी पर हुआ. निवेश और विकास, स्वदेशी प्रतिभाओं को विकसित करने के लिए घरेलू संसाधनों पर विचार करता है.
  • अपील कारक विदेशी और घरेलू बाजारों से प्रतिभाओं को आकर्षित करने और बनाए रखने की क्षमता का मूल्यांकन करता है. तैयारी, टैलेंट पूल में उपलब्ध कौशल की गुणवत्ता को मापता है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वैश्विक टीबी रिपोर्ट 2022 जारी की

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने हाल ही में वैश्विक तपेदिक/क्षयरोग (TB) (tuberculosis) रिपोर्ट 2022 जारी की थी. इस रिपोर्ट में पूरी दुनिया में टीबी के निदान, उपचार और बीमारी के बोझ पर कोविड-19 महामारी के प्रभाव के बारे में बताया गया है.

WHO टीबी रिपोर्ट 2022: मुख्य बिन्दु

  • वर्ष 2021 में दुनिया भर में लगभग 6 मिलियन लोगों के क्षयरोग का निदान किया गया, जो वर्ष 2020 की तुलना में 4.5% अधिक था, जबकि इस बीमारी से पीड़ित 1.6 मिलियन रोगियों की मृत्यु हो गई.
  • TB से होने वाली कुल मौतों में 187,000 मरीज HIV पॉजिटिव थे. HIV निगेटिव लोगों में वैश्विक TB से होने वाली मौतों में से लगभग 82% अफ्रीकी और दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्रों में हुईं.
  • टीबी के रिपोर्ट किए गए मामलों की संख्या 2019 में 7.1 मिलियन से गिरकर 2020 में 5.8 मिलियन हो गई.
  • भारत उन तीन देशों (इंडोनेशिया और फिलीपींस के साथ) में से एक था, जिसने वर्ष 2020 में इस रोग में सबसे अधिक कमी की.
  • भारत ने समय के साथ अन्य देशों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है. 2015 के आधारभूत वर्ष की तुलना में 2021 में देश में टीबी के मामले में 18% की गिरावट आई.
  • वर्ष 2021 में भारत में TB मरीज़ों की संख्या प्रति 100,000 जनसंख्या पर 210 रही जो कि वर्ष 2015 में 256 थी.

वैश्विक गरीबी सूचकांक: भारत में लगभग 415 मिलियन लोग गरीबी रेखा के बाहर

संयुक्त राष्ट्र द्वारा हाल ही में जारी वैश्विक बहुआयामी गरीबी सूचकांक (Multidimensional Poverty Index – MPI) 2022 के अनुसार भारत में 15 वर्षों के दौरान लगभग 415 मिलियन लोग गरीबी रेखा के बाहर निकल गए हैं. ये आंकड़ा साल 2005-2006 और साल 2019-2020 के बीच का है. संयुक्त राष्ट्र ने इसे एक ऐतिहासिक परिवर्तन करार दिया है.

संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) और ऑक्सफर्ड गरीबी एवं मानव विकास पहल (OPHI) की तरफ से 17 अक्तूबर को यह बहुआयामी गरीबी सूचकांक (MPI) जारी किया था.

MPI 2022 रिपोर्ट के मुख्य बिन्दु

  • 111 देशों में 1.2 अरब लोग (19.1%) तीव्र बहुआयामी गरीबी में रहते हैं. बहुआयामी गरीबी के उच्चतम प्रसार वाला विकासशील क्षेत्र उप-सहारा अफ्रीका (लगभग 579 मिलियन) है, इसके बाद दक्षिण एशिया (385 मिलियन) है.
  • साल 2005-06 से लेकर 2019-21 के बीच भारत में करीब 41.5 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आए हैं जो एक “ऐतिहासिक परिवर्तन” है. इस कामयाबी को से साल 2030 तक गरीबों की संख्या को आधा करने के सतत विकास लक्ष्यों को बड़े पैमाने पर हासिल कर पाना संभव है.
  • रिपोर्ट के अनुसार साल 2020 में भारत की जनसंख्या के आंकड़ों के हिसाब से 22.89 करोड़ गरीबों की संख्या दुनिया भर में सर्वाधिक है.
  • MPI को स्वास्थ्य, जीवन स्तर, शिक्षा सहित 10 संकेतकों के आधार पर जारी किया जाता है.