कनाडा के मॉन्ट्रियल में कॉप-15 संयुक्त राष्ट्र जैव विविधता सम्मेलन

कनाडा के मॉन्ट्रियल में 18-19 दिसम्बर को कॉप-15 संयुक्त राष्ट्र जैव विविधता सम्मेलन (COP-15 Biodiversity Summit) आयोजित किया गया था. इस सम्मेलन में सदस्य देशों के बीच दो अहम मुद्दों पर सहमति बनी.

पहली सहमति जैव विविधता की रक्षा के लिए गरीब और विकासशील देशों को हर साल 30 अरब डॉलर की वित्तीय मदद पर बनी.

वहीं, वर्ष 2030 तक जैव विविधता के लिए अहम मानी जाने वाली 30 फीसदी भूमि और महासागरों की रक्षा पर अहम सहमति भी बनी. वर्तमान में 17 फीसदी स्थलीय और 10 फीसदी समुद्री क्षेत्र संरक्षित हैं.

मुख्य बिन्दु

  • समझौते के तहत गरीब देशों के लिए 2025 तक सालाना वित्तीय मदद को बढ़ाकर कम से कम 20 अरब डॉलर किया जाएगा. वर्ष 2030 तक यह रकम बढ़कर 30 अरब डॉलर प्रति वर्ष हो जाएगी.
  • 2030 तक विभिन्न स्रोतों से जैव विविधता के लिए 200 अरब डॉलर जुटाने और सब्सिडी को चरणबद्ध तरीके से खत्म करने या सुधार करने के लिए भी काम करने का आह्वान किया गया है, जो प्रकृति के लिए 500 अरब डॉलर प्रदान कर सकता है.
  • सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहे चीन के पर्यावरण मंत्री हुआंग रनकिउ ने इस समझौते का मसौदा पेश किया था. कांगो को छोड़कर सभी देश इस पर राजी हो गए.

सातवां वैश्विक प्रौद्योगिकी शिखर सम्मेलन नई दिल्ली में आयोजित किया गया

सातवां वैश्विक प्रौद्योगिकी शिखर सम्मेलन 29 नवंबर से 1 दिसम्बर तक नई दिल्ली में आयोजित किया गया था. इसका आयोजन विदेश मंत्रालय और कारनेगी इंडिया की मेज़बानी में किया गया था.

मुख्य बिन्दु

  • भू-प्रौद्योगिकी पर होने वाला यह भारत का प्रमुख वार्षिक सम्मेलन है. इस सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को विदेश मंत्री डॉ. सुब्रह्मण्यम जयशंकर ने संबोधित किया.
  • सम्मेलन में प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष, स्टार्टअप, जलवायु परिवर्तन और आर्थिक मुद्दों सहित विभिन्न विषयों पर विश्व के प्रमुख बुद्धिजीवी अपने विचार रखे.
  • इस वर्ष के शिखर सम्मेलन का मुख्य विषय ‘प्रौद्योगिकी भू-राजनीति’ था.
  • अमरीका, सिंगापुर, जापान, नाइजीरिया, ब्राजील, भूटान, यूरोपीय संघ और अन्य देशों के मंत्री और वरिष्‍ठ सरकारी अधिकारियों ने भी शिखर सम्मेलन में भाग लिया.

भारत में ‘नो मनी फॉर टेरर’ सम्मेलन आयोजित किया गया

आतंकियों के धन आपूर्ति पर रोकथाम संबंधी अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन ‘नो मनी फॉर टेरर’ (No Money for Terror) नई दिल्ली में 18-19 नवंबर को आयोजित किया गया था. इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ रणनीति तैयार करना था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया था.

मुख्य बिन्दु

  • इस मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में 70 से अधिक देशों ने भाग लिया. इंटरपोल सहित पंद्रह बहुपक्षीय अंतर्राष्ट्रीय संगठन, और वित्तीय कार्रवाई बल (FATF) के प्रतिनिधिमंडल भी शामिल हुए.
  • इस सम्मेलन में विचार-विमर्श चार सत्रों में किया गया था. इन सत्रों में आतंकवाद और आतंकवादी वित्तपोषण के वैश्विक रुझानों, आतंकवाद के लिए धन मुहैया कराने के औपचारिक और अनौपचारिक रास्तों, नई तकनीकों और आतंकवादियों को धन की आपूर्ति और इसका मुकाबला करने में आ रही चुनौतियों से निपटने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग पर ध्यान केंद्रित किया गया.
  • एक साल में आतंकवाद विरोधी 2 वैश्विक सम्मेलन का आयोजन भारत में किया जा चुका है. भारत में हाल ही में इंटरपोल और संयुक्त राष्ट्र की आतंकवाद निरोधी समिति की बैठक आयोजित की गई थी.
  • यह तीसरा मंत्रिस्तरीय ‘नो मनी फॉर टेरर’ सम्मेलन थे. इससका आयोजन भारत सरकार का गृह मंत्रालय द्वारा दिल्ली में किया गया. इस सम्मेलन का प्रथम संस्करण 2018 में पेरिस में और दूसरा संस्करण 2019 में मेलबर्न में हुआ था.

17वां जी-20 शिखर सम्मेलन: भारत ने जी-20 के अध्यक्ष का कार्यभार ग्रहण किया

17वां जी-20 शिखर सम्मेलन (17th G20 Summit) 2022 इंडोनेशिया के बाली में 15-16 नवंबर को आयोजित किया गया था. सम्मेलन का विषय था- मिलकर बढें, सशक्त बनें (Recover Together, Recover Stronger). सम्मेलन के एजेंडा के रूप में तीन कार्यकारी सत्र थे. ये थे- खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा, स्‍वास्‍थ्‍य और डिजिटल परिवर्तन.

मुख्य बिन्दु

  • G20 के सदस्य देशों ने सतत कृषि व्यवस्था बनाए रखने तथा खाद्य प्रणाली और आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत बनाने के लिए व्यापक बदलाव का आह्वान किया.
  • प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस शिखर बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व किया था.
  • शिखर बैठक के समापन सत्र में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो ने सांकेतिक रूप से जी-20 की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सौंपी.
  • भारत 1 दिसम्बर 2022 से औपचारिक रूप से जी-20 के अध्यक्ष का कार्यभार ग्रहण करेगा.
  • शिखर बैठक से अलग श्री मोदी इंडोनेशिया, स्‍पेन, फांस, सिंगापुर, जर्मनी इटली, ऑस्‍ट्रेलिया और ब्रिटेन के नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठक किए थे. इन बैठकों में वैश्विक अर्थव्यवस्था की स्थिति, ऊर्जा, पर्यावरण, स्वास्थ्य, कृषि और डिजिटल प्रौद्योगिकी से संबंधित मुद्दे शामिल थे.
  • फ्रांस के राष्‍ट्रपति इमैनुएल मैक्रां के साथ मुलाकात में प्रधानमंत्री मोदी ने रक्षा, व्यापार, निवेश और आर्थिक साझेदारी के नये क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग की समीक्षा की.
  • सिंगापुर के प्रधानमंत्री के साथ हरित अर्थव्‍यवस्‍था, नवीकरणीय ऊर्जा और वित्‍तीय प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर विचार-विमर्श किया.
  • जर्मनी के चांसलर के साथ बैठक में प्रधानमंत्री ने रक्षा सहयोग मजबूत बनाने के उपायों पर चर्चा की.
  • श्री मोदी ने इटली की प्रधानमंत्री के साथ चर्चा में ऊर्जा, रक्षा, आर्थिक भागीदारी, संस्‍कृति और जलवायु परिवर्तन में सहयोग बढ़ाने पर बल दिया.
  • ऑस्‍ट्रेलिया के प्रधानमंत्री के साथ व्‍यापक रणनीति साझेदारी को मजबूत बनाने के साथ ही शिक्षा और अन्‍य क्षेत्रों में सहयोग पर बल दिया.
  • प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के साथ मुलाकात में भारत तथा ब्रिटेन के बीच व्‍यापारिक, रक्षा सहयोग और लोगों के बीच जुड़ाव को मजबूत करने के उपायों पर भी बातचीत की.

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कंबोडिया में 40वां और 41वां आसियान शिखर सम्‍मेलन आयोजित किया गया

कंबोडिया के नोम पेन्ह में 10 से 13 नवंबर तक आसियान (ASEAN) और संबंधित शिखर सम्‍मेलन 2022 आयोजित किया गया था.

मुख्य बिन्दु

  • इस सम्मेलन के इतर आसियान-भारत स्मारक शिखर सम्मेलन और 17वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलनों का भी आयोजन किया गया था.
  • उप-राष्‍ट्रपति जगदीप धनखड़ और विदेश मंत्री डॉक्‍टर एस जयशंकर इस सम्मेलन में भाग लेने के लिए 12-14 नवंबर तक कंबोडिया यात्रा पर थे.
  • इस दौरान उपराष्ट्रपति ने कंबोडिया के प्रधानमंत्री हून सेन और अन्‍य देशों के नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठक की थी.
  • यह आसियान-भारत संबंधों की 30वीं वर्षगांठ थी जिसे आसियान-भारत मैत्री वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है.
  • भारत और आसियान ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति, स्थिरता, समुद्री सुरक्षा तथा नौवहन स्वतंत्रता के महत्व पर बल दिया. एक संयुक्त वक्तव्य में दोनों पक्षों ने समुद्री कानून पर संयुक्त राष्ट्र संधि जैसे अंतरराष्ट्रीय नियमों के अन्तर्गत विवादों के शांतिपूर्ण समाधान की प्रतिबद्धता दोहराई.
  • सम्मेलन में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा पर बढ़ती वैश्विक चिंताओं का उल्लेख किया और पूर्वी एशियाई समूह के सदस्य देशों से 2023 में अंतर्राष्ट्रीय मोटे अनाज वर्ष में पूर्ण सहयोग का आह्वान किया.

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लंदन में वर्ल्‍ड ट्रेवल मार्केट प्रदर्शनी आयोजित की गई

लंदन में 7 से 9 नवंबर तक वर्ल्‍ड ट्रेवल मार्केट प्रदर्शनी आयोजित की गई थी. भारत के पर्यटन मंत्रालय ने इस प्रदर्शनी में हिस्सा लिया था.

मुख्य बिंदी

  • यह अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सबसे बडी प्रदर्शनियों में है. इस वर्ष प्रदर्शनी का थीम था- ‘यात्रा का भविष्य अब शुरू होता है’ (The future of travel starts now).
  • इस प्रदर्शनी का उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय व्यापार समुदाय के लिए विभिन्न पर्यटन उत्पादों और चिकित्सा मूल्य यात्रा तथा लग्‍जरी ट्रेन को प्रदर्शित करना था.
  • वर्ष 2019 के दौरान भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में यात्रा और पर्यटन क्षेत्र का योगदान 5.19 प्रतिशत रहा था. भारतीय पर्यटन क्षेत्र लगभग आठ करोड़ लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान करता है.

इंडिया स्पेस कांग्रेस का आयोजन दिल्ली में किया गया

इंडिया स्पेस कांग्रेस 2022 (ISC 2022) का आयोजन 26 से 28 अक्टूबर तक नई दिल्ली में किया गया था. इसका आयोजन भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो), रक्षा मंत्रालय, नीति आयोग, इन-स्पेस, न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL) और सैटकॉम इंडस्ट्री एसोसिएशन (SIAIndia) ने किया था.

मुख्य बिन्दु

  • इस आयोजन का थीम “नेक्स्ट-जेन कम्युनिकेशन और व्यवसायों को पावर देने के लिए स्पेस का लाभ उठाना” (Leveraging Space to Power Next-Gen Communication & Businesses) था.
  • ISC एक अंतर्राष्ट्रीय कांग्रेस है जो अंतरिक्ष क्षेत्र में सरकार, औद्योगिक विशेषज्ञों, नीति निर्माताओं, विचारकों, कानूनी पेशेवरों और शिक्षाविदों को एक साथ लाती है ताकि अंतरिक्ष अन्वेषण के प्रभावी प्रबंधन को सुनिश्चित करने के तरीकों पर चर्चा की जा सके.

आठवें डकार अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा सम्मेलन सेनेगल में आयोजित किया गया

आठवां डकार अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा सम्मेलन 2022 हाल ही में सेनेगल की राजधानी डकार में आयोजित किया गया था. सेनेगल के राष्ट्रपति मैकी साल ने इस बैठक का उद्घाटन किया था.

मुख्य बिन्दु

  • विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने इस सम्मेलन में हिस्सा लिया था. भारत ने पहली बार डकार मंच में मंत्री स्तर पर भाग लिया.
  • श्री मुरलीधरन ने वैश्विक संकट और अफ्रीका में संप्रभुता विषय पर मंच को संबोधित किया. उन्होंने विकास का ऐसा आदर्श प्रस्तुत करने का आहवान किया जो अफ्रीका के नेतृत्व में  जनता की प्रगति और विकास के लिये अफ्रीका केंद्रित हो.
  • डकार इंटरनेशनल फोरम अफ्रीका में नीति निर्माताओं के लिए एक प्रमुख कार्यक्रम है.

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आतंकवाद रोधी समिति की विशेष बैठक

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की आतंकवाद रोधी समिति की विशेष बैठक 28-29 अक्तूबर को मुंबई और दिल्ली में आयोजित की गई थी.

UNSC की आतंकवाद रोधी समिति की बैठक: मुख्य बिन्दु

  • यह बैठक 28 अक्तूबर को मुंबई में और 29 अक्तूबर को नई दिल्ली में जारी रही थी. बैठक का विषय था- आतंकी कार्रवाइयों में नई तकनीक के इस्तेमाल से निपटना.
  • UNSC की आतंकवाद रोधी समिति के प्रतिनिधिमंडल प्रमुखों ने नई दिल्ली में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से मुलाकात की. राष्‍ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा कि भारत आतंकवाद के सभी रूपों से लड़ने के लिए प्रतिबद्ध है.
  • समिति ने सभी सदस्य देशों से आतंकवाद के विरुद्ध कठोर कार्रवाई करने की नीति अपनाने का आग्रह किया गया है. यह घोषणा, आतंकवाद को किसी भी धर्म, राष्ट्रीयता, सभ्यता या जातीय समूह से न जोड़ने की पुष्टि करती है.
  • विदेशमंत्री सुब्रहमण्यम जयशंकर ने अपने संबोधन में कहा कि नई टैक्‍नोलॉजी के कारण सुरक्षा व्यवस्था को गंभीर चुनौती का सामना करना पड़ रहा है. आतंकवादी गुटों और संगठित आपराधिक नेटवर्कों द्वारा मानव रहित ड्रोन प्रणालियों का इस्तेमाल बड़ा खतरा बन गया है.
  • भारत, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का वर्तमान अध्यक्ष है. सुरक्षा परिषद का अध्यक्ष हर महीने वर्णमालानुसार बदलता है.

राज्यों के गृह मंत्रियों का चिंतन शिविर सूरजकुंड में आयोजित किया गया

राज्यों के गृह मंत्रियों का चिंतन शिविर 27-28 अक्तूबर हरियाणा के सूरजकुंड में आयोजित किया गया था. गृहमंत्री अमित शाह ने इस शिविर की अध्यक्षता की थी.

मुख्य बिन्दु

  • राज्यों के गृह मंत्री और केन्‍द्रशासित प्रदेशों के उपराज्‍यपाल तथा प्रशासक, गृह सचिव, पुलिस महानिदेशक और केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस इस सम्मेलन में शामिल हुए थे. सम्मेलन के छह सत्रों में कई विषयों पर विचार-विमर्श हुआ.
  • इस चिंतन शिविर का उद्देश्य इस वर्ष प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के स्वतंत्रता दिवस भाषण में घोषित विजन 2047 और पंच प्राण के कार्यान्वयन के लिए एक कार्ययोजना तैयार करना था.
  • शिविर में पुलिस बलों के आधुनिकीकरण साइबर अपराध प्रबंधन, आपराधिक न्याय प्रणाली में सूचना प्रौद्योगिकी के बढ़ते उपयोग, भूमि सीमा प्रबंधन, तटीय सुरक्षा, महिला सुरक्षा और मादक पदार्थों की तस्करी जैसे मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया.
  • प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने इस शिविर को सम्‍बोधित किया. अपने संबोधन में उन्होंने पुलिस के लिए एक राष्‍ट्र, एक वर्दी का विचार रखा है.

गांधीनगर में 12वीं भारतीय रक्षा प्रदर्शनी आयोजित की गई

12वीं भारतीय रक्षा प्रदर्शनी (DefExpo 2022) का आयोजन 19 से 22 अक्तूबर तक गुजरात के अहमदाबाद और गांधीनगर में किया गया था. इस प्रदर्शनी का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने किया था. इस बार यह प्रदर्शनी ‘गौरव पथ’ (Path to Pride) विषय पर आयोजित की गई थी.

डिफेंस-एक्सपो (DefExpo) 2022: मुख्य बिन्दु

  • इस वर्ष के डिफेंस-एक्सपो का फोकस अफ्रीका और IOR (Indian Ocean Region) के देशों को रक्षा निर्यात को बढ़ावा देना था.
  • इस प्रदर्शनी में रक्षा मंत्रालय के रक्षा उत्पाद विभाग के भारतीय मंडप में स्वदेशी रक्षा उत्पाद, स्टार्ट-अप, रक्षा में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सहित नवीनतम तकनीक का प्रदर्शन किया गया.
  • प्रदर्शनी में निजी उद्योग, स्टार्टअप और कई राज्य सहित एक हजार से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया. यह देश का ऐसा पहला डिफेंस एक्सपो था जिसमें केवल भारतीय कंपनियों ने ही हिस्सा लिया.

भारत-अफ्रीका रक्षा वार्ता

  • इस डिफेंस-एक्सपो  के दौरान भारत-अफ्रीका रक्षा वार्ता (IADD) का दूसरा संस्करण आयोजित किया गया था, जिसमें विभिन्न अफ्रीकी देशों के रक्षा मंत्रियों ने भाग लिया था.
  • केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने IADD के दौरान भारत-अफ्रीका सुरक्षा फैलोशिप कार्यक्रम शुरू किया. यह फेलोशिप अफ्रीकी विद्वानों को भारत में रक्षा और सुरक्षा पहलुओं पर शोध करने का अवसर देगी.

भारतीय रक्षा प्रदर्शनी: एक दृष्टि

भारतीय रक्षा प्रदर्शनी का आयोजन दो वर्ष में एक बार किया जाता है. प्रदर्शनी में सार्वजनिक/निजी क्षेत्र के रक्षा उपक्रम और उद्योग, सशस्त्र बलों के लिए रक्षा उत्पादों का प्रदर्शन किया जाता है. यह रक्षा विनिर्माण क्षेत्र में भारत की क्षमताओं को प्रदर्शित करता है.

इंटरपोल की 90वीं महासभा दिल्ली में आयोजित की गई

अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक पुलिस संगठन (Interpol) की 90वीं महासभा का आयोजन भारत में किया गया था. यह बैठक दिल्ली के प्रगति मैदान में 18 से 21 अक्तूबर तक हुई थी, जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था.

इंटरपोल की 90वीं महासभा: मुख्य बिन्दु

  • भारत में इंटरपोल महासभा की बैठक 25 सालों के बाद हुई. पिछली बार भारत में यह महासभा 1997 में हुई थी.
  • इस महासभा में 195 इंटरपोल सदस्य देशों के प्रतिनिधिमंडल शामिल हुए, जिसमें मंत्री, देशों के पुलिस प्रमुख, राष्ट्रीय केंद्रीय ब्यूरो के प्रमुख और वरिष्ठ पुलिस अधिकारी शामिल थे.
  • केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, इंटरपोल के अध्यक्ष अहमद नासर अल रायसी और महासचिव जुर्गन स्टॉक भी इस कार्यक्रम में मौजूद थे.
  • इस कार्यक्रम में कुख्यात अपराधियों को ट्रैक करने से लेकर नार्को-टेरिरिज्म, भ्रष्टाचार, साइबर अपराध, ड्रग सिंडिकेट, फ्रॉड, लापता व्यक्तियों को ढूंढने और आतंकवाद के आपराधिक पैटर्न पर चर्चा हुई ताकि भविष्य में अपराधी के खिलाफ जांच करना आसान रहे.

क्या है इंटरपोल?

  • इंटरपोल (International Criminal Police Organization) की स्थापना ऑस्ट्रिया के विएना में 7 सितंबर 1923 को हुई थी. यह संगठन सदस्य देशों के पुलिस नेटवर्क को जोड़ता है और अंतर्राष्ट्रीय अपराध नियंत्रण पर काम करता है.
  • इंटरपोल के सदस्य देश अपने प्रशिक्षित पुलिस अधिकारियों को इंटरपोल में प्रतिनियुक्त करते हैं. भारत 1949 में इस संगठन में शामिल हुआ था.
  • इंटरपोल महासभा अंतर्राष्ट्रीय पुलिस संगठन का शीर्ष शासी निकाय है और प्रमुख निर्णय लेने के लिए इसकी वार्षिक बैठक होती है.