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रूस, अमरीका के साथ परमाणु संधि से बाहर हुआ

रूस ने अमरीका के साथ परमाणु संधि से अलग होने का फैसला किया है. यह फैसला अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के यूक्रेन दौरे के बाद लिया गया है.

मुख्य बिन्दु

  • रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिकी राष्ट्रपति के यूक्रेन दौरे के बाद सख्त कदम उठाते हुए अमेरिका के साथ बची एकमात्र परमाणु संधि को भी निलंबित दिया.
  • इस संधि को ‘न्यू स्टार्ट न्यूक्लियर ट्रीटी’ के नाम से जाना जाता था. पुतिन ने कहा कि अगर अमेरिका परमाणु हथियार परीक्षण करता है, तो रूस भी ऐसा करने के लिए तैयार है.
  • दोनों देशों के बीच 2010 में इस परमाणु संधि पर सहमति बनी थी. यह संधि दोनों पक्षों के सामरिक परमाणु हथियारों (Nuclear arsenals) को सीमित करने को लेकर की गई थी.
  • 2010 में प्राग में नई START संधि पर हस्ताक्षर किए गए थे. 2021 में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के पदभार ग्रहण करने के ठीक बाद पांच साल के लिए बढ़ा दी गई.
  • यह संधि संयुक्त राज्य अमेरिका और रूस द्वारा तैनात किए जा सकने वाले रणनीतिक परमाणु हथियारों की संख्या को सीमित करती है. इसके जरिए भूमि और पनडुब्बी आधारित मिसाइलों और बमवर्षकों की तैनाती को सीमित किया जाता है.

अमरीकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन की पहली शिखर बैठक

अमरीकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के बीच पहली शिखर बैठक 17 जून को जेनेवा में आयोजित की गयी थी. इस बैठक में अमरीका-रूस संबंधों में सुधार पर विचार-विमर्श किया गया.

बैठक में परमाणु हथियार नियंत्रण पर बातचीत फिर शुरू करने और एक दूसरे के यहां राजदूतों की बहाली पर सहमति व्यक्त की है. पिछले वर्ष दोनों देशों ने अपने राजदूतों को वापस बुला लिया था.
हालांकि साइबर सुरक्षा, रूस में विपक्ष के नेता अलेक्सेई नवेलनी और यूक्रेन सहित अन्य मुद्दों पर किसी सहमति का कोई ठोस संकेत नहीं मिला.

अमेरिका ने रूस के साथ ‘ओपन स्काई संधि’ में पुनः शामिल नहीं होने का फैसला किया

अमेरिका ने रूस के साथ ‘ओपन स्काई संधि’ (Open Skies Treaty) में पुनः शामिल नहीं होने का फैसला किया है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन प्रशासन ने 28 मई को इस बात की जानकारी रूस को दी.

अमेरिका ने रूस को यह स्पष्टीकरण ऐसे समय दिया है जब राष्ट्रपति जो बाइडन और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 16 जून को जिनेवा, स्विट्जरलैंड में बैठक करने वाले हैं.

अमेरिका ने रूस पर जासूसी का आरोप लगते हुए संधि से अलग हुआ था

इस संधि से अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका को अलग कर लिया था. अमेरिका ने मई 2020 में संधि तोड़ते हुए रूस पर आरोप लगाया था कि वो संधि के बहाने से टोह लेने की कोशिश कर रहा था. दरअसल साल 2017 में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस बात पर नाराज हो गए थे कि एक रूसी विमान ने गोल्फ कोर्स पर उड़ान भरी थी.

दोनों देश INF संधि से अलग हो चुके हैं

साल 2019 में भी दोनों ही देश Intermediate-Range Nuclear Forces (INF) संधि से अलग हो चुके हैं. इस संधि के तहत दोनों देशों ने मध्यम दूरी के घातक हथियारों को नष्ट करने का करार किया था ताकि परमाणु हथियारों की दौड़ रोकी जा सके.

खुला आसमान संधि (OST) क्या है?

खुला आकाश समझौता (Open Skies Treaty) या OST अमेरिका और रूस सहित 35 देशों के बीच ‘हवाई निगरानी’ (Aerial Surveillance Flights) के लिए एक संधि है. इस संधि में नाटो के सदस्य भी संधि में शामिल हैं. इस संधि पर वर्ष 2002 में हस्ताक्षर किए गए थे. इस संधि का उद्देश्य आपसी समझ को बढ़ाना है और सभी प्रतिभागियों में विश्वास उत्पन्न करता है.

OST में शामिल देश की सेना को किसी अन्य सदस्य देश की हवाई सीमा में अल्प सूचना पर एक निश्चित संख्या में निगरानी उड़ानों का संचालन करने की अनुमति देता है. संधि के तहत निगरानी विमान सैन्य प्रतिष्ठानों और गतिविधियों की जानकारी और तस्वीरें एकत्र कर सकता है.

OST संधि पर अब तक 35 देश हस्ताक्षर कर चुके हैं. किर्गिस्तान संधि पर हस्ताक्षर करने वाला 35वां देश है.

खुला आसमान संधि में शामिल देश

बेलारूस, बेल्जियम, बोस्निया और हर्जेगोविना, बुल्गारिया, कनाडा, क्रोएशिया, चेक गणराज्य, डेनमार्क (ग्रीनलैंड सहित), एस्टोनिया, फिनलैंड, फ्रांस, जॉर्जिया, जर्मनी, ग्रीस, हंगरी, आइसलैंड, इटली, कजाकिस्तान, लातविया, लिथुआनिया, लक्समबर्ग, नीदरलैंड, नॉर्वे, पोलैंड, पुर्तगाल, रोमानिया, रूसी संघ, स्लोवाकिया, स्लोवेनिया, स्पेन, स्वीडन, तुर्की, यूक्रेन, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका और किर्गिस्तान.

न्यू स्टार्ट संधि

ओपन स्काई संधि से भारत और रूस के अलग हो जाने के बाद दोनों परमाणु शक्तियों के बीच केवल एक मुख्य हथियार नियंत्रण संधि है जिसका नाम ‘न्यू स्टार्ट संधि’ है. यह संधि इस साल की शुरुआत में समाप्त होनी थी लेकिन जो बाइडन के अमेरिका के राष्ट्रपति के तौर पर पद ग्रहण करने के बाद इसे पांच साल के लिए विस्तारित करने पर विचार कर रहा है.

नई सामरिक शस्त्र न्यूनीकरण संधि (Strategic Arms Reduction Treaty- START) अमेरिका और रूस के बीच सामरिक हथियारों में कमी लाने तथा उन्हें सीमित करने संबंधी एक संधि है.

रूस ने खुद को मुक्त आकाश संधि से अलग किया, जानिए क्या है खुला आसमान संधि

रूस ने खुद को मुक्त आकाश संधि (Open Skies Treaty) से अलग करने की औपचारिक घोषणा 15 जनवरी 2021 को कर दी. इससे पहले अमेरिका ने भी मुक्त आकाश संधि से अपने आप को अलग कर लिया था.

रूस ने अमेरिका का हवाला देते हुए ये फैसला लिया है. रूस के विदेश मंत्रालय ने कहा, अमेरिका 2020 में इस समझौते से अलग हो गया था इसलिए संतुलन कायम करने के लिए रूस का यह निर्णय लेना जरूरी हो गया था.

खुला आसमान संधि (OST) क्या है?

खुला आकाश समझौता (Open Skies Treaty) या OST अमेरिका और रूस सहित 35 देशों के बीच ‘हवाई निगरानी’ (Aerial Surveillance Flights) के लिए एक संधि है. इस संधि में नाटो के सदस्य भी संधि में शामिल हैं. इस संधि पर वर्ष 2002 में हस्ताक्षर किए गए थे. इस संधि का उद्देश्य आपसी समझ को बढ़ाना है और सभी प्रतिभागियों में विश्वास उत्पन्न करता है.

OST में शामिल देश की सेना को किसी अन्य सदस्य देश की हवाई सीमा में अल्प सूचना पर एक निश्चित संख्या में निगरानी उड़ानों का संचालन करने की अनुमति देता है. संधि के तहत निगरानी विमान सैन्य प्रतिष्ठानों और गतिविधियों की जानकारी और तस्वीरें एकत्र कर सकता है.

इस संधि पर अब तक 34 देश हस्ताक्षर कर चुके हैं. किर्गिस्तान संधि पर हस्ताक्षर करने वाला 35वां देश है, लेकिन उसने अभी तक इसकी पुष्टि नहीं की है.

अमेरिका ने रूस पर जासूसी का आरोप लगते हुए संधि से अलग हुआ था

अमेरिका ने मई 2020 में संधि तोड़ते हुए रूस पर आरोप लगाया था कि वो संधि के बहाने से टोह लेने की कोशिश कर रहा था. दरअसल साल 2017 में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस बात पर नाराज हो गए थे कि एक रूसी विमान ने गोल्फ कोर्स पर उड़ान भरी थी.

वैशिक असर

अब दो बेहद मजबूत देशों के OST से बाहर होने पर खतरे या शीत युद्ध की अटकलें तक लगाई जा रही हैं. दोनों देशों के बाहर आने से ये साफ है कि उनके बीच तनाव दोबारा बढ़ सकता है.

साल 2019 में भी दोनों ही देश Intermediate-Range Nuclear Forces (INF) संधि से अलग हो चुके हैं. इस संधि के तहत दोनों देशों ने मध्यम दूरी के घातक हथियारों को नष्ट करने का करार किया था ताकि परमाणु हथियारों की दौड़ रोकी जा सके.

खुला आसमान संधि में शामिल देश

बेलारूस, बेल्जियम, बोस्निया और हर्जेगोविना, बुल्गारिया, कनाडा, क्रोएशिया, चेक गणराज्य, डेनमार्क (ग्रीनलैंड सहित), एस्टोनिया, फिनलैंड, फ्रांस, जॉर्जिया, जर्मनी, ग्रीस, हंगरी, आइसलैंड, इटली, कजाकिस्तान, लातविया, लिथुआनिया, लक्समबर्ग, नीदरलैंड, नॉर्वे, पोलैंड, पुर्तगाल, रोमानिया, रूसी संघ, स्लोवाकिया, स्लोवेनिया, स्पेन, स्वीडन, तुर्की, यूक्रेन, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका और किर्गिस्तान.

अमेरिका खुला आसमान संधि से हटने की घोषणा की, जानिए क्या है खुला आसमान संधि

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने रूस के साथ खुला आसमान संधि (Open Skies Treaty) से हटने की घोषणा की है. अमेरिकी राष्ट्रपति ने रूस द्वारा इस संधि के तहत अपनी प्रतिबद्धताओं का पालन नहीं करने का आरोप लगाया है.

अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प औपचारिक रूप से संधि से हटाने की योजना की जानकारी संधि में शामिल देशों को देंगे. इसके बाद संधि से बाहर निकलने की छह महीने की उलटी गिनती शुरू होगी.

रूस और यूरोपीय देशों की प्रतिक्रिया

रूस ने अमेरिकी घोषणा का खंडन करते हुए कहा है कि अमेरिका के हटने से यूरोपीय सुरक्षा को खतरा पैदा होगा और अमेरिकी सहयोगियों के हितों को नुकसान पहुंचेगा.

जर्मनी के विदेश मंत्री हेइको मास ने अमेरिका से इस फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है. मास ने कहा कि जर्मनी, फ्रांस, पोलैंड और ब्रिटेन ने अमेरिका को बार-बार समझाया था कि हाल के वर्षों में रूस के साथ जो समस्याएं हैं, वे संधि से बाहर निकलने के लिये उचित नहीं हैं. उन्होंने कहा, कि यह संधि लगभग पूरे उत्तरी गोलार्ध में सुरक्षा और शांति कायम रखने में योगदान करती है.

खुला आसमान संधि (Open Skies Treaty) क्या है?

खुला आकाश समझौता (Open Skies Treaty) अमेरिका और रूस सहित 35 देशों के बीच ‘हवाई निगरानी’ (Aerial Surveillance Flights) के लिए एक संधि है. इस संधि में नाटो के सदस्य भी संधि में शामिल हैं. इस संधि पर वर्ष 2002 में हस्ताक्षर किए गए थे. इस संधि का उद्देश्य आपसी समझ को बढ़ाना है और सभी प्रतिभागियों में विश्वास उत्पन्न करता है.

इस संधि में शामिल देश की सेना को किसी अन्य सदस्य देश की हवाई सीमा में अल्प सूचना पर एक निश्चित संख्या में निगरानी उड़ानों का संचालन करने की अनुमति देता है. संधि के तहत निगरानी विमान सैन्य प्रतिष्ठानों और गतिविधियों की जानकारी और तस्वीरें एकत्र कर सकता है.

खुला आसमान संधि में शामिल देश

Belarus, Belgium, Bosnia and Herzegovina, Bulgaria, Canada, Croatia, the Czech Republic, Denmark (including Greenland), Estonia, Finland, France, Georgia, Germany, Greece, Hungary, Iceland, Italy, Kazakhstan, Latvia, Lithuania, Luxembourg, the Netherlands, Norway, Poland, Portugal, Romania, the Russian Federation, Slovakia, Slovenia, Spain, Sweden, Turkey, Ukraine, the United Kingdom, United States and Kyrgyzstan.

INF संधि से अलग होने के बाद अमेरिका ने पहली बार क्रूज मिसाइल का परीक्षण किया

अमेरिका ने हाल ही में 500 किलोमीटर से अधिक रेंज वाली नई क्रूज मिसाइल ‘टॉमहाक’ का परीक्षण किया है. यह परीक्षण 18 अगस्त को कैलिफोर्निया के सैन निकालस द्वीप पर हुआ. इस परीक्षण को धरती की सतह से लांच किया गया. रूस के साथ मध्‍यम दूरी परमाणु संधि (Intermediate Range Nuclear Forces Treaty) से हटने के बाद अमेरिका ने पहली बार इस प्रकार के मिसाइल का परीक्षण किया है.

क्या है मध्‍यम दूरी परमाणु संधि (INF संधि)?

  • शीत युद्ध के दौरान 1987 में संयुक्‍त राज्‍य अमेरिका और तत्‍कालीन सोवियत संघ ने मध्‍यम दूरी के परमाणु प्रक्षेपास्‍त्रों को समाप्‍त करने के लिए यह संधि किया था.
  • इस संधि पर तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन और रूसी राष्ट्रपति मिखाइल गोर्बाचेव ने हस्ताक्षर किए थे.
  • यह संधि अमेरिका तथा रूस को 300 से 3,400 मील दूर तक मार करने वाली जमीन से छोड़े जाने वाली क्रूज मिसाइल के निर्माण को प्रतिबंधित करती थी. इसमें सभी जमीन आधारित मिसाइलें शामिल थीं.
  • इस संधि के द्वारा दो महाशक्तियों के बीच हथियारों के विकास की दौड़ पर रोक लगी थी तथा यूरोप में अमेरिका के नाटो सहयोगियों का रूसी आक्रमण से बचाव भी हुआ था.

अगस्त 2019 में अमरीका ने INF संधि से अलग होने की घोषणा की

  • अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रम्प ने अगस्त 2019 में अधिकारिक तौर पर इस संधि से अमरीका के अलग होने की घोषणा की थी. अमेरिका की इस घोषणा के अगले ही दिन रूस ने भी इस संधि पर हटने का ऐलान कर दिया.
  • श्री ट्रम्प ने रूस द्वारा से इस संधि का उल्लंघन करने के आरोप लगते हुए संधि से अलग होने की घोषणा की.
  • अमेरिका का आरोप था कि रूस ने अमेरिका के पश्चिमी हिस्से के करीब पूर्व सोवियत राज्यों को डराने के लिए परमाणु हथियार तैनात किए, जो कि संधि का उल्लंघन है.
  • इस संधि के खत्म होने के बाद दोनों देशों के बीच फिर हथियारों की होड़ शुरू होने की आशंका जताई जा रही है.