चीन और रूस ने परमाणु ऊर्जा सहयोग परियोजना का शुभारंभ किया है. चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 19 मई को वर्चुअल माध्यम से इस परियोजना का शुभारंभ किया.
इस परियोजना में तियानवान (Tianwan) परमाणु ऊर्जा संयंत्र और शुदापु (Xudapu) परमाणु ऊर्जा संयंत्र का निर्माण किया जायेगा. इसके तहत तियानवान परमाणु ऊर्जा संयंत्र के यूनिट 7 और यूनिट 8, तथा शुदापु परमाणु ऊर्जा संयंत्र के यूनिट 3 और यूनिट 4 का निर्माण होना है.
चीन और रूस के बीच परमाणु ऊर्जा सहयोग समझौता
चीन और रूस के बीच परमाणु ऊर्जा सहयोग से संबंधित यह एक अहम परियोजना है. इस परियोजना के लिए जून 2018 में दोनों देशों के बीच एक समझौता हुआ था.
इन चार परमाणु ऊर्जा संयंत्रों का निर्माण पूरा होने और परिचालन में आने के बाद वार्षिक बिजली उत्पादन 37 अरब 6 करोड़ किलोवॉट तक पहुंच जाएगा. यह प्रति वर्ष 3 करोड़ 6 लाख 80 हज़ार टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन को कम करने के बराबर है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2021-05-20 23:31:312021-05-21 21:48:44चीन और रूस के बीच परमाणु ऊर्जा सहयोग परियोजना का शुभारंभ किया गया
चीन ने हाल ही में मंगल ग्रह पर अपना पहला रोवर उतारने में सफलता पाई है. इस रोवर का नाम जुरोंग है. चीन ने 23 जुलाई, 2020 को अन्तरिक्ष यान ‘तियानवेन-1’ को प्रक्षेपित किया था, जिसमें एक ऑर्बिटर, एक लैंडर और एक रोवर जुरोंग शामिल था. यह प्रक्षेपण लॉन्ग मार्च 5 (Long March 5) रॉकेट के माध्यम से किया गया था.
चीन मंगल पर अपना रोवर उतारने वाला विश्व का तीसरा देश है. इससे पहले अमेरिका और रूस ने यह उपलब्धि प्राप्त की थी. रूस अपने रोवर को मंगल पर उतारने में सफल रहा था, लेकिन लैंड होने के कुछ समय बाद ही इस रोवर का संपर्क टूट गया था.
जुरोंग रोवर: एक दृष्टि
जुरोंग छह पहियों वाला रोवर है. यह मंगल के यूटोपिया प्लेनेशिया समतल तक पहुंचा है जोकि मंगल ग्रह के उत्तरी गोलार्ध का हिस्सा है. चीन ने इस रोवर में एक प्रोटेक्टिव कैप्सूल, एक पैराशूट और रॉकेट प्लेफॉर्म का इस्तेमाल किया है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2021-05-16 23:57:192021-05-17 16:31:36चीन ने मंगल ग्रह पर अपना पहला रोवर ‘जुरोंग’ उतारने में सफलता पाई
चीन से अंतरिक्ष में भेजा गया रॉकेट ‘लॉन्ग मार्च 5B’ अनियंत्रित होकर 9 मई को हिंद महासागर (मालदीव के पास समुद्र) में गिर गया. राकेट का अधिकांश मलबा वायुमंडल में जल गया था.
संक्षिप्त घटना-क्रम
चीन ने ‘लॉन्ग मार्च 5B Y2’ (Long March 5B Y2) रॉकेट को 29 अप्रैल को अंतरिक्ष भेजा था जो अनियंत्रित होकर खो गया था. तब से अंतरिक्ष विज्ञानी इस रॉकेट के पृथ्वी से टकराने को लेकर चिंतित थे.
चीन इस राकेट के माध्यम से अंतरिक्ष में तियांगोंग (Tiangong) नाम का चीनी स्पेस स्टेशन बनाना चाहता था. इस अंतरिक्ष स्टेशन को 2022 तक पूरा किया जाना था.
Long March-5 Long March-5 का विकास चाइना एकेडमी ऑफ स्पेस टेक्नोलॉजी ने किया है. यह लगभग 9 मीटर लंबा और 4.5 मीटर चौड़ा है. इसका वजन 20 टन से अधिक है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2021-05-11 13:27:412021-05-11 13:27:41चीन से अंतरिक्ष में भेजा गया रॉकेट ‘लॉन्ग मार्च 5B’ अनियंत्रित होकर हिंद महासागर में गिरा
ऑस्ट्रेलिया ने चीन की महत्वकांक्षी बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (Belt and Road Initiative) के दो समझौते को रद्द कर दिया है. ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन की कैबिनेट ने यह फैसला राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखकर लिया है. चीन के साथ यह समझौता 2018 और 2019 में किया गया था. इस नए फैसले से ऑस्ट्रेलिया और चीन के बीच तनाव और ज्यादा बढ़ सकता है.
ऑस्ट्रेलिया ने जिन दो समझौतों को रद्द किया है, उनमें चीनी कंपनियां ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया प्रांत में दो बिल्डिंग इंफ्रास्ट्रक्टर को तैयार करने वाली थीं. चीन ने पहले ही ऑस्ट्रेलिया के साथ तनाव बढ़ने पर विक्टोरिया प्रशासन के साथ सफल व्यवहारिक सहयोग को बाधित करने को लेकर चेतावनी दी थी. जिसके बाद से ऑस्ट्रेलिया ने भी चीन को सबक सिखाने के लिए यह कदम उठाया है.
राष्ट्रीय सुरक्षा के कारण समझौते को रद्द किया गया
ऑस्ट्रेलिया ने नए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत चीन के इस प्रोजक्ट को रद्द करने का फैसला किया है. ऑस्ट्रेलिया ने 2018 में एक राष्ट्रीय सुरक्षा कानून पारित किया था जो घरेलू नीतियों में गुप्त विदेशी दखल को प्रतिबंधित करता है.
नया कानून संघीय सरकार को निचले प्रशासनिक स्तर पर किये गए उन अन्तर्राष्ट्रीय समझौतों की अनदेखी की शक्तियां प्रदान करता है जो राष्ट्रहित का उल्लंघन करती हों. चीन ने इन कानूनों को चीन के प्रति पूर्वाग्रह पूर्ण और चीन-ऑस्ट्रेलिया के रिश्तों में जहर घोलने वाला बताया है.
क्या है बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) परियोजना?
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने 2013 में ‘वन बेल्ट वन रोड’ परियोजना की परिकल्पना की थी. वर्ष 2016 से इस परियोजना को ‘बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव’ (BRI) के नाम से जाना जाता है.
BRI परियोजना चीन द्वारा प्रस्तावित आधारभूत ढाँचा विकास एवं संपर्क परियोजना है जिसका लक्ष्य चीन को सड़क, रेल एवं जलमार्गों के माध्यम से यूरोप, अफ्रीका और एशिया से जोड़ना है.
यह परियोजना चीन के उत्पादन केंद्रों को वैश्विक बाज़ारों एवं प्राकृतिक संसाधन केंद्रों से जोड़ेगी. इस परियोजना के द्वारा चीन को विश्व की 70% जनसंख्या तथा 75% ज्ञात ऊर्जा भंडारों तक पहुँच मिल सकती है.
BRI के तहत पहला रूट चीन से शुरू होकर रूस और ईरान होते हुए इराक तक ले जाने की है. इस योजना के तहत दूसरा रूट पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर से श्रीलंका और इंडोनेशिया होकर इराक तक ले जाया जाना है.
चीन से लेकर तुर्की तक सड़क संपर्क कायम करने के साथ ही कई देशों के बंदरगाहों को आपस में जोड़ने का लक्ष्य भी इस योजना में रखा गया है.
BRI परियोजना का मुख्य उद्देश्य
दरअसल चीन के इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य वैश्विक स्तर पर अपना भू-राजनीतिक प्रभुत्व कायम करना है, हालाँकि चीन इस बात से इनकार करता है. वास्तव में चीन का BRI परियोजना, निर्यात करने का माध्यम है जिसके ज़रिये वह अपने विशाल विदेशी मुद्रा भंडार का प्रयोग बंदरगाहों के विकास, औद्योगिक केंद्रों एवं विशेष आर्थिक क्षेत्रों के विकास के लिये कर वैश्विक शक्ति के रूप में उभरना चाहता है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2021-04-25 18:12:492021-04-25 18:12:49ऑस्ट्रेलिया ने चीन की बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव को रद्द किया, जानिए क्या है BRI
चीन ने हाल में ही में कई ब्रिटिश राजनेताओं और संगठनों पर प्रतिबंध लगा दिया है. इससे पहले ब्रिटेन ने यूरोपीय संघ और अन्य देशों के साथ मिलकर कई चीनी अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाया था. ब्रिटेन ने यह प्रतिवंध चीन के शिनजियांग (Xinjiang) में उइगर मुसलमानों के खिलाफ मानवाधिकारों के उल्लंघन के आरोप में लगाया है. ब्रिटिश विदेश मंत्री डॉमनिक रॉब ने चीन में मानवाधिकार हनन को लेकर प्रतिबंध की घोषणा की थी.
चीन ने जिन ब्रिटिश राजनेताओं और संस्थानों पर पाबंदी लगाई है उनमें ब्रिटेन के पूर्व कंजर्वेटिव पार्टी के नेता इयान डंकन स्मिथ और विदेशी मामलों की समिति के अध्यक्ष टॉम तुगेंदत, पाकिस्तानी मूल के नुसरत गनी और टिम लॉटन के अलावा हाउस ऑफ लार्ड्स के चेयरमैन बैरोनेस कैनेडी तथा लॉर्ड एल्टन आदि शामिल हैं.
चीन ने रिसर्च ग्रुप ऑफ एमपी और एसेक्स कोर्ट चैंबर्स समेत चार संगठनों को भी प्रतिबंधों की सूची में शामिल किया है. इन संगठनों ने शिनजियांग में चीनी कार्यों को नरसंहार के रूप में वर्णित किया था. इन प्रतिवंधों के बाद चीन में अब इन राजनयिकों और संगठनों की संपत्ति जब्त करने के साथ कई कार्रवाई की जाएगी.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2021-03-26 17:10:372021-03-30 17:42:11चीन ने ब्रिटेन के 9 नागरिकों व चार संस्थानों पर प्रतिबंध लगाया
चीन के वैज्ञानिकों ने प्रकाश आधारित, दुनिया का पहला क्वांटम कंप्यूटर बनाने का दावा किया है. वैज्ञानिकों के मुताबिक यह कंप्यूटर पारंपरिक सुपर कंप्यूटर के मुकाबले कहीं अधिक तेजी से कार्य कर सकता है. इस सुपर कंप्यूटर का नाम गणित के प्राचीन चीनी ग्रंथ के नाम पर ‘जियूझांग’ दिया गया है.
जियूझांग क्वांटम कंप्यूटर भरोसेमंद तरीके से कंप्यूटेशनल एडवान्टेज का प्रदर्शन कर सकता है, जो कंप्यूटर क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि है. इस कंप्यूटर की मदद से शक्तिशाली मशीन को बनाने के तरीके में मौलिक बदलाव आएगा.
क्वांटम कंप्यूटर: एक दृष्टि
क्वांटम कंप्यूटर बहुत तेजी से काम करते हैं, जो पारंपरिक कंप्यूटर के लिए संभव नहीं है. इनकी मदद से भौतिक विज्ञान, कृत्रिम बुद्धिमत्ता और चिकित्सा क्षेत्र में उपलब्धि हासिल होती है. यह सुपर कंप्यूटर जो गणना मात्र 200 सेकेंड (100 ट्रिलियन गुना तेज) में कर सकता है, उसे करने में पारंपरिक पद्धति से बने दुनिया के सबसे तेज कंप्यूटर ‘फुगाकू’ को 60 करोड़ साल लगेंगे.
पिछले साल गूगल ने 53 क्यूबिट क्वांटम कंप्यूटर बनाने की घोषणा की थी. जियूझांग 76 फोटॉन में हेरफेर कर जटिल गणना करता है, जबकि गूगल का क्वांटम कंप्यूटर सुपर कंडक्टिव वस्तुओं का इस्तेमाल करता है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2020-12-07 21:55:192020-12-07 21:55:19चीन ने प्रकाश आधारित दुनिया का पहला क्वांटम कंप्यूटर ‘जियूझांग’ बनाने का दावा किया
ऑस्ट्रेलिया और जापान ने हाल ही में एक एतिहासिक रक्षा समझौता किया है. इस समझौते के तहत दोनों देश सैन्य सहयोग बढ़ाने पर सहमत हुए हैं. इस समझौते को रेसिप्रोकल एक्सेस एग्रीमेंट (Reciprocal Access Agreement-RAA) नाम दिया गया है.
यह समझौता ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन की जापान यात्रा के दौरान जापानी प्रधानमंत्री योशीहिदे सुगा के साथ द्विपक्षीय वार्ता में हुए. हालांकि औपचारिक तौर पर इसे हस्ताक्षर किया जाना बाकी है. इस समझौते के बाद ऑस्ट्रेलिया और जापान की सेनाएं एक-दूसरे के बेसेज का प्रयोग कर सकेंगी.
यह समझौता हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए काफी अहम है जिस कारण चीन अपने खिलाफ मान रहा है. चीन ने दोनों देशों को इसके खिलाफ कदम उठाए जाने की चेतावनी दी है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2020-11-19 23:55:142020-11-20 14:56:44ऑस्ट्रेलिया और जापान के बीच एतिहासिक रक्षा समझौता
चीन ने 1 अक्टूबर 2020 को अपना 71वां राष्ट्रीय दिवस मनाया. इस दिवस के आधिकारिक समारोह की शुरुआत 30 सितम्बर को हुई थी. समारोह की शुरुआत चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना के संस्थापक माओ जेडोंग की संरक्षित रखी गई पार्थिव देह को श्रद्धांजलि देकर की.
इस अवसर पर आयोजित समारोह का मुख्य कार्यक्रम चीनी सेना की परेड रही. इस परेड में उसने मिसाइलों समेत अपने सबसे आधुनिक हथियारों का प्रदर्शन किया.
दरअसल, 1 अक्टूबर 1949 को नए चीन की स्थापना हुई थी, इस लिहाज़ से अक्टूबर का पहला सप्ताह (गोल्डन वीक) चीन में बहुत ख़ास माना जाता है. इस दौरान तमाम कार्यालय व दफ़्तर बंद रहते हैं.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2020-10-02 20:58:472020-10-03 21:35:45चीन ने 1 अक्टूबर को अपना 71वां राष्ट्रीय दिवस मनाया
चीन ने मंगल ग्रह के अध्ययन के लिए अपना पहला यान ‘तिआनवेन-1’ (Tianwen-1) को प्रक्षेपित किया है. यह प्रक्षेपण दक्षिण चीन के हेनान प्रांत के वेनचांग स्पेस लॉन्च सेंटर से किया गया. इस प्रक्षेपण में चीनी रॉकेट ‘लॉन्ग मार्च-5-Y4’ के माध्यम से ‘तिआनवेन-1’ को मंगल के लिए भेजा गया था. ‘तिआनवेन-1’ अपने साथ एक रोवर ले गया है जो मंगल की सतह पर लैंड करेगा.
चीन के नैशनल स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन ने अनुसार 2000 सेकंड की उड़ान के बाद यह रॉकेट पृथ्वी-मंगल की कक्षा में सफलतापूर्वक प्रवेश कर गया. इसके बाद अब यह मंगल ग्रह की ओर रवाना हो गया है. चीन का अंतरिक्ष यान करीब 7 महीने की यात्रा के बाद फरवरी 2021 में मंगल ग्रह के गुरुवत्वाकर्षण वाले इलाके में प्रवेश कर जाएगा.
चीन का यह मिशन अगर सफल रहता है तो यह मानव के इतिहास में पहली बार में मंगल की कक्षा में चक्कर लगाने, लैंडिंग करने का एक ही मिशन में पहला अभियान होगा. इस मिशन का लक्ष्य मंगल की सतह पर बर्फ का पता लगाना है. इसके अलावा सतह की संरचना, जलवायु और पर्यावरण के बारे में पता लगाना है.
मंगल के लिए अन्य देशों के प्रयास
मंगल मिशन पर अब तक अमेरिका, रूस, भारत और यूरोपीय संघ ने अपने यान को सफलतापूर्वक भेजा है. भारत मंगल की परिक्रमा पर यान भेजने वाला पहला एशियाई देश है. भारत के इस मंगल मिशन का नाम ‘मंगलयान’ है. चीन ने रूस के सहयोग से मंगल ग्रह को लेकर 2011 में अपना यान ‘यिंगहुओ -1’ को लॉन्च किया था. यह मिशन असफल रहा था.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2020-07-24 21:38:532020-07-24 21:38:53चीन ने मंगल ग्रह के अध्ययन के लिए अपना पहला यान ‘तिआनवेन-1’ को प्रक्षेपित किया
चीन की अंतरिक्ष एजेंसी (CMSA) ने अपने सबसे शक्तिशाली रॉकेट ‘Long March-5B’ के सफल परीक्षण का दावा किया है. CMSA के अनुसार उसका यह परीक्षण अंतरिक्ष यान 8 मई को इनर मंगोलिया ऑटोनॉमस क्षेत्र में निर्धारित जगह पर सफलतापूर्वक उतरा है. यह परीक्षण एक स्थाई स्पेस स्टेशन चलाने और अंतरिक्ष यात्रियों को चांद पर भेजने के लिहाज से यह एक बड़ा कदम है.
चीन ने 5 मई को दक्षिणी चीन के दक्षिणी प्रांत हैनान के वेनचांग स्पेस लॉन्च सेंटर से ‘Long March-5B’ रॉकेट के चालक दल के बिना नए अंतरिक्ष यान का परीक्षण संस्करण लॉन्च किया था.
इस परीक्षण में लगभग 488 सेकंड बाद, बिना चालक दल (क्रू) के प्रायोगिक मानवयुक्त अंतरिक्ष यान, कार्गो रिटर्न कैप्सूल के परीक्षण संस्करण के साथ, रॉकेट के साथ अलग हो गया और योजनाबद्ध तरीके से कक्षा में प्रवेश कर गया. प्रायोगिक अंतरिक्ष यान ने 2 दिन और 19 घंटे अंतरिक्ष के कक्षा में उड़ान भरा.
Long March-5: एक दृष्टि
Long March-5 का विकास चाइना एकेडमी ऑफ स्पेस टेक्नोलॉजी ने किया है. यह यान लगभग 9 मीटर लंबा और 4.5 मीटर चौड़ा है. इसका वजन 20 टन से अधिक है.
यह विशेष रूप से चीन के मानवयुक्त अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए बनाया गया है. इसका इस्तेमाल मुख्य रूप से अंतरिक्ष स्टेशन के मॉड्यूल को लॉन्च करने के लिए किया जाएगा.
इस रॉकेट के सफल परीक्षण चीन को “Tiangong” अंतरिक्ष स्टेशन को स्थापित करने की योजना में सहायता करेगा. Tiangong चीन का अंतरिक्ष स्टेशन कार्यक्रम है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2020-05-08 23:53:442020-05-08 23:53:44चीन ने अपने सबसे शक्तिशाली रॉकेट ‘Long March-5B’ के सफल परीक्षण का दावा किया
चीन के वैज्ञानिकों ने हाल ही में कोरोना वायरस नाम के एक नए वायरस की पहचान की है. इस वायरस का सर्वाधिक असर वुहान शहर में हुआ है जहाँ इसके कारण निमोनिया फैल रहा है. चीन के अधिकारियों ने इस नए वायरस के जीन को ‘novel coronavirus 2019’ का नाम दिया.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार चीन का एक नागरिक थाइलैंड घूमने गया था जब 13 जनवरी, 2020 को चीन से बाहर इस व्यक्ति के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई. कोरोना वायरस चीन में समुद्री खाद्य पदार्थों के कारण होने वाली बीमारी है. यह सार्स वायरस के समूह से संबंधित है.
कोरोना वायरस विषाणुओं का एक बड़ा समूह है लेकिन इनमें से केवल छह विषाणु ही लोगों को संक्रमित करते हैं. इसके सामान्य प्रभावों के चलते सर्दी-जुकाम होता है लेकिन ‘सिवीयर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम’ (सार्स) ऐसा कोरोनावायरस है जिसके प्रकोप से 2002-03 में चीन और हांगकांग में करीब 650 लोगों की मौत हो गई थी.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2020-01-19 23:59:202020-01-20 22:59:24चीन में कोरोना वायरस का प्रकोप, ‘novel coronavirus 2019’ का नाम दिया गया
ताइवान में 11 जनवरी को हुए चुनाव में राष्ट्रपति साई इंग वेन को विजयी घोषित किया गया है. उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी उम्मीदवार के मुकाबले 58 फीसद से अधिक मतों से जीत दर्ज की.
ताईवान में पहली बार किसी महिला नेता को दूसरे कार्यकाल के लिए भारी बहुमत से चुना गया है. अपने प्रचार अभियान के दौरान साई ने खुद को लोकतंत्र के समर्थक के तौर पर पेश किया था. चुनाव में चीन के साथ ताइवान के रिश्ते मुख्य मुद्दा रहा था.
63 वर्षीय साई इंग वेन ने जीत के बाद अपने भाषण में आशा व्यक्त की कि लोकतांत्रिक ताईवान और लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई ताईवान सरकार किसी प्रकार के डराने-धमकाने के आगे नहीं झुकेगी.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2020-01-12 23:56:282020-01-13 00:11:56ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग वेन को राष्ट्रपति चुनाव में जीत दर्ज की