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हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन को ड्रग एंड कास्मेटिक्स एक्ट की H1 सूची में डाला गया

कोरोना वायरस के कारण हाइड्रॉक्‍सीक्‍लोरोक्‍वीन (Hydroxychloroquine) के इस्तेमाल में आई तेजी को रोकने के लिए सरकार ने इस दवा की खुली बिक्री पर रोक लगा दी है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन और उसके फार्मूले पर बनने वाली अन्य सभी दवाओं को ड्रग एंड कास्मेटिक्स एक्ट की H1 सूची में डाल दिया है.

क्या होता है H1 सूची में शामिल दवा

H1 सूची में शामिल दवा को पंजीकृत डाक्टर की अनुसंशा के बगैर नहीं बेचा जा सकता है. साथ ही केमिस्ट के लिए डाक्टर की उस पर्ची को ड्रग विभाग को भी जमा कराना होता है. अभी तक इस सूची में एड्स समेत ऐसी गंभीर बीमारियों की दवाएं हैं, जिनका शरीर पर गहरा दुष्प्रभाव होता है, लेकिन मरीज की जान बचाने के लिए उसे इन दवाओं को देना जरूरी होता है.

हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन का दुष्प्रभाव घातक हो सकता है

हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा मलेरिया के इलाज के लिए इस्‍तेमाल की जाती है. मलेरिया की दवा की बिक्री पर प्रतिबंध पहली बार लगा है. कोरोना वायरस (COVID-19) से बचाव और इलाज में क्लोरोक्वीन और हाईड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के कारगर होने की जानकारी के कारण बड़ी संख्या में लोग इसका इस्तेमाल करने लगे थे. इसके साथ ही लीवर, दिल और किडनी की बीमारियों के जूझ रहे मरीजों पर इसका दुष्प्रभाव घातक हो सकता है.

फीफा ने भारतीय फुटबॉलर सुनील छेत्री को ‘COVID-19’ जागरूकता अभियान में शामिल किया

FIFA (Federation Internationale de Football Association) ने भारतीय फुटबॉल टीम के कप्तान सुनील छेत्री को ‘COVID-19’ महामारी के खिलाफ चलाये जा रहे जागरूकता अभियान में शामिल किया है. FIFA ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के साथ मिलकर जागरूकता अभियान ‘Pass the message to kick out coronavirus’ शुरू किया है.

इस अभियान में विश्व के 28 मौजूदा और पूर्व फुटबॉल सितारों को शामिल किया गया है, जिनमें छेत्री के अलावा लियोनेल मेसी, विश्व कप विजेता फ्लिप लाम, इकेर सेसिलास और कार्लेस पुयोल शामिल हैं.

ये फुटबॉलर लोगों को बीमारी के संक्रमण से बचाव के लिए पांच कदम उठाने का आग्रह कर रहे हैं. अभियान में लोगों को हाथ धोने, खांसते समय मुंह पर कपड़ा रखने, चेहरा नहीं छूने, शारीरिक दूरी बनाए रखने और घरों में रहने के लिए कहा जा रहा है.

प्रधानमंत्री ने देश में 21 दिन के लिए लॉकडाउन की घोषणा की, जानिए क्या है लॉकडाउन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस से बचाव के लिए 24 मार्च को देश को संबोधित किया. अपने संबोधन में उन्होंने देश में 21 दिन के लिए लॉकडाउन की घोषणा की. इस खतरनाक वायरस के खिलाफ सबसे अहम हथियार सोशल डिस्टेंसिंग (सामाजिक दूरी) को सख्त तरीके से लागू करने के लिए यह कदम उठाया गया है.

लॉकडाउन क्या होता है?

लॉकडाउन एक आपातकाल व्यवस्था होती है, जिसमें जरूरी सेवाएं बंद नहीं की जाती. लॉकडाउन में बैंक, डेरी, जरूरी सामान के लिए दुकानें खुली होती हैं. लोगों को घरों में रहने की अपील की जाती है. उन्‍हें केवल आवश्यक चीजों के लिए ही बाहर निकलने की अनुमति होती है. इस स्थिति में प्रशासन पर निर्भर करता है कि वह किन सेवाएं को जारी रखना चाहता है.
महामारी रोग अधिनियम, 1897 के अनुसार मुख्य चिकित्सा अधिकारी लॉकडाउन लागू कर सकते हैं. पुलिस के पास उलंघन करने वाले व्यक्ति को गिरफ्तार करने और धारा 271 के तहत मामला दर्ज करने का अधिकार होता है.

क्‍या होता है कर्फ्यू?

कर्फ्यू आमतौर पर बेहद गंभीर स्थिति में लगाया जाता है. कर्फ्यू के दौरान लोगों को अपने घरों से बाहर जाने की इजाजत नहीं होती. चूंकि इसमें कुछ समय किए दी जाती है. कर्फ्यू के दौरान सिर्फ वही सेवाएं चालू रहती हैं, जो बेहद जरूरी हों. इस दौरान ट्रैफिक पर भी पूरी तरह से पाबंदी रहती है. उल्लंघन करने वाले की गिरफ्तारी हो सकती है.

धारा 144 क्या है?

धारा 144 का मुख्य मकसद कई लोगों का एक जगह पर इकट्ठा होने से रोकना है. सरकार यह धारा तब लागू करती है जब लोगों के इकट्ठा होने से कोई खतरा हो सकता है. इस धारा के तहत 5 से अधिक लोगों को इकट्ठा होने की अनुमति नहीं होती.