क्वाड देशों का दूसरा शिखर सम्मेलन तोक्यो में आयोजित किया गया

क्वाड देशों (भारत, अमरीका, ऑस्ट्रेलिया और जापान) का दूसरा शिखर सम्मेलन (QUAD Leaders Summit) 2022 जापान के तोक्यो 24 मई को आयोजित किया गया था. प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी इस सम्मेलन में हिस्सा लेने के प्रयोजन से 23-24 मई को जापान की यात्रा पर थे.

क्वाड शिखर सम्मेलन 2022: मुख्य बिंदु

  • इस सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमरीका के राष्ट्रपति जो बाइडेन, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंटनी अल्बनीजी और जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने भाग लिया. सम्मेलन में नेताओं ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में विकास और आपसी हित के मौजूदा वैश्विक मुद्दों के बारे में विचार-विमर्श हुआ.
  • क्वाड नेताओं ने मुक्त, खुले और समावेशी हिंद- प्रशांत क्षेत्र तथा संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और विवादों के शांतिपूर्ण समाधान के प्रति साझा प्रतिबद्धता दोहरायी. उन्होंने हिंद- प्रशांत क्षेत्र और यूरोप में संघर्ष के घटनाक्रमों पर विचार-विमर्श किया.
  • क्वाड नेताओं ने व्यापक विचार-विमर्श में आतंकवाद और हिंसक उग्रवाद के सभी रूपों की एक स्वर से कड़ी निंदा की. उन्होंने पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों की साजिश पर मुंबई और पठानकोट आतंकी हमले सहित विभिन्न आतंकी हमलों की कड़ी निंदा की.
  • इस सम्मेलन में क्वाड फेलोशिप (QUAD Fellowship)  नाम से एक छात्रवृत्ति कार्यक्रम शुरू किया गया. हर साल, यह फेलोशिप अमेरिका में प्रमुख विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (STEM) विश्वविद्यालयों में उच्च अध्ययन और डॉक्टरेट की डिग्री हासिल करने के लिए प्रत्येक क्वाड देश के 25 छात्रों को प्रायोजित करेगी.
  • प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस सम्मेलन के इतर कई द्विपक्षीय बैठकों में भी हिस्सा लिया. उन्होंने अमरीका के राष्ट्रपति जो. बाइडेन, जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंटनी अल्बनीजी के साथ द्विपक्षीय बैठकें की.

‘क्वाड’ क्या है?

  • ‘क्वाड’ (QUAD) का पूरा नाम Quadrilateral Security Dialogue (QSD) है. यह ‘भारत, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और जापान’ का चतुष्कोणीय गठबंधन है. यह चीन के साथ भू-रणनीतिक चिंताओं के मद्देनजर गठित की गयी है.
  • जापान के तत्कालीन प्रधानमंत्री शिंजो अबे ने, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया तथा भारत के परामर्श से 2007 में ‘क्वाड’ की शुरुआत की थी. 2008 में ऑस्ट्रेलिया द्वारा इस ग्रुप से बाहर आने के कारण यह संगठन शिथिल पड़ गया था, लेकिन बाद में वह पुन: इस वार्ता में शामिल हो गया.
  • 2017 में, इस अनौपचारिक समूह को पुनर्जीवित किया गया ताकि एशिया में चीन के आक्रामक उदय को संतुलित किया जा सके.
  • क्‍वाड संगठन का उद्देश्‍य इस क्षेत्र में वैध और महत्‍वपूर्ण हित रखने वाले सभी देशों की सुरक्षा और उनके आर्थिक सरोकारों का ध्‍यान रखना है.
  • क्वाड का विजन ‘free and open Indo-Pacific (FOIP)’ और पूर्व और दक्षिण चीन समुद्र में एक नियम-आधारित समुद्री व्यवस्था है.

बेंगलुरू में सेमीकॉन इंडिया सम्‍मेलन का आयोजन किया गया

बेंगलुरू में 29 अप्रैल से 1 मई तक सेमीकॉन इंडिया सम्‍मेलन (Semicon India Conference) 2022 का आयोजन किया गया था. इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने किया था. सम्मेलन में उद्योग संघों, अनुसंधान संगठनों और शैक्षिक जगत से वरिष्‍ठ विशेषज्ञों ने हिस्‍सा लिया. इस सम्मेलन के दौरान, देश में सेमीकंडेक्‍टर के उत्‍पादन के लिए अनुकूल वातावरण बनाने की नीति, प्रतिभा और सरकार के योगदान पर विचार-विमर्श हुआ.

सेमीकॉन इंडिया सम्‍मेलन: एक दृष्टि

  • यह सम्‍मेलन, उद्योग संघों के साथ साझेदारी में इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन (ISM) द्वारा आयोजित किया गया था. ISM, डिजिटल इंडिया कॉरपोरेशन का एक स्वतंत्र व्यापार प्रभाग है.
  • इस सम्‍मेलन का आयोजन भारत को इलेक्‍ट्रोनिक्‍स विनिर्माण, सेमी-कंडेक्‍टर डिजाइन और नवाचार के क्षेत्र में अग्रणी बनाने के उद्देश्य से किया गया था.
  • सम्‍मेलन को भारत के वैश्‍विक सेमीकंडेक्‍टर केन्‍द्र बनने और चिप डिजाइन तथा विनिर्माण पारिस्थितिक केन्द्र के रूप में विकसित होने की आकांक्षा के आधार के रूप में देखा जा रहा है.
  • केंद्र सरकार ने भारत में सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम के विकास के लिए मार्च 2022 में  सेमीकॉन इंडिया कार्यक्रम को मंजूरी दी थी. इसके तहत कुल वित्तीय परिव्यय 76,000 करोड़ रुपये है.

एशिया का सबसे बड़ा अंतर्राष्ट्रीय खाद्य और आतिथ्य सत्‍कार मेला दिल्ली में आयोजित किया गया

एशिया का सबसे बड़ा अंतर्राष्ट्रीय खाद्य और आतिथ्य सत्कार मेला ‘AAHAR-2022’ का आयोजन 26 से 30 अप्रैल तक नई दिल्ली के प्रगति मैदान में किया गया था. यह इस मेले का 36वां संस्करण था.

इस मेले का आयोजन कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (APEDA) और भारत व्यापार संवर्धन संगठन (ITPO) के सहयोग से आयोजित किया गया था. इस मेले में 80 से अधिक निर्यातकों ने हिस्सा लिया था.

देश के पूर्वोत्तर क्षेत्र के साथ-साथ लद्दाख, जम्मू और कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जैसे हिमालयी राज्यों के निर्यातकों के लिए APEDA द्वारा समर्पित स्टॉल बनाए गए थे.

7वां रायसीना डायलॉग 2022 दिल्ली में आयोजित किया गया

7वें रायसीना डायलॉग का आयोजन 25 से 27 अप्रैल तक दिल्ली में किया गया था. प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने इस डायलॉग का शुभारंभ किया था. यह इस प्रतिष्‍ठित संवाद का 7वां संस्‍करण था. भारत की यात्रा पर आयीं यूरोपीय संघ की अध्‍यक्ष वर्सुला फॉन डे लायन इस संवाद में मुख्‍य अतिथि थीं.

इस संवाद में विभिन्‍न देशों के पूर्व प्रधानमंत्री और अन्‍य गण्‍यमान्‍य व्‍यक्ति ने हिस्‍सा लिया. इस वर्ष संवाद का थीम- ‘धरती: भावावेश, अधैर्य और संकट’ था.

इस आयोजन में लोकतंत्र से लेकर प्रौद्योगिकी और वैश्विक स्‍वास्‍थ्‍य से लेकर हिंद प्रशांत क्षेत्र तक छह प्रमुख सम-सामयिक विषयों पर विचार-विमर्श हुआ.

रायसीना डायलॉग: एक दृष्टि

  • रायसीना डायलॉग बहुपक्षीय विचार मंच है जो विश्‍व के समक्ष सर्वाधिक चुनौतीपूर्ण मुद्दों पर चिंतन करता है. यह भू-राजनीति तथा भू-अर्थशास्त्र पर आधारित भारत का प्रमुख सम्मेलन है जिसकी शुरूआत वर्ष 2016 में हुई थी.
  • प्रत्येक वर्ष नीति, मीडिया और सिविल सोसायटी से जुड़े वैश्विक नेता अंतरराष्ट्रीय नीतिगत मामलों के बारे में सहयोग पर चर्चा के लिए नई दिल्ली में इकट्ठा होते हैं.
  • इस सम्मेलन का आयोजन विदेश मंत्रालय के सहयोग के ऑब्जर्वर रिसर्ज फाउंडेशन द्वारा किया जाता है.

परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम का 5वां संस्करण दिल्ली में आयोजित किया गया

बहुप्रतीक्षि‍त वार्षिक कार्यक्रम ‘परीक्षा पे चर्चा’ का 5वां संस्करण 1 अप्रैल को नई दिल्‍ली के तालकटोरा स्‍टेडियम में आयोजित किया गया था. प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने इस कार्यक्रम में विद्यार्थियों, अध्‍यापकों और अभि‍भावकों के साथ बातचीत की.

परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम: एक दृष्टि

  • परीक्षा पे चर्चा आपसी बातचीत का कार्यक्रम है जिसमें देश और विदेश के विद्यार्थी, अभिभावक और शिक्षक प्रधानमंत्री से परीक्षा के तनाव से उबरने और जीवन को उत्‍सव के रूप में मनाने के संबंध में बातचीत करते हैं.
  • इस कार्यक्रम के लिए कक्षा 9 से 12 तक के विद्यार्थियों, शिक्षकों और अभिभावकों का चयन ऑनलाइन प्रतियोगिता के माध्‍यम से किया जाता है. इस कार्यक्रम के लिए 15 लाख से अधिक विद्यार्थि‍यों, अध्‍यापकों और अभिभावकों का पंजीकरण हुआ था.

बिम्‍सटेक का 5वां शिखर सम्मेलन, अंतरराष्ट्रीय संगठन के तौर पर मान्यता मिली

बिम्‍सटेक का पांचवां शिखर सम्‍मेलन (5th BIMSTEC Summit) 30 मार्च 2022 को वर्चुअल माध्‍यम से आयोजित किया गया था. इसकी मेजबानी बिम्‍सटेक का मौजूदा अध्यक्ष श्रीलंका ने की थी. प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने इस सम्‍मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व किया था.

5वें बिम्‍सटेक सम्मलेन का थीम “Towards a Resilient Region, Prosperous Economies, Healthy People” था.

बिम्‍सटेक का पांचवां शिखर सम्मेलन: एक दृष्टि

  • पांचवें बिम्‍सटेक शिखर सम्मेलन में संपूर्ण सहयोग का विस्तार करने के लिए एक चार्टर पर हस्ताक्षर किया गया. इस चार्टर पर हस्ताक्षर होने से बिम्सटेक को एक प्रतीक, ध्वज औपचारिक रूप से सूचीबद्ध सिद्धांतों के साथ एक अंतरराष्ट्रीय संगठन के तौर पर मान्यता मिली.
  • बिम्सटेक नेताओं ने 3 अलग-अलग बिम्सटेक समझौतों पर हस्ताक्षर किए. जिन समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए, वे हैं: राजनयिक प्रशिक्षण के लिए आपसी सहयोग, आपराधिक मामलों से संबंधित पारस्परिक कानूनी सहायता और बिम्सटेक प्रौद्योगिकी हस्तांतरण सुविधा की स्थापना पर एक समझौता ज्ञापन.
  • बिम्सटेक सहयोग गतिविधियां सात स्तंभों पर आधारित होंगी. हर स्तंभ का नेतृत्व एक सदस्य देश करेगा, जो उस क्षेत्र में सहयोग के लिए जिम्मेदार होगा. इसके तहत फैसला लिया गया है कि सुरक्षा के स्तंभ की अगुवाई भारत के पास रहेगी.

क्या है बिम्सटेक (BIMSTEC)?

  • बिम्सटेक, ‘Bay of Bengal Initiative for Multi-Sectoral Technical and Economic Cooperation’ का संक्षिप्त रूप है. यह बंगाल की खाड़ी से तटवर्ती या समीपी देशों का एक अंतर्राष्ट्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग संगठन है. यह 1997 में बैंकॉक घोषणा के माध्यम से अस्तित्व में आया.
  • बिम्सटेक का गठन व्यापार, ऊर्जा, पर्यटन, मत्स्य पालन, परिवहन और प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों आपसी सहयोग के लिए किया गया था. परंतु बाद में कृषि, गरीबी उन्मूलन, आतंकवाद, संस्कृति, जनसंपर्क, सार्वजनिक स्वास्थ्य, पर्यावरण और जलवायु-परिवर्तन जैसे क्षेत्रों को भी इसमें शामिल किया गया.
  • बिम्‍सटेक के सदस्‍य देशों में बांग्लादेश, भारत, म्‍यामांर, श्रीलंका, थाईलैंड, भूटान और नेपाल शामिल हैं. इसका सचिवालय ढाका में है.

प्रधानमंत्री ने मतुआ धर्म महामेला को संबोधित किया

अखिल भारतीय मतुआ महासंघ ने 29 मार्च से 5 अप्रैल तक मतुआ धर्म महामेला आयोजित किया है. इसका आयोजन श्री श्रीहरिचंद ठाकुर की 211वीं जयंती के अवसर पर पश्चिम बंगाल के श्रीधाम ठाकुरनगर, ठाकुरबाड़ी में किया गया है. प्रधानमंत्री ने 29 मार्च को वीडियो कॉफ्रेंस के माध्‍यम से इस महामेला को संबोधित किया.

श्री श्रीहरिचंद ठाकुर: एक दृष्टि

श्री श्री हरिचंद ठाकुर जी ने स्वतंत्रता से पहले अविभाजित बंगाल में प्रताडित, दलित और वंचित लोगों के कल्याण के लिए अपना जीवन समर्पित किया था. उन्होंने 1860 में बांग्लादेश में ओरकंडी से सामाजिक और धार्मिक आंदोलन शुरू किया था. आंदोलन के बाद मतुआ धर्म की स्‍थापना हुई थी.

बिम्सटेक मंत्रिस्तरीय बैठक कोलंबो में आयोजित किया गया

बंगाल की खाडी क्षेत्र के देशों के तकनीकी और आर्थिक सहयोग संगठन (बिम्‍सटेक) का मंत्रिस्तरीय बैठक का आयोजन 29 मार्च को कोलंबो में किया गया था. विदेश मंत्री डॉ. जयशंकर ने इस बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व किया था.

विदेश मंत्री डॉ. जयशंकर इस बैठक और द्विपक्षीय वार्ता में हिस्सा लेने के लिए 28-29 मार्च को श्रीलंका की यात्रा पर थे. इससे पहले उन्होंने मालदीव की यात्रा की थी.

मुख्य बिंदु

  • विदेश मंत्री डॉ. जयशंकर ने कोलंबो में श्रीलंका के विदेश मंत्री जी एल पेइरिस के साथ द्विपक्षीय बातचीत की. दोनों नेताओं ने आर्थिक सुधार, भारत-श्रीलंका विकास सहयोग, आपसी सुरक्षा, मछुआरों के मुद्दों और अंतर्राष्ट्रीय तालमेल पर चर्चा की.
  • इस दौरान कई महत्‍वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर भी किए गये. डॉ जयशंकर ने कोलंबो में राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे ने प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे से भी मुलाकात की.
  • विदेश मंत्री डॉ. सुब्रहमण्‍यम जयशंकर ने बिम्सटेक के सदस्य देशों से आतंकवाद औऱ उग्रवाद से सामूहिक रूप से निपटने का आह्वान किया. बैठक में डॉक्टर जयशंकर ने सदस्य देशों में लोगों के बीच संपर्क, ऊर्जा और समुद्री क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने और उसका विस्तार करने के संकल्‍प पर जोर दिया.

भारतीय चीनी और इथेनॉल सम्मेलन  मुंबई में आयोजित किया गया

मुंबई में 19 मार्च को ‘भारतीय चीनी और इथेनॉल सम्मेलन’ (Sugar & Ethanol India Conference- SEIC) 2022 आयोजित किया गया था. इस सम्मेलन का आयोजन चीनी मंडी, समाचार और सूचना पोर्टल द्वारा चीनी और सहयोगी उद्योगों के लिए किया गया था. इसमें उद्योग से जुड़े घरेलू और वैश्विक अग्रणी विशेषज्ञ देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चीनी के व्यापार में मुख्य चुनौतियों और जोखिम से निपटने संबंधी कार्यनीतियों पर चर्चा की गयी. इसके अतिरिक्त भारत में अधिक नवोन्मेषी सतत चीनी और इथेनॉल क्षेत्र बनाने पर भी बातचीत हुई.

मुख्य बिंदु

  • केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इस सम्मेलन को संबोधित किया था. अपने संबोधन में उन्होंने इथेनॉल, मिथेनॉल, जैव-डीजल, इलेक्ट्रिक, हरित हाइड्रोजन को भविष्य का ईंधन बताते हुए कहा कि भारत को ऊर्जा आयातक की बजाय ऊर्जा निर्यातक बनाये जाने पर जोर दिया.
  • श्री गडकरी ने कहा कि किसानों को गरीबी से निकालने के लिए अन्नदाता के बजाय ऊर्जादाता बनाना चाहिए. श्री गडकरी ने कहा कि ऊर्जा और विद्युत क्षेत्र की दिशा में कृषि का विविधिकरण समय की आवश्यकता है.
  • उन्होंने कहा कि सरकार विमानन क्षेत्र में इथेनॉल का इस्तेमाल करने पर गंभीरता से विचार कर रही है. श्री ग़डकरी ने कहा कि इस समय गन्ने का उत्पादन बढ़ा है लेकिन यह स्थिति आने वाले वर्षों में नहीं रहेगी. इसलिए चीनी को इथेनॉल में बदलने का काम तेज गति से किया जाना चाहिए.
  • उन्होंने इथोनॉल निर्माणकर्ता से पैट्रोल के विकल्प के रूप में अपने एरिया में इथोनॉल के पम्‍प खोले जाने का अनुरोध किया. इसके कारण पॉल्‍यूशन, हमारा इम्‍पोर्ट भी कम होगा, और गांव के लोगों को रोजगार मिलेगा.

संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण की 5वी सभा: प्लास्टिक प्रदूषण को समाप्त करने का संकल्प

संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम की 5वां सभा (UNEA 5) 28 फरवरी से 4 मार्च तक केन्या की राजधानी नैरोबी में आयोजित किया गया था. इस सभा में 175 देशों ने हिस्सा लिया था. पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने इस सत्र में भारत का प्रतिनिधित्व किया था. UNEA 5 का थीम “सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रकृति के कार्यों को सुदृढ़ बनाना” (Strengthening Actions for Nature to Achieve the Sustainable Development Goals) था.

प्लास्टिक प्रदूषण को समाप्त करने का संकल्प

  • इस बैठक में दुनिया भर के समुद्रों, नदियों और मैदानी भागों में प्लास्टिक कचरे की बढ़ती समस्या से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय रूपरेखा का प्रस्ताव रखा.
  • अपने संबोधन में पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने प्रमुख पर्यावरणीय चुनौतियों से निपटने के लिए सामूहिक कार्रवाई को प्रोत्साहित करने की बात कही.
  • भारत के आग्रह पर, प्लास्टिक प्रदूषण से निपटने के लिए कार्रवाई करते समय राष्ट्रीय परिस्थितियों और क्षमता के सिद्धांत को संकल्प के पाठ में शामिल किया गया ताकि विकासशील देशों को उनके विकास पथ का अनुसरण करने की अनुमति मिल सके.
  • इससे पहले, भारत ने 2019 में आयोजित चौथी संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण सभा (UNEA 4) में एकल उपयोग प्लास्टिक उत्पाद प्रदूषण से निपटने के लिए एक प्रस्ताव पेश किया था, जिससे इस मुद्दे पर वैश्विक ध्यान आकर्षित हुआ.

क्वाड नेताओं का वर्चुअल शिखर सम्मेलन

क्वाड (भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया) नेताओं का वर्चुअल शिखर सम्मेलन 3 मार्च को वर्चुअल माध्यम से आयोजित किया गया था. इस बैठक में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी, अमरीकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, ऑस्ट्रेलिया के प्रधान मंत्री स्कॉट मॉरिसन और जापान के प्रधान मंत्री फुमियो किशिदा ने हिस्‍सा लिया.

मुख्य बिंदु

  • इस बैठक में यूक्रेन के घटनाक्रम पर चर्चा की गई, जिसमें इसके मानवीय प्रभाव पर भी विचार-विमर्श किया गया. प्रधानमंत्री ने बातचीत और कूटनीति का मार्ग अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया.
  • प्रधानमंत्री ने कहा कि क्वाड को हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि को बढ़ावा देने के अपने मूल उद्देश्य पर केंद्रित रहना चाहिए. उन्‍होंने मानवीयता और आपदा राहत, ऋण सहयोग बनाए रखने, आपूर्ति श्रृंखला, स्वच्छ ऊर्जा, कनेक्टिविटी और क्षमता निर्माण जैसे क्षेत्रों में क्वाड के भीतर सहयोग के ठोस और व्यावहारिक रूपों का आह्वान किया.
  • नेताओं ने आपसी संपर्क और जापान में आगामी शिखर सम्मेलन के महत्वाकांक्षी एजेंडा की दिशा में काम करने पर सहमति व्यक्त की.

वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद की 25वी बैठक

वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद (FSDC) की 25वी बैठक 22 फरवरी को मुम्बई में आयोजित की गयी थी. इस बैठक की अध्‍यक्षता वित्तमत्री निर्मला सीतारामन ने की थी. बैठक में FSDC के विभिन्न अधिदेशों और वैश्विक और घरेलू स्‍तर पर बदलते घटनाक्रम से उपजी वित्तीय चुनौतियों पर गहन विचार-विमर्श किया गया.

परिषद में इस बात पर जोर दिया गया किया कि सरकार और सभी नियामकों को वित्तीय स्थितियों और महत्वपूर्ण वित्तीय संस्थानों के कामकाज पर निरंतर निगरानी रखने की आवश्यकता है. परिषद ने विकास और व्यापक आर्थिक स्थिरता के साथ एक समावेशी आर्थिक विकास के लिए आवश्यक उपायों पर भी चर्चा की.

वित्तीय स्थिरता एवं विकास परिषद (FSDC)

सरकार ने वित्तीय बाजार नियामकों के सहयोग से FSDC की स्थापना की थी. यह संस्था, अर्थव्यवस्था के मैक्रो-विवेकपूर्ण पर्यवेक्षण, विशेष रूप से बड़े वित्तीय समूहों के कामकाज की निगरानी करती है, और वित्तीय क्षेत्र के अंतर-नियामक समन्वय और विकास के मुद्दों को हल करती है. यह वित्तीय जागरूकता को बढ़ावा देने पर भी केंद्रित है.