वैश्विक भूख सूचकांक 2022 जारी: भारत 107वें स्थान पर

वैश्विक भूख सूचकांक (Global Hunger Index) 2022 के आँकड़े  हाल ही में जारी किए गए थे. इस सूचकांक में भारत को 107वें स्थान पर रखा गया है. भारत ने GHI 2022 को खारिज किया है. भारत ने इस रिपोर्ट को लेकर कहा है कि यह देश की छवि खराब करने का प्रयास है.

GHI (Global Hunger Index) 2022: मुख्य बिन्दु

  • आंकड़ों के मुताबिक, भारत छह पायदान नीचे खिसक कर अब 121 देशों की सूची में 107वें स्थान पर पहुंच गया है. 29.1 स्कोर के साथ भारत में ‘भूख’ की स्थिति को गंभीर बताया है.
  • पड़ोसी देशों में पाकिस्तान 99वें, श्रीलंका 64वें, बांग्लादेश 84वें, नेपाल 81वें व म्यांमार 71वें स्थान पर है. अफगानिस्तान इस सूची में 109वें स्थान पर है.
  • जाम्बिया, अफगानिस्तान, तिमोर-लेस्ते, गिनी-बिसाऊ, सिएरा लियोन, लेसोथो, लाइबेरिया, नाइजर, हैती, चाड, डेम कांगो, मेडागास्कर, मध्य अफ्रीकी गणराज्य और यमन की स्थिति भारत से भी खराब है.
  • रिपोर्ट में कहा गया है कि गिनी, मोजाम्बिक, युगांडा, जिम्बाब्वे, बुरुंडी, सोमालिया, दक्षिण सूडान और सीरिया सहित 15 देशों के लिए रैंक का निर्धारण नहीं किया जा सकता है.

वैश्विक भुखमरी सूचकांक: एक दृष्टि

वैश्विक भुखमरी सूचकांक (GHI) 2022, यूरोपीय गैर-सरकारी संगठनों – Concern Worldwide (आयरलैंड) और Welthungerhilfe (जर्मनी)  द्वारा जारी किया गया है. GHI की गणना निम्नलिखित चार संकेतकों के आधार पर की जाती है:

  1. अल्पपोषण (अपर्याप्त भोजन)
  2. चाइल्ड वेस्टिंग (तीव्र अल्पपोषण)
  3. चाइल्ड स्टंटिंग (पुरानी अल्पपोषण)
  4. बाल मृत्यु दर

केंद्रीय गृह मंत्रालय का सर्वेक्षण: भारत में सबसे अधिक बाल विवाह झारखंड में

केंद्रीय गृह मंत्रालय के रजिस्ट्रार जनरल और रजिस्ट्रार जनरल एंड सेंसस कमिश्नर ने हाल ही में एक सर्वेक्षण रिपोर्ट जारी किया था. इस सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार देश में सबसे अधिक बाल विवाह (Child Marriage) झारखंड में हो रहे हैं.

केंद्रीय गृह मंत्रालय का सर्वेक्षण 2022: एक दृष्टि

  • इस रिपोर्ट में जनसंख्या, प्रजनन क्षमता और मृत्यु दर के अनुमान शामिल हैं. इस रिपोर्ट में लगभग 84 लाख लोगों ने हिस्सा लिया है. सर्वेक्षण 2020 में किया गया था.
  • झारखंड में 5.8 फीसदी लड़कियों की शादी 18 साल की उम्र से पहले हो जाती है. राष्ट्रीय स्तर पर 18 साल की उम्र से पहले विवाह करने वाली लड़कियों का प्रतिशत 1.9 है, जबकि केरल में यह 0.0 है.
  • झारखंड के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में क्रमशः: 7.3 प्रतिशत और 3 प्रतिशत लड़कियों का बाल विवाह हुआ है.
  • झारखंड और पश्चिम बंगाल देश के दो ऐसे राज्य हैं, जहां आधी से ज्यादा महिलाओं की शादी 21 साल की उम्र से पहले कर दी जाती है.
  • पश्चिम बंगाल में जहां 54.9 प्रतिशत लड़कियों की विवाह 21 साल की उम्र से पहले किया जाता है. वहीं झारखंड में यह आंकड़ा 54.6 फीसदी है, जबकि राष्ट्रीय औसत 29.5 प्रतिशत है.

UNCTAD वार्षिक व्यापार और विकास रिपोर्ट: 2022 में भारत की जीडीपी 5.7 रहने का अनुमान

संयुक्त राष्ट्र एजेंसी UNCTAD ने हाल ही में अपनी वार्षिक व्यापार और विकास रिपोर्ट 2022 (Trade and Development Report 2022) जारी की थी.

UNCTAD रिपोर्ट: मुख्य बिन्दु

  • रिपोर्ट में 2021 में 8.2 प्रतिशत से इस साल भारत की आर्थिक वृद्धि 5.7 प्रतिशत तक गिरने का अनुमान लगाया है.
  • भारत की जीडीपी वृद्धि 2023 में 4.7 प्रतिशत तक रहेगी. 2021 में भारत की जीडीपी वृद्धि 8.2 प्रतिशत थी, जो जी20 देश में सबसे अधिक था.
  • 2022 में दक्षिण एशिया क्षेत्र में 4.9 प्रतिशत की गति से विस्तार होगा, क्योंकि उच्च ऊर्जा की कीमतों के कारण मुद्रास्फीति बढ़ी है, भुगतान की बाधाओं का संतुलन बढ़ा है और कई सरकारों (बांग्लादेश, श्रीलंका) को ऊर्जा उपभोग प्रतिबंधित करने के लिए मजबूर होना पड़ा है.
  • इस बीच चीन की आर्थिक वृद्धि 2022 में 3.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है जो 2021 में 8.1 प्रतिशत थी और 2023 में 5.3 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान है.
  • 2022 में विश्व अर्थव्यवस्था के 2.6% बढ़ने की उम्मीद है. यह पिछले साल की अनुमानित दर से 0.9 प्रतिशत अंक कम है. 2023 में वैश्विक विकास दर 2.2% तक रहने की उम्मीद है.

भारत वैश्विक नवाचार सूचकांक में 40वें स्थान पर, स्विट्जरलैंड शीर्ष पर

विश्व बौद्धिक सम्‍पदा संगठन (WIPO) ने 30 सितम्बर को वैश्विक नवाचार सूचकांक (GII) जारी किया था. इस सूचकांक में भारत 132 देशों में 40वें स्थान पर पहुंच गया है. वर्ष 2021 में भारत 46वें स्थान पर था.

इस सूचकांक में स्विट्जरलैंड लगातार 12वें वर्ष पहले स्थान पर कायम है. इसके बाद संयुक्त राज्य अमेरिका, स्वीडन, यूनाइटेड किंगडम व नीदरलैंड का स्थान है.

भारत, वैश्विक नवाचार सूचकांक 2015 में 81वें स्थान पर था. पिछले सात वर्षों में भारत की रैंकिंग में 41 स्थान का सुधार हुआ है.

वैश्विक नवाचार सूचकांक (GII): एक दृष्टि

वैश्विक नवाचार सूचकांक (Global Innovation Index) प्रति वर्ष की जाने वाली एक रैंकिंग है जो विश्व के विभिन्न देशों में नवाचार (Innovation) की क्षमता को इंगित करती है.

सूचकांक की गणना के मानकों में संस्थान, मानव पूंजी और अनुसंधान, आधारभूत ढाँचे, बाज़ार संरचना, व्यापार संरचना, ज्ञान तथा प्रौद्योगिकी आउटपुट शामिल हैं.

संयुक्त राष्ट्र मानव विकास सूचकांक 2021 जारी: भारत 132वें स्थान पर, नॉर्वे शीर्ष पर

संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) ने 9 सितम्बर को मानव विकास सूचकांक (Human Development Index- HDI) 2021 रिपोर्ट जारी की थी. इस सूचकांक में 191 देशों में भारत 132वें स्थान पर है. वर्ष 2020 के सूचकांक में भारत 131वें स्थान पर था.

इस सूचकांक में नॉर्वे शीर्ष पर रहा और उसके बाद आयरलैंड, स्विट्जरलैंड, हांगकांग और आइसलैंड का स्थान रहा.

HDI 2021 रिपोर्ट के मुख्य बिंदु

  • HDI 2021 रिपोर्ट में भारत का HDI मान 0.633 है, जो वैश्विक औसत 0.732 से कम है. वर्ष 2020 में भारत 0.645 HDI मान के साथ 131वें स्थान पर रहा था. रिपोर्ट के अनुसार इसके लिए जीवन प्रत्याशा में गिरावट को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है. भारत में जीवन प्रत्याशा 69.7 से घटकर 67.2 वर्ष हो गई है.
  • रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक मानव विकास सूचकांक की हालिया गिरावट की बड़ी वजह जीवन प्रत्याशा में वैश्विक गिरावट है, जो 2019 में 72.8 साल से घटकर 2021 में 71.4 साल हो गई.
  • भारत के पड़ोसियों में श्रीलंका (73वां), चीन (79वां), बांग्लादेश (129वां), और भूटान (127वां) भारत से ऊपर है, जबकि पाकिस्तान (161वां), नेपाल (143वां) और म्यांमार (149वां) की स्थिति बदतर है.
  • रिपोर्ट में कहा गया है कि लगभग 90 प्रतिशत देशों ने 2020 या 2021 में अपने HDI मूल्य में गिरावट दर्ज की है.

मानव विकास सूचकांक: एक दृष्टि

  • मानव विकास सूचकांक (HDI) रिपोर्ट संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) द्वारा प्रकाशित की जाती है. इस सूचकांक का उपयोग देशों को मानव विकास के आधार पर आंकने के लिए किया जाता है. यह जीवन प्रत्याशा, शिक्षा, और प्रति व्यक्ति आय संकेतकों का एक समग्र आंकड़ा है.
  • इस सूचकांक से इस बात का पता चलता है कि कोई देश विकसित है, विकासशील है, अथवा अविकसित. जिस देश की जीवन प्रत्याशा, शिक्षा स्तर एवं प्रति व्यक्ति आय अधिक होती है, उसे उच्च श्रेणी प्राप्त होती हैं.
  • पहला मानव विकास सूचकांक 1990 में भारतीय नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन और पाकिस्तानी अर्थशास्त्री महबूब उल हक के सहयोग से जारी किया गया था. तब से प्रत्येक वर्ष संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) द्वारा इसे जारी किया जाता है.

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी विश्व के सबसे लोकप्रिय नेताओं की सूची में शीर्ष पर

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी दुनियाभर के सबसे लोकप्रिय नेताओं की वैश्विक सूची में शीर्ष पर बरकरार हैं. विश्व के शीर्ष नेताओं के बीच कराए गए मार्निंग कंसल्ट सर्वे (Morning Consult Survey)  में उन्हें दुनिया में सबसे लोकप्रिय नेता चुना गया.

मुख्य बिन्दु

  • इस सर्वे में विश्व के 22 नेताओं को शामिल किया गया था. सर्वे के मुताबिक, दुनिया में 75 प्रतिशत से अधिक रेटिंग के साथ लोगों की पहली पसंद नरेंद्र मोदी हैं.
  • इस सूची में प्रधानमंत्री मोदी के बाद मेक्सिको के राष्ट्रपति एंड्रेस मैनुअल लोपेज ओब्रेडोर 63 फीसदी और इटली के प्रधानमंत्री मारियो ड्रैगी 54 फीसदी रेटिंग के साथ क्रमश: दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं.
  • वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन 41 प्रतिशत रेटिंग के साथ पांचवें पायदान पर हैं. बाइडन के बाद कनाडा के राष्ट्रपति जस्टिन ट्रूडो 39 फीसदी के साथ छठे और जापानी प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा 38 फीसदी के साथ सातवें स्थान पर हैं.
  • इससे पहले जनवरी 2022 और नवंबर 2021 में दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेताओं की सूची में प्रधानमंत्री मोदी शीर्ष पर थे.

हेनले पासपोर्ट इंडेक्स 2022: जापान पहले और भारत 87वें स्थान पर

हेनले पासपोर्ट इंडेक्‍स (Henley Passport Index) 2022 के आँकड़े 20 जुलाई को जारी किए गए थे. इन आंकड़ों में 199 देशों में पावरफुल पासपोर्ट के आधार पर रैंकिंग की गई है.

  • हेनले पासपोर्ट इंडेक्स 2022 में जापान पहले स्थान पर रहा. सिंगापुर और साउथ कोरिया इस क्रम में दूसरे स्थान जबकि जर्मनी और स्पेन देशों के पासपोर्ट तीसरे स्थान पर रहे. चौथे स्थान पर तीन देश फिनलैंड, इटली और लग्जमबर्ग रहे.
  • जापान के पासपोर्ट धारक अपने पासपोर्ट पर 193 देशों की यात्रा कर सकते हैं. वहीं दूसरे नंबर पर रहे सिंगापुर और साउथ कोरिया के पासपोर्ट पर 192 देशों की यात्रा की जा सकती है.
  • भारत के पासपोर्ट को 87वें स्थान की रैंकिंग मिली है. भारत के पासपोर्ट पर यात्री बिना वीजा के 60 देशों की यात्रा कर सकते हैं.
  • एशिया के बाकी देशों में चीन 69वें नंबर पर है. चीनी पासपोर्ट रखने वाले लोग 80 देश में बिना वीजा जा सकते हैं. वहीं बांग्लादेश 104वें, उत्तर कोरिया 105वें ओर पाकिस्तान 109वें स्थान पर है.
  • इस रैंकिंग में अफगानिस्तान, इराक और सीरिया सबसे खराब पासपोर्ट वाले देश बने हुए. अफगानिस्तान अंतिम 112वें स्थान पर है.

हेनले पासपोर्ट रैंकिंग क्या है?

  • हेनले पासपोर्ट रैंकिंग को इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (IATA) के आंकड़ों के आधार पर हेनले एंड पार्टनर्स द्वारा जारी किया जाता है.
  • यह रैंकिंग देशों के पासपोर्ट की ताकत पर निर्भर करती है. इस रैंकिंग में स्कोर का मतलब है कि कितने देशों में उस पासपोर्ट के जरिए वीजा मुक्त या वीजा आन-अराइवल प्रवेश मिल सकता है.
  • जिस देश के पासपोर्ट के जरिए बगैर वीजा या वीजा ऑन अराइवल सबसे अधिक देशों में आने-जाने की छूट होती है, उसकी रैंकिंग सबसे अच्छी होती है.

भारत के पासपोर्ट पर 60 देशों में बिना वीजा यात्रा

भारतीय पासपोर्ट धारक भूटान, कंबोडिया, इंडोनेशिया, मकाऊ, मालदीव, म्यांमार, नेपाल, श्रीलंका, थाईलैंड, केन्या, मॉरिशस, सेशेल्स, जिम्बॉब्वे, यूगांडा, ईरान और कतर सहित 60 देशों में बिना वीजा के यात्रा कर सकते हैं.

NIRF 2022 रैंकिंग, IIT मद्रास पहले स्थान पर

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने 16 जुलाई को देशभर के उच्च एवं तकनीकी शिक्षण संस्थानों का नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (NIRF) 2022 रैंकिंग जारी की थी. इसमें विभिन्न कटेगरी में देश के सर्वश्रेष्ठ संस्थानों की सूची जारी की गई है.

NIRF 2022 रैंकिंग: मुख्य बिन्दु

  • NIRF इंजीनियरिंग रैंकिग 2022 में IIT मद्रास पहले स्थान पर है. IIT दिल्ली और IIT बॉम्बे ने क्रमशः दूसरा और तीसरा स्थान प्राप्त किया है.
  • मेडिकल कॉलेज श्रेणी में, AIIMS नई दिल्ली को सर्वश्रेष्ठ स्थान दिया गया है. सविता इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एंड टेक्निकल साइंसेज, चेन्नई को डेंटल कॉलेज श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ स्थान दिया गया है.
  • सर्वश्रेष्ठ कॉलेज की श्रेणी में मिरांडा हाउस पहले और हिंदू कॉलेज और प्रेसीडेंसी दूसरे स्थान पर है.
  • प्रबंधन श्रेणी में IIM अहमदाबाद को भारत में सर्वश्रेष्ठ बी-स्कूल का दर्जा दिया गया है जबकि IIM बैंगलोर दूसरे स्थान पर है.

NIRF रैंकिंग: एक दृष्टि

NIRF (National Institutional Ranking Framework) की स्थापना केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने वर्ष 2015 में की थी. NIRF रैंकिंग के अंतर्गत टीचिंग, लर्निंग एण्ड रिसोर्सेस, रिसर्च एण्ड प्रोफेशनल प्रैक्टिस, ग्रेजुएशन आउटकम्स, आउटरीच एण्ड इन्क्लूजिविटी और पीअर पर्सेप्शन जैसे मापदंडों के आधार पर देश के संस्थानों की रैंकिंग हर साल जाती की जाती है.

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत राज्य रैंकिंग सूचकांक

केंद्रीय उपभोक्ता कार्य, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री पीयूष गोयल ने 5 जुलाई को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत राज्य रैंकिंग सूचकांक सूचकांक जारी किया था.

मुख्य बिंदु

  • इस सूचकांक में ओडिसा ने शीर्ष स्‍थान प्राप्‍त किया. रैंकिंग में उत्तर प्रदेश दूसरे और आंध्र प्रदेश तीसरे स्थान पर रहा. श्री गोयल ने दिल्ली में खाद्य और पोषण सुरक्षा पर राष्ट्रीय सम्मेलन में यह सूचकांक जारी किया था.
  • ओडिशा को 0.836 का इंडेक्स स्कोर मिला. 0.797 के इंडेक्स स्कोर के साथ उत्तर प्रदेश दूसरे स्थान पर है. आंध्र प्रदेश 0.794 के स्कोर के साथ तीसरे स्थान पर है.

भारतीय स्‍टेट बैंक की रिपोर्ट: भारत में आय असमानता में कमी

भारतीय स्‍टेट बैंक (SBI) द्वारा हाल ही जारी एक रिपोर्ट के अनुसार वित्‍त वर्ष 2017 के बाद से भारत में आय असमानता में कमी आई है. यह रिपोर्ट स्‍टेट बैंक के ग्रुप मुख्‍य आर्थिक सलाहकार सौम्‍या कांति घोष द्वारा तैयार की गई है.

मुख्य बिंदु

  • रिपोर्ट के अनुसार वित्‍त वर्ष 2017 के बाद से भारत में आय असमानता में कमी आई है. कोविड महामारी के दौरान भी देश में आय असमानता घटी.
  • भारत ने कोविड महामारी के दौरान आबादी के एक बड़े हिस्‍से को आमदनी बंद हो जाने के संकट से उबारा.
  • भारत का निर्धनता अनुपात वर्ष 2011-12 के 21.9 प्रतिशत से कम होकर वर्ष 2020-21 में 17.9 प्रतिशत पर आ गया.

QS वर्ल्ड रैंकिंग 2023: IISC बेंगलुरु देश में सर्वश्रेष्ठ और दक्षिण एशिया में उभरता संस्थान

QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग (Quacquarelli Symonds World University Rankings) 2023 हाल ही में जारी की गई थी. यह QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग का 19वां संस्‍करण था. क्यूएस रैंकिंग की सूची में कुल 41 भारतीय विश्वविद्यालयों ने स्थान प्राप्त किया है. इस रैंकिंग के अनुसार, लगातार दसवें वर्ष, MIT को सर्वश्रेष्ठ यूनिवर्सिटी के रूप में सम्मानित किया गया है. इस वर्ष, यूनिवर्सिटी रैंकिंग में कुल 1,029 यूनिवर्सिटी शामिल हैं.

QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2023: मुख्य बिंदु

  • इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ सांइस (IISC) बेंगलुरु को एक बार फिर देश में सर्वश्रेष्ठ और दक्षिण एशिया में उभरते संस्थान का खिताब मिला है. यह संसथान दुनिया के उच्च शिक्षण संस्थानों में 155वें स्थान पर है. वर्ष 2022 में वह 186वें स्थान पर था.
  • रैंकिंग-2023 में टॉप 200 में IIT बॉम्बे और IIT दिल्ली को भी जगह मिली है. देश में IIT बॉम्बे दूसरे और IIT दिल्ली तीसरे स्थान पर हैं.
  • इस QS वर्ल्ड रैंकिंग में अमेरिका के मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) को लगातार 11वें वर्ष पहले स्थान पर है. यूनाइटेड किंगडम की ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय ने दूसरा स्थान हासिल किया है, जबकि संयुक्त राज्य अमेरिका की स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय तीसरे स्थान पर हैं.

QS रैंकिंग का आधार

QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग छह संकेतकों के आधार पर तैयार की जाती है. इनमें शैक्षणिक प्रतिष्ठा, नियोक्ता प्रतिष्ठा, प्रति संकाय उद्धरण, संकाय / छात्र अनुपात, अंतरराष्ट्रीय संकाय अनुपात और अंतरराष्ट्रीय छात्र अनुपात आदि शामिल हैं.

QS रैंकिंग: एक दृष्टि

QS World University Rankings को ब्रिटिश कंपनी Quacquarelli Symonds द्वारा प्रत्येक वर्ष प्रकाशित किया जाता है. QS द्वारा संस्थानों की रैंकिंग जिन मानकों पर की गई, वे हैं- एकेडेमिक, रेपुटेशन, फैकल्टी-स्टूडेंट्स रेशियो, एंप्लॉयर रेपुटेशन, इंटरनेशनल फैकल्टी रेशियो, इंटरनेशनल स्टूडेंट्स रेशियो और साइटेशन/फैकल्टी.

खाद्य सुरक्षा सूचकांक-2021-22: तमिलनाडु बड़े राज्यों में शीर्ष पर

भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने हाल ही में ‘चौथा खाद्य सुरक्षा सूचकांक-2021-22’ (4th Food Safety Index – SFSI) जारी किया था.

  • इस रिपोर्ट में 17 बड़े राज्यों की श्रेणी में तमिलनाडु 82 अंकों के साथ शीर्ष पर है, जबकि गुजरात 77.5 अंकों के साथ दूसरे और महाराष्ट्र 70 अंकों के साथ तीसरे स्थान पर है.
  • छोटे राज्यों की श्रेणी में गोवा ने अपनी शीर्ष रैंकिंग बरकरार रखी, जबकि मणिपुर और सिक्किम ने दूसरा और तीसरा स्थान हासिल किया.
  • केंद्र शासित प्रदेशों में, जम्मू और कश्मीर पहले स्थान पर है, उसके बाद दिल्ली और चंडीगढ़ का स्थान है.

खाद्य सुरक्षा सूचकांक: एक दृष्टि

  • खाद्य सुरक्षा सूचकांक 2018-19 में शुरू किया गया था. खाद्य सुरक्षा के कई मापदंडों पर राज्यों के प्रदर्शन को मापने के लिए FSSAI द्वारा यह सूचकांक जारी किया जाता है.
  • इस रिपोर्ट में राज्यों को पांच मानदंडों, खाद्य सुरक्षा, मानव संसाधन व संस्थागत आंकड़ों, एक्ट के अनुपालन, खाद्य परीक्षण सुविधा, प्रशिक्षण व क्षमता निर्माण के अलावा उपभोक्ता सशक्तीकरण के आधार पर रैंकिग दी जाती है.