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लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे को नया थल सेना प्रमुख नियुक्त किया गया

लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे को नया थल सेना प्रमुख नियुक्त किया गया है. वह देश के 29वें सेना प्रमुख होंगे. लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे जनरल एमएम नरवणे का स्थान लेंगे, जो 30 अप्रैल, 2022 को सेवानिवृत्त हो रहे हैं.

लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे: एक दृष्टि

  • इस पद पर पहुंचने वाले वो पहले इंजीनियर हैं. अब तक इन्फैंट्री, आर्टिलरी और आर्मर्ड अधिकारी ही सेना प्रमुख बनते रहे हैं.
  • लेफ्टिनेंट जनरल पांडे अभी थल सेना के उप-प्रमुख हैं. थल सेना का उप-प्रमुख बनने से पहले वह पूर्वी सैन्य कमांडर के रूप में कार्यरत थे. उन्होंने जम्मू-कश्मीर में ऑपरेशन पराक्रम के दौरान नियंत्रण रेखा (LOC) पर इंजीनियर रेजिमेंट की कमान संभाली थी.
  • दिसंबर 2001 में संसद पर हुए आतंकवादी हमले के बाद ऑपरेशन पराक्रम के तहत पश्चिमी सीमा पर हथियारों और सैनिकों की बड़े पैमाने पर तैनाती कर दी गई थी. इस घटना के वक्त भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध के हालात बन गए थे.
  • उनकी शानदार सेवा के लिए उन्हें परम विशिष्ट सेवा पदक, अति विशिष्ट सेवा पदक, विशिष्ट सेवा पदक, थल सेना प्रमुख से प्रशस्ति पत्र आदि से सम्मानित किया जा चुका है.

मेजर जनरल माधुरी कनिटकर भारत की तीसरी महिला लेफ्टिनेंट जनरल होंगी

मेजर जनरल माधुरी कानिटकर को लेफ्टिनेंट जनरल की अगली रैंक के लिए मंजूरी दी गई है. रक्षा क्षेत्र में वह यह कीर्तिमान स्थापित करने वाली देश की तीसरी महिला हैं. लेफ्टिनेंट जनरल कानिटकर ने नई दिल्ली में डिप्टी चीफ, इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ (DCIDS), मेडिकल (चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के तहत) का कार्यभार संभाला. इसके साथ ही वह सशस्त्र बलों की पहली बाल चिकित्सक हैं, जो यह पद संभालेंगी.

माधुरी के पति राजीव कानिटकर भी लेफ्टिनेंट जनरल के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं. भारत के इतिहास में यह पहला मौका है, जब पति और पत्नी दोनों ही सेना में लेफ्टिनेंट जनरल रहे हों.

पहली महिला नौसेना की वाइस एडमिरल डॉ. पुनीता अरोड़ा थीं
यह उपलब्धि हासिल करने वाली पहली महिला, नौसेना की वाइस एडमिरल डॉ पुनीता अरोड़ा थीं. वायुसेना की महिला एयर मार्शल पद्मावती बंदोपाध्याय इस पद पर पदोन्नत होने वाली दूसरी महिला थी.

भारतीय सेना दुनिया में पहला बुलेट-प्रूफ बैलिस्टिक हेलमेट का निर्माण किया

सेना की सुरक्षा के लिए भारतीय सेना के मेजर अनूप मिश्रा ने एक बुलेट-प्रूफ बैलिस्टिक हेलमेट का निर्माण किया है. यह दुनिया में पहला ऐसा बुलेटप्रूफ हेलमेट है जो 10 मीटर की दूरी से AK-47 से चलाई गई गोली को रोक सकता है. इससे पहले अनूप मिश्रा ने बुलेट-प्रूफ जैकेट का निर्माण किया था जो स्नाइपर राइफल की गोलियों से सुरक्षा प्रदान कर सकती है.

अनूप मिश्रा द्वारा ‘अभेद प्रोजेक्ट’ के अंतर्गत बनाया गया

बैलिस्टिक हेलमेट को मेजर अनूप मिश्रा द्वारा ‘अभेद प्रोजेक्ट’ के अंतर्गत बनाया गया है. इसी के तहत फुल बॉडी प्रोटेक्शन बुलेटप्रूफ जैकेट भी विकसित किया गया था. अनूप मिश्रा भारतीय सेना के कॉलेज ऑफ मिलिट्री इंजीनियरिंग (CME) के लिए काम करते हैं. स्वदेशी सर्वत्र बुलेट प्रूफ जैकेट बनाने पर तत्कालीन सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत ने मेजर मिश्रा को आर्मी डिजाइन ब्यूरो एक्सीलेंस अवार्ड से सम्मानित किया था.

पुणे की कॉलेज ऑफ मिलिट्री इंजीनियरिंग (CME), एक प्रमुख सामरिक और तकनीकी प्रशिक्षण संस्थान कोर ऑफ इंजीनियर्स की मातृ संस्था है. CME कॉम्बैट इंजीनियरिंग, CBRN प्रोटेक्शन, वर्क्स सर्विसेज और GIS मामलों में सभी शस्त्र और सेवाओं के कर्मियों को निर्देश देने के अलावा इंजीनियरों के कोर कर्मियों के प्रशिक्षण के लिए भी जिम्मेदार है.

जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने भारत के 28वें सेनाध्‍यक्ष का कार्यभार संभाला

जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने 31 दिसम्बर को भारत के 28वें सेनाध्‍यक्ष का कार्यभार संभाला. उन्‍होंने जनरल बिपिन रावत की जगह ली है, जो देश के पहले ‘चीफ ऑफ डिफेंस स्‍टॉफ’ (CDS) नियुक्त किये गये हैं. सेना प्रमुख का पदभार संभालने से पहले जनरल नरवणे सेना उपाध्‍यक्ष के पद पर कार्यरत थे.

जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने जम्‍मू-कश्‍मीर और पूर्वोत्‍तर में शांति, फील्‍ड और अत्‍यधिक संवेदनशील, उग्रवाद विरोधी अभियानों में भी हिस्‍सा लिया. सेना उपाध्‍यक्ष के रूप में नियुक्‍त होने से पहले जनरल नरवणे ने सेना की पूर्वी कमान का नेतृत्‍व किया जो लगभग चार हजार किलोमीटर लंबी भारत-चीन का दायित्‍व संभालती है. उन्‍होंने श्रीलंका में भारतीय शांति सेना के अभियान में भी हिस्‍सा लिया. वे तीन वर्ष तक म्‍यांमा में भारतीय दूतावास में देश के रक्षा अताशे भी रहे.

जनरल नरवणे राष्‍ट्रीय रक्षा अकादमी और भारतीय सैन्‍य अकादमी के पूर्व छात्र हैं. जनरल नरवणे को जम्‍मू कश्‍मीर में अपनी बटालियन का प्रभावी नेतृत्‍व करने के लिए विशिष्‍ट सेवा पदक से अलंकृत किया जा चुका है. उन्‍हें नगालैंड में असम राइफल्‍स के महानिरीक्षक के रूप में सेवाओं के लिए विशिष्‍ट सेवा पदक भी मिला है. वे अति विशिष्‍ट सेवा पदक से भी अलंकृत किये जा चुके हैं.

सरकार ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की अधिकतम उम्र सीमा के लिए नियमों में संशोधन किया

सरकार ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) की अधिकतम उम्र सीमा के लिए नियमों में संशोधन किया है. नए नियम के तहत CDS पद पर नियुक्त अधिकारी 65 साल में सेवानिवृत्त होंगे. हालांकि, इस पद की कार्य-अवधि पर अभी फैसला नहीं लिया गया है.

उल्लेखनीय है कि सुरक्षा से जुड़ी कैबिनेट कमिटी ने हाल ही में CDS के पद को मंजूरी दी थी जो कि तीनों सेनाओं से जुड़े मामले में रक्षा मंत्री के मुख्य सैन्य सलाहकार के रूप में काम करेंगे. CDS न्यूक्लियर कमांड अथॉरिटी के सैन्य सलाहकार के रूप में भी काम करेंगे.

लेफ्टिनेंट जनरल मनोज मुकुंद नरवाणे भारत के अगले सेना प्रमुख होंगे, बिपिन रावत की जगह लेंगे

लेफ्टिनेंट जनरल मनोज मुकुंद नरवाणे भारतीय थल सेना के नए प्रमुख होंगे. वे मौजूदा आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत का स्थान लेंगे, जिनका कार्यकाल 31 दिसंबर को खत्म हो रहा है.

लेफ्टिनेंट जनरल नरवाणे मौजूदा आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत के बाद सबसे सीनियर अधिकारियों में से एक थे. सितंबर 2019 में उन्होंने वाइस चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ की जिम्मेदारी संभाली थी.

लेफ्टिनेंट जनरल मनोज मुकुंद नरवाणे ऑपरेशन पवन के दौरान श्रीलंका में भारतीय शांति रक्षक बल का हिस्सा थे. उन्हें जम्मू-कश्मीर में अपनी बटालियन के कुशल नेतृत्व के लिए ‘विशिष्ट सेना पदक’ से सम्मानित किया गया है. उत्कृष्ट सेवाओं के लिए उन्हें ‘विशिष्ट सेवा पदक’, ‘अति विशिष्ट सेवा पदक’ और ‘परम विशिष्ट सेवा पदक’ से भी अलंकृत किया जा चुका है.

लेफ्टिनेट कर्नल ज्योति शर्मा भारतीय सेना की पहली महिला न्यायाधीश नियुक्त हुईं

भारतीय सेना ने हाल ही में लेफ्टिनेट कर्नल ज्योति शर्मा को न्यायाधीश नियुक्त किया है. ज्योति शर्मा भारतीय सेना की महिला न्यायाधीश एडवोकेट जनरल अधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया है. यह पहला मौका है जब भारतीय सेना में किसी महिला न्यायाधीश को नियुक्त किया गया है.

लेफ्टिनेट कर्नल ज्योति शर्मा विदेश से जुडे़ मामले देखेंगी. वह सैन्य कानूनी विशेषज्ञ के रूप में पूर्वी अफ्रीकी देश सेशेल्स की सरकार को अपनी सेवाएं देंगी.

न्यायाधीश एडवोकेट जनरल: एक दृष्टि
भारत में न्यायाधीश एडवोकेट जनरल अधिकारी सेना के न्यायिक प्रमुख होते हैं. यह पद सेना के लेफ्टिनेंट को दिया जाता है. इसमें कानूनी रूप से सेना के योग्य अधिकारी शामिल होते है. एडवोकेट जनरल अधिकारी सभी तरह से सेना को कानूनी मदद देते हैं.

चर्चा में: कश्मीर स्थित भारतीय सेना द्वारा की गई पहल ‘ऑपरेशन मां’

कश्मीर स्थित भारतीय सेना द्वारा की गई पहल ‘ऑपरेशन मां’ हाल के दिनों में चर्चा में रहा है. इस पहल के कारण वर्ष 2019 में 50 कश्मीरी युवक आतंक का रास्ता छोड़कर मुख्यधारा में शामिल हो चुके हैं.

‘ऑपरेशन मां’ भारतीय सेना के 15वीं कोर (चिनार कोर) द्वारा की गई पहल है. इस पहल में लापता युवकों को खोजने और उनके परिजन तक पहुंचाने के काम को अंजाम दिया गया. कोर ने घाटी और नियंत्रण रेखा पर आतंकवाद से लड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.

राष्‍ट्रपति ने सैन्‍य उड्डयन कोर को ‘प्रेजिडेंट कलर’ से सम्‍मानित किया

सशस्‍त्र सेनाओं के सर्वोच्‍च कमांडर, राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 8 अक्टूबर को महाराष्‍ट्र के नासिक में विशेष समारोह में सैन्‍य उड्डयन कोर (आर्मी ऐविएशन कोर- AAC) को ध्‍वज प्रदान किया. यह समारोह नासिक के कॉमबेट आर्मी एविएशन ट्रेनिंग स्‍कूल में आयोजित किया गया था. इस कार्यक्रम में राष्‍ट्रपति कोविंद ने सेना के सैन्‍य उड्डयन कोर को ‘प्रेजिडेंट कलर’ से सम्‍मानित किया गया.

“प्रेजिडेंट कलर” सम्मान उत्कृष्‍ट सेवा का एक प्रतीक है और युद्ध और शांति दोनों के दौरान समर्पण और योग्य योगदान के माध्यम से AAC द्वारा अर्जित किया गया है.