Tag Archive for: Act

दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (संशोधन) अधिनियम 2021 लागू हुआ

संसद द्वारा हाल ही में पारित ‘दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (संशोधन) अधिनियम 2021’ (Govt of National Capital Territory of Delhi (Amendment) Ac) 27 अप्रैल से लागू हो गया. संसद के बजट सत्र के दौरान लोकसभा और राज्यसभा द्वारा पारित इस विधेयक को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 28 मार्च को मंजूरी दी थी. राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद यह विधेयक अधिनियम (कानून) का रूप ले लिया था.

दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (संशोधन) अधिनियम 2021: मुख्य तथ्य

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 239AA के तहत दिल्ली एक विधानसभा के साथ एक केंद्र शासित प्रदेश है. यह विधेयक विधानसभा और उप-राज्यपाल की कुछ शक्तियों और जिम्मेदारियों में संशोधन करता है.
1991 का मौजूदा अधिनियम पुलिस और भूमि को छोड़कर विधानसभा को हर मामले में कानून बनाने की अनुमति देता था.

इस संशोधन अधिनियम में दिल्ली के उप-राज्यपाल के अधिकार बढ़ाने का प्रावधान किया गया है. विधेयक के तहत दिल्ली सरकार को कोई भी नियम कानून या योजना लाने से पहले उपराज्यपाल की सहमति लेनी होगी.

भारतीय चिकित्सा परिषद का अस्तित्व समाप्त, राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग का संचालन शुरू

सरकार ने भारतीय चिकित्सा परिषद (Medical Council of India) का अस्तित्व समाप्त कर दिया है. केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से 24 सितम्बर को जारी एक अधिसूचना में यह जानकारी दी गई है. MCI के स्थान पर अब राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) को अस्तित्व में लाया गया है जिसने 25 सितम्बर से संचालन शुरू कर दिया है.

भारतीय चिकित्सा परिषद (MCI) का गठन 1934 में किया गया था. MCI के पदाधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोपों और मेडिकल कॉलेजों को मान्यता देने से जुड़े मामलों की अपारदर्शी जांच के बीच उच्चतम न्यायालय ने मई 2016 में सरकार को नया कानून आने तक MCI के सभी संवैधानिक कार्यों को देखने के लिए एक समिति की स्थापना करने का निर्देश दिया था.

राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC): एक दृष्टि

राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने 8 अगस्त 2019 को राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) कानून 2019 को मंजूरी प्रदान की थी. यह कानून चिकित्सा शिक्षा, पेशे और संस्थानों से जुड़े सभी पहलुओं के विकास और नियमन के लिए MCI की जगह NMC की स्थापना की बात कहता है. राष्ट्रपति ने 2018 में MCI को भंग कर दिया था.

NMC कानून ने स्नातक और स्नातकोत्तर चिकित्सा संस्थानों में भर्ती होने के लिए राष्ट्रीय पात्रता प्रवेश परीक्षा (NEET) अनिवार्य कर दी. NMC कानून के अनुसार आयोग में एक अध्यक्ष, 10 पदेन सदस्य और 22 अंशकालिक सदस्य होंगे.

प्रोफेसर सुरेश चंद्र शर्मा NMC के पहले अध्यक्ष

प्रोफेसर सुरेश चंद्र शर्मा को NMC का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. वे NMC के पहले अध्यक्ष हैं. कैबिनेट की नियुक्ति कमेटी ने शर्मा की नियुक्ति तीन वर्ष या 70 वर्ष की आयु तक की अवधि के लिए करने को मंजूरी दी थी. इनके अलावा मेडिकल काउंसिल आफ इंडिया के बोर्ड आफ गवर्नर्स में महासचिव राकेश कुमार वत्स को समान अवधि के लिए आयोग का सचिव नियुक्त किया गया है.

भारत में 20 जुलाई से ‘उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम-2019’ लागू किया गया

भारत में 20 जुलाई से ‘उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम-2019’ (Consumer Protection Act-2019) को लागू कर दिया गया. नए कानून ने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 की जगह ली है. यह कानून ग्राहकों के साथ होने वाले धोखाधड़ी को रोकने के उद्देश्य से लाया गया है.

इस नए कानून के लागू होते ही ग्राहकों के हितों की रक्षा के लिए कई नए नियम लागू हो गए हैं. ये नियम पुराने कानून में नहीं थे. इस नए कानून के तहत बड़े नुकसान पर ग्राहक को पांच लाख रुपये मुआवजा देना होगा और सात साल की जेल होगी. उपभोक्ता की मौत हो जाए तो मुआवजा दस लाख और सात साल या आजीवन जेल भी संभव है. नए कानून के दायरे में ई-कॉमर्स कंपनियां भी आएंगी.

भ्रामक विज्ञापन करने पर सेलिब्रिटी पर भी 10 लाख रुपये तक का जुर्माना तय किया गया है. सेलिब्रिटी का दायित्व होगा कि वो विज्ञापन दी गई पूरी जानकारी की जाच पड़ताल कर ले. मिलावटी सामान और खराब प्रोडक्ट पर कंपनियों पर जुर्माना और मुआवजा देना शामिल किया गया है. झूठी शिकायत करने पर अब 50 हजार रुपए जुर्माना लगेगा.

उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम-2019 द्वारा दिए गये 6 अधिकार

  1. सुरक्षा का अधिकार: इसके तहत ग्राहक को किसी माल (गुड्स) या सेवा (सर्विस) की मार्केटिंग से जीवन या प्रॉपर्टी के नुकसान से बचाया जाता है.
  2. सूचना का अधिकार: ग्राहक को पूरा अधिकार है कि उसे प्रोडक्ट की क्वालिटी, उसकी मात्रा, शुद्धता, कीमत आदि के बारे में सही जानकारी दी जाए.
  3. छांटने का अधिकार: इसके तहत ग्राहक को माल और सेवा के कई प्रकार उपलब्ध कराई जाती हैं, ताकि वह अपने अनुकूल माल या सेवा को छांट सके.
  4. सुने जाने का अधिकार: ग्राहक को सुने जाने का पूरा अधिकार है. उसे किसी तरह की दिक्कत होने पर फोरम में उसकी शिकायत को सुना जाएगा.
  5. शिकायत का अधिकार: किसी भी गलत प्रैक्टिस के खिलाफ शिकायत करने का भी ग्राहक को अधिकार है, ताकि उसका शोषण ना हो.
  6. जानने का अधिकार: एक ग्राहक अपनी पूरी जिंदगी एक पूरी जानकारी रखने वाला ग्राहक रहेगा, जिससे वह शोषण से बचा रहेगा.

मोटर वाहन संशोधन कानून 2019, 1 सितम्बर से लागू हुआ

मोटर वाहन (संशोधन) कानून 2019 (Motor Vehicles Amendment Act, 2019) के संशोधित प्रावधान 1 सितम्बर से लागू हो गया. इसके तहत यातायात नियमों के उल्‍लंघन पर आर्थिक दंड बढ़ाया गया है. इस विधेयक को हाल ही में संसद के दोनों सदनों से पारित किया था.

मोटर वाहन (संशोधन) विधेयक, 2019: एक दृष्टि
लाल बत्ती का उल्लंघन करने पर आर्थिक दंड एक हजार रुपये से बढ़ाकर पांच हजार रुपये कर दिया गया है. सीट बेल्‍ट के बिना वाहन चलाने पर अब सौ रुपये की जगह एक हजार रुपये भरने होंगे. लापरवाही से तेज गाड़ी चलाने पर एक हजार की जगह पांच हजार रुपये का दंड भरना होगा. शराब पीकर वाहन चलाने पर 10 हजार रुपये भरने होंगे. बिना लाइसेंस ड्राइविंग पर पांच हजार रुपये का जुर्माना लगेगा. बीमा की प्रति के बिना वाहन चलाने पर दो हजार रुपये भरने होंगे. किशोर के गाड़ी चलाने पर उसके अभिभावक और वाहन के मालिक को दोषी माना जाएगा. इसके लिए 25 हजार रुपये आर्थिक दंड के साथ तीन वर्ष के कारावास की सजा होगी. हेलमैट के बगैर दोपहिया वाहन चलाने पर पहली बार पांच सौ रुपये और दोबारा ऐसा करने पर डेढ़ हजार रुपये का आर्थिक दंड देना होगा और दुपहिया वाहन पर तीन सवारी ले जाने पर सौ रुपये की जगह पांच सौ रुपये भरने होंगे.