मैड्रिड में अन्तर्राष्ट्रीय जलवायु सम्मेलन ‘COP 25’ आयोजित किया गया

स्पेन के मैड्रिड में 2 से 14 दिसम्बर तक संयुक्त राष्ट्र का जलवायु सम्मेलन ‘COP 25’ (UN Climate Change Conference- UNFCCC COP 25) का आयोजन किया गया. यह सम्मेलन चिली में आयोजित किया जाना था लेकिन देश में बढ़ते विरोध प्रदर्शनों को देखते हुए इसके आयोजन में असमर्थता जताई थी. इस सम्मेलन में लगभग 200 देशों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया.

दुनिया भर में, तापमान में वृद्धि, जंगलों में आग, बाढ़, सूखा आदि की बढती घटना को मानव निर्मित ग्लोबल वार्मिंग से जोड़ा जा रहा है, जो इस सम्मेलन के वार्ता का मुख्य हिस्सा था. इस जलवायु वार्ता में कार्बन बाजारों के बारे में कोई समझौता नहीं हो पाया.

यह सम्मेलन 2015 के पेरिस समझौते को पूरा करने में असफल रही जिसके कारण संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतेरेस ने इसे ग्लोबल वार्मिंग से लड़ने के लिए एक गंवाया हुआ मौका कहा. दो सप्ताह की इस लंबी वार्ता में प्रमुख मुद्दों जैसे कि अनुच्छेद 6, हानि और क्षति, और दीर्घकालीन वित्तीय सहायता पर कोई समझौता नहीं हो सका.

COP 25 सम्मेलन में दुनिया के करीब दो सौ देशों के प्रतिनिधियों ने सामूहिक घोषणा-पत्र जारी किया. इसमें धरती के बढ़ते तापमान के लिए जिम्‍मेदार ग्रीन हाउस गैसों के उत्‍सर्जन में कटौती तथा जलवायु परिवर्तन से प्रभावित गरीब देशों की मदद की बात कही गई. जलवायु परिवर्तन पर अगली वार्ता (COP 26) ग्‍लासगो में होगी.

COP 25 में वैज्ञानिकों ने भविष्य में ग्लोबल वार्मिंग से निपटने के लिए शीघ्र बड़े कदम उठाने की आवश्यकता बताई. सम्मेलन में पृथ्वी पर जलवायु परिवर्तन से संबंधित आपदाओं पर चर्चा की गई, जिसमें अप्रत्याशित चक्रवात, अकाल और रिकॉर्ड-तोड़ ‘लू’ शामिल था.

भारतीय जलवायु कार्यकर्ता लिसिप्रिया कांगुजम चर्चा में रही

COP25 जलवायु सम्मेलन में भारत की आठ वर्षीय जलवायु कार्यकर्ता लिसिप्रिया कांगुजम की उपस्थिति चर्चा में रही. उसने दुनिया को भावी पीढ़ियों के प्रति उसके दायित्‍यों को याद दिलाया. सम्मेलन के दौरान कंगुजाम ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव अन्तोनियो गुतरश गुतरेस से मुलाकात की और दुनिया के बच्चों की ओर से एक ज्ञापन प्रस्तुत किया.

संयुक्तराष्ट्र महासचिव का संबोधन

सम्मेलन को संबोधित करते हुए संयुक्त राष्ट्र महासचिव अन्तोनियो गुतरश गुतरेस ने जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए विश्व में किए जा रहे प्रयास अपर्याप्त बताया. उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन से धरती का तापमान बढने का खतरा काफी बढ़ गया है. महासचिव ने कहा कि धरती का तापमान बढ़ने और मौसम पर इसके तीव्र प्रभाव का असर दुनिया-भर में महसूस किया जा रहा है.

वैज्ञानिकों ने अनुत्क्रमणीय परिवर्तन की चेतावनी जारी की

COP25 सम्मेलन में वैज्ञानिकों ने जलवायु पर कोई कार्रवाई नहीं किये जाने पर ‘अनुत्क्रमणीय परिवर्तन’ की चेतावनी जारी की. “वर्ल्ड साइंटिस्ट्स वार्निंग ऑफ ए क्लाइमेट इमरजेंसी” के सह-लेखक, विलियम मूमाव ने कहा कि वर्तमान वैश्विक प्रतिबद्धताएं जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को रिवर्स करने के लिए पर्याप्त नहीं हैं.

मोओमा द्वारा सह-लिखित एक अध्ययन जो नवंबर में बायोसाइंस पत्रिका में प्रकाशित हुआ था, जलवायु परिवर्तन के चलते होने वाली ‘अनकही पीड़ा’ की चेतावनी दी थी. इस अध्ययन का समर्थन 11,000 वैज्ञानिकों ने किया था.

भारतीय शिष्टमंडल का नेतृत्व पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने किया

भारत रचनात्‍मक और सकारात्‍मक परिप्रेक्ष्‍य के साथ इस सम्‍मेलन में भाग लिया. सम्मेलन में भारतीय शिष्टमंडल का नेतृत्व वन, पर्यावरण तथा जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने किया. सम्मेलन को संबोधित करते हुए पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने मैड्रिड जलवायु सम्‍मेलन में अपने दीर्घावधि विकास हितों की सुरक्षा पर कम करने की बात कही.

सम्‍मेलन के दौरान मंत्रिस्‍तरीय बैठक के पूर्ण सत्र में पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने और अधिक देशों से अंतरराष्‍ट्रीय सौर गठबंधन में शामिल होने का आह्वान किया है. ऊर्जा की बढ़ती मांग को देखते हुए जीवाश्‍म ईंधन पर निर्भरता कम करने के लिए 2015 में पेरिस में प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी और फ्रांस के तत्‍कालीन राष्‍ट्रपति फ्रांस्‍वा ओलांद ने अंतरराष्‍ट्रीय सौर गठबंधन का शुभारंभ किया था.

पर्यावरण की रक्षा के लिए भारत द्वारा उठाये गये मुख्य कदम

भारत पिछले चार वर्ष में जलवायु परितर्वन से निपटने के कार्य करने में अग्रणी रहा है. देश के चार सौ पचास गीगावाट के महत्‍वाकांक्षी नवीकरणीय ऊर्जा कार्यक्रम ने पूरी दुनिया का ध्‍यान आकर्षित किया है. यह इस क्षेत्र में विश्‍व का सबसे बड़ा कार्यक्रम है.

भारत विश्‍व के कुछ ऐसे देशों में शामिल है, जहां वन क्षेत्र बढ़ा है. अंतर्राष्‍ट्रीय सौर गठजोड़ और आपदा अनुकूल बुनियादी ढांचे के लिए गठजोड़ का सबसे पहले प्रस्‍ताव कर प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने इस क्षेत्र में महत्‍वपूर्ण योगदान दिया है.
जानिए क्या है UNFCCC-COP और पेरिस समझौता

पुलिस महानिदेशकों और महानिरीक्षकों का 54वां राष्‍ट्रीय सम्मेलन पुणे में आयोजित किया गया

राज्‍यों के पुलिस महानिदेशकों और महानिरीक्षकों का 54वां राष्‍ट्रीय सम्‍मेलन 6 से 8 दिसम्बर तक आयोजित गया था. इस वर्ष यह सम्‍मेलन पुणे में भारतीय विज्ञान, शिक्षा और अनुसंधान संस्‍थान के परिसर में आयोजित किया गया था. सम्‍मेलन का विषय प्रौद्योगिकी सक्षम पुलिसिंग तथा वैज्ञानिक तथा फॉरेंसिक आधारित जांच था.

केन्‍द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने इस सम्‍मेलन का उद्घाटन किया था. इस सम्‍मेलन में गृह मंत्री के साथ राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवाल ने भी सम्‍मेलन में हिस्सा लिया. इस वर्ष आंतरिक और बाहरी सुरक्षा से संबंधित आतंकवाद, नक्‍सलवाद, तटीय सुरक्षा, साइबर खतरा, कट्टरवाद तथा मादकपदार्थ-आतंकवाद जैसे मुद्दों पर मंथन करने के लिए ग्‍यारह समूहों का गठन किया गया.

इस सम्मेलन के समापन सत्र को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संबोधित किया. अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए पुलिस की कारगर भूमिका पर जोर दिया. प्रधानमंत्री ने आसूचना ब्‍यूरो (IB) के अधिकारियों को उल्‍लेखनीय सेवा के लिए राष्‍ट्रपति पुलिस पदक भी प्रदान किये.

47वीं अखिल भारतीय पुलिस विज्ञान कांग्रेस का आयोजन लखनऊ में किया गया

47वीं अखिल भारतीय पुलिस विज्ञान कांग्रेस (47th all india police science congress) 2019 का आयोजन 28-29 नवम्बर को लखनऊ में किया गया. इसका उद्घाटन पुडुचेरी की उप-राज्यपाल और सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी किरण बेदी ने किया था. इससे पहले लखनऊ में इस कांग्रेस का आयोजन 1997 में किया गया था.

गृहमंत्रालय तथा पुलिस अनुसंधान और विकास ब्यूरो के सहयोग से उत्तर प्रदेश पुलिस ने इस कार्यक्रम का आयोजन किया. पुलिस के अलावा सीबीआई, सीआरपीएफ और बीएसएफ सहित केन्द्रीय एजेंसियां तथा शिक्षाविद और फॉरेंसिक विशेषज्ञ ने भी इसमें हिस्सा लिया.

कांग्रेस के लिए जिन विषयों का चयन किया गया था, उनमें पोलिसिंग में सुधार, क्षेत्र में जाने पर पेश आने वाली चुनौतियां, आवश्यक उपाय, फोरेंसिक साइंस, संसाधन उन्नयन और जांच में उनका प्रभावी उपयोग, महिलाओं एवं बच्चों की सुरक्षा शामिल है. आतंकवाद और कट्टरपंथ से निपटने में सोशल मीडिया की भूमिका पर भी कांग्रेस में चर्चा की गयी.

राज्‍यपालों और उप-राज्‍यपालों का 50वां वार्षिक सम्मेलन आयोजित किया गया

देश के राज्‍यपालों और उप-राज्‍यपालों का सम्‍मेलन राष्‍ट्रपति भवन नई दिल्ली में 23 से 24 नवम्बर तक आयोजित किया गया. इस सम्मेलन में विभिन्न राज्यों के राज्यपाल और केन्द्र शासित प्रदेशों के उप-राज्यपाल ने भाग लिए जिनमें पहली बार पदभार संभालने वाले 17 राज्यपाल/उपराज्यपाल भी शामिल थे.

इस सम्‍मेलन की अध्‍यक्षता राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद ने किया. यह राष्‍ट्रपति भवन में आयोजित 50वां और श्रीकोविंद की अध्‍यक्षता में तीसरा सम्‍मेलन था. सम्‍मेलन के उद्घाटन सत्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने भी हिस्सा लिया.

यह सम्मेलन राज्यपालों और उपराज्यपालों के लिए विचारों का आदान-प्रदान करने और एक-दूसरे के अनुभवों से सीखने के साथ-साथ प्रत्येक राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेश की विशिष्ट एवं विविध आवश्यकताओं और उनके अनुकूल सर्वोत्तम अंतर्राष्ट्रीय प्रथाओं को अपनाने का अवसर प्रदान करता है.

राज्‍यपाल संघीय ढांचे के सुचारू रूप से संचालन के लिए एक महत्‍वपूर्ण संवैधानिक अधिकारी जो केन्‍द्र और राज्‍य सरकारों के बीच सेतु के रूप में काम करते हैं. राज्‍य की जनता राज्‍यपालों को संविधान के, आदर्शों के और मूल्‍यों के कस्‍टोडियन के रूप में देखती है.

आसियान देशों के रक्षा मंत्रियों की छठी बैठक ‘मीटिंग प्लस’ (ADMM Plus) बैंकाक में आयोजित की गयी

आसियान और कुछ अन्‍य देशों के रक्षा मंत्रियों की छठी बैठक ‘मीटिंग प्लस’ (ASEAN Defence Ministers Meeting- ADMM Plus) हाल ही में थाइलैण्‍ड की राजधानी बैंकॉक में आयोजित की गयी थी. राजनाथ सिंह ने इस बैठक में भारत का प्रत्निधित्व किया था.

  • इस बैठक में आसियान के दस देशों के अलावा जापान, अमेरिका, चीन जैसे आठ देश भी अधिक व्यावहारिक रक्षा सहयोग को बढ़ावा देने के लिए इस बैठक में भाग लिए. इस बैठक के क्रम में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने ‘मीटिंग प्लस’ (ADMM Plus) तथा रक्षा एवं सुरक्षा 2019 प्रदर्शनी के उद्घाटन कार्यक्रम में हिस्सा लिया था.
  • ADMM Plus बैठक के एजेंडे के तहत श्री सिंह ने म्यामांर के रक्षा मंत्री लेफ्टिनेंट जनरल सीन विन के साथ मिलकर ‘हैंडबुक ऑन मिलिट्री मेडिसीन फोर आसियान’ भी जारी किया था.
  • रक्षामंत्री सिंह ने आसियान देशों के रक्षा मंत्रियों की छठी बैठक को सम्‍बोधित किया. इस अवसर पर उन्‍होंने अन्‍तर्राष्‍ट्रीय समुदाय का आह्वान किया कि वे आतंकवादियों के ठिकानों और नेटवर्क को नष्‍ट कर उनके वित्‍तीय स्रोत को समाप्‍त कर तथा उनकी आवाजाही पर रोक लगाकर क्षेत्रीय सुरक्षा सुनिश्चित बनाए.

भारत-सिंगापुर रक्षा मंत्री संवाद
बैंकॉक की इस यात्रा के दौरान श्री राजनाथ सिंह ने चौथे भारत-सिंगापुर रक्षा मंत्री संवाद की सह अध्यक्षता की. उन्होंने सिंगापुर के उप-प्रधानमंत्री और वित्तमंत्री हेंग स्वीकिट से वार्ता की. इस वार्ता में रक्षामंत्री ने भारत और सिंगापुर की सशस्त्र सेनाओं के बीच बढ़ते संयुक्त अभ्यासों पर संतोष व्यक्त किया. दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय रक्षा सहयोग बढाने पर जोर दिया.

रक्षामंत्री ने दक्षिण चीन सागर और हिंद प्रशांत क्षेत्र को लेकर भारत का दृष्टिकोण स्पष्ट किया. उन्होंने कहा कि भारत के लिए हिंद-प्रशांत क्षेत्र का अभिप्राय मुक्त, समावेशी और स्थिर क्षेत्र से है, जो सुरक्षित समुद्र, व्यापार संपर्क और आसियान देशों के बीच तालमेल से जुड़ा हो.

इंडिया राईजिंग सम्‍मेलन
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने इस बैंकाक यात्रा के दौरान इंडिया राईजिंग सम्‍मेलन में हिस्सा लिया. इस सम्मेलन का आयोजन भारतीय वाणिज्य संघ ने किया था. सम्मलेन को संबोधित करते हुए उन्होंने 2025 तक भारत के 26 अरब डॉलर के रक्षा उद्योग के लक्ष्‍य को प्राप्‍त करने की बात कही.

श्री सिंह ने कहा कि पिछले दो वर्षों में भारत का रक्षा निर्यात लगभग छह गुना बढ़ा है. रक्षा मंत्री ने कहा कि 2025 तक एयरोस्‍पेस और रक्षा साजोसामान तथा सेवाओं के क्षेत्र में दस अरब डॉलर के निवेश की संभावना है.

वैश्विक जैव भारत सम्मेलन नई दिल्‍ली में आयोजित किया गया

वैश्विक जैव भारत सम्मेलन (Global Bio-India Summit) 21 से 23 नवम्बर 2019 तक नई दिल्‍ली में आयोजित किया गया. बायोटेक्नोलोजी पर आयोजित इस सम्मेलन में 25 देशों और भारत के 15 से अधिक राज्‍यों के लगभग तीन हजार प्रतिनिधियों ने भाग लिया.

इस सम्मेलन का आयोजन केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के जैव प्रौद्योगिकी विभाग और इसकी जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद (BIRAC) द्वारा कान्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (CII) के सहयोग से किया गया था. इस शिखर सम्मेलन का उद्देश्य देश में निवेश को आकर्षित करना था.

इस सम्मेलन में देश-विदेश से आए विशेषज्ञों और इस क्षेत्र से जुड़ी छोटी-बड़ी कंपनियों ने बायो-मैन्युफैक्च रिंग, क्लीनिकल ट्रायल और दवाइयों की खोज के क्षेत्र की संभावनाओं और चुनौतियों पर विचार-विमर्श किया.

विश्‍व का सबसे बड़ा इस्‍लामिक सम्‍मेलन ‘आलमी तब्‍लीगी इज्तिमा’ भोपाल में शुरु

विश्‍व का सबसे बड़ा इस्‍लामिक सम्‍मेलन ‘आलमी तब्‍लीगी इज्तिमा’ 22 से 25 नवम्बर तक मध्‍य प्रदेश की राजधानी भोपाल में आयोजित किया जा रहा है. इस सम्‍मेलन में रूस, फ्रांस, इंडोनेशिया, मलेशिया, इराक और सऊदी अरब सहित 54 देशों से दस लाख से अधिक लोग शामिल हो रहे है.

इज्तिमा की शुरुआत नवाबों के दौर में हुई थी और अब यह दुनिया भर में भोपाल की पहचान बन गया है. पहला आलमी तब्लिगी इज्तिमा 1944 में भोपाल में ही हुआ था और तब इसमें केवल 14 लोग शामिल हुए थे. अब यह संख्या बढ़कर लाखों में पहुँच गयी है.

11वां ब्रिक्‍स शिखर सम्मेलन ब्रासीलिया में आयोजित किया गया, पढ़ें पूरा आलेख

11वां ब्रिक्‍स शिखर सम्मेलन ब्राजील की राजधानी ब्रासीलिया में 13-14 नवम्बर को किया गया. इस वर्ष सम्मेलन का विषय- ‘अभिनव भविष्य के लिए आर्थिक विकास’ था.

इस सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था. श्री मोदी ने छठी बार इस शिखर सम्मेलन में भाग लिया. उन्‍होंने पहली बार 2014 में ब्राजील के फोर्टालेजा में हुए सम्मेलन में भाग लिया था. प्रधानमंत्री ने सम्मेलन में ब्रिक्स नेताओं के बीच व्यापार, नवाचार, प्रौद्योगिकी और संस्कृति क्षेत्र में संबंध मजबूत करने पर कई उपयोगी विचार-विमर्श किये.

रूस, ब्राजील और चीन के राष्‍ट्रपति के साथ बैठक

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने ब्रिक्‍स शिखर बैठक के मौके पर रूस, ब्राजील और चीन के राष्‍ट्रपति के साथ भी द्विपक्षीय वार्ताएं की.

ब्राजील: श्री मोदी ने भारतीय नागरिकों को ब्राजील की वीज़ा मुक्‍त यात्रा की स्‍वीकृति देने के लिए राष्‍ट्रपति के फैसले का भी स्‍वागत किया. प्रधानमंत्री ने ब्राजील से संभावित निवेश के लिए कृषि उपकरण, फसल कटाई के बाद की प्रौद्योगिकी और जैव ईंधन जैसे क्षेत्रों का उल्‍लेख किया.

प्रधानमंत्री मोदी ने ब्राजील के राष्‍ट्रपति जायर बोल्‍सनारो को 2020 के गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्‍य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया जिसे उन्‍होंने स्‍वीकार कर लिया.

रूस: रूस के राष्‍ट्रपति के साथ बैठक के दौरान दोनों नेताओं ने तेल और प्राकृतिक‍ गैस के आयात में स्थिरता और प्रगति को भी नोट किया. राष्‍ट्रपति पुतिन ने प्राकृतिक गैस में आर्कटिक क्षेत्र की सम्‍भावनाओं का विशेष उल्‍लेख किया और भारत को इस क्षेत्र में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया.

दोनों नेताओं ने ढांचागत क्षेत्र में विशेष रूप से नागपुर-सिकन्‍दराबाद खंड पर रेलगाडि़यों की गति बढ़ाने के संदर्भ में भी प्रगति की समीक्षा की. उन्‍होंने तीसरे देशों में असैन्‍य परमाणु ऊर्जा में सहयोग की उम्‍मीदों का भी स्‍वागत किया. राष्‍ट्रपति पुतिन ने अगले वर्ष विजय दिवस समारोह में हिस्‍सा लेने के लिए प्रधानमंत्री को रूस आने का निमंत्रण दिया जिसे प्रधानमंत्री ने प्रसन्‍नता से स्‍वीकार कर लिया.

चीन: प्रधानमंत्री मोदी ने चीन के राष्‍ट्रपति षी जिनफिंग के साथ भी द्विपक्षीय बैठक की. श्री जिनफिंग ने प्रधानमंत्री को 2020 में चीन में तीसरी भारत-चीन अनौपचारिक शिखर बैठक के लिए आमंत्रित किया. दोनों नेता इस बात पर सहमत हुए कि व्‍यापार और अर्थव्‍यवस्‍था से संबंधित नये उच्‍चस्‍तरीय तंत्र की जल्‍दी ही बैठक होनी चाहिए.

उन्‍होंने नोट किया कि सीमा विवाद से संबंधित मामलों पर विशेष प्रतिनिधियों की एक और बैठक होगी. दोनों ने सीमा क्षेत्रों में शांति और सुरक्षा बनाए रखने के महत्‍व की बात दोहराई. श्री मोदी और श्री चिनफिंग ने अगले वर्ष दोनों देशों के बीच राजनयिक सम्‍बंध स्‍थापित होने के 70 वर्ष पूरे होने के अवसर पर आयोजित होने वाले समारोह की तैयारियों की भी समीक्षा की.

ब्रिक्‍स शिखर सम्‍मेलन के पूर्ण सत्र को संबोधन

  • ब्रिक्‍स शिखर सम्‍मेलन के पूर्ण सत्र को सम्‍बोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने संगठन की स्‍थापना के दस सफल वर्षों की सराहना की. प्रधानमंत्री ने कहा कि सदस्‍य देशों को अगले दस वर्षों में सहयोग और बढ़ाने पर विचार करना चाहिए. उन्‍होंने इसके लिए कारगर व्‍यवस्‍था का आह्वान किया.
  • प्रधानमंत्री ने कहा कि आंतकवाद के कारण विश्‍व अर्थव्‍यवस्‍था को 10 खरब (1 ट्रिलियन) डॉलर का नुकसान हुआ है. उन्‍होंने आंतकवाद से मुकाबले के लिए ब्रिक्‍स देशों की रणनीति पर पहली संगोष्ठी (सेमीनार) की सराहना की और आशा व्‍यक्‍त की कि ऐसी गतिविधियों से ब्रिक्‍स देशों के बीच सुरक्षा सहयोग बढ़ेगा. इस दिशा में भारत आतंकवाद की डिजिटल फोरेंसिक एनालिसिस पर एक वर्कशॉप का आयोजन करेगा.
  • प्रधानमंत्री नरेन्‍द्रमोदी ने ब्रिक्‍स के सदस्‍य देशों के बीच व्‍यापार और निवेश पर जोर दिया है. श्री मोदी ने कहा कि ब्रिक्‍स देशों का आपसी व्‍यापार विश्‍व व्‍यापार का मात्र 15 प्रतिशत है.
  • उन्‍होंने कहा कि नवाचार (इनोवेश) विकास का आधार बन गया है. इसलिए आवश्‍यक हो गया है कि सदस्‍य देश इस क्षेत्र में आपसी सहयोग मजबूत करें.

ब्रिक्‍स व्‍यापार परिषद को संबोधन

  • प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने ब्रिक्‍स व्‍यापार परिषद की बैठक को संबोधित किया. उन्‍होंने परिषद से आग्रह किया कि अगली शिखर बैठक तक ब्रिक्‍स देशों के बीच व्‍यापार 500 अरब डॉलर का करने की योजना तैयार की जाये.
  • प्रधानमंत्री ने व्‍यापार मंच से अनुरोध किया कि वे अगले ब्रिक्‍स शिखर बैठक तक पांच ऐसे क्षेत्रों का खाका तैयार करें जिनमें संयुक्‍त उद्यम की जा सके.
  • विश्व में मंदी के बावजूद ब्रिक्स देशों ने आर्थिक विकास को गति दी है. करोड़ों लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है और टेक्नोलॉजी तथा इनोवेशन में नई-नई सफलताएं हासिल की है.
  • श्री मोदी ने निजी क्षेत्रों से मानव संसाधन पहलुओं जैसे आई-ब्रिक्‍स और ब्रिक्‍स इंस्‍टीट्यूट ऑफ फ्युचर नेटवर्क के साथ जुड़ने का अनुरोध किया.

न्‍यू डेवलपमेंट बैंक की क्षेत्रीय शाखा

ब्रिक्‍स व्‍यापार परिषद और न्‍यू डेवलेपमेंट बैंक (NDB) के साथ बातचीत में श्री मोदी ने उद्योगपतियों को भारत में निवेश के लिए आमंत्रित किया. श्री मोदी ने भारत में न्‍यू डेवलपमेंट बैंक की क्षेत्रीय शाखा जल्‍दी खोले जाने का अनुरोध किया.

न्‍यू डेवलपमेंट बैंक के अध्‍यक्ष के वी कामथ ने भारत में नई क्षेत्रीय शाखाएं खोलने की घोषणा की. उन्‍होंने कहा कि बैंक ने गैर सरकारी परियोजनाओं के लिए भी वित्‍तीय सहायता की शुरूआत की है. प्रधानमंत्री ने कहा कि इस महत्‍वपूर्ण कार्य में सदस्‍य देशों के बीच आर्थिक संभावनाओं का पता लगाना जरूरी होगा.

12वां ब्रिक्‍स शिखर सम्‍मेलन 2020 में रूस में आयोजित होगा.

ब्रिक्स (BRICS): एक दृष्टि

ब्रिक्स (BRICS) दुनिया की पाँच उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं का एक समूह है. इसके घटक राष्ट्र ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका हैं. इन्ही देशों के अंग्रेज़ी में नाम के प्रथम अक्षरों B, R, I, C व S से मिलकर इस समूह का यह नामकरण हुआ है. ब्रिक्स देशों में विश्वभर की 43% आबादी रहती है, जहां विश्व का सकल घरेलू उत्पाद 30% है और विश्व व्यापार में इसकी 17% हिस्सेदारी है.
जानिए क्या है ब्रिक्स और इसकी अहमियत…»

39वां भारतीय अंतर्राष्‍ट्रीय व्‍यापार मेला नई दिल्‍ली में शुरू

39वां भारतीय अंतर्राष्‍ट्रीय व्‍यापार मेला 14 से 27 नवम्बर तक नई दिल्‍ली में प्रगति मैदान में आयोजित किया जा रहा है. इस वर्ष मेले का मुख्‍य विषय है- ‘सुगमता के साथ व्यापार’. केन्‍द्रीय सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्योग मंत्री नीतिन गडकरी ने व्‍यापार मेले का उद्घाटन किया.

14 दिनों तक चलने वाले इस व्‍यापार मेले में ऑस्‍ट्रलिया, ईरान, ब्रिटेन, वियतनाम, बहरीन, बांग्‍लादेश, भूटान, चीन, हांगकांग, इंडोनेशिया जैसे देश भाग ले रहे है.

इस साल भागीदार देश के रूप में अफगानिस्‍तान आया है और दक्षणि कोरिया को खास देश के रूप में शामिल किया गया है. बिहार और झारखंड विशेष राज्‍य के रूप में इस साल मेले में शामिल हैं.

भारत शंघाई सहयोग संगठन के राष्ट्रप्रमुखों की 19वीं परिषद की मेजबानी करेगा

भारत शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के राष्ट्रप्रमुखों की 19वीं परिषद की 2020 में मेजबानी करेगा. SCO के महासचिव व्लादिमिर नोरोव ने 12 नवम्बर को इसकी घोषणा की.

SCO के राष्ट्रप्रमुखों की 18वीं परिषद का आयोजन हाल ही में ताशकंद में किया गया था. इस बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने किया था. बैठक में SCO सदस्य देशों ने 2020 में भारत द्वारा मेजबानी का प्रस्ताव रखा जिसे भारत ने स्वीकार किया.

भारत SCO में 2017 में शामिल हुआ था. यह पहला मौका होगा जब भारत इसकी मेजबानी करेगा. इसके अन्य सदस्य देशों में पाकिस्तान, चीन, रूस, कजाखस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं.

विदेश मंत्री सुब्रह्मण्‍यम जयशंकर ने द्वितीय पेरिस शांति मंच की बैठक में हिस्सा लिया

विदेश मंत्री सुब्रह्मण्‍यम जयशंकर ने फ्रांस में द्वितीय पेरिस शांति मंच (Second Paris Peace Forum) की बैठक में हिस्सा लिया. यह बैठक पेरिस में 11 से 13 नवम्बर तक आयोजित किया गया था.

इस बैठक में भारत ने डिजिटल क्षेत्र में आंतकवादी और उग्रवादी ताकतों की पहुंच रोकने के लिए समन्वित वैश्विक कार्रवाई की अपील की.

विदेश मंत्री जयशंकर ने बैठक में दुनिया के सभी देशों को साइबर और सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए तुरन्‍त एकजुट कार्रवाई की बात कही.

भारत ने आंतकवाद और उग्रवाद से निपटने तथा इंटरनेट सुरक्षा सुनिश्चित करने की बड़ी पहल के लिए फ्रांस, न्‍यूजीलैंड, कनाडा और कई अन्‍य देशों के साथ मिलकर काम करने पर सहमति‍ व्‍यक्‍त की.

पेरिस शांति मंच में विदेश मंत्री ने फ्रांस के राष्‍ट्रपति इमैनुएल मैंक्रों के साथ भी बातचीत की और महत्‍वपूर्ण कार्यनीतिक मुद्दों पर विचार-विमर्श किया.

पहला संस्‍कृत भारती विश्‍व सम्‍मेलन नई दिल्‍ली में आयोजित किया गया

भारत की प्राचीनतम भाषा संस्‍कृत में विभिन्‍न सिद्धांतों, विचारों और अनुसंधान-निष्‍कर्षों पर चर्चा के लिए 9 से 11 नवम्बर तक संस्‍कृत भारती विश्‍व सम्‍मेलन नई दिल्‍ली में आयोजित किया गया. विश्‍वभर से हजारों प्रतिनिधि और संस्‍कृ‍त प्रेमी अपनी तरह के इस पहले विश्‍व सम्‍मेलन में भाग लिया.

उप-राष्‍ट्रपति एम० वेंकैया नायडू ने सम्‍मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि संस्‍कृत प्राचीन भाषा है लेकिन यह आधुनिक समय में भी प्रासंगिक और सार्थक है. उन्‍होंने कहा कि संस्‍कृत भारत को जोड़ती है और अधिकतर भारतीय भाषायें इसी से निकली हैं. प्रत्‍येक भारतीय भाषा में संस्‍कृत के शब्‍द पाए जाते हैं.