भारतीय वायु सेना के विमानों में लद्दाख के नागरिकों के लिए हवाई यात्रा सुविधा

रक्षा मंत्रालय ने भारतीय वायु सेना के विमानों में लद्दाख के नागरिकों के लिए हवाई यात्रा सुविधा फिर शुरू करने के लद्दाख प्रशासन के प्रस्‍ताव को मंजूरी दी है.

रक्षा मंत्रालय के आदेश के अनुसार लद्दाख के नागरिक लेह, थोइसे और करगिल हवाई अड्डों से देश के अन्‍य भागों की यात्रा कर सकते हैं.

नागरिकों को विमान में रिक्‍त सीटों के बदले यात्रा सुविधा उपलब्‍ध कराई जाएगी और उन्‍हें एयरलिफ्ट प्रभार का भुगतान करना होगा जिसे समय समय पर अधिसूचित किया जाएगा.

असम और अरुणाचल प्रदेश ने सीमा विवाद के निपटारे के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए

असम और अरुणाचल प्रदेश ने दोनों राज्यों के बीच अंतर-राज्य सीमा विवाद के निपटारे के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं.

मुख्य बिन्दु

  • यह समझौता नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की उपस्थिति में असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा और अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने किया.
  • इस समझौते से दोनों राज्‍यों की सीमा पर स्थित 123 गांवों का विवाद समाप्त हो जाएगा. 1972 से इस सीमा विवाद को सुलझाने का प्रयास विफल रहा था.
  • 100 किलोमीटर से लंबी असम-अरूणाचल सीमा का विवाद के समाधान के लिए यह समझौता बहुत बड़ी उपलब्धि है.

गुजरात में सुजलाम-सुफलाम जल अभियान का छठा चरण शुरू

गुजरात में 17 फ़रवरी को सुजलाम-सुफलाम जल अभियान का छठा चरण शुरू हुआ. मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल गांधीनगर के खुरज में इस राज्यव्यापी अभियान का शुभारंभ किया.

अभियान का उद्देश्य भूजल स्तर को ऊपर उठाना और वर्षा जल का अधिकतम उपयोग करना है. यह अभियान 31 मई तक चलेगा.

राज्य भर में झीलों को गहरा करने, पुराने बांधों और जलाशयों को सूची में शामिल करने, नए बांधों, तालाबों के निर्माण, नहरों की सफाई के लिए विभिन्न विकास कार्य किए जाएंगे.

राजस्‍थान के कुंभा महल गार्डन में पुरातत्व विभाग को नटराज की प्रतिमा सौंपी गई

संस्कृति राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने राजस्‍थान के चित्‍तौडगढ़ किले में कुंभा महल गार्डन में पुरातत्‍व विभाग को नटराज की प्रतिमा सौंपा था.

यह प्रतिमा नवीं से दसवीं शताब्दी के बीच की है जिसे चित्‍तौडगढ़ जिले के बदोली स्थित शिव मंदिर से 1998 में चुरा लिया गया था. लंबी कानूनी प्रक्रिया के बाद वर्ष 2020 में इस प्रतिमा को लंदन के एक निजी संग्रहालय से भारत लाने में कामयाबी मिली.

प्रतिमा को कुंभा महल में पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के संरक्षण में रखा जाएगा.

असम सरकार ने राज्य के तीन सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार की घोषणा की

असम सरकार ने हाल ही में वर्ष 2022-23 के लिए राज्य के तीन प्रतिष्ठित सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार की घोषणा की थी. ये पुरस्कार उन व्यक्तियों को सम्मानित करने के लिए दिए जाते हैं, जिन्होंने राज्य और वहाँ के लोगों के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया हो.

  1. पहला पुरस्कार – असोम बैभव: असम सरकार द्वारा दिया असोम बैभव पुरस्कार सरकार द्वारा दिया जाने वाला सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार है और इस वर्ष के प्राप्तकर्ता डॉ. तपन सैकिया हैं.
  2. दूसरा सम्मान – असोम सौरव: इस वर्ष के यह सम्मान कृष्णा रॉय, गिल्बर्ट संगमा, डॉ. बिनॉय कुमार सैकिया और डॉ. शशिधर फुकन को मिला है.
  3. तीसरा सम्मान – असोम गौरव: इस वर्ष के यह पुरस्कार प्राप्त करने वाले देबजीत बर्मन, रुस्तम बासुमतारी, मंजे ला, बिनंदा हतिबरुआ, अतुल बरुआ, शिला गोवाला, डॉ. जोगेश देउरी, डॉ. पंकज लाल गोगोई, सरबेश्वर बासुमतारी, मन्थंग हमार, दयाल गोस्वामी, डॉ. सैयद इफ्तिखार अहमद, डॉ. ध्रुबज्योति शर्मा हैं.

मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य में पंचायत अनुसूचित विस्तार अधिनियम लागू

मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य में पंचायत अनुसूचित विस्तार अधिनियम (Panchayat Extension to Scheduled Areas (PESA) Act) लागू कर दिया है. इसका उद्देश्य ग्राम सभाओं की सक्रिय भागीदारी से जनजातीय लोगों को शोषण से बचाना है.

पेसा अधिनियम: मुख्य बिन्दु

  • पेसा अधिनियम अनुसूचित क्षेत्रों में ग्राम सभाओं को विशेष रूप से प्राकृतिक संसाधनों के प्रबंधन में विशेष अधिकार देता है.
  • पेसा अधिनियम का उद्देश्य भारतीय संविधान के भाग IX के प्रावधानों को अनुसूचित क्षेत्रों तक विस्तारित करना है.
  • राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने 15 नवंबर को मध्य प्रदेश के शहडोल में एक कार्यक्रम में इसकी औपचारिक घोषणा की थी. उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस अधिनियम का उपयोग जनजातीय समुदाय के लोगों को सशक्त बनाने के लिए किया जाएगा.
  • मध्यप्रदेश यह कानून लागू करने वाला देश का सातवां राज्य बन चुका है. इससे पहले हिमाचल प्रदेश, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र ने यह कानून बनाया था.
  • इस कानून का उद्देश्य जनजातीय समाज को स्वशासन प्रदान करने के साथ ही ग्रामसभाओं को सभी गतिविधियों का मुख्य केन्द्र बनाना है.

कावेरी दक्षिण अभयारण्य को तमिलनाडु का 17वां अभयारण्य अधिसूचित किया गया

तमिलनाडु सरकार ने कावेरी दक्षिण वन्यजीव अभयारण्य (Cauvery Wildlife Sanctuary) को राज्य के 17वें वन्यजीव अभयारण्य रूप में अधिसूचित किया है. मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने घोषणा की थी.

मुख्य बिन्दु

  • 68,640 हेक्टेयर में फैले इस अभयारण्य को वन्य जीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की धारा 26-ए के तहत 17वां वन्यजीव अभयारण्य घोषित किया गया है.
  • यह अभयारण्य कृष्णागिरी और धर्मपुरी जिलों में आरक्षित वन क्षेत्रों में आता है. इसमें स्तनधारियों की 35 प्रजातियां, पक्षियों की 238 प्रजातियां, कछुए, ऊदबिलाव, दलदली मगरमच्छ और चार सींग वाले मृग रहते हैं और इसे वन्यजीवों का स्वर्ग कहा जाता है.
  • इस क्षेत्र की अद्वितीय पारिस्थितिकी, जीव-जंतु और फूल इसे खास बनाते हैं और यह दक्षिणी भारत में हाथियों का एक महत्वपूर्ण निवास स्थान भी है.
  • सरकार पहले ही विल्लुपुरम और कुड्डालोर जिलों में स्थित काजुवेली पक्षी अभयारण्य, तिरुपुर जिले में नंजरायण पक्षी अभयारण्य, करूर और डिंडीगुल जिलों में कदवुर स्लेंडर लोरिस अभयारण्य और पाक खाड़ी में डुगोंग संरक्षण रिजर्व को अधिसूचित कर चुकी है.

मध्यप्रदेश में ‘वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व’ के गठन को मंजूरी

मध्यप्रदेश राज्य वन्यप्राणी बोर्ड ने प्रदेश में ‘वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व’ के गठन की मंजूरी दी है. यह मध्यप्रदेश का सातवाँ टाइगर रिजर्व होगा.

‘वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व’ के गठन के बाद मध्य प्रदेश में कुल सात टाइगर रिजर्व हो जाएगा. यह भारत का सबसे ज्यादा टाइगर रिजर्व वाला राज्य बन जाएगा. अब तक मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र दो ऐसे राज्य थे, जहां सबसे अधिक छह-छह टाइगर रिजर्व थे.

यह मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर, दमोह और सागर जिलों को कवर करते हुए 2,339 वर्ग किलोमीटर के नए बाघ अभयारण्य में फैला होगा.

तेलंगाना, कर्नाटक और महाराष्ट्र में हैदराबाद मुक्ति दिवस समारोह मनाया जा रहा है

तेलंगाना, कर्नाटक और महाराष्ट्र में 17 सितम्बर से ‘हैदराबाद मुक्ति दिवस समारोह’ मनाया जा रहा है. इसका उद्घाटन गृहमंत्री अमित शाह ने किया था. इस समारोह का आयोजन संस्कृति मंत्रालय के सौजन्य से किया जा रहा है.

मुख्य बिन्दु

  • तीन राज्यों के लगभग ए‍क हजार दो सौ कलाकार क्षेत्र की समृद्ध विरासत की झलकियों सहित रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करेंगे.
  • तत्कालीन गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल ने वर्ष 1948 में आज (17 सितम्बर) ही के दिन ‘ऑपरेशन पोलो’ के तहत तत्कालीन हैदराबाद रियासत के खिलाफ पुलिस कार्रवाई आरम्भ की और लोगों को निजाम के निरंकुश शासन से मुक्ति दिलाई.
  • कर्नाटक और महाराष्ट्र की सरकारें कई वर्ष से मुक्ति दिवस मनाती आ रही हैं, जबकि तेलंगाना या तत्कालीन एकीकृत आंध्र प्रदेश सरकार इसका आयोजन नहीं करती थी.

बिहार में फल्गु नदी पर देश का सबसे बड़ा रबर बांध का उद्घाटन

बिहार में हाल ही में देश का सबसे बड़ा रबर बांध का उद्घाटन किया गया था. यह बांध फल्गु नदी पर बनाया गया है. इस बांध का उद्घाटन बिहार के मुख्य मंत्री नीतीश कुमार ने किया था. इस डैम का निर्माण 312 करोड़ रुपए की लागत से हुआ है.

मुख्य बिन्दु

  • इस बांध का नाम गया जी डैम रखा गया है. यह 411 मीटर लंबा और 3 मीटर ऊंचा यह रबर डैम 312 करोड़ की लागत से बना है. यह बांध 17 मिमी मोटे रबर से बना है.
  • इसमें फल्गु नदी के सतही और उप-सतही जल प्रवाह को रोककर जल का संचयन किया गया है और ठहरे हुए पानी के समय-समय पर प्रतिस्थापन के लिए बोरवेल की स्थापना की गई है.
  • फल्गू नदी बिहार के गया से गुज़रती है. इस नदी का हिन्दू व बौद्ध धर्मों में महत्व है. भगवान विष्णु का विष्णूपाद मंदिर इसके किनारे खड़ा है. इसकी धाराएँ अंत में पुनपुन नदी में विलय हो जाती हैं, जो स्वयं गंगा नदी की एक उपनदी है. फल्गु नदी झारखण्ड के पलामू जिले से निकली है.

भुज में भूकंप के पीड़ितों की याद में ‘स्मृति वन’ का लोकार्पण

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 28 अगस्त को गुजरात में कच्छ के भुज में स्मृति वन का लोकार्पण किया. स्मृति वन एक संग्रहालय है जो वर्ष 2001 में भूकम्प के बाद गुजरात की जनता की सद्भावना का प्रतीक है. इसके अंदर बनाए गए स्मारक में भूकम्प से मरने वालों के नाम लिखे गये हैं. यह संग्रहालय 11500 वर्गमीटर में फैला है. इसमें आठ खंड, एक दीर्घा और एक थिएटर मौजूद है.

470 एकड़ में फैला स्मृति वन मेमोरियल प्रोजेक्ट भुज में भुजियों पहाड़ी के ऊपर बनाया गया है जो 2001 के गुजरात भूकंप के पीड़ितों के लिए एक श्रद्धांजलि है. 12,000 से अधिक लोगों ने इस विनाशकारी भूकंप में अपनी जान गंवाई थी.

प्रधानमंत्री ने भूकंप से संबंधित एक और स्मारक “वीरबालक स्मारक” का भी वर्चुअली लोकार्पण किया. यह स्मारक अंजार शहर में 185 बच्चों और 20 शिक्षकों की याद में बनाया गया है जो भूकंप में मलबे में जिंदा दब गए थे.

पश्चिम बंगाल में सात नए जिले बनाए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई

पश्चिम बंगाल मंत्रिमंडल ने राज्य में सात नए जिले बनाए जाने के एक प्रस्ताव को मंजूरी दी है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 1 अगस्त को इसकी घोषणा की थी. प्रशासनिक कामकाज को सुगम बनाने के लिए यह निर्णय लिया गया है.

नए सात जिलों के साथ राज्य में कुल 30 जिले हो जाएंगे. वर्तमान में कहा 23 जिले हैं. नए जिले हैं- बेहरामपुर, कांडी, सुंदरवन, बशीरहाट, इच्छामति, राणाघाट और विष्णुपुर.