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सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक सुधार एजेंडा के चौथे संस्करण ‘ईज 4.0’ का अनावरण

केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने 25 अगस्त को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक सुधार एजेंडा के चौथे संस्करण ‘ईज 4.0’ (वर्ष 2021-22) का अनावरण किया. इसमें सक्षम-तकनीक, सरल और सहयोगी बैंकिंग की व्यवस्था है.

क्या है ईज एजेन्डा?

ईज (EASE) एजेंडा का पूरा नाम “एन्हांस्ड एक्सेस एंड सर्विस एक्सीलेंस” है. बैंकों की कार्य कुशलता और क्षमता को बढ़ाने के लिए वर्ष 2019 में 13 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक को कम करके 5 बैंकों में सम्मिलित किया गया था. इसका उद्देश्य घाटे में जा रहे सार्वजनिक बैंक को मुनाफा कमाना था. उस समय से इसे ‘ईज एजेंडा’ कहा गया था. इसके बाद से निश्चित अंतराल पर एजेंडा के लक्ष्य बदलते रहे हैं.

क्या है ‘ईज 4.0’ का लक्ष्य?

ईज 4.0 का उद्देश्य ग्राहक-केंद्रित डिजिटल परिवर्तन के एजेंडे को आगे बढ़ाना है. इसके अलावा सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के काम करने के तरीकों में डिजिटल और डाटा को गहराई से जोड़ना है. एजेंडा 4.0 में पूर्वोत्तर में बैंकिंग सेवाएं सरल और विस्तृत करने पर जोर दिया जाएगा.

‘ईज 3.0’ की वार्षिक रिपोर्ट जारी

  • वित्त मंत्री ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक सुधार एजेंडा ‘ईज 3.0’ (2020-21) की वार्षिक रिपोर्ट भी जारी किया है. उन्होंने ईज 3.0 बैंकिंग रिफॉर्म्स इंडेक्स पर सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले बैंकों को सम्मानित किया.
  • रिपोर्ट के अनुसार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने मुनाफा कमाया है. इन सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने प्रौद्योगिकी-संचालित सुधारों में तेजी दिखाई है.
  • वित्त वर्ष 2020 में जहां 26,016 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था जबकि 2021 में सार्वजनिक बैंकों ने 31,817 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया. पांच साल के नुकसान के बाद यह पहला साल है जब सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने मुनाफा कमाया है.
  • मार्च 2021 तक कुल सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां (टोटल NPA) 6.16 लाख करोड़ रुपये की थी, जो मार्च 2020 में वर्तमान से 62,000 करोड़ रुपये अधिक थी.
  • वित्त मंत्री ने भारतीय स्टेट बैंक को ईज 3.0 रिफॉर्म्स इंडेक्स अवार्ड 2021 का समग्र विजेता घोषित किया. बैंक ऑफ बड़ौदा दूसरे और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया तीसरे स्थान पर है.

RBI ने अब यूनाइटेड को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड का लाइसेंस रद्द किया

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने पश्चिम बंगाल के बागनान स्थित यूनाइटेड को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड (United Co-operative Bank Ltd) का बैंकिंग लाइसेंस रद्द कर दिया है. RBI ने पर्याप्त पूंजी के अभाव और कमाई को लेकर सही प्रोसपेक्ट नहीं होने का हवाला देते हुए यह फैसला किया है.

बैंकिंग लाइसेंस रद्द होने के बाद 13 मई, 2021 के बिजनेस ऑवर खत्म होने के बाद से यह बैंक किसी तरह का बैंकिंग बिजनेस नहीं कर सकता है.

RBI ने निजी बैंकों में कार्यरत अधिकारियों के लिए कार्यकाल संबंधी दिशानिर्देश जारी किया

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने निजी क्षेत्र के बैंक में उच्च पदों पर कार्यरत अधिकारियों के लिए अधिकतम कार्यकाल और आयुसीमा पर हाल ही में एक दिशानिर्देश जारी किया है. इसके अनुसार प्रबंध निदेशक (MD), मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) और पूर्णकालिक निदेशक (WTD) का कार्यकाल 15 वर्षों तक और अधिकतम आयु 70 वर्ष निर्धारित किया है.

15 वर्षीय कार्यकाल के बाद एक व्यक्ति बैंक में तीन वर्ष के अंतराल के बाद पुनः प्रबंध निदेशक (MD), मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) और पूर्णकालिक निदेशक (WTD) के रूप में नियुक्ति के लिये पात्र होगा. हालाँकि इस तीन वर्षीय अवधि के दौरान उस व्यक्ति को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से किसी भी क्षमता में बैंक या उसके समूह संस्थाओं के साथ नियुक्त या संबद्ध नहीं किया जाएगा.

RTGS सेवा वर्ष के सभी दिन 24 घंटे उपलब्‍ध हुआ

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने धन के तत्काल लेन-देन की प्रणाली (RTGS) को अब वर्ष के सभी दिन 24 घंटे के लिए शुरू कर दी गयी है. RBI के गर्वनर शक्तिकांत दास ने इस बारे में घोषणा की.

घोषणा के अनुसार 15 दिसम्बर 2020 से आरटीजीएस सेवा वर्ष के सभी दिन और 24 घंटे उपलब्‍ध होगा. इससे पहले RTGS सेवा दूसरे और चौथे शनिवार को छोड़कर सभी कार्य दिवसों में सुबह सात बजे से शाम छह बजे तक ग्राहकों के लिए उपलब्‍ध थी.

भारत, RTGS प्रणाली पूरे वर्ष और 24 घंटे संचालित करने वाले कुछ गिने-चुने देशों में शामिल हो गया है. RBI के इस कदम का उद्देश्‍य देश में डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देना है.

RTGS क्या है?

RTGS का पूर्ण रूप Real-Time Gross Settlement है. RTGS प्रणाली के माध्‍यम से बड़ी राशि का तत्‍काल लेन-देन किया जा सकता है. इससे न्‍यूनतम दो लाख रुपये तत्‍काल भेजे जा सकते जबकि अधिकतम राशि के लेन-देन की कोई सीमा नहीं है. वहीं दूसरी ओर दो लाख रुपये तक राशि का लेन-देन NEFT के माध्यम से किया जा सकता है.

RTGS और NEFT में अंतर

NEFT, National Electronics Funds Transfer का संक्षिप्त रूप है. RTGS और NEFT में मुख्य अंतर समय सीमा को लेकर है. NEFT में लेन-देन करने की कोई लिमिट नहीं है. 1 रुपये से लेकर ज्यादा ज्यादा कितने भी रुपये का लेन-देन किया जा सकता है. NEFT के लेन-देन में दो घंटे का समय लगता है.

लक्ष्मी विलास बैंक के DBIL में विलय को कैबिनेट की मंजूरी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने लक्ष्मी विलास बैंक (LVB) के DBS बैंक इंडिया लिमिटेड (DBIL) में विलय के प्रस्ताव को मंजूरी दी है. यह मंजूरी 25 नवम्बर को हुई कैबिनेट की बैठक में दी गयी. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने लक्ष्मी विलास बैंक के DBS बैंक में विलय के आदेश दिए थे. RBI ने हाल ही में लक्ष्मी विलास बैंक के जमाकर्ताओं के लिए निकासी की सीमा 25,000 रुपये तक सीमित कर दी थी.

इस विलय के बाद LVB की जमा पूंजी अब DBIL इंडिया की लिखत पर होगी. यह पहला उदाहरण है जब भारत ने किसी संकट से जूझ रहे घरेलू बैंक को जमानत देने के लिए एक विदेशी संस्था का रुख किया है. सौदे के तहत DBS को 563 शाखाएं, 974 एटीएम और खुदरा देनदारियों में 1.6 बिलियन डॉलर की फ्रेंचाइजी मिलेगी.

DBS बैंक: एक दृष्टि

DBS सिंगापुर का एक प्रमुख बैंक है. यह 1968 में सिंगापुर सरकार द्वारा स्थापित किया गया था. इसकी 25 देशों में शाखाएं हैं. मौजूदा समय में भारत में भी करीब 12 शाखाएं काम कर रही हैं.

RBI ने मंता अर्बन कोऑपरेटिव बैंक पर छह माह के लिए प्रतिबन्ध लगाया

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने महाराष्ट्र के जालना जिले में मंता अर्बन कोऑपरेटिव बैंक पर छह माह के लिए प्रतिबन्ध लगा दी है. इससे पहले केंद्र सरकार ने तमिलनाडु के प्राइवेट सेक्‍टर के लक्ष्‍मी विलास बैंक पर एक महीने के लिए कई तरह की पाबंदियां लगाई थीं.

RBI द्वारा जाती मंता अर्बन कोऑपरेटिव बैंक को जारी निर्देशों के अनुसार, यह बैंक RBI की अनुमति के बिना कोई कर्ज या उधार नहीं दे सकेगा और न ही पुराने कर्जों का नवीनीकरण तथा कोई निवेश कर सकेगा. बैंक पर नई जमा राशि स्वीकार करने पर भी पाबंदी लगा दी गयी है. वह कोई भुगतान भी नहीं कर सकेगा और ना ही भुगतान करने का कोई समझौता कर सकेगा. ये निर्देश 17 नवंबर 2020 से छह माह तक प्रभावी होंगे.

दिनेश कुमार खारा भारतीय स्टेट बैंक के चेयरमैन नियुक्त किये गये

सरकार ने दिनेश कुमार खारा को भारतीय स्टेट बैंक का चैयरमैन नियुक्त किया है. उन्होंने रजनीश कुमार की जगह ली है. रजनीश कुमार ने 6 अक्टूबर को अपना तीन साल का कार्यकाल पूरा किया. वित्त मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक दिनेश कुमार खारा को तीन साल के लिए चेयरमैन नियुक्त किया गया.

बैंक के बोर्ड ब्यूरो (BBB) ने खारा के नाम की सिफारिश एसबीआई के अगले चेयरमैन के रूप में की थी. परंपरा के अनुसार एसबीआई के चेयरमैन की नियुक्ति बैंक में सेवारत प्रबंध निदेशकों के समूह से की जाती है.

खारा 1984 में परिवीक्षाधीन अधिकारी (PO) के रूप में एसबीआई में शामिल हुए थे और उन्होंने अप्रैल 2017 में एसबीआई के पांच सहायक बैंकों और भारतीय महिला बैंक के एसबीआई में विलय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.

सहकारी बैंकों को RBI की निगरानी में लाने के लिए अध्यादेश पारित

सरकार ने सभी सहकारी बैंकों को भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की निगरानी में लाने के लिए 24 जून को एक अध्यादेश पारित किया है. अध्यादेश को राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद देश के 1,482 शहरी सहकारी बैंक और 58 बहु-राज्य सहकारी बैंक RBI की निगरानी (सुपरवाइजरी पॉवर्स) के अंतर्गत आ जाएंगे.

यह अध्यादेश इन बैंकों में जमाकर्ताओं की राशि को सुरक्षित रखने का आश्वासन देने के लिए किया गया है. अब RBI की शक्तियां जैसे कि अनुसूचित बैंकों पर लागू होती हैं, वैसे ही अब सहकारी बैंकों के लिए भी लागू होंगी.

RBI ने CKP Co-operative Bank Ltd का लाइसेंस रद्द किया

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने मुंबई स्थित CKP Co-operative Bank Ltd का लाइसेंस हाल ही में रद्द कर दिया है. RBI ने पूंजी संबंधी न्यूनतम अनिवार्यता को पूरा करने में विफल रहने का कारण इस बैंक का लाइसेंस रद्द करने का निर्णय लिया है.

CKP Co-operative Bank Ltd Mumbai का लाइसेंस रद्द किए जाने संबंधी RBI का फैसला 1 मई से प्रभावी हुआ है. लाइसेंस रद्द किए जाने के बाद यह बैंक किसी तरह का लेन-देन नहीं कर सकता है. यह बैंक जमा राशि को स्वीकार नहीं कर सकता है और ना ही किसी को जमा राशि का भुगतान कर सकता है.

DICGC Act 1961 के तहत जमा राशि वापस की जाएगी

CKP Co-operative Bank Ltd का लाइसेंस रद्द होने के बाद DICGC Act 1961 के तहत इस बैंक के जमाकर्ताओं को पैसे लौटाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. इसके तहत हर जमाकर्ता को अधिकतम 5 लाख रुपये तक की जमा राशि वापस की जाएगी.

DICGC Act, 1961 के तहत बैंकों के डूबने पर जमाकर्ताओं को अधिकतम 5 लाख रुपये तक की जमा राशि वापस दिए जाने का प्रावधान है. यह राशि DICGC द्वारा लौटायी जाएगी. अगर किसी की इससे ज्यादा रकम जमा है तो 5 लाख को छोड़कर बाकी की जमा राशि डूब जाएगी.

DICGC क्या है?

DICGC (Deposit Insurance and Credit Guarantee Corporation) RBI की पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी कंपनी है. RBI के निर्देश के मुताबिक सभी वाणिज्यिक और को-ऑपरेटिव बैंक के जमाकर्ताओं का DICGC से अधिकतम 5 लाख रुपये तक का बीमा होता है. बैंकों के डूबने की स्थिति में इस बीमा के तहत जमाकर्ताओं की जमा राशि लौटाई जाती है.

10 सरकारी बैंकों का 4 बैंकों में विलय 1 अप्रैल 2020 से प्रभावी हुआ

सार्वजनिक क्षेत्र के 10 बैंकों का विलय करके 4 बड़े बैंक बनाये जाने का प्रस्ताव 1 अप्रैल 2020 से प्रभावी हो गया. सरकार ने 30 अगस्त 2019 में इन बैंकों के विलय की घोषणा की थी.

विलय योजना के मुताबिक, यूनाइडेट बैंक ऑफ इंडिया (UBI) तथा ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स (OBC) का पंजाब नैशनल बैंक (PNB) में विलय होगा, जिससे यह दूसरा सबसे बड़ा सरकारी बैंक बन जाएगा. वहीं, सिंडिकेट बैंक में केनरा बैंक, इलाहाबाद बैंक तथा इंडियन बैंक का विलय किया जाएगा. इसी तरह, आंध्रा बैंक तथा कॉर्पोरेशन बैंक का यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (UBI) में विलय किया जाएगा.
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सरकार ने क्षेत्रीण ग्रामीण बैंकों के पुनर्पूंजीकरण को मंजूरी दी

सरकार ने क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (RRB) के पुनर्पूंजीकरण के लिए 1340 करोड़ रुपये की मदद दिये जाने को मंजूरी प्रदान कर दी है. यह मंजूरी 25 मार्च को हुई प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति की बैठक में दी गयी. पुनर्पूंजीकरण का उद्देश्य इन बैंकों में न्यूनतम नियामक पूंजी उपलब्ध कराना है.

रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा निर्धारित नियामक मानकों के अनुरूप क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के Capital to Risk Assets Ratio (CRAR) को 9 प्रतिशत पर बनाये रखने के लिए यह पुनर्पूंजीकरण किया जा रहा है. पुनर्पूंजीकरण राशि उन बैंकों को आवंटित की जाएगी जो 9% की न्यूनतम CRAR को बनाए रखने में असमर्थ हैं.

CRAR क्या है?

CRAR, Capital to Risk weighted Assets Ratio का संक्षिप्त रूप है. CRAR एक ऐसी न्यूनतम राशि है, जिसे बैंकों को हमेशा अपने पास रखना होता है. बैंक इस राशि का उपयोग लोन देने में नहीं कर सकता. इस राशि को भविष्य की सुरक्षा के रूप में रखा जाता है

क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक: एक दृष्टि

  • क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक भारत सरकार, संबंधित राज्‍य सरकार तथा संबंधित बैंक का एक संयुक्‍त उद्यम है. इन बैंकों में 50 प्रतिशत पूंजी भारत सरकार का, 15 प्रतिशत राज्‍य सरकार का और 35 प्रतिशत पूंजी संबंधित बैंक का होता है.
  • क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की स्‍थापना ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे व सीमांत किसानों, कृषि-श्रमिकों, कारीगरों और छोटे उद्यमियों को ऋण प्रदान करने के उद्देश्‍य से की गईं थीं.
  • क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की पुनर्पूंजीकरण की योजना डॉ केसी चक्रवर्ती समिति की सिफारिश पर 2011 में शुरू किया गया था.

RBI ने यस बैंक के निदेशक मंडल को भंग किया, SBI 49 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदेगी

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 5 मार्च को निजी क्षेत्र के यस बैंक (Yes Bank) के निदेशक मंडल को भंग करते हुए प्रशासक नियुक्त कर दिया था. बैंक का नियंत्रण भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के नेतृत्व में वित्तीय संस्थानों के एक समूह के हाथ में देने की तैयारी की गई है. SBI के पूर्व मुख्य वित्त अधिकारी (CFO) प्रशांत कुमार को यस बैंक का प्रशासक नियुक्त किया गया है.

इसके साथ ही RBI ने बैंक के जमाकर्ताओं पर निकासी की सीमा सहित इस बैंक के कारोबार पर कई तरह की पाबंदियां भी लगा दीं. केंद्रीय बैंक ने अगले आदेश तक बैंक के ग्राहकों के लिए निकासी की सीमा एक महीने में 50,000 रुपये तय कर दी है. उल्लेखनीय है कि RBI ने करीब छह माह पहले घोटाला सामने आने के बाद PMC बैंक के मामले में भी इसी तरह का कदम उठाया गया था.

यस बैंक: मुख्य बिंदु

यह बैंक अगस्त 2018 से डूबे कर्ज की समस्या से जूझ रहा है. उस समय RBI ने बैंक के संचालन और ऋण से जुड़ी खामियों की वजह से तत्कालीन प्रमुख राणा कपूर को 31 जनवरी, 2019 तक पद छोड़ने को कहा था. इस बैंक को मार्च 2019 की तिमाही में पहली बार घाटा हुआ था.

2004 में शुरू हुए यस बैंक का मुख्यालय मुंबई में है. यह भारत में निजी (प्राइवेट) क्षेत्र का चौथा सबसे बड़ा बैंक है. इसकी देश के 28 राज्यों और 9 केंद्रशासित प्रदेशों में मौजूदगी है. देशभर में इसकी तकरीबन 1000 शाखाएं हैं और 1800 ATM हैं.

सक्षिप्त घटनाक्रम

  1. राणा कपूर ने अपने रिश्तेदार अशोक कपूर के साथ मिलकर 2004 में यस बैंक की शुरुआत की थी. 26/11 के मुंबई हमले में अशोक कपूर की मौत हो गई, उसके बाद अशोक कपूर की पत्नी मधु कपूर और राणा कपूर के बीच बैंक के मालिकाना हक को लेकर लड़ाई शुरू हो गई. कोर्ट से राणा कपूर को जीत मिली.
  2. यस बैंक अनिल अंबानी ग्रुप, आईएलएंडएफएस, सीजी पावर, एस्सार पावर, रेडियस डिवेलपर्स और मंत्री ग्रुप जैसे कारोबारी घरानों को कर्ज देने में आगे रहा. बाद में जब ये कारोबारी समूह डिफॉल्टर साबित हुए तो बैंक को करारा झटका लगा.
  3. RBI ने शक के कारण 2015 में यस बैंक का असेट क्वॉलिटी रीव्यू (AQR) शुरू किया. RBI ने पाया कि 2017 में बैंक ने 2018 करोड़ का बैड लोन (NPA) दिखाया है, जबकि कुल NPA 8373 करोड़ का है. मतलब यस बैंक ने 6355 करोड़ का NPA छिपाया. इसके बाद RBI ने आगे की कार्रवाई की. जनवरी 2019 में राणा कपूर को चेयरमैन पद से हटा दिया गया.
  4. RBI ने 5 मार्च 2020 को इसके बोर्ड को भंग कर दिया. SBI के पूर्व मुख्य वित्त अधिकारी (CFO) प्रशांत कुमार को यस बैंक का प्रशासक नियुक्त किया.
  5. संकट के बीच स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने यस बैंक को बचाने का प्लान पेश किया. SBI 2,450 करोड़ रुपये में यस बैंक के 10 रुपये अंकित मूल्य वाले 245 करोड़ शेयर खरीदने की घोषणा की. इस प्रकार SBI 2450 करोड़ रुपये में में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदेगी.
  6. प्रवर्तन निदेशालय ने छंटों चली पूछताछ के बाद 7 मार्च को राणा कपूर को धन शोधन के आरोप में गिरफ्तार कर लिया. केन्‍द्रीय अन्‍वेषण ब्‍यूरो (CBI) ने राणा कपूर, दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (डीएचएफएल), के प्रोमोटर कपिल वाधवन और डॉयट अर्बन वेंचर्स (इंडिया) लिमिटेड के खिलाफ आपराधिक षडयंत्र, धोखाधड़ी और भ्रष्‍टाचार का मामला दर्ज किया.