मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपने पद से इस्तीफा दिया

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने 20 मार्च को अपने पद से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने अपना इस्तीफा राज्यपाल लालजी टंडन को सौंपा. राज्यपाल ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है. विधानसभा में बहुमत न होने के चलते उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दिया है. कमलनाथ ने 17 दिसंबर 2018 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी.

मुख्यमंत्री कमलनाथ ने विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव पर होने वाले मत विभाजन से पहले इस्तीफा दिया. उच्चतम न्यायालय ने राज्य विधानसभा में 20 मार्च को शाम पांच बजे तक बहुमत परीक्षण पूरा कर लिए जाने का निर्देश दिया था. न्यायालय ने यह आदेश मध्यप्रदेश विधानसभा में बहुमत परीक्षण के अनुरोध से जुड़ी पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित 10 भाजपा नेताओं की याचिका पर दिया.

क्या है मामला?

मध्‍यप्रदेश में पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और सत्तारूढ़ कांग्रेस के 22 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था. इससे सदन में कांग्रेस के सदस्यों की संख्या 114 से घटकर 92 रह गई थी. दूसरी ओर, सदन में भाजपा के 107 सदस्य हैं. राज्‍य में बसपा के दो सदस्य हैं जबकि समाजवादी पार्टी का एक और चार निर्दलीय विधायक भी है.

230 सदस्यीय मध्यप्रदेश विधानसभा में दो सीटें पहले से खाली हैं. मौजूदा परिस्थितियों में बहुमत के लिए 104 विधायकों का समर्थन चाहिए. इस प्रकार कमलनाथ के इस्तीफे के बाद राज्य में भाजपा के नेतृत्‍व में नई सरकार के गठन का रास्ता साफ हो गया है.

गैरसैंण को उत्तराखंड का ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाए जाने की घोषणा की गयी

उत्तराखंड सरकार ने चमोली जिले के गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाए जाने की घोषणा की है. यह घोषणा इस राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बजट पेश किए जाने के दौरान 4 मार्च को की.

देहरादून राज्य की अस्थायी राजधानी

उत्तराखंड के अलग राज्य के रूप में अस्तित्व में आने के बाद आज तक स्थायी राजधानी नहीं मिल सकी. देहरादून राज्य की राजधानी है, लेकिन वह अभी भी अस्थायी राजधानी के रूप में ही है. गैरसैंण को राजधानी बनाने की मांग लंबे समय से की जा रही थी.

देश के 27वें राज्य के रूप में उत्तराखंड का गठन 9 नवंबर 2000 को उत्तर प्रदेश से अलग करके किया गया था.

उत्तराखंड हाई कोर्ट नैनीताल में

उत्तराखंड में प्रशासकीय तौर पर दो मंडल हैं, कुमाऊं और गढ़वाल. राज्य बनने के बाद गढ़वाल और राज्य की सीमा पर स्थित देहरादून को राजधानी बनाया गया तो कुमाऊं के नैनीताल में हाई कोर्ट बना रहा.

उत्तराखंड में दो राजभवन

उत्तराखंड देश के चुनिंदा राज्यों में शुमार है, जहां राज्यपाल के लिए दो राजभवन हैं- देहरादून और नैनीताल. ग्रीष्मकाल में राज्यपाल नैनीताल प्रवास पर आते हैं.

देश का पांचवां राज्य जिसकी 2 राजधानियां

अब उत्तराखंड देश का ऐसा पांचवां राज्य बन गया है जिसकी 2-2 राजधानियां हैं. आंध्र प्रदेश में 3 राजधानियों का प्रस्ताव है तो हिमाचल प्रदेश और महाराष्ट्र में 2-2 राजधानियां हैं. जम्मू-कश्मीर में भी 2 राजधानी हैं लेकिन पिछले साल इसे राज्य की सूची से हटाकर केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया था.

गैरसैंण: एक दृष्टि

गैरसैंण उत्तराखंड के चमोली जिले में आता है और इसे नगर पंचायत का दर्जा हासिल है. यह उत्तराखंड की पामीर के नाम से जानी जाने वाली दुधाटोली पहाड़ी पर स्थित है. इसी पहाड़ी पर रामगंगा का उद्भव हुआ है. भौगोलिक तौर पर यह इलाका उत्तराखंड के बीच में पड़ता है.

सातवीं शताब्दी में भारत यात्रा पर आए चीनी यात्री ह्वेनसांग ने इस क्षेत्र में ब्रह्मपुर नामक राज्य होने का जिक्र किया था.

प्रधानमंत्री ने चित्रकूट से देशभर के दस हजार किसान उत्पादक संगठनों का शुभारंभ किया

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 29 फरवरी को उत्तरप्रदेश के चित्रकूट से देशभर के दस हजार किसान उत्पादक संगठनों का शुभारंभ किया. इन संगठनों से छोटे और भूमिहीन किसानों को एकजुट करने में मदद मिलेगी ताकि वे प्रौद्योगिकी, उत्कृष्ट बीज, उर्वरकों और कीटनाशकों सहित अपेक्षित वित्तीय साधनों की कमी जैसे मुद्दों से सामूहिक रूप से निपट सकें. पधानमंत्री इस अवसर पर विभिन्न राज्यों के किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड भी सौंपे.

देश के विभिन्न स्थानों पर 25 लाख किसान क्रेडिट कार्ड वितरित किये जायेंगे. पीएम किसान के जो लाभार्थी किसान क्रेडिट कार्ड प्राप्‍त करने के अधिकारी होंगे. किसान क्रेडिट कार्ड योजना के अंतर्गत अभी 6.5 करोड़ किसान के पास क्रेडिट कार्ड है.

प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के मुख्य बिंदु

बुंदेलखंड एक्स्प्रेसवे: प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने बुंदेलखण्‍ड एक्‍सप्रैस-वे की आधारशिला रखी. 296 किलोमीटर लंबा बुंदेलखंड एक्स्प्रेसवे चित्रकूट, बांदा, हमीरपुर और जालौन जिलों से होकर गुजरेगा. इस एक्स्प्रेसवे के जरिये बुंदेलखंड का इलाका राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली से आगरा-लखनऊ एक्स्प्रेसवे और यमुना एक्सप्रेसवे के जरिये जुड़ जायेगा. यह एक्सप्रेसवे उत्तरप्रदेश रक्षा औद्योगिक गलियारे के प्रमुख इलाकों के विकास में सहायक साबित होगा.

हर घर जल योजना: प्रधानमंत्री ने चित्रकूट जिले के भरतकूप इलाके के गोंडा गांव में प्रत्‍येक घर में पाइप के जरिये पानी उपलब्‍ध कराने की ‘हर घर जल योजना’ का शुभारंभ किया. इस योजना के जरिये हर घर तक पीने का पानी पाइप के जरिये पहुंचाने के साथ ही सूखा प्रभावित बुंदेलखंड के छह जिलों में अटल भूजल योजना के जरिए बेहतर जल प्रबंधन किया जायेगा.

राष्‍ट्रीय वयोश्री योजना: प्रधानमंत्री प्रयागराज में राष्‍ट्रीय वयोश्री योजना के तहत वरिष्‍ठ नागरिकों को तथा दिव्‍यांगों के लिए उपकरण सहायता योजना के तहत सहायता 56 हजार उपकरण वितरित किये. इस योजना का मुख्य उद्देश्य वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगजनों को सहायक उपकरण उपलब्ध कराना है.

जम्मू-कश्मीर के लिए 37 कानूनों को समवर्ती सूची में रखने के आदेश को मंजूरी दी गयी

केंद्रीय कैबिनेट ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में लागू करने के लिए 37 केंद्रीय कानूनों को समवर्ती सूची में शामिल करने के आदेश को मंजूरी दी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में 26 फरवरी को हुई बैठक में कैबिनेट की बैठक में यह मंजूरी दी गयी है. मंजूरी के बाद कश्मीर घाटी में जो 37 कानून लागू नहीं थे, वह अब लागू हो जाएंगे.

केंद्र सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 की धारा 96 के अंतर्गत जम्मू-कश्मीर में केंद्रीय कानूनों के समवर्ती आदेश को जारी करने को स्वीकृति दी. धारा 96 के अंतर्गत केंद्र सरकार के पास कानूनों को आवश्यकतानुसार ढालने और उनमें संशोधन करने का अधिकार है.

अगस्त 2019 में संसद ने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले भारतीय संविधान के अनुच्छेद-370 और 35A के प्रावधानों को खत्म कर दिया था और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभक्त किया था. ये दोनों राज्य 31 अक्तूबर 2019 से अस्तित्व में आए थे. इसमें जम्मू-कश्मीर में विधानसभा का प्रावधान किया गया था जबकि लद्दाख बिना विधानसभा का केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया था.

पूरे देश में एक सामान लागू होगा केंद्रीय कानून

31 अक्तूबर, 2019 से पूर्व जम्मू-कश्मीर को छोड़कर अन्य सभी राज्यों में सभी केंद्रीय कानून लागू होते थे. सरकार द्वार 37 केंद्रीय कानूनों को समवर्ती सूची में शामिल करने के बाद अब सभी केंद्रीय कानून पूरे देश में एक सामान लागू होगा. इससे पहले देश के कानून को स्वीकार करना जम्‍मू-कश्‍मीर की विधानसभा पर निर्भर होता था.

क्या है समवर्ती सूची?

भारतीय संविधान में केंद्र सरकार और राज्य सरकार की शक्तियों का विभाजन किया गया है. इन शक्तियों को संविधान की सातवीं अनुसूची में तीन सूचियों में वर्गीकृत किया गया है. ये तीन सूची हैं:

  1. संघ सूची: संघ सूची के विषयों से सम्बंधित कानून बनाने का अधिकार संसद को प्रदान किया गया है. वर्तमान समय में संघ सूची में कुल 100 विषयों को सम्मिलित किया गया है.
  2. राज्य सूची: राज्य सूची के विषयों से सम्बंधित कानून बनाने का अधिकार राज्य विधानसभा को प्रदान किया गया है. राज्य सूची में वर्तमान में 61 विषय शामिल हैं.
  3. समवर्ती सूची: समवर्ती सूची में उन विषयों को रखा गया है, जिसपर राज्य विधानसभा और संसद दोनों कानून का निर्माण कर सकती है. दोनों सरकारों द्वारा बनाये गए कानून में गतिरोध उत्पन्न होने पर केंद्र सरकार के क़ानून को मान्यता प्रदान की गयी है. वर्तमान समय में समवर्ती सूची में कुल 52 विषय को रखा गया है.

आंध्रप्रदेश में ‘जगन्ना वासथी दीवेना’ योजना की शुरुआत की गयी

आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगनमोहन रेड्डी ने ‘जगन्ना वासथी दीवेना’ (Jagananna Vasthi Deevena) योजना की शुरुआत की है. इस योजना के तहत माध्यमिक शिक्षा के बाद विभिन्न पाठ्यक्रम के दौरान छात्रों को छात्रावास और भोजनालय खर्च के लिए वित्तीय मदद देने का प्रावधान है. इस योजना पर 2300 करोड़ रुपये का खर्च आएगा.

मुख्यमंत्री ने 24 फरवरी को उत्तर तटीय आंध्र के विजयनगरम जिले से इस योजना की शुरुआत की. इस योजना से ITI, पॉलिटेक्निक, स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा लेने वाले 11,87,904 छात्रों को लाभ मिलेगा.

योजना के तहत प्रत्येक वर्ष फरवरी और जुलाई में दो किस्तों में लाभार्थी छात्रों की माताओं के बैंक खाते में राशि जमा किए जाएंगे. इसके तहत हर ITI छात्र को दस हजार रुपये, पॉलिटेक्निक के छात्रों को 15 हजार रुपये जबकि स्नातक और स्नातकोत्तर के छात्रों को 20 हजार रुपये दिए जाएंगे.

20 फरवरी: अरूणाचल प्रदेश और मिजोरम का स्‍थापना दिवस

प्रत्येक वर्ष 20 फरवरी को अरूणाचल प्रदेश और मिजोरम का स्‍थापना दिवस मनाया जाता है. अरुणाचल प्रदेश और मिजोरम को 1987 में आज ही के दिन राज्य का दर्जा मिला था. इस वर्ष यानी 2020 में 34वां स्थापना दिवस है.

अरुणाचल प्रदेश

  • अरुणाचल प्रदेश 20 फ़रवरी, 1987 को भारतीय संघ का 24वां राज्य बना था. 1972 तक, इसे नॉर्थ-ईस्ट फ्रंटियर एजेंसी (NEFA) के नाम से जाना जाता था.
  • सन 1972 में इसे प्रदेश को केंद्र शासित राज्य बनाया गया था और इसका नाम ‘अरुणाचल प्रदेश’ किया गया था. केंद्रशासित प्रदेश अरुणाचल प्रदेश को राज्य का दर्जा दिए जाने के लिए 55वां संविधान संशोधन किया गया था.
  • अरुणाचल प्रदेश भारत गणराज्य का एक उत्तर पूर्वी राज्य है. ‘अरुणाचल’ का अर्थ हिन्दी में शाब्दिक अर्थ है ‘उगते सूर्य की भूमि’ (अरुण+अचल). ईटानगर राज्य की राजधानी है. अरुणाचल प्रदेश की मुख्य भाषा हिन्दी और असमिया है.
  • प्रदेश की सीमाएँ दक्षिण में असम दक्षिण-पूर्व मे नागालैंड पूर्व में म्यांमार, पश्चिम में भूटान और उत्तर में तिब्बत से मिलती हैं. भौगोलिक दृष्टि से पूर्वोत्तर के राज्यों में यह सबसे बड़ा राज्य है.

मिज़ोरम

  • मिज़ोरम 1987 को भारत का 23वां राज्य बना था. 1972 में पूर्वोत्तर क्षेत्र पुनर्गठन अधिनियम लागू होने पर मिजोरम केंद्रशासित प्रदेश बना था. केंद्रशासित प्रदेश बनने से पहले तक यह असम का एक जिला था.
  • भारत सरकार और मिज़ो नेशनल फ्रंट के बीच 1986 में हुए ऐतिहासिक समझौते के फलस्वरूप 20 फरवरी, 1987 को इसे पूर्ण राज्य का दर्जा दिया गया. इसके लिए 53वां संविधान संशोधन किया गया था.
  • मिज़ोरम भारत का एक उत्तर-पूर्वी राज्य है. मिजोरम में साक्षरता का दर भारत में सबसे अधिक 91.03% है. यहाँ की राजधानी आईजोल है.
  • पूर्व और दक्षिण में म्यांमार और पश्चिम में बांग्लादेश के बीच स्थित होने के कारण भारत के पूर्वोत्तर कोने में मिजोरम सामरिक दृष्टि से अत्यधिक महत्वपूर्ण राज्य है.

उत्तर प्रदेश की सरकार ने वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए राज्य का बजट पेश किया

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश की सरकार ने वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए राज्य का बजट पेश किया. यह बजट राज्य के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने विधानमंडल के दोनों सदनों में बजट पेश किया. राज्य मंत्री परिषद ने कैबिनेट की बैठक में लगभग 5.25 लाख करोड़ रुपए के बजट को मंजूरी दी है. यह उत्तर प्रदेश के इतिहास का अबतक का सबसे बड़ा बजट है.

योगी सरकार का यह चौथा बजट है. इस बजट में सरकार ने किसानों, युवाओं, बेरोजगारों और महिलाओं के साथ-साथ धार्मिक स्थलों को पर्यटन स्थल के अनुसार विकसित करने पर खास फोकस किया है. वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बजट पेश करते हुये योगी आदित्यनाथ सरकार के पिछले कार्यकाल के दौरान किए गए विकास कार्यों की जानकारी दी. इस बार के बजट में 10 हजार 967 करोड़ 87 लाख की नई योजनाएं शामिल की गई.

अरविन्‍द केजरीवाल ने दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री के रूप में शपथ ली

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्‍द केजरीवाल ने नये गठित विधानसभा के लिए मुख्‍यमंत्री के रूप में 16 फरवरी को शपथ ली. उपराज्‍यपाल अनिल बैजल ने दिल्‍ली के रामलीला मैदान में उन्‍हें और उनके मंत्रिमंडल के छह सदस्‍यों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई. मुख्यमंत्री केजरीवाल दिल्ली के 7वें मुख्यमंत्री हैं.

केजरीवाल ने अपने पिछले मंत्रिमंडल के केबिनेट मंत्रियों को इस बार भी बनाए रखा है. ये हैं- मनीष सिसोदिया, सत्‍येंद्र जैन, गोपाल राय, कैलाश गहलोत, इमरान हुसैन और राजेन्‍द्र गौतम.

70 सदस्यों वाली दिल्‍ली विधानसभा चुनाव हाल ही में संपन्न हुए थे. इस चुनाव में अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (AAP) पार्टी के 62 सदस्य निर्वाचित हुए थे. इस चुनाव में 8 सदस्य भारतीय जनता पार्टी (BJP) के निर्वाचित हुए.

अरविंद केजरीवाल आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक हैं. उन्होंने लगातार तीसरी बार दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है. उनका पहला कार्यकाल मात्र 49 दिन का था, जबकि उन्होंने पांच वर्ष का दूसरा कार्यकाल पूरा किया था. उन्होंने 28 दिसंबर 2013 को पहली बार मुख्‍यमंत्री के रूप में शपथ ली थी.

दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्रीयों की सूची

मुख्यमंत्रीकार्यकालदल
चौधरी ब्रह्म प्रकाश17 मार्च 1952 से 12 फ़रवरी 1955कांग्रेस
गुरुमुख निहाल सिंह12 फ़रवरी 1955 से 1 नवम्बर 1956कांग्रेस
मदन लाल खुराना2 दिसम्बर 1993 से 26 फ़रवरी 1996BJP
साहिब सिंह वर्मा26 फ़रवरी 1996 से 12 अक्टूबर 1998BJP
सुषमा स्वराज12 अक्टूबर 1998 से 3 दिसम्बर 1998BJP
शीला दीक्षित3 दिसम्बर 1998 से 28 दिसम्बर 2013कांग्रेस
अरविन्द केजरीवाल28 दिसम्बर 2013 से 14 फ़रवरी 2014AAP
राष्ट्रपति शासन15 फ़रवरी 2014 से 13 फ़रवरी 2015N/A
अरविन्द केजरीवाल14 फ़रवरी 2015 से वर्तमानAAP

यूरोपीय संघ और खाड़ी के देशों के प्रतिनिधियों का दल जम्मू-काश्मीर की यात्रा की

यूरोपीय संघ और खाड़ी के देशों के प्रतिनिधियों के 25 सदस्‍यों का एक दल 12-13 फरवरी को जम्मू-काश्मीर की यात्रा की. इस समूह में जर्मनी, कनाडा, फ्रांस, न्यूजीलैंड, मैक्सिको, इटली, अफगानिस्तान, ऑस्ट्रिया, उज्‍बेकिस्तान, पॉलैंड के अलावा यूरोपीय संघ के राजनयिक भी शामिल थे. इस यात्रा का उद्देश्य जम्मू-काश्मीर में अगस्‍त 2019 में अनुच्‍छेद 370 हटाए जाने के बाद जमीनी स्‍तर पर जानकारी प्राप्‍त करना था.

इस दल ने बारामूला और श्रीनगर का दौरा कर वहां विभिन्‍न व्‍यापार संघो, प्रशिक्षित युवाओं, सरपंचों और सिविल सोसायटी समूहों से बातचीत की. इस बातचीत में प्रदेश में व्‍यापार और पर्यटन से जुड़े कई मुद्दों पर चर्चा हुई. इस प्रतिनिधिमंडल ने 13 फरवरी को जम्‍मू का दौरा किया और उपराज्‍यपाल गिरीश चन्‍द्र मुर्मू सहित प्रशासनिक अधिकारियों से मुलाकात की. उन्होंने उच्च न्यायालय का भी दौरा किया और जम्मू-कश्मीर के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति गीता मित्तल से मुलाकात की.

इसके पहले भारत में अमरीका के राजदूत केन्‍नेथ जस्‍टर सहित 15 प्रतिनिधियों के एक दल ने जनवरी में जम्‍मू कश्‍मीर का दो दिनों का दौरा किया था.

कोलकाता में पूर्वी-पश्चिमी मैट्रो रेल परियोजना के पहले चरण का उद्घाटन

कोलकाता में पूर्वी-पश्चिमी मैट्रो रेल परियोजना के पहले चरण का परिचालन 14 फरवरी से शुरू हुआ. रेलमंत्री पीयूष गोयल इस परियोजना का उद्घाटन किया था. इस चरण में सॉल्ट लेक सेक्टर पांच और सॉल्ट लेक स्टेडियम के बीच छह किलोमीटर लम्‍बी मैट्रो सेवा शुरू हुई है. बाकी दस किलोमीटर की लाइन का काम दिसम्बर 2021 तक पूरा कर लिया जाएगा.

पानी के नीचे बनी सुरंग में चलने वाली पहली मेट्रो

बहुत प्रतीक्षित पूर्व-पश्चिम मेट्रो पहली ऐसी मेट्रो सेवा है जो पानी के नीचे बनी सुरंग से होकर गुजरती है. दो पुराने शहर कोलकाता और हावड़ा को जोड़ने वाली यह मेट्रो ट्रेन साल्ट लेक के सेक्टर पांच से हावड़ा मैदान तक चलेगी. मेट्रो लाइन का यह गलियारा लगभग 16 किलोमीटर लंबा है. इसमें करीब 11 किलोमीटर का गलियारा भूमिगत है. भूमिगत गलियारे में भी 520 मीटर की दो सुरंगें हुगली नदी के नीचे बनाई गई हैं.

कोलकाता मेट्रो: एक दृष्टि

  • कोलकाता मेट्रो भारत का पहला मेट्रो रेल सिस्टम है. इसकी शुरुआत 24 अक्टूबर 1984 को हुई थी. शुरुआत में इसे केवल 3.4 किलोमीटर के हिस्से में शुरू किया गया था.
  • कोलकाता मेट्रो का संचालन भारतीय रेल द्वारा संचालित किया जाता है. दिसंबर 2010 में ‘कोलकाता मेट्रो’ को भारतीय रेलवे का 17वां जोन बनाया गया था.

दिल्ली विधानसभा चुनाव की मतगणना संपन्न, आम आदमी पार्टी ने बहुमत प्राप्त किया

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 की मतगणना 11 फरवरी को हुई. 70 सदस्‍यों की इस विधानसभा के लिए यहाँ 8 फरवरी को मतदान हुए थे. इस चुनाव में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी के सर्वाधिक 62 सदस्यों ने जीत दर्ज की. इस प्रकार इस दल ने सरकार बनाने के लिए आवश्यक बहुमत प्राप्त किया है. राज्य की 70 सदस्यों की विधानसभा में सरकार गठन के लिए 36 सीटों की जरूरत है.

इस चुनाव में विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (BJP) 8 सीटें जीतकर दूसरे स्थान पर रही. यहाँ के मौजूदा मुख्‍यमंत्री अरविन्द केजरीवाल नई दिल्ली सीट से निर्वाचित हुए.

त्रिपुरा राज्‍य सरकार ने पहली बार हॉर्नबिल महोत्‍सव का आयोजन किया

त्रिपुरा में राज्‍य सरकार ने पहली बार हॉर्नबिल महोत्‍सव का आयोजन किया है. यह महोत्‍सव 8-9 फरवरी को तेलियामुरा के बारामुरा इको पार्क में आयोजित किया गया था. लोगों में हॉर्नबिल पक्षी और पारिस्थितिकी के संरक्षण के लिए जागरूकता फैलाने के उद्देश्‍य से यह महोत्‍सव आयोजित किया गया था.

महोत्‍सव का उद्घाटन करते हुए मुख्‍यमंत्री बिप्‍लब कुमार देव ने कहा कि ये आयोजन न केवल प्रकृति और पक्षी प्रेमियों को प्रोत्‍साहित करेगा, बल्कि हार्न बिल पक्षियों के प्रति जागरूकता भी पैदा करेगा. उन्‍होंने कहा कि हार्न बिल महोत्‍सव से राज्‍य के पर्यावरण पर्यटन क्षेत्र को काफी बढ़ावा मिलेगा.