जापान के प्रधानमंत्री फुमिओ किशिदा हाल ही में ऑस्ट्रेलिया की यात्रा पर थे. इस यात्रा के दौरान जापान के प्रधानमंत्री किशिदा और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अलबानीज ने द्विपक्षीय वार्ता की थी.
मुख्य बिन्दु
दोनों नेताओं ने एशिया प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती हठधर्मिता के बीच व्यावहारिक रक्षा सहयोग बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की है.
प्रधानमंत्री किशिदा ने ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री के साथ संयुक्त घोषणा-पत्र पर हस्ताक्षर किये. इस घोषणा-पत्र में जापान और ऑस्ट्रेलिया ने अंतर्राष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन कर रहे देशों के खिलाफ कार्रवाई करने पर सहमति व्यक्त की.
घोषणापत्र में दोनों प्रधानमंत्रियों ने जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे द्वारा परिकल्पित मुक्त और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र के महत्व की पुष्टि की.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2022-10-21 23:37:162022-10-24 18:52:13जापान के प्रधानमंत्री फुमिओ किशिदा की ऑस्ट्रेलिया यात्रा
भारतीय वायुसेना, पहली बार ऑस्ट्रेलिया द्वारा आयोजित ‘पिच ब्लैक’ (Exercise Pitch Black) वायु युद्ध अभ्यास में भाग लेगा. इसका आयोजन रॉयल ऑस्ट्रेलियाई वायु सेना द्वारा 19 अगस्त से 6 सितंबर तक होगा. भारत की भागीदारी की पुष्टि ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने की है.
पिच ब्लैक: मुख्य बिन्दु
पिच ब्लैक 2022 अभ्यास में भारत समेत 17 देश भाग लेंगे. इस वर्ष प्रतिभागी राष्ट्र ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, फ्राँस, जर्मनी, इंडोनेशिया, भारत, जापान, मलेशिया, नीदरलैंड, न्यूज़ीलैंड, फिलीपींस, दक्षिण कोरिया, सिंगापुर, थाईलैंड, संयुक्त अरब अमीरात, यूके और अमेरिका हैं.
अभ्यास “पिच ब्लैक” हर दो साल में रॉयल ऑस्ट्रेलियाई वायुसेना (RAAF) द्वारा आयोजित किया जाता है. कोविड-19 महामारी के कारण “पिच ब्लैक” चार साल के अंतराल पर होने जा रहा है. पहला पिच ब्लैक अभ्यास 15-16 जून, 1981 में आयोजित किया गया था.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2022-08-05 14:44:482022-08-05 14:44:48भारत ऑस्ट्रेलिया के ‘पिच ब्लैक’ वायु युद्ध अभ्यास में भाग लेगा
ऑस्ट्रेलिया में एंथनी अल्बानीस को अगला प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया है. उन्हें 23 मई को ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री पद की शपथ दिलाई गई. वे ऑस्ट्रेलिया के 31वें प्रधानमंत्री होंगे. 59 वर्षीय अल्बनीज़ी ने एक संक्षिप्त समारोह में कैनबरा में सरकारी भवन में शपथ ली. शपथ ग्रहन समारोह में रिचर्ड मार्ल्स ने उप-प्रधानमंत्री और पेनी वॉन्ग ने विदेश मंत्री पद की शपथ ली.
ऑस्ट्रेलिया में हाल ही में हुए संसदीय चुनावों में विपक्षी नेता एंथनी अल्बानीस की लेबर पार्टी ने पर्याप्त बहुमत प्राप्त किया था. एंथनी अल्बानीस ने पूर्व प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन (लिबरल-नेशनल गठबंधन) का स्थान लिया है.
श्री अल्बानीस ने अपने विजयी भाषण में देश को एकजुट बनाए रखने, जलवायु परिवर्तन से निपटने, वृद्ध लोगों की देखभाल से जुड़े संकट को दूर करने का वादा किया. उन्होंने संघीय अखंडता आयोग बनाने की भी प्रतिबद्धता व्यक्त की.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2022-05-23 18:50:412022-05-25 17:14:37ऑस्ट्रेलिया में लेबर पार्टी के नेता एंथनी अल्बानीस अगले प्रधानमंत्री निर्वाचित
ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने आधिकारिक तौर पर प्रतिष्ठित कोआला (Koala) प्रजाति को लुप्तप्राय सूची में शामिल कर लिया है. सरकार ने संकटग्रस्त प्रजाति समिति की सिफारिश पर ऑस्ट्रेलियाई राजधानी क्षेत्र न्यू साउथ वेल्स और क्वीनंसलैंड में कोआला आबादी की स्थिति को देखते हुए उसे लुप्तप्राय घोषित किया है. इससे पहले कोआला को कमजोर प्रजाति के रूप में सूचीबद्ध किया गया था.
सरकार द्वारा प्रजातियों की मदद के लिए पांच करोड़ ऑस्ट्रेलियाई डॉलर (3.57 करोड़ अमेरिकी डॉलर) की रकम जारी करने के बाद यह घोषणा की गई है.
पर्यावरण समूहों ने वर्ष 2019-20 में जंगल में लगी भीषण आग के बाद से कोआला को लुप्तप्राय के रूप में सूचीबद्ध करने के लिए अभियान चलाया है, गौरतलब है कि इस आग में करीब 60,000 कोआला प्रभावित हुए थे या मारे गए थे.
कोआला क्या है?
कोआला, ऑस्ट्रेलिया के तटीय क्षेत्रों में पाया जाने वाला एक जानवर है. यह प्रजाति न्यू साउथ वेल्स, दक्षिण ऑस्ट्रेलिया, क्वींसलैंड और न्यू साउथ वेल्स में रहती है. यह अपने मोटे, बड़े सिर, बिना पूंछ वाले शरीर, गोल कानों और बड़ी, चम्मच के आकार की नाक से पहचानी जाती है. इसके शरीर की लंबाई 60-85 सेंटीमीटर होती है जबकि वजन 4-15 किलोग्राम होता है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2022-02-11 08:50:142022-02-14 09:05:56ऑस्ट्रेलिया में कोआला प्रजाति को लुप्तप्राय सूची में शामिल किया गया
चीन के खिलाफ 10 जनवरी को ऑस्ट्रेलिया और जापान ने एक बड़े रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किए. यह समझौता दोनों देशों की सेनाओं को एक-दूसरे के एयरबेस, बंदरगाहों, रसद और बुनियादी सुविधाओं तक गहरी पहुंच की अनुमति देता है. इस डील से इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में शक्ति संतुलन को साधने में मदद मिलने की संभावना है, क्योंकि चीन बहुत तेजी से अपनी सैन्य क्षमता को बढ़ा रहा है.
ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन और जापान के प्रधानमंत्री फुमिओ किशिदा ने ऑनलाइन एक सम्मेलन में इस समझौते पर हस्ताक्षर किए. यह अमेरिका के अलावा किसी भी देश के साथ जापान द्वारा हस्ताक्षरित ऐसा पहला रक्षा समझौता है.
मुख्य बिंदु
ऑस्ट्रेलिया और जापान के बीच हुए रक्षा समझौते के कारण दोनों देशों की सेनाएं एक साथ प्रशिक्षण, अभ्यास और संचालन में भी तेजी ला सकती हैं. ऐसे में अगर भविष्य में चीन के साथ कोई युद्ध होता है तो दोनों देश एक साथ मिलकर प्रभावी और तेज जवाबी कार्रवाई भी कर सकते हैं.
इसका उद्देश्य कानूनी बाधाओं को खत्म करना है, ताकि एक देश के सैनिकों को प्रशिक्षण और अन्य उद्देश्यों के लिए दूसरे में प्रवेश करने की अनुमति मिल सके.
इंडो-पैसिफिक में चीन की बढ़ती आक्रामकता से सबसे अधिक खतरा भारत को है. ऐसे में भारत से भी अपेक्षा की जा रही है कि वह दुनिया के बाकी चीन विरोधी देशों के साथ रक्षा सहयोग को मजबूत करे.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2022-01-11 18:40:362022-01-12 08:59:07चीन के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया-जापान ने एक बड़े रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किए
ऑस्ट्रेलिया, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका ने ‘ऑकस’ (AUKUS) त्रिपक्षीय सुरक्षा साझेदारी की घोषणा की है. ऑकस की औपचारिक रूप से घोषणा ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन, ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने एक सुरक्षित और अधिक सुरक्षित इंडो-पैसिफिक के दृष्टिकोण के साथ की है.
AUKUS: मुख्य बिंदु
ऑकस (AUKUS) साझेदारी द्वारा हिंद-प्रशांत क्षेत्र में ऑस्ट्रेलिया की ताकत बढ़ाया जायेगा. ऑस्ट्रेलिया को अपनी सेना के लिए लंबी दूरी की मिसाइलें मिलेंगी.
ऑकस ऑस्ट्रेलिया को पहली बार परमाणु पनडुब्बी देगा, इससे हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शक्ति संतुलन हो सकेगा. यह ऑस्ट्रेलिया की रक्षा क्षमताओं को बढ़ाएगा, जो हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत का करीबी रणनीतिक साझेदार बन चुका है.
अमेरिका ऑस्ट्रेलिया को बेहद घातक परमाणु पनडुब्बी और अमेरिकी ब्रह्मास्त्र कहे जाने वाली टॉमहॉक क्रूज मिसाइलें देने को तैयार हो गया है. खास बात यह है कि ब्रिटेन के बाद ऑस्ट्रेलिया दुनिया का ऐसा देश है जिसे ये महाविनाशकारी हथियार मिलेंगे.
यह साझेदारी चीन की विस्तारवादी नीतियों पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से की गयी है. इस उद्देश्य से चार बड़े देशों (भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान) का समूह (क्वाड) पहले ही अपनी भूमिका बढ़ा रहा है.
चीन की प्रतिक्रिया
चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘अमेरिका, ब्रिटेन और आस्ट्रेलिया परमाणु ऊर्जा से संचालित पनडुब्बियों में सहयोग कर रहे हैं जो क्षेत्रीय शांति एवं स्थिरता को काफी कमजोर कर देगा, हथियारों की होड़ बढ़ा देगा और परमाणु अप्रसार की अंतरराष्ट्रीय कोशिशों को नुकसान पहुंचाएगा.’
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2021-09-17 19:04:262021-09-17 19:04:26ऑस्ट्रेलिया, यूके और अमेरिका में त्रिपक्षीय सुरक्षा साझेदारी ‘ऑकस’ की घोषणा
ऑस्ट्रेलिया ने चीन की महत्वकांक्षी बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (Belt and Road Initiative) के दो समझौते को रद्द कर दिया है. ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन की कैबिनेट ने यह फैसला राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखकर लिया है. चीन के साथ यह समझौता 2018 और 2019 में किया गया था. इस नए फैसले से ऑस्ट्रेलिया और चीन के बीच तनाव और ज्यादा बढ़ सकता है.
ऑस्ट्रेलिया ने जिन दो समझौतों को रद्द किया है, उनमें चीनी कंपनियां ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया प्रांत में दो बिल्डिंग इंफ्रास्ट्रक्टर को तैयार करने वाली थीं. चीन ने पहले ही ऑस्ट्रेलिया के साथ तनाव बढ़ने पर विक्टोरिया प्रशासन के साथ सफल व्यवहारिक सहयोग को बाधित करने को लेकर चेतावनी दी थी. जिसके बाद से ऑस्ट्रेलिया ने भी चीन को सबक सिखाने के लिए यह कदम उठाया है.
राष्ट्रीय सुरक्षा के कारण समझौते को रद्द किया गया
ऑस्ट्रेलिया ने नए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत चीन के इस प्रोजक्ट को रद्द करने का फैसला किया है. ऑस्ट्रेलिया ने 2018 में एक राष्ट्रीय सुरक्षा कानून पारित किया था जो घरेलू नीतियों में गुप्त विदेशी दखल को प्रतिबंधित करता है.
नया कानून संघीय सरकार को निचले प्रशासनिक स्तर पर किये गए उन अन्तर्राष्ट्रीय समझौतों की अनदेखी की शक्तियां प्रदान करता है जो राष्ट्रहित का उल्लंघन करती हों. चीन ने इन कानूनों को चीन के प्रति पूर्वाग्रह पूर्ण और चीन-ऑस्ट्रेलिया के रिश्तों में जहर घोलने वाला बताया है.
क्या है बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) परियोजना?
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने 2013 में ‘वन बेल्ट वन रोड’ परियोजना की परिकल्पना की थी. वर्ष 2016 से इस परियोजना को ‘बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव’ (BRI) के नाम से जाना जाता है.
BRI परियोजना चीन द्वारा प्रस्तावित आधारभूत ढाँचा विकास एवं संपर्क परियोजना है जिसका लक्ष्य चीन को सड़क, रेल एवं जलमार्गों के माध्यम से यूरोप, अफ्रीका और एशिया से जोड़ना है.
यह परियोजना चीन के उत्पादन केंद्रों को वैश्विक बाज़ारों एवं प्राकृतिक संसाधन केंद्रों से जोड़ेगी. इस परियोजना के द्वारा चीन को विश्व की 70% जनसंख्या तथा 75% ज्ञात ऊर्जा भंडारों तक पहुँच मिल सकती है.
BRI के तहत पहला रूट चीन से शुरू होकर रूस और ईरान होते हुए इराक तक ले जाने की है. इस योजना के तहत दूसरा रूट पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर से श्रीलंका और इंडोनेशिया होकर इराक तक ले जाया जाना है.
चीन से लेकर तुर्की तक सड़क संपर्क कायम करने के साथ ही कई देशों के बंदरगाहों को आपस में जोड़ने का लक्ष्य भी इस योजना में रखा गया है.
BRI परियोजना का मुख्य उद्देश्य
दरअसल चीन के इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य वैश्विक स्तर पर अपना भू-राजनीतिक प्रभुत्व कायम करना है, हालाँकि चीन इस बात से इनकार करता है. वास्तव में चीन का BRI परियोजना, निर्यात करने का माध्यम है जिसके ज़रिये वह अपने विशाल विदेशी मुद्रा भंडार का प्रयोग बंदरगाहों के विकास, औद्योगिक केंद्रों एवं विशेष आर्थिक क्षेत्रों के विकास के लिये कर वैश्विक शक्ति के रूप में उभरना चाहता है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2021-04-25 18:12:492021-04-25 18:12:49ऑस्ट्रेलिया ने चीन की बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव को रद्द किया, जानिए क्या है BRI
ऑस्ट्रेलिया ने म्यांमार के साथ रक्षा सहयोग निलंबित करने और मानवीय सहायता नहीं देने का निर्णय लिया है. यह निर्णय म्यांमार में हुए सैन्य तख्तापलट और यहां ऑस्ट्रेलियाई नागरिक को हिरासत में रखे जाने के कारण लिया गया है.
म्यांमार की सैन्य सरकार ने आर्थिक नीति सलाहकार शॉन टर्नेल को फरवरी 2021 में तख्तापलट के बाद हिरासत में ले लिया था. टर्नेल, आंग सान सू ची की सरकार में सलाहकार का पद संभालने के लिए ऑस्ट्रेलिया से यहां आए थे लेकिन कुछ ही हफ्तों में उन्हें हिरासत में ले लिया गया.
ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्री मराइज पेन ने म्यांमार के साथ रक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम निलंबित करने की घोषणा 7 मार्च को की. इसमें पांच वर्ष के भीतर करीब 15 लाख ऑस्ट्रेलियाई डॉलर (1.2 मिलियन डॉलर) का खर्च आना था. यह कार्यक्रम गैर युद्धक क्षेत्रों में प्रशिक्षण तक सीमित था.
पेन ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया की ओर से म्यांमार को मिलने वाली मानवीय सहायता म्यांमार सरकार और सरकारी संस्थानों को न देकर वहां के सर्वाधिक संवेदनशील और गरीब लोगों की जरूरतों को पूरा करने पर खर्च की जाएगी. इन लोगों में रोहिंग्या समुदाय और अन्य जातीय अल्पसंख्यक लोग भी शामिल है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2021-03-09 10:50:442021-03-09 10:50:44ऑस्ट्रेलिया ने म्यांमार के साथ रक्षा सहयोग निलंबित किया
ऑस्ट्रेलिया और जापान ने हाल ही में एक एतिहासिक रक्षा समझौता किया है. इस समझौते के तहत दोनों देश सैन्य सहयोग बढ़ाने पर सहमत हुए हैं. इस समझौते को रेसिप्रोकल एक्सेस एग्रीमेंट (Reciprocal Access Agreement-RAA) नाम दिया गया है.
यह समझौता ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन की जापान यात्रा के दौरान जापानी प्रधानमंत्री योशीहिदे सुगा के साथ द्विपक्षीय वार्ता में हुए. हालांकि औपचारिक तौर पर इसे हस्ताक्षर किया जाना बाकी है. इस समझौते के बाद ऑस्ट्रेलिया और जापान की सेनाएं एक-दूसरे के बेसेज का प्रयोग कर सकेंगी.
यह समझौता हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए काफी अहम है जिस कारण चीन अपने खिलाफ मान रहा है. चीन ने दोनों देशों को इसके खिलाफ कदम उठाए जाने की चेतावनी दी है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2020-11-19 23:55:142020-11-20 14:56:44ऑस्ट्रेलिया और जापान के बीच एतिहासिक रक्षा समझौता