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एयर मार्शल वीआर चौधरी वायुसेना के नए प्रमुख होंगे, आरकेएस भदौरिया का स्थान लेंगे

एयर मार्शल विवेक राम चौधरी भारतीय वायुसेना के नए प्रमुख होंगे. वर्तमान में वह उप-प्रमुख पद पर कार्यरत हैं. वह मौजूदा वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया का स्थान लेंगे जो 30 सितंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं. वह देश के 27वें वायुसेना प्रमुख होंगे.

अपने करियर के दौरान वीआर चौधरी को उनकी सेवा के लिए 2004 में वायुसेना मेडल, 2015 में अति विशिष्ट सेवा पदक और 2021 में परम विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया जा चुका है.

विवेक राम चौधरी वायुसेना के कुछ बेहद अहम मिशन का हिस्‍सा रहे हैं. उन्‍हीं में से ऑपरेशन मेघदूत और ऑपरेशन सफेद सागर शामिल हैं.

ऑपरेशन मेघदूत सियाचिन में भारतीय सशस्‍त्र सेना का पाकिस्तान के खिलाफ सफल अभियान रहा है. इसके चलते ही भारतीय सेना ने कश्‍मीर के सियाचिन ग्लेशियर पर पूरी तरह से नियंत्रण हासिल कर लिया था. इस अभ‍ियान को 13 अप्रैल 1984 की सुबह को अंजाम दिया गया था. इसमें वायु सेना ने अहम भूमिका निभाई थी. चौधरी इस ऑपरेशन का हिस्‍सा थे.

ऑपरेशन सफेद सागर भी थल सेना के साथ वायु सेना का संयुक्‍त अभियान था. 1999 के कारगिल युद्ध के दौरान इसकी जिम्मेदारी सेना को सौंपी गई थी. इसका मकसद नियंत्रण रेखा के साथ कारगिल सेक्टर में भारतीय चौकियों को पाकिस्‍तान के कब्‍जे से खाली कराना था. पाकिस्‍तानी सैनिकों ने इन पर धोखे से कब्‍जा जमा लिया था. इसमें भी विवेक राम चौधरी की बड़ी भूमिका रही थी.

वायुसेना ने फ्रांस से 24 पुराने मिराज 2000 लड़ाकू विमान की खरीद के लिए अनुबंध किया

भारतीय वायु सेना ने फ्रांस से 24 पुराने मिराज 2000 लड़ाकू विमान खरीदने के लिए के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं. यह सौदा 27 मिलियन यूरो का है. वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया की मंजूरी मिलने के बाद यह सौदा किया गया है.

मुख्य बिंदु

  • वायुसेना की 35 साल पुरानी मिराज फ्लीट ने 2019 में बालाकोट ऑपरेशन के दौरान पाकिस्तान में घुसकर आतंकवादियों के कैंप तबाह किये थे.
  • ‘राफेल’ लड़ाकू विमान बनाने वाली फ्रांसीसी कंपनी डसॉल्ट एविएशन ने ही मल्टीरोल फाइटर मिराज 2000 का निर्माण किया है.
  • वायुसेना ने 1985 में चौथी पीढ़ी के लगभग 50 लड़ाकू विमान मिराज-2000 रखरखाव अनुबंध के साथ खरीदे थे. मौजूदा समय में वायुसेना के पास 50 मिराज-2000 हैं, जिन्हें अपग्रेड करने के लिए भी अनुबंध किया गया है.

मिग-27 लड़ाकू विमान ने अंतिम बार उड़ान भरी. जोधपुर वायुसैनिक अड्डे से अंतिम विदाई दी गयी


मिग-27 लड़ाकू विमान ने 27 दिसम्बर को अंतिम बार उड़ान भरी. वायुसेना, जोधपुर वायुसैनिक अड्डे से सात विमानों की स्वाड्रन को अंतिम विदाई दी. इस अवसर पर आयोजित समारोह की अध्यक्षता दक्षिण-पश्चिमी कमान के प्रमुख एयर मार्शल एसके घोटिया ने किया.

मिग 27 विमान: एक दृष्टि

  • मिग श्रेणी के विमान को सोवियत रूस से खरीदा गया था. मिग 27 विमान को 1985 में वायुसेना के बेड़े में शामिल किया गया था. लगभग चार दशकों से ज़मीन पर हमले की क्षमता रखने वाला भारतीय वायु सेना का बेहतरीन विमान रहा है.
  • मिग 27 का अपग्रेड रूप 2006 से वायु सेना के लिए प्रयोग लिया जा रहा था. जबकि मिग के अन्य विमान यथा मिग 23BN तथा मिग 23MF के साथ मिग 27 भी वायु सेना से रिटायर हो चुके हैं.
  • इन विमानों ने युद्ध और शांति के समय देश की रक्षा में बेहतरीन योगदान दिया है. करगिल युद्ध के दौरान 1999 में इन विमानों ने मुख्य भूमिका निभाई थी. वहीं ऑपरेशन पराक्रम में भी इस विमान का उपयोग किया गया.

राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री की यात्राओं के लिए बोइंग 777 विमान का उपयोग किया जायेगा

देश के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री की यात्राओं के लिए बोइंग 777 विमान का उपयोग किया जायेगा. इस विमान में अत्याधुनिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम्स लगे होंगे. इन विमानों को एयर इंडिया के पायलट नहीं बल्कि वायुसेना के पायलट उड़ाएंगे. जुलाई 2020 से इस विमान से ही यात्रा की जा सकेगी.

बोइंग 777 विमान अमेरिकी कंपनी बोइंग द्वारा तैयार की गयी है. यह विमान लार्ज एयरक्राफ्ट इन्फ्रारेड काउंटर मेजर्स (LAICM) और सेल्फ प्रॉटेक्शन सूइट्स (SPS) से लैस होंगे.

अभी प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के लिए एयर इंडिया के पास बोइंग 747 विमान है. इस विमान को ‘एयर इंडिया वन’ नाम दिया गया है और इसे एयर इंडिया के पायलट उड़ाते हैं.

भारत ने फ्रांस से पहला रफाल लड़ाकू विमान ग्रहण किया

भारत को फ्रांस से पहला रफाल लड़ाकू विमान मिल गया है. रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने 8 अक्टूबर को फ्रांस के मेरीनेक में दसू एविऐशन की उत्‍पादन इकाई में एक समारोह में इसे ग्रहण किया. भारत ने 59 हजार करोड़ रुपए की लागत से छत्तीस रफाल लड़ाकू विमानों के लिए सितंबर 2016 में फ्रांस के साथ समझौता किया था. ये सभी विमान सितंबर 2022 तक मिल जाने की आशा है.

श्री सिंह ने इस अवसर पर शस्‍त्र पूजा की और रफाल में उड़ान भरी. इससे पहले रक्षा मंत्री ने पेरिस में फ्रांस के राष्‍ट्रपति एमेनुअल मैक्रो से मुलाकात की. दोनों नेताओं ने भारत-फ्रांस रक्षा और रणनीतिक संबंधों पर चर्चा की.

रफाल विश्व का आधुनिकतम लड़ाकू विमान है. इसका रेडार सिस्टम 100 किलोमीटर के दायरे में 40 टारगेट चिह्नित कर लेता है, जबकि करीब 300 किलोमीटर की दूरी पर लक्ष्य को भेद सकता है.

8 अक्टूबर 2019: भारतीय वायुसेना ने अपनी स्‍थापना की 87वीं वर्षगांठ मनाई

भारतीय वायुसेना 8 अक्टूबर को अपना स्थापना दिवस (Air Force Day) मनाती है. 8 अक्टूबर 2019 को इसने अपना 87वां स्थापना दिवस मनाया. इस मौके पर गाजियाबाद स्थित हिंडन वायु सेना केन्‍द्र पर भव्‍य परेड और फ्लाईपास का आयोजन किया गया. इस अवसर पर वायुसेना अध्‍यक्ष एयर चीफ मार्शल राकेश कुमार सिंह भदौरिया ने संबोधित किया और वायुसेना के जांबाजों ने अद्भुत शक्ति और शौर्य का प्रदर्शन किया.


भारतीय वायुसेना: एक दृष्टि

  • 8 अक्टूबर 1932 को भारतीय वायुसेना अस्तित्व में आई थी.
  • आरम्भ में भारतीय वायुसेना का नाम रॉयल इंडियन एयर फोर्स था. 1950 में इसका नाम इंडियन एयर फोर्स (भारतीय वायु सेना) कर दिया गया.
  • आजादी से पहले वायु सेना पर थलसेना का नियंत्रण होता था. वायुसेना को थलसेना से अलग करने में महत्वपूर्ण भूमिका भारतीय वायुसेना के पहले चीफ एयर मार्शल सर थॉमस डब्ल्यू एल्महर्स्ट निभाई थी. वह 15 अगस्त 1947 से 22 फरवरी 1950 तक इस पद पर थे.
  • भारतीय वायुसेना का आदर्श वाक्य “नभः स्पर्शं दीप्तम” है. यह वाक्य गीता के 11वें अध्याय से लिया गया है.
  • वायुसेना के वर्तमान अध्‍यक्ष एयर चीफ मार्शल राकेश कुमार सिंह भदौरिया हैं.
  • भारतीय वायु सेना में पाँच कमानें हैं. पश्चिमी कमान, जिसका मुख्यालय दिल्ली में है, इलाहाबाद में केंद्रीय कमान, शिलांग में पूर्वी कमान, जोधपुर में दक्षिण-पश्चिमी कमान और तिरुवनंतपुरम में दक्षिणी कमान है.
  • भारतीय वायु सेना अमरीका, चीन और रूस के बाद दुनिया की चौथी सबसे बड़ी वायु सेना है.
  • देशभर में वायु सेना के 60 केन्‍द्र हैं. भारतीय वायु सेना का हिंडन केन्‍द्र एशिया में सबसे बड़ा और विश्‍व का आठवां सबसे बड़ा केन्‍द्र है.
  • वायुसेना का नीले रंग का है जिसके पहले एक चौथाई भाग में राष्‍ट्रीय ध्वज बना हुआ है. मध्य भाग में राष्‍ट्रीय ध्वज के तीनों रंगों (केसरिया, श्वेत और हरा) से बना एक वृत्त है. यह ध्वज 1951 में अपनाया गया.

वायु सेना के अगले प्रमुख के रूप में आरकेएस भदौरिया की नियुक्ति

एयर चीफ मार्शल राकेश कुमार सिंह भदौरिया ने 30 सितम्बर को 26वें वायु सेना प्रमुख के रूप में अपना कार्यभार संभाला। उन्‍होंने एयर चीफ मार्शल बीएस धनोवा से पदभार लिया जो 41 वर्षों की सेवा के बाद वायुसेना से सेवानिवृत्‍त हुए।

भदौरिया इससे पहले वाइस चीफ ऑफ एयर स्टाफ थे. उन्होंने मई 2019 में वाइस चीफ का पदभार ग्रहण किया था. वह NDA के पूर्व छात्र हैं और 15 जून 1980 को वायु सेना के लड़ाकू दस्ते में शामिल हुए थे. वह परम विशिष्ट सेवा मेडल, अति विशिष्ट सेवा मेडल, वायुसेना मेडल से सम्मानित हैं. जनवरी 2019 में उन्हें राष्ट्रपति के सहायक सैनिक अधिकारी की मानद उपाधि भी दी गई थी.


अंजलि सिंह विदेश में किसी भी भारतीय दूतावास में नियुक्त भारत की पहली महिला सैन्य राजनयिक बनीं

विंग कमांडर अंजलि सिंह ने हाल ही में रूस में भारतीय दूतावास में ‘डिप्टी एयर अताशे’ के रूप में पदभार संभाला. उन्हें विदेश में किसी भी भारतीय मिशन में सैन्य राजनयिक के रूप में तैनात होने वाली पहली महिला भारतीय सशस्त्र बल अधिकारी होने का गौरव प्राप्त हुआ है.

अंजलि सिंह भारतीय वायुसेना में एयरोनॉटिकल इंजीनियर एई (एल) अधिकारी हैं. वे 17 साल से सेवा दे रही हैं. वह मिग-29 विमान उड़ाने के लिए प्रशिक्षित हैं.

एयर अताशे क्या है?

एयर अताशे वायु सेना अधिकारी है जो एक राजनयिक मिशन का हिस्सा होता है. इस पद पर सामान्य रूप से एक उच्च श्रेणी के अधिकारी को नियुक्त किया जाता है. एयर अताशे आम तौर पर किसी दूसरे देश में अपने देश के वायु सेना के प्रमुख का प्रतिनिधित्व करता है.


भारतीय वायुसेना में 8 अपाचे हेलीकॉप्‍टर शामिल किया गया

भारतीय वायुसेना में अमरीका द्वारा निर्मित आठ AH-64E अपाचे हेलीकॉप्‍टर को 3 सितम्बर को शामिल कर लिया गया. इसे वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल बी एस धनोआ की उपस्थिति में पठानकोट वायुसेना केन्‍द्र में शामिल किया गया. ये अपाचे हेलीकॉप्‍टर MI-35 बेड़े का स्‍थान लेगा. इन हेलीकॉप्‍टर को भारतीय वायु सेना की जरूरत के हिसाब से तैयार किया गया है.

AH-64E अपाचे विश्‍व के अत्‍याधुनिक बहु-उपयोगी युद्धक हेलीकॉप्‍टरों में से एक है. भारतीय वायु सेना ने 22 अपाचे हेलीकॉप्‍टरों की खरीद के लिए अमरीकी सरकार और बोइंग लिमिटेड के साथ सितम्‍बर 2015 में समझौता किया था.

चिनूक हेलीकॉप्टर: एक दृष्टि

  • चिनूक एक बहुद्देशीय हेलीकॉप्टर है. इसका निर्माण अमेरिकी एयरोस्पेस कंपनी बोईग ने किया है.
  • यह वर्टिकल लिफ्ट प्लेटफॉर्म हेलीकॉप्टर है, जिसका इस्तेमाल सैनिकों, हथियारों, उपकरण और ईधन ढोने में किया जाता है.
  • यह हैलीकॉप्‍टर शूट फायर एंड फॉरगेट एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल, हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों, रॉकेट और अन्‍य हथियारों से लैस है.
  • यह हेलीकॉप्टर 9.6 टन तक माल ढो सकता है, किसी भी मौसम में दुश्मन पर हमला कर सकता है.
  • युद्ध प्रयासों के अलावा इसका इस्तेमाल मानवीय और आपदा राहत अभियानों में भी किया जाता है.


वायु सेना की शालिजा धामी ने पहली महिला फ्लाइट कमांडर बनने का कीर्तिमान बनाया

भारतीय वायु सेना की विंग कमांडर शालिजा धामी ने फ्लाइंग यूनिट की पहली महिला फ्लाइट कमांडर बनने का कीर्तिमान हासिल किया है. धामी ने हिंडन स्थित वायुसेना के हवाई अड्डे में चेतक हेलीकॉप्टर यूनिट के फ्लाइट कमांडर का पदभार संभाला है. फ्लाइट कमांडर यूनिट की कमान में यह दूसरा पोस्ट है.