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अफगान शांति के लिए अमेरिका, अफगानिस्तान, उज्बेकिस्तान व पाकिस्तान का नया समूह

अफगान शांति प्रक्रिया के लिए अमेरिका, अफगानिस्तान, उज्बेकिस्तान व पाकिस्तान का एक नया क्वॉड समूह बनाने पर सैद्धांतिक रूप से सहमति बनी है.

हिंद-प्रशांत में चीन की चुनौती से मुकाबला करने के लिए इससे पहले भारत, जापान, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका के बीच क्वाड गठबंधन बनाया गया था.

मुख्य बिंदु

  • अफगानिस्तान की सीमा पूर्व और दक्षिण में पाकिस्तान से, पश्चिम में ईरान से, उत्तर में तुर्कमेनिस्तान, उजबेकिस्तान और ताजिकिस्तान तथा उत्तर पूर्व में चीन से मिलती है.
  • ऐतिहासिक सिल्क मार्ग के मध्य में स्थित अफगानिस्तान लंबे समय तक व्यापार के लिए एशियाई देशों को यूरोप से जोड़ने का माध्यम और सांस्कृतिक, धार्मिक एवं वाणिज्यिक संपर्कों को बढ़ावा देने वाला रहा है.
  • चीन की बेल्ट रोड इनिशिएटिव (BRI) योजना का विस्तार अफगानिस्तान तक करने की हत्वाकांक्षा के बीच नए क्वाड समूह का गठन अहम है. BRI चीन की कई अरब डॉलर की योजना है, जिसका मकसद दक्षिण पूर्व एशिया, मध्य एशिया, खाड़ी क्षेत्रों, अफ्रीका व यूरोप को समुद्र-सड़क मार्ग से जोड़ना है.

अमरीका और तालिबान के बीच शांति समझौते पर हस्ताक्षर, भारत पर्यवेक्षक के रूप में आम‍ंत्रित

अफगानिस्तान में शांति के लिए अमेरिका और तालिबान के बीच 29 फरवरी को ऐतिहासिक शांति समझौते पर हस्ताक्षर हुए. इस समझौते पर कतर की राजधानी दोहा में हस्‍ताक्षर किए गये. अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने तालिबान के प्रतिनिधियों के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किया. दोनों पक्षों के बीच 18 महीनों की वार्ता के बाद यह समझौता हुआ.

भारत पर्यवेक्षक के रूप में आम‍ंत्रित

भारत को इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में पर्यवेक्षक के रूप में आम‍ंत्रित किया गया था. कतर में भारत के राजदूत पी कुमारन इस ऐतिहासिक समारोह में उपस्थित थे. भारत, अफगानिस्‍तान में शांति और सुलह प्रक्रिया में महत्‍वपूर्ण भागीदार रहा है. यह पहला मौका था जब भारत तालिबान से जुड़े किसी मामले में आधिकारिक तौर पर शामिल हुआ.

क्या है समझौता?

इस समझौते से अफगानिस्‍तान से हजारों अमरीकी सैनिकों की चरणबद्ध वापसी होगी. अफगानिस्तान में अमेरिका के करीब 13 हजार सैनिक हैं. विदेशी सैनिकों की वापसी के लिए 14 महीने की समय सीमा तय की गई है. अमेरिका अपने बलोंसैनिकों की संख्या शुरू में ही घटाकर 8,600 तक करने के लिए प्रतिबद्ध है. यह वह स्तर है जिसे अफगानिस्तान में अमेरिकी और नाटो बलों के कमांडर, जनरल स्कॉट्स मिलर ने उनके मिशन को पूरा करने के लिए आवश्यक बताया था.

समझौते के तहत तालिबान को स्‍थायी युद्धविराम और युद्ध के बाद के अफगानिस्‍तान में सत्‍ता में भागीदारी के लिए अफगान सरकार, सिविल सोसायटी तथा राजनीतिक गुटों के साथ बातचीत शुरू करनी होगी. समझौते में 10 मार्च तक एक हजार सरकारी बंदियों को छोडे जाने के बदले में पांच हजार तालिबान बंदियों की रिहाई की बात भी कही गई है.

भारत का पक्ष

भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा है कि राष्ट्रीय एकता, क्षेत्रीय अखंडता, लोकतंत्र, विविधता को मजबूत बनाने और बाहर से प्रायोजित आतंकवाद की समाप्ति में भारत अफगानिस्‍तान का साथ देगा. शांति समझौते पर हस्ताक्षर से पहले विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रंगला काबुल पहुंचे हैं. विदेश सचिव ने वहां के नेताओं को बताया कि भारत शांतिपूर्ण और स्थिर अफगानिस्तान को निरंतर समर्थन देता रहेगा.

भारत की चिंता

तालिबान के साथ पाकिस्‍तान के अच्‍छे संबंध हैं. इस समझौते के बाद पाकिस्‍तान अपने आतंकी शिविर अपने देश से हटाकर अफगानिस्‍तान भेज सकता है. साथ ही दुनिया को दिखा सकता है कि वह आ‍तंकियों का पोषण नहीं कर रहा है. इसके अलावा तालिबानी आतंकी कश्‍मीर की ओर रुख कर सकता है.

अफगानिस्‍तान के राष्‍ट्रपति ने आतंकवादियों की रिहाई की शर्त को अस्‍वीकार किया

अफगानिस्‍तान के राष्‍ट्रपति अशरफ गनी ने 1 मार्च को समझौते को खारिज करते हुए जेलों में बंद तालिबानी आतंकवादियों की रिहाई की शर्त को अस्‍वीकार कर दिया. उन्‍होंने पूर्ण-युद्धविराम के लक्ष्‍य तक पहुंचने के लिए हिंसा में कमी लाने के प्रयास जारी रखे जाने की बात कही.

अफ़ग़ानिस्तान राष्ट्रपति चुनाव में राष्ट्रपति अशरफ़ ग़नी को विजेता घोषित किया गया

अफ़ग़ानिस्तान में हाल ही में हुए राष्ट्रपति पद के लिए हुए चुनाव के परिणाम घोषित कर दिए गये हैं. इस चुनाव में वर्तमान राष्ट्रपति अशरफ़ ग़नी को विजेता घोषित किया गया है. चुनाव परिणाम की घोषणा अफ़ग़ानिस्तान के इंडिपेंडेंट इलेक्शन कमिशन ने 19 फरवरी को की.

अफ़ग़ानिस्तान में राष्ट्रपति पद के लिए 28 सितंबर 2019 को मतदान हुए थे. साल 2001 में अमरीकी बलों ने तालिबान को सत्ता से उखाड़ फेंका था. उसके बाद यह चौथी बार चुनाव कराए गए थे. इस चुनाव में अफ़ग़ानिस्तान के 9.6 मिलियन मतदाताओं में से केवल 1.8 मिलियन मतदाताओं ने ही मतदान किया था.

इस चुनाव में अशरफ़ ग़नी को 50.64% मत मिले और उनके प्रतिद्वंद्वी अब्दुल्ला अब्दुल्ला को 39.52% वोट मिले. वहीं, अब्दुल्ला अब्दुल्ला ने देश में ताजा राष्ट्रपति चुनाव परिणामों को मानने से इंकार कर दिया है और उन्होंने खद को ही विजेता घोषित कर दिया है.

इसके अलावा तालिबान ने भी अशरफ गनी की जीत को खारिज कर दिया है और अमेरिका की शांति योजना पर सवाल खड़े किए हैं. इस योजना में हिंसा में कमी करने और स्थाई समझौते पर अमेरिका और तालिबान के बीच 29 फरवरी तक हस्ताक्षर करने का आह्वान किया है. चुनावी नतीजे की घोषणा ऐसे वक्त में हुई है जब तालिबान से शांति समझौते की कोशिश चल रही है.

अमरीका ने तालिबान के साथ प्रस्‍तावित शांतिवार्ता रद्द किया

अमरीका के राष्‍ट्र‍पति डोनाल्‍ड ट्रंप ने तालिबान के साथ प्रस्‍तावित शांतिवार्ता रद्द कर दिया है. इस वार्ता से अफगानिस्‍तान में आतंकवाद के विरूद्ध 18 वर्षों से चल रहे संघर्ष का अंत होना था.

अमेरिका के कैम्‍प डेविड में राष्‍ट्र‍पति डोनाल्‍ड ट्रंप, अफगानिस्‍तान के राष्‍ट्रपति अशरफ गनी और तालिबान के शीर्ष नेताओं के साथ शांतिवार्ता बैठक का कार्यक्रम था. लेकिन काबुल हमले के बाद यह बातचीत रद्द कर दी है. इस हमले में एक अमरीकी सैनिक मारा गया था. तालिबान ने इस हमले की जिम्‍मेदारी ली थी.

अफ़ग़ानिस्तान के लिए विशेष अमरीकी राजदूत ज़ल्मे ख़लीलज़ाद ने तालिबान के साथ ‘सैद्धांतिक तौर’ पर एक शांति समझौता होने का एलान किया था. प्रस्तावित समझौते के तहत अमरीका अगले 20 हफ़्तों के भीतर अफ़ग़ानिस्तान से अपने 5,400 सैनिकों को वापस लेने वाला था.